केतु का गोचर एक बेहद महत्वपूर्ण समय होता है क्योंकि इनका असर जीवन में होने वाले बदलावों की स्थिति पर असर दिखाता है. वैदिक ज्योतिष के अनुसार, केतु किसी व्यक्ति की कुंडली में बहुत महत्व रखता है, कुंडली में अराजकता, निराशा, अलगाव, विनाश का कारण इन्हें विशेष माना जाता है. केतु ग्रह छाया ग्रह के रूप में है, जो ग्रह और भाव के अनुसार अपने परिणाम देता है. केतु सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह से अपना असर दिखाता है. कर्म सिद्धांत के साथ-साथ आध्यात्मिक और अलौकिक शक्तियों के लिए भी केतु विशेष होता है.
केतु गोचर का असर सभी राशियों पर असर
मेष राशि
मेष राशि के लिए केतु कुंडली के छठे भाव में गोचर द्वारा प्रतिस्पर्धाओं में जीत हासिल होगी. वैवाहिक जीवन में कुछ खटास आ सकती है या पार्टनर के व्यवहार स्वास्थ्य के कारण परेशानी रहेगी. चिंतित महसूस कर सकते हैं. रिश्ते को बनाए रखने के लिए पूरी कोशिश करनी होगी जिससे सफलता मिलेगी. विवाह और रिश्तों में तनाव कम होगा. कानूनी मामलों में फैसला पक्ष में होगा.
वृषभ राशि
वृष राशि के जातकों के लिए केतु का गोचर पंचम में होने के कारण प्रेम संबंधों एवं वैवाहिक जीवन में परेशानी के साथ व्यर्थ के मतभेद तनाव दे सकते हैं. एक-दूसरे को लेकर कुछ गलतफहमियां उभर सकती हैं, जो ब्रेकअप का कारण बन सकती हैं. इस गोचर के दोरान छात्र अपनी शिक्षा में एकग्रता की कमी महसूस करेंगे. कुछ बातों में धोखा मिल सकता है और लम्बे समय से चली आ रही साझेदारी भी टूट सकती है.
मिथुन राशि
मिथुन राशि वालों के लिए केतु का गोचर चतुर्थ भाव में होगा. इस कारण से यह चुनौतीपूर्ण समय रह सकता है. परिवार में एक दूसरे के साथ संबंधों में बदलाव और मतभेदों से निपटना पड़ सकता है. केतु का प्रभाव चीजों से अलग करने वाला होगा. एकांत अधिक प्रिय लग सकता है. लोगों की भावनाओं को समझने में कठिनाई होगी. परिवार में लोगों के बीच दूरियां बढ़ सकती हैं. इसलिए इस समय के दौरान चीजों को शांत भाव से समझने का समय है. स्पष्ट रूप से समझ की कमी के कारण गलतफहमियां पैदा हो सकती हैं. वाहन इत्यादि का संभल कर उपयोग करने की आवश्यकता होगी क्योंकि खराब परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है.
कर्क राशि
कर्क राशि के लिए केतु का गोचर तीसरे भाव में होगा. यह गोचर फ़ायदेमंद रह सकता है. कुछ कार्यों में अच्छे भाग्यशाली रह सकते हैं. केतु का तीसरे भाव में गोचर एक अनुकूल स्थिति मानी जाती है. परिणामस्वरूप, यह लोकप्रियता दिला सकता है. अपने काम में प्रसिद्धि के साथ साथ लाभ प्रदान करने में सहायक होगा. रिश्तों को लेकर सकारात्मक परिणाम होंगे लेकिन भाई बंधुओं के साथ कुछ सामंजस्य में कमी भी हो सकती है.
सिंह राशि
सिंह राशि के लिए केतु का गोचर दूसरे भाव में होगा. ऎसे में यह विशेष रुप से वाणी और संचार पर असर डालने वाला होगा. इस समय लोगों का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं. केतु के गोचर के फलस्वरूप वाणी में बदलाव देख सकते हैं यदि खराब असर है तो भाषा में कठोरता एवं गले संबंधी रोग अधिक असर डाल सकते हैं. इस समय अधिक सतर्क रहना चाहिए क्योंकि अपश्ब्दों एवं कठोर वाणी से रिश्ते संकट में पड़ सकते हैं. कुछ बातों से विवाद और असहमति उभरने का अधिक संकेत दिखाई देता है.
