गोचर नियम अनुसर ग्रहों की शुभता एवं अशुभता का प्रभाव जन्म राशि होने वाले ग्रह के गोचर की स्थिति पर निर्भर करता है. सभी ग्रहों की गोचर का फल उनकी इसी स्थिति के अनुसर मिलता है. जन्म कुंडली में कुछ भावों पर गोचर शुभ होता है तो कुछ अशुभ. हर ग्रह अपने अनुसार फल देता है. सूर्य का गोचर जन्मकालीन राशि से तीसरे भाव, छठे भाव, दशम भाव और एकादश भाव में शुभ माना जाता है. इन भावों में जब भी सूर्य के गोचर का असर देखा जाता है तो जीवन में कुछ सकारात्मक असर दिखाता है. इसके अलावा अन्य भावों में सूर्य का गोचर अनुकूलता की कमी को दर्शाता है.
12 भाव अनुसार सूर्य का शुभ-अशुभ गोचर
कुंडली के पहले भाव में सूर्य का गोचर फल
कुंडली के पहले भाव में सूर्य का गोचर शुभता की कमी को दर्शाता है. सूर्य के गोचर फल के कारण व्यक्ति को सेहत से जुड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. अपने काम को लेकर अधिक सावधान रहना होता है. गोचर के दौरान हृदय, रक्तचाप, सिरदर्द और आंखों से संबंधित समस्याएं अपना असर डाल सकती हैं. मानसिक रुप से अशांतिआधिक रहती है. बेचैनी का भाव बना रहता है. जीवन में चीजों को देखने का नजरिया भी बदला हुआ सा होता है.
कुंडली के दूसरे भाव में सूर्य का गोचर फल
कुंडली के दूसरे भाव में सूर्य का गोचर होने पर धन से जुड़े मामले अधिक समस्या उत्पन्न करने वाले होते हैं. परिवार में स्थिरता के साथ अशांति का अनुभव हो सकता है. समाज में स्थिति को लेकर भी अधिक सजग होते हैं. वाणी में कठोरता आने लगती है और व्यर्थ के विवाद बढ़ सकते हैं. कार्यस्थल पर भी कठिनाइयों का सना करना पड़ सकता है. रोग एवं गुप्त चिंताएं बढ़ सकती हैं. गुस्से और चिड़चिड़ेपन पर नियंत्रण रखना इस समय बेहद जरुरी होता है. जीवनसाथी और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ भी अनबन हो सकती है.
कुंडली के तीसरे भाव में सूर्य का गोचर फल
के तीसरे भाव में सूर्य का गोचर काफी अनुकूल होता है. इस समय के दौरान परिश्रम और उत्साह से व्यक्ति भाग्य का फल पाता है. नौकरी में प्रगति का मौक अमिलता है. कारोबार से जुड़े फैसलों को आगे बढ़ा पाने में सफल हो सकते हैं. कुछ पदोन्नति या वेतन वृद्धि भी देखने को मिल सकती है. इस समय अपने काम के साथ साथ अपने सुख एवं अच्छे स्वास्थ्य को पाते हैं. धनार्जन के मौके अच्छे होते हैं और शत्रु परास्त होते हैं.
कुंडली के चतुर्थ भाव में सूर्य का गोचर फल
कुंडली के चतुर्थ भाव में सुर्य का गोचर होने से व्यक्ति को आर्थिक बाधाओं का सामना करना पड़ता है. अपने लोगों के साथ विवाद भी अधिक रह सकता है. इस गोचर के दौरान गुस्से और ज़ुबान पर क़ाबू रखने की ज़रुरत है क्योंकि यह परिवार में तनाव को बढ़ा सकती है. दोस्तों के साथ कुछ अलगाव समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. मान सम्मान को लेकर चिंता रहती है. माता-पिता का स्वास्थ्य भी चिंता देता है. किसी भी जोखिम भरे निवेश या अटकलों से बचना ही उचित होता है. स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना चाहिए सीने से संबंधित समस्याए एवं रक्तचाप समस्याए बनी रहती हैं.
कुंडली के पंचम भाव में सूर्य का गोचर फल
सूर्य के पंचम भाव में गोचर का प्रभाव परेशानी और चिंता को दिखाता है. मानसिक तनाव और व्यर्थ के विरोधाभास की स्थिति जीवन पर असर डालती है. छवि और स्थिति पर भी असर पडता है. प्रेम संबंधों को लेकर स्थिति कमजोर रह सकती है. अपने दोस्तों या सीनियर्स के साथ कुछ अनबन भी होती है. सहकर्मियों और कर्मचारियों के साथ कुछ कम्युनिकेशन गैप या गलतफहमी भी हो सकती है. काम का बोझ अधिक रहता है इसलिए तनाव का स्तर भी बढ़ जाता है.
