 ज्योतिष  में मंगल ग्रह को मुख्य तौर पर एक सेनापती के रुप में दर्शाया गया है. यह  ताकत, साहस और पौरुष का कारक है. मंगल ग्रह शारीरिक तथा मानसिक शक्ति और  ताकत का प्रतिनिधित्व करता है. मंगल के प्रबल प्रभाव से व्यक्ति में साहस ,  लड़ने की क्षमता और मिड़रता का भाव आता है. मंगल के प्रभावस्वरुप जातक  सामान्यतया किसी भी प्रकार के दबाव के आगे नहीं झुकता. मंगल के द्वारा  साहस, शारीरिक बल, मानसिक क्षमता प्राप्त होती है. पुलिस, सेना, अग्नि-शमन  सेवाओं के क्षेत्र में मंगल का अधिकार है खेल कूद इत्यादि में जोश और  उत्साह मंगल के प्रभाव से ही प्राप्त होता है.
ज्योतिष  में मंगल ग्रह को मुख्य तौर पर एक सेनापती के रुप में दर्शाया गया है. यह  ताकत, साहस और पौरुष का कारक है. मंगल ग्रह शारीरिक तथा मानसिक शक्ति और  ताकत का प्रतिनिधित्व करता है. मंगल के प्रबल प्रभाव से व्यक्ति में साहस ,  लड़ने की क्षमता और मिड़रता का भाव आता है. मंगल के प्रभावस्वरुप जातक  सामान्यतया किसी भी प्रकार के दबाव के आगे नहीं झुकता. मंगल के द्वारा  साहस, शारीरिक बल, मानसिक क्षमता प्राप्त होती है. पुलिस, सेना, अग्नि-शमन  सेवाओं के क्षेत्र में मंगल का अधिकार है खेल कूद इत्यादि में जोश और  उत्साह मंगल के प्रभाव से ही प्राप्त होता है.
मंगल को ज्योतिष शास्त्र में व्यक्ति के साहस, छोटे भाई-बहन, आन्तरिक बल, अचल सम्पति, रोग, शत्रुता, रक्त शल्य चिकित्सा, विज्ञान, तर्क, भूमि, अग्नि, रक्षा, सौतेली माता, तीव्र काम भावना, क्रोध, घृ्णा, हिंसा, पाप, प्रतिरोधिता, आकस्मिक मृत्यु, हत्या, दुर्घटना, बहादुरी, विरोधियों, नैतिकता की हानि का कारक ग्रह है.
मंगल ग्रह से संबंधित अन्य तथ्य | Other important facts related to Mars
मंगल के मित्र ग्रह सूर्य, चन्द्र और गुरु है. मंगल से शत्रु संम्बन्ध रखने वाला ग्रह बुध है. मंगल के साथ शनि और शुक्र सम सम्बन्ध रखते है. मंगल मेष व वृश्चिक राशि का स्वामी है. मंगल की मूलत्रिकोण राशि मेष राशि है, इस राशि में मंगल 0 अंश से 12 अंशों के मध्य होने पर अपनी मूलत्रिकोण राशि में होता है. मंगल मकर राशि में उच्च स्थान प्राप्त करता है.
मंगल कर्क राशि में स्थित होने पर नीचस्थ होता है. मंगल पुरुष प्रधान ग्रह है. मंगल दक्षिण दिशा का प्रतिनिधित्व करता है. मंगल के सभी शुभ फल प्राप्त करने के लिए मूंगा, रक्तमणी जिसे तामडा भी कहा जाता है, इनमें से किसी एक रत्न को धारण किया जा सकता है. मंगल के लिए लाल रंग धारण किया जाता है. मंगल का भाग्य अंक 9 है. मंगल के लिए गणपति, हनुमान, सुब्रह्मामन्यम, कार्तिकेय आदि देवताओं की उपासना करनी चाहिए.
मंगल के कारण व्यक्ति को कौन से रोग हो सकते है | Diseases caused by the influence of Mars
मंगल के खराब होने या पिडी़त होने से व्यक्ति को शरीर के किसी भाग का कटना, घाव, दु:खती आंखें, पित्त, रक्तचाप. बवासीर, जख्म, खुजली, हड्डियों का टूटना. पेशाब संबन्धित शिकायतें, पीलिया, खून गिरना, ट्यूमर, मिरगी जैसे रोग प्रभावित कर सकते हैं. मंगल व्यक्ति को यौद्धाओं का गुण देता है, निरंकुश, तानाशाही प्रकृति का है.
मंगल के लिए दान की जाने वाली वस्तुएं कौन सी है | What are the things that can be donated for Mars
मंगल के दुष्प्रभावों से बचने के लिए तथा शुभ फलों की प्राप्ति के लिए मंगल से संबंधित वस्तुओं का दान किया जा सकता है. तांबा, गेहूं, घी, लाल वस्त्र, लाल फूल, चन्दन की लकडी, मसूर की दाल. मंगलवार को सूर्य अस्त होने से 48 मिनट पहलें और सूर्यास्त के मध्य अवधि में ये दान किये जाते है.
मंगल के बीज मंत्र कौन सा है | Mars’s Beej Mantra
" ॐ क्रां क्रौं क्रौं स: भौमाय नम:
मंगल का वैदिक मंत्र कौन सा है | Mars’s Vedic Mantra
"ॐ घरणीगर्भसंभूतं विद्युत कन्ति सम प्रभम।
कुमार भक्तिहस्तं च मंगल प्रणामाभ्यहम।। "
मंगल का रंग-रुप कैसा है | Physical features of a person with Mars sign
मंगल लग्न भाव में अपनी उच्च राशि में हो या लग्न में मंगल की राशि हो, अथवा किसी व्यक्ति की जन्म राशि मंगल की राशियों में से कोई एक हो, तो व्यक्ति के रंग रुप पर मंगल का प्रभाव रहता है. इसके प्रभाव से व्यक्ति मध्यम कदकाठी, क्रोधी, पतला-दुबला, क्रूर, चंचल बुद्धि, पित्तीय प्रकृ्ति का होता है. मंगल शरीर में पित्त, हाथ, आंखें, गुदा और रक्त का प्रतिनिधित्व करता है.
 
                 
                     
                                             
                                             
                                             
                                            