राशि चक्र में 13° 20 मेष - 25° 40 डिग्री मेष में भरणी नक्षत्र का स्थान समाहित होता है.  भरणी नक्षत्र मंगल मेष राशि के अंतर्गत आता है और शुक्र द्वारा प्रभावित होता है. भरणी का प्रभाव भरण से संबंधित होता है. यह एक प्रकार से संयम का तारा भी माना जाता है. भरणी का अर्थ  कड़ी मेहनत और अनुशासन की आवश्यकता को इंगित करता है. तो भरणी नक्षत्र मेष राशि के गुण को दर्शाता है जो अनुशासित, नियंत्रित, उत्साही और ऊर्जावान स्थिति के लिए विशेष है. इस नक्षत्र को मानवता का बोझ उठाने की क्षमता को दर्शाने वाला भी माना गया है. 

भरणी के देवता यम, मृत्यु के देवता हैं. यम का अर्थ है नियंत्रण योगिक अभ्यास जैसे श्वास नियंत्रण, हठ योग और ध्यान को पाने के लिए इस यम को ही साधना होता है. यम आत्मा को समझाने वाले हैं जहां वर्तमान जीवन से अपने कर्म के परिणाम का अनुभव करता है और आने वाले जीवन की तैयारी का भी समय होता है. यम अनुशासन और त्याग के देवता हैं. भरणी में चंद्रमा सच्चाई, आत्म-बलिदान, अशुद्धियों को दूर करने, रचनात्मक और धार्मिक दृष्टिकोण के बारे में है. जिन क्षेत्रों में वे काम करते हैं, उनमें रोमांच की प्रबल भावना होती है.

भरणी में सूर्य

भरणी में सूर्य की स्थिति का होना काफी विशेष होता है. इस का प्रभाव बेहद विलक्षण होता है. इस में मौजूद सूर्य का असर कई तरह से दिखाई देता है. जो उर्जा एवं शक्ति के स्वरुप में दिखाई देता है. यहां का असर व्यक्ति को बेहद अच्छी क्षमताएं देने वाला होता है. सूर्य मेष राशि में उच्च के होते हैं इस स्थिति में वह यहां अधिक प्रकाशवान होने के साथ साथ काफी उर्जावान भी होते हैं. इसका प्रभाव बौद्धिकता का गुण प्रदान करने वाला होता है. नेतृत्व का गुण भी प्राप्त होता है.

अधिकार, उग्रवादी स्वभाव और शक्ति संपन्न होने की स्थिति भी यहां अधिक दिखाई दे सकती है. व्यवहार कुशलता का गुण होगा. रचनात्मक हो सकते हैं. यहां परेशानी क्रोध और अभिमान से ही उत्पन्न हो सकती है ऎसे में इस स्थिति पर नियंत्रण रखते हुए काम करना यश, नाम और समृद्धि दिलाने में अत्यंत सहायक होता है. 

भरणी में चंद्रमा

भरणी में चंद्रमा का प्रभाव व्यक्तित्व में आकर्षण को भर देने वाला होता है. भनात्मक रुप से काफी लगाव रखने की प्रवृत्ति भी होती है. आकर्षक, करिश्माई और नेतृत्व करने का गुण भी इन्हें प्राप्त होता है. चंद्रमा की कोमलता यहां कुछ कठोर हो सकती है लेकिन उसका आकर्षण बहुत अधिक होता है. यह प्रेम एवं उन्मुक्त इच्छाओं की दर्शाने वाला है. जीवन में आगे बढ़ने और नई चीजों को जन्म देने की चाह भी इसमें देखने को मिलती है. भौतिक सुख सुविधाओं की चाह भी होती है.

कर्तव्यपरायण इसके विशेष गुण के रुप में भी मिलती है. अपने काम को करने में चतुर, खोजी मन के साथ नवीनताओं के साथ जुड़ सकते हैं, आरोग्य का लाभ भी प्राप्त होता है. कुछ गुप्त एवं तांत्रिक विद्या में रुचि रखने का गुण भी इसके द्वारा प्राप्त हो सकता है. उच्च प्रतिष्ठित संस्थानों से जुड़ना एवं अपनी अभिव्यक्ति में उत्कृष्ठ होना. 

