फरवरी माह 2025 व्रत त्यौहार पंचांग

फरवरी माह 2025 – माघ शुक्ल पक्ष (सूर्य उत्तरायण) | Magh Shukla Paksha(Surya Uttarayan) – February 2025

दिनांक व्रत और त्यौहार हिन्दु तिथि

01 फरवरी बुध मकर राशि प्रभाव माघ कृष्ण पक्ष तृतीया (3)

02 फरवरी स्वामी बसंत पंचमी माघ कृष्ण पक्ष चतुर्थी (4)

03 फरवरी पंचक समाप्त माघ कृष्ण पक्ष पंचमी (5)

04 फरवरी रथ आरोग्य सप्तमी माघ शुक्ल पक्ष सप्तमी (07)

05 फरवरी भीमाष्टमी माघ शुक्ल पक्ष अष्टमी (8)

06 फरवरी गुप्त नवरात्रि समाप्त माघ शुक्ल पक्ष नवमी (09)

07 फरवरी बुध धनिष्ठा नक्षत्र माघ शुक्ल पक्ष दशमी (10)

08 फरवरी जया एकादशी व्रत माघ शुक्ल पक्ष एकादशी (11)

09 फरवरी भीष्म द्वादशी, तिल द्वादशी माघ शुक्ल पक्ष द्वादशी (12)

10 फरवरी सोम प्रदोष व्रत माघ शुक्ल पक्ष त्रयोदशी (13)

11 फरवरी बुध कुंभ राशि में प्रवेश माघ शुक्ल पक्ष चतुर्दशी (14)

12 फरवरी माघ पूर्णिमा, माघ स्नान समाप्त, श्री गुरू रविदास जयंती, श्री ललिता जयंती, श्री सत्यनारायण व्रत माघ शुक्ल पक्ष पूर्णिमा (15)

फरवरी माह 2025 – फाल्गुन कृष्ण पक्ष (सूर्य उत्तरायण) | Phalgun Krishna Paksha (Surya Uttarayan) – 2025

दिनांक व्रत और त्योहार हिन्दु तिथि

13 फरवरी फाल्गुन कृष्ण पक्ष प्रारंभ फाल्गुन कृष्ण पक्ष प्रतिपदा (1)

16 फरवरी श्री गणेश चतुर्थी व्रत फाल्गुन कृष्ण पक्ष चतुर्थी (4)

22 फरवरी रामदास नवमी फाल्गुन कृष्ण पक्ष नवमी (9)

24 फरवरी विजया एकादशी (स्मार्त) फाल्गुन कृष्ण पक्ष एकादशी (11)

25 फरवरी भौम प्रदोष व्रत फाल्गुन कृष्ण पक्ष द्वादशी (12)

26 फरवरी महाशिवरात्रि फाल्गुन कृष्ण पक्ष द्वादशी (13)

27 फरवरी फाल्गुन अमावस, अमावस्या फाल्गुन कृष्ण पक्ष अमावस (30)

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जनवरी 2024 व्रत त्यौहार : पौष माह 2024 व्रत त्यौहार

जनवरी 2024 – पौष कृष्ण पक्ष (सूर्य उत्तरायण) | Paush Krishna Paksha (Surya Uttarayan) – January 2024

दिनांक व्रत और त्यौहार हिन्दु तिथि

 

1 जनवरी सन 2024 ईस्वी आरंभ   पौष कृष्ण पक्ष पंचमी  (05)

 

4 जनवरी रुक्मिणी अष्टमी पौष कृष्ण पक्ष अष्टमी (8)   

 

7 जनवरी सफला एकादशी    पौष कृष्ण एकादशी (11)

 

9 जनवरी भौम प्रदोष व्रत, मासिक शिवरात्रि पौष कृष्ण पक्ष त्रयोदशी  (13)

 

11 जनवरी पौष अमावस्या (स्नानदान इत्यादि) पौष अमावस्या (30)



जनवरी 2024 – पौष शुक्ल पक्ष (सूर्य उत्तरायण) | Paush Shukla Paksha (Surya Uttarayan) – January 2024

दिनांक व्रत और त्यौहार हिन्दु तिथि

 

12 जनवरी पौष शुक्ल पक्ष आरंभ, आरोग्य व्रत पौष शुक्ल एकादशी (01)

 

13 जनवरी लोहड़ी, पंचक 23:35 आरंभ पौष शुक्ल पक्ष द्वितीया (02)

 

14 जनवरी मकर संक्रांति, सूर्य प्रवेश मकर राशि में 26:43 में  पौष शुक्ल पक्ष तृतीया (03)

 

17 जनवरी पंचक समाप्त 27:34 में, मार्तण्ड सप्तमी, श्री गुरु गोबिंद सिंह जयंती   पौष शुक्ल पक्ष सप्तमी (07)

 

18 जनवरी श्री दुर्गाष्टमी, महारुद्र व्रत पौष शुक्ल पक्ष अष्टमी (08) 

 

21 जनवरी भद्रा,  पुत्रदा एकादशी व्रत (स्मार्त) पौष शुक्ल पक्ष एकादशी (11)

 

22 जनवरी सुजन्म द्वादशी, त्रिपुष्कर योग, सर्वार्थ सिद्धि योग पौष शुक्ल पक्ष द्वादशी (12)

 

23 जनवरी प्रदोष व्रत, ईशान व्रत पौष शुक्ल पक्ष त्रयोदशी  (13)

 

25 जनवरी भद्रा, पौष पूर्णिमा(स्नानदानादि), माघ स्नान, शाकम्भरी जयंती, स्वामी विवेकानंद जयंती पौष शुक्ल पक्ष पूर्णिमा (15)

 

जनवरी 2024 – माघ कृष्ण पक्ष (सूर्य उत्तरायण) | Magh Krishna Paksha (Surya Uttarayan) – January 2024

 

दिनांक व्रत और त्यौहार हिन्दु तिथि

 

26 जनवरी माघ कृष्ण पक्ष प्रारंभ   माघ कृष्ण पक्ष प्रतिपदा (1)

 

27 जनवरी गण्डमूल विचार माघ कृष्ण पक्ष द्वितीया (2)

 

28 जनवरी भद्रा, गण्डमूल  माघ कृष्ण पक्ष  द्वितीया (2) 

 

29 जनवरी भद्रा, श्री गणेश संकष्ट चतुर्थी व्रत, सौभाग्य सुंदरी व्रत माघ कृष्ण पक्ष तृतीया (3)



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शुक्र का तुला राशि में गोचर दिलाएगा सफलता और आर्थिक समृद्धि

