ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों के अस्त और उदय दोनों ही स्थितियों का असर देखने को मिलता है. इस पर शनि उदय का प्रभाव जब अस्त से मुक्त होकर उदय स्थिति में होता है तब शनि उदय के प्रभाव बेहतर रुप से देखने को मिलते हैं. शनि उदय उदय की स्थिति हर लग्न के लिए अलग - अलग फलों को देने वाली होती है. ज्योतिष में शनि उदय को काल पुरुष के अनुसार दशम एवं लाभ स्थान का स्वामित्व प्राप्त है.
व्यक्ति के जीवन में कर्म की स्थिति और उसके लाभ को शनि उदय से ही देखा जाता है. इसके अलावा यह ग्रह गूढ़ ज्ञान और रहस्य का भी कारक है. शनि उदय अष्टम भाव का कारक भी है. इसे नवग्रहों में सेवक का दर्जा प्राप्त है. इसलिए शनि उदय प्रधान व्यक्ति को बहुत अधिक कार्य करते हुए देखा जा सकता है. शनि उदय की उदय अवस्था का असर मेष से मीन लग्न तक भिन्न भिन्न तरह से देखने को मिलता है आईये जानें शनि उदय उदय का आप के लग्न अनुसार क्या होगा असर
मेष से मीन लग्न तक शनि उदय उदय का प्रभाव
मेष लग्न
मेष लग्न की कुंडली के व्यक्ति के लिए शनि उदय परम राजयोग कारक होता है. शनि उदय दशम और लाभ का स्वामी होने के कारण जातक को अत्यधिक लाभ देता है, लेकिन इसके लिए शनि उदय की स्थिति शुभ होनी चाहिए. इस कुंडली में गुरु और शनि उदय की युति केंद्र या त्रिकोण में हो तो व्यक्ति ज्ञानी और गुणी दोनों होता है.शनि का असर कई मायनों में सहायक बनता है.
वृषभ लग्न
वृष लग्न की कुंडली के व्यक्ति के लिए शनि उदय लाभकारी होता है. भाग्येश और दशमेश का कारक शनि उदय होने से व्यक्ति को शुभ फल प्राप्त होते हैं. शनि उदय की शुभ स्थिति जातक को न्यायप्रिय, धर्मात्मा और साधु-संतों का प्रेमी बनाती है. शनि का असर व्यक्ति के जीवन को सुख एवं प्रेम से परिपूर्ण कर देने में भी सहक होता है.
मिथुन लग्न
मिथुन लग्न की कुंडली के व्यक्ति के लिए शनि उदय कुछ हद तक मिलेजुले फलों को देने वाला होता है. इसका कारण यह है कि इनका मकर राशि अष्टम भाव में स्थित है. लेकिन भाग्य में कुंभ राशि होने के कारण शनि उदय की शुभ स्थिति न केवल व्यक्ति को दीर्घायु प्रदान करती है, बल्कि उसे शोधकर्ता भी बनाती है. इस लग्न में यदि बुध और शनि उदय की युति भाग्य स्थान या दशम स्थान में हो तो व्यक्ति महान गणितज्ञ होता है. इस कारण से कुछ खरब तो कुछh अच्छे फल व्यक्ति को प्राप्त होते हैं.
कर्क लग्न
कर्क लग्न की कुंडली के जातकों के लिए शनि उदय अत्यंत खराब फल दे सकता है. इस कुंडली में शनि उदय बलवान मारकेश का फल देता है. यदि कुंडली के आठवें घर में कोई शुभ ग्रह पीड़ित हो तो स्थिति काफी परेशानी देती है. शनि इस लग्न के लिए मारक का कार्य करते हुए अनुकूलता की कमी को दर्शाता है लेकिन शनि उदय की स्थिति व्यक्ति को राजनीति में प्रतिष्ठा भी दिला देने वाली होती है.