कुंडली के छठे भाव में सूर्य का गोचर फल
सूर्य का छठे भाव में गोचर करना बेहतर परिणाम दिलाने वाला होता है. यह अच्छा समय भी माना जाता है. इस समय कठिन मामलों में राहत पाने में मदद मिलती है. इस दौरान शत्रु भी कमजोर दिखाई देते हैं. यह कुल मिलाकर एक सुखद और भाग्यशाली अवधि साबित हो सकती है. प्रयास सफलता पाते हैं. सेहत पर भी बेहतर प्रभाव दिखाई देता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी रहती है. कानूनी मामलों में सफलता मिलती है.
कुंडली के सप्तम भाव में सूर्य का गोचर फल
सूर्य का सप्तम भाव में गोचर कमजोर होता है. पारिवारिक जीवन में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. दूसरे आपके काम पर सवाल उठाने लगते हैं. शत्रु और प्रतिस्पर्धी भी आपको नीचे खींचने की कोशिश कर सकते हैं. वैवाहिक जीवन में दूरी, कुछ मानसिक तनाव पूरे समय बना रहता है. इस अवधि में आपको किसी भी तरह के वाद-विवाद से बचना चाहिए. स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं की संभावना भी बढ़ जाती है.
कुंडली के अष्टम भाव में सूर्य का गोचर फल
कुंडली के अष्टम भाव में सूर्य का गोचर अच्छा नही होता है. इस समय पर हेल्थ पर असर अधिक दिखाई देता है. विशेष रूप से हृदय और पेट से संबंधित रोग उभर सकते हैं. अपने जीवनसाथी और बच्चों के साथ भी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. नकारात्मक ग्रह ऊर्जा के चलते कार्यों में अटकाव हो सकता है. पिता अथवा वरिष्ठ लोगों के साथ रिश्ते में कमजोर स्थिति बनती है. सरकार के साथ कुछ मुद्दे भी इस दौरान आपको परेशान कर सकते हैं.
कुंडली के नवम भाव में सूर्य का गोचर फल
कुंडली के नवम भाव में भी सूर्य का गोचर कमजोर स्थिति को दर्शाता है. जमीन-जायदाद के मामलों में परेशानी बनी रह सकती है. किसी भी अप्रत्याशित यात्रा का होना थकान और परेशानी को बढ़ा सकता है. घरेलू अशांति भी बढ़ती है क्योंकि समझ की कमी बनी रहती है. माता के साथ कुछ विवाद हो सकता है. सूर्य की इस स्थिति के कारण जीवन में अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में देरी का अनुभव होता है. व्यर्थ के खर्च अधिक बढ़ सकते हैं और धन हानि भी संभव हो सकती है.
कुंडली के दशम भाव में सूर्य का गोचर फल
कुंडली के दशम भाव में सूर्य के गोचर की स्थिति वैदिक ज्योतिष में अच्छे परिणाम दिखाने वाली मानी जाती है. इस समय के दोरान करियर में प्रगति का समय होता है. सरकारी कार्यों में भी राहत मिलती है. इस गोचर के साथ स्थिति और कमाई में भी सुधार होता है. सामाजिक संपर्कों में भी सुधार होता है तथा उच्च अधिकारियों के साथ मेलजोल का अवसर मिलता है. यात्रा एवं लक्ष्यों को पूरा करने के लिए यह एक अच्छा समय होता है. व्यवसाय से संबंधित अच्छे परिणाम मिलते हैं.
कुंडली के एकादश भाव में सूर्य का गोचर फल
कुंडली के एकादश भाव में सूर्य का गोचर अच्छा माना जाता है. यह एक शुभ अवधि के रुप में सहायक बनता है. इस समय अधिक प्रयास किए बिना ही लाभ की प्राप्ति होती है. इस दौरान प्रमोशन, लाभ प्राप्ति के अतिरिक्त मौके मिल सकते हैं. मित्रों का सहयोग बढ़ता है. जीवन में इच्छाओं को पाने के लिए प्रयास अच्छे परिणाम दिखाते हैं. नए लोगों अथवा उच्च स्तर के कार्यों से जुड़ने का मौका मिलता है. भाई बंधुओं का सुख प्राप्त होता है. समाज में प्रतिष्ठा पाने का समय होता है.
कुंडली के द्वादश भाव में सूर्य का गोचर फल
सूर्य का द्वादश भाव में गोचर जीवन में चुनौतियों की अधिकता को दिखाने वाला होता है. सहकर्मियों और वरिष्ठों के साथ विवाद हो सकता है. शत्रु प्रगति में बाधा डाल सकते हैं. इस दौरान विपक्ष अधिक मजबूत दिखाई देता है. सेहत भी परेशान करती है आंखों से संबंधित रोग परेशानी दे सकते हैं. इस दौरान जीवनसाथी के स्वास्थ्य एवं व्यवहार को लेकर भी चिंता बनी रह सकती है. खर्चों में वृद्धि जमा पूंजी पर दबाव डालती है.