शुक्र को जहां भोग-विलास और समृद्धि से जोड़ कर देखा जाता है. विलासिता इसका नैसर्गिक कारक बनती है. इस कारण तुला राशि के लोगों में वैभव-विलासितापूर्ण जीवन जीने इच्छा भी देखने को मिलती है. शुक्र के प्रभाव से व्यक्ति फैशन से अत्यधिक प्रभावित होते हैं, गीत-संगीत, कला से संबंधित रचनात्मक कार्य इसी राशि के प्रभाव क्षेत्र में दिखाई देते हैं. इन राशि के व्यक्तियों को साज सज्जा पसंद होती है घूमना ओर मौज मस्ती करना भी इन्हें पसंद होता है. आईये जानें कैसा रहेगा शुक्र का तुला राशि पर गोचर और सभी राशियों पर इस का प्रभाव

मेष राशि
आप लोगों के लिए शुक्र का प्रभाव सातवें घर में होने वाला है. शुक्र आपके लिए पारिवारिक क्षेत्र में बदलाव दिखाई दे सकते हैं. परिवार में कुछ लोगों के कारण अलगाव का अनुभव होगा और बातों के प्रति मन में बहुत अधिक दुख का अनुभव भी रहेगा. एक दूसरे के प्रति कोई न कोई मतभेद परेशानी का सबब बन सकता है.

वृषभ राशि
वृषभ राशि के लोगों पर शुक्र का गोचर इस समय आपको मेहनती और कुशल बना सकता है. शुक्र आपकी राशि के स्वामी हैं और छठे में गोचर के कारण आपको विरोधियों से लड़ने की शक्ति भी देंगे और समझ भी विकसित करेंगे. राशि स्वामी शुक्र का छठे घर में होना आपके लिये, नए मौके लाएगा. बच्चों को लेकर आप इस समय ज्यादा ध्यान देने वाले हैं.

मिथुन राशि
मिथुन राशि के लोगों पर इस समय शुक्र का गोचर पंचम भाव को प्रभावित करेगा. शुक्र का गोचर इस स्थान पर होने से आपको अपने रिश्तों में नई बातें दिखाई देंगी. आपको अपने मित्रों का सहयोगे भी मिल सकता है. काम में अच्छा रहने की आपकी कोशिशें आगे बढ़ने वाली है. शारीरिक और मानसिक रुप से सकारात्मक ऊर्जा का संचार रहेगा.

कर्क राशि
कर्क राशि के लोगों पर आपका इस समय चौथे घर पर गोचर की स्थिति होने पर ये आपको अच्छे सुख को देने में सहायक हो सकते हैं. धन की प्राप्ति भी मिलती है. नई सोच और नए अवसर आपके लिए इस समय बने होंगे. घर पर कुछ नई चीजों को लाने की तैयारी भी आप करना चाहेंगे. नौकरी पेशा लोगों को कुछ लाभ मिल सकता है.

सिंह राशि
सिंह राशि वालों के लिए शुक्र उनको काम की ओर लगाने वाला होग ऐस समय आप चाहें या फिर न चाहें पर आपकी मेहनत बहुत अधिक तो रहने ही वाली है. शुक्र आपकी राशि से तीसरे घर में गोचर होने के कारन आपको अपने भाई बंधुओं की नजदीकियां भी प्राप्त हो सकती हैं.

कन्या राशि
आप लोगों को इस समय छोटी यात्राओं पर जाने को मिल सकता है ओर आप इस समय कुछ अच्छे लाभ को भी पा सकते हैं. माता-पिता की ओर से प्यार ओर सहयोग मिलेगा. आप और लोगों के साथ आपकी गतिविधियों पर दूसरे लोग कुछ अधिक ही ध्यान देते दिखाई देंगे. किसी के साथ जुड़ने का योग बना रहा है जिनका आप लुत्फ़ उठा सकते हैं.

तुला राशि
तुला राशि वालों के लिए इस समय पर श्क्र की स्थिति बहुत अच्छे प्रभाव देने में सक्षम होती है. इस के कारन होने वाले दुरगामी असर भी हमे देखने को मिलते हैं. तुला राशि के जातकों के लिए ये समय उन्हें काम में आगे बढ़ने के कुछ नए मौके दे सकता है. इस समय पर शिक्षार्थियों को नए स्थानों में आवेदन देने और प्रवेश पाने के अवसर भी प्राप्त होंगे.

वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि वालों के लिए शुक्र का गोचर 12वें भाव में होने के कारण अभी आपको अपनी योजनाओं को बेहतर ढ़ंग से लागू करना होगा. इस समय आपको लापरवाही से बचना होगा. अपने गुस्से और अपनी सोच को बेहतर दिशा में लेकर चलने कि जरुरत है. विद्यार्थी भी अपनी शिक्षा को लेकर कुछ ज्यादा ही केन्द्रित दिखाई देंगे.

धनु राशि
आपके लिए जरूरी है कि आप इस समय थोड़ा संभल कर काम करें. निर्णय लेने में जल्दबाजी से बचना चाहिए. आपके 11वें भाव में शुक्र का गोचर स्थिति को कुछ सकारात्मक रुख दे सकता है लेकिन जरूरत होगी आपके धैर्य की. इस समय आपको अपने किसी निकट संबंधी की ओर से कुछ सहायता मिल सकती है.

मकर राशि
मकर राशि वालों के लिए इस समय कार्यक्षेत्र ओर घर की स्थिति को संभालने में ही आपको अधिक समय लगने वाला है. अपने लिए गए निर्णय परिवर्तित करने का भी समय है. आपको उच्च अधिकारियों के साथ कुछ तालमेल बिठाने में समय लग सकता है. आप न्यायप्रिय हों लेकिन इस समय आपको थोड़ा कूटनीति को अपनाने की जरूरत पड़ेगी.

कुंभ राशि
आपकी राशि में नवें पर शुक्र का गोचर होने से आप को भाग्य की ओर से आपको परिवार की ओर से सहयोग मिलेगा. आप घर परिवार की ज़िम्मेदारी में आगे रहने वाले हैं. कुछ चीजों के कारन आप खुद को परेशान और दुविधाओं में घिरा पा सकते हैं लेकिन जल्द ही आप अपने फैसले लेने में भी सक्षम होंगे.

मीन राशि
आपके लिए ये समय सावधानी एवं अपनी सुरक्षा के लिए होगा. इस समय आठवें भाव पर बैठा शुक्र आपको दांपत्य जीवन में कुछ नए मोड़ ला सकता है. विश्वास और भरोसे कि स्थिति इस समय डगमगा भी सकती है. इसलिए जरुरी है की अपने आप को भावुकता से बचाएं व सही निर्णय लेने के लिए थोड़ा समय लीजिए.