भरणी में मंगल

मंगल की स्थिति भरणी में होने पर यह गजब की प्रवृत्ति को दर्शाने वाली होती है. भरणी में मौजूद उत्साह मंगल के साथ मिलकर अधिक बढ़ सकता है. जोश के साथ साथ जुनून भी प्राप्त होता है.  भावनात्मक रुप से भावुक होना भी अधिक असर डालने वाला होता है, आक्रामक और तीव्र यौन इच्छा भी प्राप्त होती है. काम करने में जो शुरुआती उत्साह होता है वह अंत तक बना रह पाए ऎसा कुछ मुश्किल दिखाई दे सकता है.

फैशन, डिजाइन, सौंदर्य और होटल प्रबंधन, सेना जैसे कार्यों में शामिल होने का मौका भी प्राप्त होता है. व्यक्ति में भ्रमण एवं नई चीजों से  जुड़ने का शौक आर्थिक क्षेत्र में भी लाभ दिलाने वाला हो सकता है. क्रोध के कारण गलत मार्ग एवं गलत कार्यों को करने से बचने की कोशिश अधिक करनी पड़ती है. 

भरणी में बुध 

भरणी में बुध की स्थिति व्यक्ति को मस्तमौला बनाने वाली होती है. अपनी कार्यशैली में बुध का भरणी में होना काफी रचनात्मकता से जुड़ने में सहायक बनता है. ऊर्जावान और भावुक तरीके से व्यत्कि अपनी बात एवं तथ्य को रखने वाले हो सकते हैं.

किसी चीज में इस प्रभाव के द्वारा अच्छी विशेषज्ञता प्राप्त हो सकती है. दूसरों को सलाह देने एवं मार्गदर्शक के रुप में भी ये सकारात्मक असर दिखाने वाला होता है. प्रेम के मामले में रोमांच के साथ साथ रोमांस को भी पाने की इच्छा अधिक मजबूत होती है. यह प्रभाव व्यक्ति को सलाहकार, मैचमेकर, लेखक, कॉमेडियन और अभिनेता भी बना सकता है. 

शुक्र भरणी में

भरण में शुक्र की स्थिति बहुत अच्छी मानी जाती है. इसका प्रभाव व्यक्ति को आकर्षक व्यक्तित्व प्रदान करने वाला होता है. शुभता का प्रभाव भी मिलता है. लोगों के मध्य स्थान प्राप्त होता है. भौतिक सुख सुविधाएं मिलती हैं.

व्यक्ति में इसके प्रभाव द्बारा कामुकता और तीव्र यौन इच्छा की भावना भी होती है. सौम्दर्य, फैशन, डिजाइन और खान-पान को लेकर इनका आकर्षण भी अधिक होता है. इन चीजों से जुड़ कर अच्छे लाभ भी प्राप्त करने में सक्षम होते हैं. 

भरणी में शनि

भरणी में शनि का प्रभाव कुछ कमजोर दिखाई दे सकता है. शनि ठंडा ग्रह है और भरणी गर्म नक्षत्र है, ऎसे में यहां खिंचतान की स्थिति भी अपना असर डालने वाली होती है. परिश्रम एवं कठोर कर्म करना आसान नहीं होता है.

व्यक्ति अच्छा प्रदर्शन करने में असफल भी हो सकता है. यह व्यक्ति को करियर के मामलों में निराश देने जैसी स्थिति भी हो सकती है. अनुशासन, संघर्ष व्यक्तित्व निर्माण, में इसकी अच्छी भूमिका देखने को मिल सकती है. 

भरणी में राहु
भरणी में राहु पालन-पोषण और देखभाल करता है. इसका प्रभाव व्यक्ति के भीतर खोज करने की प्रवृत्ति भी देता है. कई तरह की संगती में व्यक्ति आसानी से ढल सकता है. शक्ति का जैसे चाहे उपयोग करने की क्षमता रखता है.

भरणी में केतु
भरण में केतु का होना रहस्यात्मक गुढ़ तथ्यों की जानकारी पाने के लिए अच्छा संकेत बनता है. केतु छिपा हुआ और अलग ग्रह है. भरणी में केतु का प्रभाव कामुक गतिविधियों से दुर रखने वाला भी होता है. यह आध्यात्मिक पक्ष पर अधिक असर डालता है.