सिंह लग्न
सिंह लग्न की कुंडली के जातकों के लिए शनि उदय अनुकूलता की कमी का कारक होता है. यह लग्नेश सूर्य का प्रबल शत्रु है तथा छठे भाव में अधिक फल देता है. यदि शनि उदय अच्छा नहीं है तो व्यक्ति जीवन भर बीमारियों से पीड़ित रहेगा. कर्ज में डूबा रहता है. कुम्भ राशि में मारक स्थान पर होने से सहयोगी अच्छे नहीं मिलते हैं. शनि का प्रभाव शत्रुओं से अधिक प्रतिस्पर्धा भी दे सकता है.
कन्या लग्न
कन्या लग्न की कुंडली के व्यक्ति के लिए शनि उदय सामान्य फल देता है. कन्या लग्न की कुंडली में शनि उदय अष्टम भाव में नीच का हो तो अकस्मात होने वाली घटनाओं से अधिक प्रभावित होता है. कन्या लग्न में छठे भाव में कुंभ राशि हो और आठवें भाव में शनि उदय हो तो विपरीत राजयोग बनाता है, जिससे व्यक्ति अपने शत्रुओं के धन से धनवान बन सकता है.
तुला लग्न
तुला लग्न की कुंडली के व्यक्ति के लिए शनि उदय अत्यंत शुभ एवं लाभकारी होता है. मूल त्रिकोण की पंचम राशि में होने के कारक व्यक्ति को शिक्षा और ज्ञान दोनो को प्रदान करने में सहायक होता है. यदि शनि उदय और शुक्र की युति केंद्र या त्रिकोण में हो तो व्यक्ति उच्च श्रेणी का व्यवसाय भी प्राप्त कर सकता है. राजयोगकारक के रुप में व्यक्ति को शुभ फल प्राप्त होते हैं.
वृश्चिक लग्न
वृश्चिक लग्न की कुंडली के लिए शनि उदय का प्रभाव अधिक अनुकूल नहीं होता है. यह सामान्य रुप से अपना असर दिखाता है. क्योंकि लग्नेश मंगल के साथ शनि सहज नहीं है, इस लग्न की कुंडली में शनि उदय चतुर्थ भाव में बलवान हो तो शश: राजयोग बनता है, जो उत्तम धन का भोग कराता है. लेकिन इसके विपरित खराब जगहों पर होकर कमजोर परिणाम दिखा सकता है.
धनु लग्न
धनु लग्न की कुंडली के लिए शनि उदय सामान्य रहता है. यदि शनि की स्थिति ठीक हो तो व्यक्ति धनवान होता है. इस लग्न कुंडली के लिए शनि उदय पराक्रम भाव का स्वामी है इसलिए व्यक्ति को मेहनत से ही सब कुछ मिलता है. परिश्रम और कर्म का गुण उसके लिए काम करता है.
मकर लग्न
मकर लग्न की कुंडली के लिए शनि उदय राजयोग कारक होता है क्योंकि यह स्वयं शनि उदय का लग्न होता है. इस लग्न कुंडली के जातकों के लिए शनि उदय कई प्रकार के राजयोग बनाते हैं. शनि उदय का प्रभाव व्यक्ति को कर्मठ बनाता है. व्यक्ति जीवन में परंपराओं का पालन करते हुए आगे बढ़ता है. व्यक्ति विदेश में खूब धन कमाने में भी सक्षम होता है.
कुंभ लग्न
कुंभ लग्न की कुंडली के लिए शनि उदय अत्यंत शुभ है, यदि इस लग्न की कुंडली में शनि लग्नेश होता है. व्यक्ति अपनी मेहनत के आधार पर अच्छे परिणाम पाता है. यदि शनि उदय की स्थिति शुभ ग्रहों के साथ होने पर मनोकूल फल भी प्रदान करने वाली होती है. व्यक्ति को अत्यधिक ज्ञानी बनाती है और नए अनुसंधानों में शामिल करती है.
मीन लग्न
मीन लग्न कुंडली के लिए शनि उदय द्वादश भाव के फल में वृद्धि करने के कारण सामान्यतः शुभ रहता है. यदि मीन लग्न में शनि उदय की स्थिति अशुभ हो तो व्यक्ति रोगों से पीड़ित होता है और धन की हानि होती है. इस लग्न कुंडली में शनि उदय लाभ का स्वामी होकर जातक को लाभ देता है, लेकिन इसके लिए शनि उदय का मजबूत होना जरूरी है.