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मंगल के सिंह राशि गोचर का कैसा रहेगा आप पर प्रभाव

मंगल सिंह राशि में प्रवेश करने वाले हैं. मंगल का सिंह राशि में गोचर बहुत ही प्रभावशाली रहेगा क्योंकि पिछले काफी समय से मंगल कर्क राशि में गोचरस्थ थे और कर्क राशि में होने के कारण मंगल अपने समस्त फलों को अनुकूल रुप से दे पाने में सक्षम नहीं थे.

मंगल का सिंह राशि प्रवेश समय

मंगल का सिंह राशि में गोचर 06 जून 2025 को होगा. मंगल 06 जून शुक्रवार को रात्रि 26:10 मिनिट में कर्क राशि से निकलकर सिंह राशि में प्रवेश करेंगे.

ज्योतिष अनुसार कर्क राशि मंगल की नीचस्थ राशि है इस कारण मंगल के शुभ फलों में कमी देखने को मिलती है. लेकिन मंगल कर्क राशि से निकल कर अब सिंह राशि में प्रवेश करने वाले हैं. मंगल ये गोचर मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक राशि के लोगों के लिए तो खास होगा ही साथ ही अन्य राशियों के लोगों पर भी इस का विशेष प्रभाव देखने को मिलगा.

मंगल ग्रह की विशेषताएं

मंगल ग्रह को ज्योतिष शास्त्र में सेनापति कहा गया है. सभी प्रकार के रक्षा कार्यों में मंगल ही प्रमुखता से आगे होता है. इसलिए सेना कार्य हों या सुरक्षा से संबंधित कार्य इन सभी में मंगल का अग्रीण स्थान होता है. मंगल ग्रह की प्रमुखता वाले व्यक्ति में भी यही गुण देखे जा सकते हैं. निड़र होना, साहस और पराक्रम की वृद्धि का योग मंगल द्वारा ही संभव हो पाता है.इसलिए मंगल का सिंह राशि में जाना बहुत महत्वपूर्ण होगा. इससे मंगल की नीचता समाप्त होगी और पुन: लाभ प्राप्त होंगे.

मेष राशि के लिए मंगल के गोचर का प्रभाव

मेष राशि वालों के लिए मंगल उनकी स्वराशि होती है. इस समय मंगल का गोचर सिंह में होने पर मेष राशि वालों के लिए मंगल पंचम स्थान पर गोचर करने वाला है. मंगल के इस गोचर द्वारा मेष राशि वालों को राहत मिल सकती है. उन्हें कार्यक्षेत्र में प्रगति के मौके मिल सकते हैं. यदि कोई परेशानी एक लम्बे समय से बनी हुई थी तो अब उस परेशानी से मुक्ति व राहत मिलने की अच्छी उम्मीद दिखाई देती है. छात्रों के लिए ये गोचर परीक्षा परिणामों में सकारात्मक हो सकता है. उच्च शिक्षा के मौके भी मिल सकते हैं. प्रेम संबंधों में नई ऊर्जा दिखाई देगी.

वृष राशि के लिए मंगल के गोचर का प्रभाव

वृष राशि वालों के लिए ये गोचर इनके चतुर्थ भाव को प्रभावित करने वाला होगा. इस समय आपके काम-काज में उछाल देखने को मिल सकता है. वाहन-वस्त्र इत्यादि की खरीद का मन बना सकते हैं. किसी न किसी कारण से ट्रैवलिंग पर जाने का मौका भी मिल सकता है. विदेश यात्रा के भी योग बनते हैं. आप में क्रोध और जल्दबाजी की अधिकता देखने को मिल सकती है, इसलिए आवश्यक है की स्वयं को शांत रखते हुए काम करें ओर अच्छे से सोच विचार के साथ ही कोई नया फैसला लें.

मिथुन राशि के लिए मंगल के गोचर का प्रभाव

मिथुन राशि वालों के लिए मंगल का सिंह राशि में गोचर तीसरे भाव में होगा. गोचर के प्रभाव स्वरुप मिथुन राशि वालों को अपने भाई बंधुओं के साथ काम करने का मौका मिल सकता है. विदेश लाभ और छोटी यात्राओं के मौके भी मिल सकते हैं. इस समय आप धार्मिक क्षेत्र की यात्राएं भी कर सकते हैं. संतान कि ओर से आप थोड़ा चिंतित होंगे लेकिन जल्द ही उनकी प्रगती आपके लिए राहत भी लेकर आएगी.

कर्क राशि के लिए मंगल के गोचर का प्रभाव

कर्क राशि वालों के लिए मंगल का गोचर कुछ अनुकूलता भरा होगा. आपको धन लाभ संपति लाभ के अवसर मिल सकते हैं. अपव्यय अधिक रह सकता है. माता का स्वास्थ्य अनुकूल होगा. शत्रुओं पर अब आप हावी हो सकते हैं और उन्हें परास्त कर पाने में भी सक्षम होंगे. काम-काज में आपको अच्छे मौके मिल पाएंगे. स्वास्थ्य में सुधार होगा और मित्रों का सहयोग भी प्राप्त होगा.

सिंह राशि के लिए मंगल के गोचर का प्रभाव

सिंह राशि वालों के लिए मंगल उनकी राशि पर ही गोचरस्थ होंगे. मंगल के सिंह राशि पर गोचर से आप के उत्साह में वृद्धि देखने को मिल सकती है. इस समय आप अपने अधूरे कामों को पूरा कर पाएंगे. विवाह एवं प्रेम संबंधों की शुरुआत के लिए भी समय अनुकूल दिखाई देता है. इस समय पर आपको उच्च रक्तचाप इत्यादि की समस्या परेशान कर सकती है, इसलिए अपने क्रोध एवं वाणी को शांत बना कर रखने की सलाह दी जाती है.

कन्या राशि के लिए मंगल के गोचर का प्रभाव

कन्या राशि वालों के लिए मंगल का सिंह राशि में गोचर उनके द्वादश भाव को प्रभावित करने वाला होगा. कन्या राशि वालों को इस समय अपने खर्चों को लेकर सजग रहने कि आवश्यकता होगी. ये समय कुछ लम्बी दूरी की ट्रैवलिंग का योग भी बनता दिखाई देता है. माता-पिता की ओर से सहयोग मिलेगा. कुछ नए कामों का आरंभ भी होगा.

तुला राशि के लिए मंगल के गोचर का प्रभाव

तुला राशि वालों के लिए मंगल का सिंह राशि में गोचर इनके एकादश भाव में होगा. इसके प्रभव स्वरुप कुछ काम काज की वृद्धि होगी तो साथ ही भाई बंधुओं की ओर चीजों को लेकर दबाव अधिक रह सकता है. इस समय पर आप किसी प्रकार के सम्मान प्राप्ति का लाभ भी पा सकते हैं. दोस्तों के साथ घूमने-फिरने के मौके मिल सकते हैं. निवेश में ध्यान बना कर रखना होगा.