कन्या राशि
केतु का गोचर कन्या राशि वालों पर ही होगा, प्रथम भाव में गोचर का प्रभाव मानसिक रुप से चिंताओं में वृद्धि वाला रहेगा. व्यवहार एवं आचरण में बदलाव देखने को मिलेगा. कुछ बातों में गोपनीय एवं रहस्यमय दिखाई देंगे. जीवन साथी एवं आस-पास के लोगों को समझने में कठिनाई हो सकती है. इसलिए जरुरी होगा अधिक शांति एवं समझदारी से काम लेना, ताकि इन परिस्थितियों का आपके रिश्तों पर हानिकारक प्रभाव न पड़े. इस समय अधिक अंतर्मुखी रहने वाले हैं.
तुला राशि
तुला राशि के लिए केतु का गोचर बारहवें भाव में होगा. इस अवधि में कुछ अतिरिक्त खर्चे बढ़ सकते हैं. विदेशी मामलों में यह समय लाभ दिला सकता है. विदेश यात्रा के साथ साथ बाहरी संपर्क के द्वारा कुछ अनुकूल परिणाम मिल सकते हैं. आध्यात्मिक पक्ष से मजबूत रहने वाले हों जिससे आपके जीवन में तनाव बढ़ेगा. सुनिश्चित करें कि आप इसे अपने रिश्ते या विवाह को प्रभावित न करने दें.
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के लिए केतु का गोचर ग्यारहवें भाव में होगा. इस अवधि के दौरान इच्छाओं पर कुछ अंकुश दिखाई दे सकता है. अंतरंग संबंध बनाना कठिन होगा और प्रेमी के साथ संबंध खराब हो सकते हैं. कुछ मामलों में भाग्यशाली समय होगा जिसमें आर्थिक लाभ को लेकर सकारात्मकता देखने को मिल सकती है. प्रेम संबंधों में मतभेद से बचने के लिए आवश्यक है की भ्रम और व्यर्थ के मतभेद से बचना ही उचित होगा.
धनु राशि
धनु राशि के लिए केतु का गोचर दशम भाव में होगा. कार्यक्षेत्र में बदलाव दिखाई दे सकता है. कुछ कार्यों को लेकर सहकर्मियों के साथ संबंधों में खटास आ सकती है. इस समय एक दूसरे को समझने में की आवश्यकता होगी. इस समय काम के साथ खुद के लिए समय निकालना भी जरुरी होगा. घरेलू मामलों के चलते कुछ स्थान परिवर्तन की स्थिति भी बनती दिखाई दे सकती है.
मकर राशि
केतु का गोचर मकर राशि के नवम भाव पर होगा. नवम भाव में गोचर का असर भाग्य में कुछ संघर्ष को बढ़ा सकता है. यह अवधि महत्वपूर्ण रह सकती है. इस समय यात्राएं अधिक हो सकती हैं विशेष रुप से धार्मिक यात्राओं का समय बनेगा. जीवन को भी स्थिरता प्रदान होगी, सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखने की आवश्यकता होगी. इस समय प्रयासों को अपने रिश्तों और सामाजिक रुप से बेहतर बनाने के लिए आगे बढ़ना होगा.
कुंभ राशि
कुंभ राशि के लिए केतु का गोचर अष्टम भाव में होगा. इस भाव में केतु की गतिविधि भौतिक जीवन के लिए कुछ उथल-पुथल प्रदान करने वाली रह सकती है. अपने रिश्तों के प्रति वैराग्य का अनुभव कर सकते हैं. इस समय सजग होकर परिस्थितियों के अनुसार काम करना चाहिए. जितना संभव हो सके मध्यस्था के रुप में काम करने और कठिनाइयों का समाधान करने की जरुरी है.
मीन राशि
मीन राशि वालों के लिए केतु का गोचर सातवें भाव पर होगा. इस गोचर के कारण आपसी संबंधों एवं पार्टनर के बीच आपसी तालमेल की कमी हो सकती है. सप्तम भाव में गोचर का प्रभाव राजनीतिक रुप से अच्छे परिणाम दे सकता है. जीवनसाथी का बर्ताव कुछ अलग रह सकता है जिसके चलते शक की स्थिति अपना असर डाल सकती है.