वृश्चिक राशि के लिए मंगल के गोचर का प्रभाव

वृश्चिक राशि वालों के लिए मंगल का सिंह राशि में गोचर कई मामलों में महत्वपूर्ण रह सकता है. काम काज में तेजी हो सकती है. प्रोजेक्ट नए मिल सकते हैं. दोस्तों के साथ मिलकर कुछ नए रिसर्च वर्क को पूरा कर सकते हैं. भाई बहनों का साथ आपको राहत देने वाला होगा. इस समय आप अपने शत्रुओं पर दबाव बनाने में भी सफल रह सकते हैं. स्वास्थ्य का ध्यान रखें ओर खान पान में लापरवाही से बचने की सलाह दी जाती है.

धनु राशि के लिए मंगल के गोचर का प्रभाव

धनु राशि वालों के लिए मंगल का गोचर आपके लिए परिवार और काम दोनों ही क्षेत्रों पर बदलाव को दिखाने वाला होगा. इस समय आप धार्मिक कार्यों में भी व्यस्तता को पा सकते हैं सामाजिक रुप से आप अधिक कार्यशील दिखाई देंगे. धन लाभ और यात्राओं का योग है.

मकर राशि के लिए मंगल के गोचर का प्रभाव

मकर राशि वालों के लिए मंगल का सिंह राशि में गोचर इनके अष्टम भाव को प्रभावित करने वाला होगा. इस कारण गुप्त शत्रुता का भय, मानहानि इत्यादि को लेकर सजग रहने की आवश्यकता होगी. आर्थिक क्षेत्र में लाभ भी मिलेगा, शोध काम से जुड़े छात्रों के लिए ये समय अनुकूल हो सकता है. अचानक से यात्राओं का योग भी बनता है. पेट से नीचले हिस्से से संबंधी रोग परेशान कर सकते हैं इसलिए चिकित्सीय सलाह लेते रहें.

कुम्भ राशि के लिए मंगल के गोचर का प्रभाव

कुम्भ राशि वालों के लिए मंगल का सिंह राशि में गोचर इनके सप्तम भाव को प्रभावित करने वाला होगा. इस समय पर आप मानसिक रुप से काफी सोच विचार में रहने वाले हैं. काम के क्षेत्र में भी आप काफी मेहनती रहने वाले हैं. नए लोगों के साथ मुलाकात ओर लाभ के अवसर मिलेंगे. दांपत्य जीवन में साथी के साथ थोड़ा मतभेद दिखाई देगा लेकिन शांति से बातों को सुलझा पाने में आप सफल होंगे.

मीन राशि के लिए मंगल के गोचर का प्रभाव

मीन राशि वालों के लिए मंगल का सिंह राशि में गोचर छठे भाव में होने के कारण आपके प्रयासों में वृद्धि के मौके बनते दिखाई देते हैं. आपकी जिम्मेदारियों में अधिकता के कारण आराम के मौके कम ही मिलने वाले हैं. परिवार में बच्चे सहयोग देते दिखाई देंगे जिसके चलते आपको सकारात्मक लाभ मिल सकता है. अत्याधिक प्रयास करने के बाद ही मनोकूल परिणाम मिल पाएंगे.

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अब होंगे राहु अपनी उच्च राशि में, बदल जाएगी राहु की चाल

राहु अभी तक एक लम्बे समय से मिथुन राशि में गोचरस्थ थे. पर अब वह मिथुन से निकल कर वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे और फिर वहीं पूरा डेढ़ साल का समय बिताएंगे. राहु को छाया ग्रह का रुप कहा गया है. ऎसे में इस छाया का प्रभाव इतना गहरा होता है की यह जीवन के क्षेत्र में बदलाव लेकर आता है. इस समय पर वृषभ राशि वालों के लिए ये समय बहुत प्रभावशालि होगा. मानसिक और शारीरिक रुप से ही ये बदलावों को दिखाएगा.

राहु का वृषभ राशि गोचर समय

राहु का वृषभ राशि में प्रेवश समय बुधवार के दिन दोपहर 12:52 के समय पर होगा. राहु के वृषभ राशि में प्रवेश के साथ ही मिथुन राशि पर से राहु की स्थिति हट जाएगी.

राहु का मृगशिरा नक्षत्र में जाना

राहु का इस समय मृगशिरा नक्षत्र में होगा. मृगशिरा नक्षत्र के स्वामी मंगल हैं. इस समय पर राहु का मंगल के नक्षत्र में जाना प्रभावशालि होगा. इस समय पर स्थिति में बदलाव और आक्रामकता का प्रभाव दिखाई दे सकता है. राहु का मृगशिरा नक्षत्र में जाना बल और शक्ति में वृद्धि करने जैसा ही होता है. इस समय पर उथल-पुथल का समय अवश्य दिखाई देगा. यह समय आर्थिक क्षेत्र में कमी परेशान कर सकती है.

राहु की उच्च राशि कौन सी हैं ?

ज्योतिष शास्त्र में राहु की स्थिति पर की प्रकार से विचार किया गया है. ज्योतिष में सभी ग्रहों की राशियों को निश्चित किया गया है. लेकिन राहु और केतु को छाया ग्रह कहा गया है इस कारण इनके स्वामित्व की राशियों के बारे में चर्चा कम ही मिलत है. कुछ विचारक वृष और मिथुन राशि को राहु की राशि के रुप में संबोधित किया जाता है. राहु का इन दोनों में से किसी भी राशि में होना राहु को बलशालि बनाने में सहायक बनता है. इसलिए राहु की उच्च राशि के रुप में “वृष राशि” और “मिथुन राशि” को बताया गया है.

इस लिए जब भी राहु जब भी वृषभ या मिथुन राशियों में गोचर करता है, तो इस गोचर को बहुत प्रभावशाली माना जाता है. वृषभ में राहु को उच्च का राहु कहा जाता है. मुख्य शब्दों में वृष राशि में होने पर राहु दूसरे सभी ग्रहों से अधिक ताकतवर रहता है.

कुंडली में उच्च के राहु का फल

राहु कुंडली में जिस घर में बैठा हो उस घर से जुड़े घटना क्रम व्यक्ति के जीवन पर गहरा प्रभाव डालते हैं. वृषभ राशि में बैठा हुआ राहु अपनी बेहतर स्थिति का माना गया है. यहां बैठ कर राहु व्यक्ति में कला का विस्तार करने में सफल होता है. जातक में चीजों को बढ़ा चढ़ा कर करने की आदत भी देखने को मिलती है. कुंडली में उच्च का राहु अगर अनुकूल स्थिति में शुभ अवस्था में बैठा हुआ हो तो वह कौशल और ज्ञान को बढ़ाने में सहायक बनता है. व्यक्ति को चीजों को समझने कि बेहतर सोच देता है.व्यक्ति अपने मूल्य स्थापित करता है. उसकी सोच दूसरों से भिन्न होती है.

व्यक्ति मानसिक रुप से चीजों को जोड़ता है. अपने कौशल से पहचान स्थापित करता है. अपनी योग्यता से पहचान स्थापित करने के लिए प्रयासरत रहता है. उच्च का राहु व्यक्ति को गूढ़़् विषयों को समझने कि सोच भी देता है. गुढ बातों को समझने की योग्यता भी देता है. दर्शन के विषय अथवा शोध जैसे कार्यों में पकड़ अच्छी बना सकता है.

  • वृष राशि वालों को अपनी वाणी पर संयम रखना होगा.
  • परिवार में मनमुटाव हो सकता है.
  • बीमारियां घेर सकती हैं और दिमागी तौर पर तनाव परेशान हो सकता.
  • कोई भी फैसला जलदबाजी से लेने से बचें.
  • कार्यक्षेत्र में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.
  • मेहनत अधिक करनी पड़ सकती है. भाग्यवादी होने से बचें.
  • वाहन का उपयोग करते समय सावधान रखें.
  • किसी पर भरोसा अधिक करने से बचें.
  • स्वास्थ्य का ख्याल रखें.

    राहु शांति के लिए उपाय

  • राहु की शांति के लिए राहु के बीजमंत्र का जाप करें.
  • राहु के लिए चांदी का उपयोग करना शांति देता है.
  • कुत्ते को रोटी खिलाएं.
  • राहु से संबंधित वस्तुओं का दान करें इससे राहु की शांति होती है.
  • राहु का बीज मंत्र- ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः.
  • राहु का गोचर पर प्रभाव जब उच्च राशि में होता है तो वह व्यक्ति को मानसिक रुप से बदलाव देने वाला होता है. राहु सदैव वक्री गति से चलने वाला ग्रह है और जब वह मजबूत स्थिति में आता है तो उसके फलों में और भी अधिक वृद्धि के संयोग बन जाते हैं. राहु का मिथुन राशि से वृषभ राशि में जाना एक बड़े बदलाव को दिखाएगा. वृष राशि वालों के लिए अनेक चीजों और क्षेत्रों पर बदलाव देखने को मिलेगा. रिश्ते हों या काम हो या फिर शिक्षा हर क्षेत्र पर ये अपना प्रभाव देगा.

    वृष राशि के लिए राहु का गोचर धनार्जन में कुछ न कुछ बढ़ोतरी कर सकता है. इस स्थान पर राहु का होना धन और परिवार के लिए ज्यादा बेहतर न हो पाए. विवाद और संघर्ष अधिक करना पड़ता है. झूठ और धोखा जीवन के अनेक हिस्सों पर असर डालता है.

    अचानक से किसी के धोखे का शिकार हो सकते है या फिर दूसरों को आपके द्वारा भी धोखा मिल सकता है. पैसे कमाने के लिए यात्रा या फिर परिवार से दूर भी होना पड़ सकता है. खर्चों को रोकना बस में नहीं होगा. इस समय पर इच्छाएं अधिक होंगी किसी प्रकार के व्यसन का शिकार भी बन सकते हैं. खान पान की ओर झुकाव अधिक होगा अपने पर ध्यान दे पाएंगे. अब कुछ ऎसा करने में भी आगे रह सकते हैं जो आपकी कलात्मकता को अभिव्यक्ति दे पाए.

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    कर्क राशि पर रहेगी शनि की नजर, आईये जाने कैसा होगा इसका असर

    कर्क राशि वालों पर शनि की ढैय्या का होगा खास असर. कर्क राशि वालों के लिए शनि सातवें भाव और आठवें भाव के स्वामी बनते हैं. कर्क राशि वालों के लिए शनि कष्टकारी बनते हैं. इस स्थिति के कारण स्वास्थ्य को लेकर तनाव रह सकता है तथा रिश्तों में दूरी बढ़ने कि संभावना अधिक हो जाती है.

    शनि का कर्क राशि के लिए गोचर फल

    कर्क राशि वालों के लिए इस समय शनि का गोचर कई मायनों में विशेष है. इस समय शनि का असर काम में परिश्रम की अधिकता के साथ साथ देगा बदलाव के संकेत.

    कर्क राशि वालों की आर्थिक स्थिति पर प्रभाव

    शनि का कर्क राशि वालों के लिए गोचर धनार्जन से संबंधित प्रयास अधिक करने की जरुरत है. कर्क राशि से शनि सातवें भाव में गोचरस्थ होने के कारण दूसरों के कारण परेशानी झेलनी पड़ सकती है. अपने धन को सही से उपयोग में लाएं. किसी को धन उधार देने से बचें. धन की हनै हो सकती है. परिवार में किसी को धन देना पड़ सकता है. इस समय आप स्वास्थ्य पर पैसा भी लगाएंगे. अपने काम को छोड़े नहीं अन्यथा पैसों की तंगी परेशान कर सकती है.

    इस समय आपके अरथिक हालात आरंभिक समय में परेशानी का कारण बन सकते हैं साल के अंत के दौरन कुछ सकारात्मक लाभ दिखाई देगा पर आरंभिक समय में परेशानी अधिक रह सकती है. कुछ अचानक से ट्रैवलिंग पर जाने और सेहत इत्यादि पर धन व्यय होगा. बैंक इत्यादि से लोन लेने का भी सोच सकते हैं पर इंतजार करना होगा. किसी मित्र का सहयोग इस मामले में आपकी सहायता कर सकता है. क्रोध और जल्दबाजी से बचने की अश्यकता है.

    आपकी मेहनत इस दौरान बढ़ने वाली है. अगर आप इस समय आलस्य दिखाएंगे तो बहुत से मौके खो भी सकते हैं. इसलिए इस समय अपनी ओर से कोशिशें जरुर करना तभी आपको अच्छा लाभ भी मिल पाएगा. ताम्र पाया होने के कारण धन लाभ भी मिलेगा.

    कर्क राशि वालों की नौकरी और व्यवसाय पर प्रभाव

    काम काज के लिए घर से दूर जाने का मौका मिल सकता है. अपने लोगों का सहयोग आपको स्थान परिवर्तन के लिए भी प्रेरित कर सकता है. आपके काम में परिवार का हस्तक्षेप भी बढ़ेगा. किन्हीं कारणों से नौकरी और परिवर के मध्य संतुलन स्थापित रखने में आपको परेशानी भी रह सकती है. अन्यथा काम के चलते रिश्ते प्रभावित हो सकते हैं.

    जो लोग बिजनेस से जुड़े हुए हैं उन्हें अपने काम में धीमापन दिखाई देगा. सही समय पर काम पूरा नहीं हो पाने के कारण भी दबाव बढ़ सकता है. अगर काम के सिलसिले में कोई कागजात इत्यादि पेपर वर्क होगा तो उसे ध्यान से करें. किसी कारण से अचानक से कोई गलती होने की आशंका भी इस समय पर दिखाई देती है. काम में टाल मटोल से बचें ओर दूसरों पर अत्यधिक भरोसा और विश्वास भी करने से बचें. खुद कामों को करने कि कोशिश करें.

    कर्क राशि वालों के पारिवारिक जीवन पर प्रभाव

    घरेलू स्तर पर आप मानसिक रुप से दबाव का अनुभव करेंगे. इस समय शनि आपके सुख स्थान पर दृष्टि डालेंगे जिससे सुख में कमी आ सकती है. भाग्य स्थान पर दृष्टि होने से भाग्य से लाभ पाने के लिए संघर्ष अधिक होगा. आपको प्रयास अधिक करने होंगे. परिवार में आपकी माता की ओर से आपको कुछ चिंता हो सकती है पर इसके साथ ही पिता अथवा किसी वरिष्ठ व्यक्ति के साथ आपका तालमेल सही से नहीं बैठ पाए.

    परिवार में आपकी बातों पर भी ध्यान दिया जा सकता है. कुछ फैसले लेने के लिए आपकी सलाह सभी मान भी सकते हैं. पर इस समय आपको भावनात्मक कम होना चाहिए. कुछ कठोर फैसले भी इस समय पर आप ले सकते हैं. जिन लोगों की विवाह से संबंधित अभी बातें चल रही हैं उन्हें रिश्ता पक्का होने की खुशी भी मिल सकती हैं. नए रिश्तों का आरंभ होने की अच्छी संभावनाएं इस समय पर उभरेंगी.

    कर्क राशि वालों के स्वास्थ्य पर कैसा प्रभाव रहेगा

    सेहत के संदर्भ में इस समय पर आपको जोड़ों से संबंधित कष्ट अधिक रहेंगे. साथ ही शरीर में पित्त की अधिकता के कारण अपच और गैस की शिकायत भी हो सकती है. आप कुछ आलसी हो सकते हैं इस कारण कई मामलों में आप अपनी बीमारी के प्रति भी थोड़ा ढीला रवैया रख सकते हैं. आपका ये व्यवहार रोग को बढ़ाने का काम करने वाला होगा इसलिए ऎसा करने से बचें. इस समय ट्रैवलिंग की अधिकता होने से थकान के चलते बःइ थोड़ा स्वास्थ्य में कमी आ सकती है.

    कर्क राशि वालों के प्रेम संबंध और विवाह पर असर

    आप अपने रिश्तों को संभलने की कोशिश करेंगे. पर आप रिश्ते में अपनी ओर से पहल करने से भी बचना चाहेंगे. पर अभी आपको थोड़ा चुस्ती दिखानी होगी क्योंकि कोई ओर आपके प्यार को पाने के लिए बेताब दिखाई देगा. इसलिए समय बर्बाद नहीं करें और रिश्ते में अपनी सहमति भी दीजिए. उचित रुप से आगे बढ़ने पर ही लम्बा और स्थायी रिश्ता पा सकते हैं.

    दांपत्य जीवन में साथी के साथ परेशानी तो रहेगी. उनकी कोई न कोई बात आप को परेशानी में डालने का काम कर सकती है. आपका साथी आपके प्रति लापरवाही भी दिखा सकता है. (Tramadol) अपने साथी पर भरोसा करें ओर अपना प्रेम उसके समक्ष जाहिर भी करें. इस समय आपके रिश्तों पर परिवार का हस्तक्षेप बढ़ सकता है और आप अपने परिवार से दूरी भी बना सकते हैं ये स्थिति आपके लिए तनाव का कारण बन सकती है.

    उपाय

    • प्रत्येक सोमवार के दिन शिवाष्टक का पाठ करें. दूध और घी से शिवलिंग पर अभिषेक करें.
    • शुक्रवार के दिन देवी लक्ष्मी का पूजन करें इसके साथ ही लक्ष्मी मंत्र का जाप करें.
    • शनिवार के दिन सरसों के तेल के दीपक में काले तिल डालकर पीपले के वृक्ष के सामने जलाएं.
    • सुंदरकाण्ड का पाठ मंगलवार और शनिवर के दिन करें.
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    शनि के गोचर का मिथुन राशि पर क्या पड़ेगा असर, जानिए विस्तार से

    शनि का गोचर ज्योतिशः की दृष्टि से एक अत्यंत महत्वपूर्ण घटना होती है. शनि और गुरु ऎसे ग्रह हैं जिनके राशि परिवर्तन को लेकर सभी में जिज्ञासा रहती है क्योंकि इन दो ग्रहों की जीवन पर बहुत गहरी छाप पड़ती है. ऎसे में शनि का बदलाव एक राशि से दूसरी राशि में होना सभी को किसी न किसी रुप में प्रभावित करने वाला होता है.

    शनि ग्रह जब एक राशि से दूसरी राशि में स्थान बदलते हैं तो कुछ राशि पर ये सामान्य रुप का प्रभाव होगा, कुछ पर ये शनि की साढे़साती का प्रभाव होना, शनि की ढैय्या का प्रभाव होना इत्यादि नाम आने पर स्थिति थोड़ी अलग हो जाती है और इस स्थिति का जातक पर गहरा असर भी पड़ता है.

    वर्ष 2020 में जब शनि का प्रवेश धनु राशि से निकल कर मकर राशि में होगा, तो इस समय का बदलाव जातकों पर असर डालता है. शनि का गोचर 2020 को मिथुन राशि के जातकों पर क्या प्रभाव लाएगा आईये जानते हैं इसे विस्तार से.

    मिथुन राशि पर शनि ढैय्या का प्रभाव

    शनि का मिथुन राशि पर ढैय्या का प्रभाव आरंभ होगा, मिथुन राशि पर शनि का गोचर आठवें स्थान पर होगा ऎसे में अष्टम शनि का प्रभाव मिथुन राशि वालों पर रहेगा. शनि की ढैय्या मिथुन राशि वालों को मानसिक और आर्थिक रुप से परेशान कर सकती है. इस समय व्यर्थ के तनाव की स्थिति बहुत अधिक परेशान करेगी.

    शनि का गोचर मकर राशि में 24 जनवरी 2020 को होगा. शनि का गोचर होने के साथ ही मिथुन राशि वालों पर अष्टम शनि की ढैया का आरंभ भी हो जाएगा. मिथुन राशि का स्वामी बुध है. शनि व बुध का मैत्री संबंध होने के कारण कुछ बचाव भी होगा. मिथुन राशि के जातकों के लिए के लिए शनि अष्टम् भाव और नवम भाव के स्वामी होते हैं और इस समये में शनि मिथुन राशि के आठवें घर में गोचर कर रहे है. घर व मकान को बनाने या खरीदने का इस समय मे विचार बनाना अच्छा हो सकता है.

    शनि के गोचर का मिथुन राशि वालों की आर्थिक स्थिति पर प्रभाव

    शनि के गोचर का मिथुन राशि के जातकों पर थोड़ा तनाव बढ़ाने वाला होगा. आर्थिक क्षेत्र में तंगी रहेगी और कुछ न कुछ कारणों से परेशानी भी अधिक रह सकती है. इस समय के दौरान शेयर मार्किट इत्यादि में धन लगाने का नहीं सोचना ही बेहतर होगा. अचानक से अगर कुछ लाभ मिलता भी है तो आगे आने वाले समय में घाटा भी झेलना पड़ सकता है. मिथुन राशि वालों के लिए लम्बे समय का निवेश बेहतर होगा न की जल्दी से प्राफिट पाने वाला निवेश अभी फायदा नहीं दे पाएगा.

    शनि के गोचर की एक लम्बा समय मिथुन राशि वालों पर असर डालेगा. इस बीच गुरु का भी शनि के साथ गुरु की युति होने से गोचर के आरंभ का समय पार्टनरशिप से मिलने वाले नुकसान को दर्शा सकता है. ऎसे में जरुरी है की किसी पर आंख मूंद कर भरोसा नहीं करें और बहुत अधिक मात्रा में भी किसी एक साथ पर निवेश न करें. परिवार में साथी की ओर से भी खर्च की अधिकता बढ़ सकती है. प्रोपर्टी से संबंधित कुछ लाभ भी मिल सकता है. इस समय अचानक से होने वाले बदलाव आप को अधिक प्रभावित करने वाले हैं.

    अपने काम को लेकर किए बदलावों का भी आप पर खर्च अधिक रहेगा. घर पर भी खर्च अधिक ही रहने वाले हैं. कोई पूजा अथवा धार्मिक कर्मकाण्ड इत्यादि भी इस समय के दौरान संपन्न हो सकते हैं जिनमें धन लगेगा.

    शनि गोचर मिथुन राशि नौकरी और व्यापार की स्थिति

    काम काज के क्षेत्र में मिथुन राशि वाले के कार्यस्थल पर शनि दृष्टी होने से काम में अचानक से व्यवधान आ सकता है, या लम्बे समय से चले आ रहे प्रोजेक्ट कुछ समय के लिए रुक भी सकते हैं. अगस्त के बाद से पुन: रफ्तार बनेगी और आप अपने कामों को करने के लिए एक बार फिर से प्रयास करें. नौकरी करने वालों के लिए कुछ चेंज हो सकता है. इस समय के दौरान अपने अधिकारियों से परेशानी बढ़ सकती है. अचानक से काम का बोझ भी अधिक बढ़ कर आपको मिल सकता है.

    जो लोग नौकरी में बदलाव करने का सोच रहे हैं वे कोशिश कर सकते हैं पर अभी काम में अच्छा लाभ नहीं मिल पाएगा थोड़े में ही संतुष्ट होना पड़ेगा. जो लोग रिसर्च से संबंधित कोई काम कर रहे हैं उन्हें लाभ मिल सकता है.

    व्यापार से जुड़े लोगों को शनि का यह गोचर परेशानियां दे सकता है. इस समय किसी के साथ मिलकर काम करने के विषय में अधिक नहीं सोचना ही बेहतर होगा. अगर लम्बे समय से पार्टनर्शिप चली आ रही है तो, उसे छोड़ने का मन अचानक से नहीं बनाए. थोड़ा समय लीजिए और सोच विचर करके ही किसी निर्णय पर पहुंचे. जल्दबाजी में लिए गए आपके फैसलों का बुरा प्रभाव पड़ सकता है.

    मिथुन राशि के जातको को चाहिए की अपने अधिकारियों और निम्न स्तर पर काम कर रहे लोगों के साथ व्यर्थ के विवाद में नहीं उलझें. परिवार से दूर जाकर काम करने के मौके भी मिलेंगे ऎसे में परेशानी हो सकती है. अपने व्यापार को बढ़ाने के लिए अभी धन उधार नहीं लेना ही बेहतर होगा थोड़ा रुक कर ही इस काम को करें.

    शनि के गोचर का मिथुन राशि के स्वास्थ्य पर कैसा प्रभाव रहेगा

    मिथुन राशि के जातकों को इस समय सेहत से जुड़े मामलें परेशान तो करेंगे. आप इस समय पेट से संबंधित दुइक्कतों और स्नायु तंत्र से संबंधित रोगों से परेशान अधिक रह सकते हैं. आठवें भाव में बैठा हुआ शनि इस समय आपके पुराने रोग बढ़ाने का काम कर सकता है और कोई अचानक से होने वाली बिमारी को लम्बा भी खिंच सकता है. लेकिन इलाज से स्थिति नियंत्रित भी होगी क्योंकि अपने ही घर का स्वामी होकर वो आपका बचाव भी करेगा. अगर स्वास्थ्य की परेशानी देगा तो उसका सुधार भी हो जाएगा.

    शनि के गोचर का मिथुन राशि के पारिवारिक जीवन पर प्रभाव

    परिवार में स्थिति सामान्य से कम ही रहेगी शनि का दूसरे भाव को देखना कुटुम्ब में वृद्धि का कारण भी बनता है. ऎसे में परिवार में किसी नए सदस्य का आगमन भी हो सकता है. इसके साथ ही घर पर मेहमानों का आना जाना लगा ही रहेगा. आप अपनी वाणी के कारण दूसरों से मतभेद की ओर बढ़ सकते हैं. परिवार में कलेश भी रह सकता है और छोटी-छोटी बातों को लेकर चिंताएं भी अधिक रहेंगी. कोई पैतृक संपत्ति की बात भी इस समय उठ सकती है. किसी गुरु के आश्रम अथवा किसी धर्म स्थल पर जाने की योजना भी बनेगी. आध्यात्मिक बल मजबूत होगा.

    शनि के गोचर का मिथुन राशि के प्रेम संबंध और विवाह पर असर

    प्रेम के मामले में आप खुल कर सामने नहीं आना चाहेंगे. ऎसे में आपके मन में ही कहीं आपकी बात दब कर नही रह जाए इस बात का ख्याल भी रखें. जहां आप काम करते हैं उस स्थान पर भी किसी के साथ आपकी नजदीकियां बढ़ सकती हैं. दांपत्य जीवन के लिए स्थिति थोड़ी सी परेशानी दे सकती है. जीवन साथी के स्वास्थ्य पर बुरा असर भी पड़ सकता है. इस समय आप प्रैक्टिकल अधिक हो सकते हैं. ऎसे में सुझाव है की भावनात्मकता को भी बनाएं रखें और अपनी बातों से दूसरों को कष्ट नहीं होने दीजिएगा.

    उपाय

  • महामृत्यंजय का पाठ नियमित रुप से करें. शिवलिंग पर जलाभिषेक करें.
  • प्रत्येक बुधवार के दिन गणेश मंदिर में जा कर माथा टेंके.
  • शनि स्त्रोत का पाठ शनिवार के दिन किया करें, गरीबों में खाने की वस्तुएं बांटें.
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    वृषभ राशि वालों के लिए कैसा रहेगा शनि का गोचर

    शनि का मकर राशि में गोचर सभी बारह राशियों पर अलग-अलग रुप से पड़ेगा. इसके अलाव शनि का गोचर अनेक घटनाओं को भी प्रभावित करने वाला होगा. सामाजिक एवं राजनीतिक स्तर पर भी ये विश्व पर असर डालने वाला होगा. शनि सबसे मंद गति से चलने वाला ग्रह है, ऎसे में एक राशि में ढाई साल तक गोचर करते रहते हैं. अपने गोचर के समय वह वक्री और मार्गी दोनों तरह से गोचर करते हैं. साल 2020 में 24 जनवरी को शनि धनु राशि से निकल कर अपनी स्वराशि मकर में राशि में प्रवेश करेंगे और पूरे ढाई साल इसी में रहेंगे.

    मकर राशि में 11 मई से 29 सितंबर के मध्य तक शनि वक्री अवस्था में गोचरस्थ करें. दिसंबर में शनि ग्रह अस्त हो जाएंगे. ऎसी अन्य बहुत सी घटनाएं शनि के गोचर समय पर होंगी जिनका असर किसी न किसी रुप में सभी पर असर डालने वाला होगा. वृषभ राशि वालों के लिए शनि देव नवम भाव और दशम भाव के स्वामी होते हैं. वृषभ राशि वालों के लिए शनि एक अच्छे भावों के स्वामी बनते हैं. इस कारण इन राशि वालों के लिए शनि का गोचर थोड़ा समान्य रहता है.

    आइये जानते है शनि के 2020 मे मकर राशि में गोचर का वृषभ राशि वालों पर क्या असर होगा :-

    शनि के गोचर का वृष राशि वालों की आर्थिक स्थिति पर प्रभाव

    आर्थिक रुप से आपके लिए थोड़ा समय अच्छा भी रहेगा. भाग्य भाव में गोचरस्थ होने के कारण भाग्य में वृद्धि होगी. अपके बहुत से काम भाग्य के सहारे ही आगे बढ़ सकते हैं. परिवार की ओर से कुछ आर्थिक लाभ की उम्मीद भी इस समय की जा सकती है. पिछले प्रोजेक्ट जो अधूरे पड़े हुए थे उनके बढ़ने से आपको थोड़ी राहत मिलेगी और आर्थिक लाभ भी होगा. पर कुछ मामलों में आप आलस्य के चलते उस लाभ को नहीं पा सकें जिसकी उम्मीद आपने अभी तक लगा रखी होगी.

    अपने कार्यक्षेत्र में दूसरों की मदद से बचें खुद अपने कामों को पूरा करने की कोशिश करें. आपके प्रयास ही आपको सफलता दिलाने और भाग्य का सहयोग पा सकेंगे. कुछ मामलों में आपको भागदौड़ अधिक करने की जरुरत होगी. परिवार में भाई बहनों के कारण आपकी जिम्मेदारियां भी बढ़ सकती हैं ओर उनसे नोक झोंक भी होने की आशांका रहेगी. इस समय आपके स्वास्थ्य एवं कोर्ट केस इत्यादि पर भी धन का व्यय दिखाई देता है. अपने शत्रुओं से सावधन रहें क्योकि वे आपको नुकसान पहुंचाने की कोशिश भी कर सकते हैं इस लिए जरुरी है कि अपने कामों में थोड़ी सजगता लाएं और स्वयं को थोड़ी रफ्तार भी दीजिए.

    कुछ मामलों में आप अपने जिद्दी स्वभाव के चलते भी नुक्सान उठा सकते हैं. अप्रैल और जून का समय आप आर्थिक लाभ और घाटे को लेकर मिले जुले फल पाएंगे. शनि जिस भाव में बैठते हैं उस भाव की वृद्धि करते हैं ऎसे में भाग्य भाव में बैठना भाग्य की वृद्धि दिखाता है पर साथ ही अटकाव और उलझनों की भी लाएगा. फरवरी माह के दौरान अपनी मेहनत द्वारा लाभ में वृद्धि पा सकते हैं. धार्मिक कार्यों में भी आपका धन लगेगा और यात्राएं भी होंगी. पर एक बात तो निश्चित है की यदि आप कठोर संघर्ष करने को तैयार रहेंगे तो आपके भाग्य वृद्धि भी अवश्य होगी.

    शनि के गोचर का वृष राशि वालों के पारिवारिक जीवन पर प्रभाव

    शनि का गोचर परिवार में वाद विवाद को देने वाला होगा. इस समय आपके अपने वरिष्ठ जनों के साथ कुछ मतभेद रहेंगे जो लम्बे समय तक आप को प्रभावित भी कर सकते हैं. इसलिए आपके लिए सलाह है की अपनी वाणी में नम्रता रखें क्योंकि राहु का प्रभाव आपको क्रोध और मनमर्जी करने वाला बना सकता है और साथ ही शनि का गोचर होने के कारण आप अपनी बात को सही सिद्ध करने में ज्यादा समय लगा सकते हैं.

    पिता के साथ वैचारिक मतभेद उभर सकते हैं, इसके साथ ही कुछ कारणों से उनके स्वास्थ्य पर भी असर पड़ सकता है. स्वास्थ्य को लेकर भी आप कुछ चिंतित रह सकते हैं. इस लिए आपके लिए सलाह है की अपने क्रोध और मतभेद को उत्पन्न नहीं होने दीजिए.

    आपका क्रोध अपने भाई बहनों पर अधिक रह सकता है और आप अपने ऎसे कामों से परेशान हो कर चिड़चिड़ा सकते हैं जिनमें आपको बहुत अधिक मेहनत कर पड़ रही है. ये दोनों ही बातें आप को अपने लोगों से दूरी बनाने को प्रेरित अधिक करेंगी. कुछ मामलों में परिवार में भाई बंधुओं को आपसे मदद की इच्छा भी रहेगी या फिर किन्हीं कारणों से उनको लेकर आप कुछ चिंता में भी रहेंगे. शनि की वक्री दृष्टि संबंधों में दूरी पैदा करने का कारण भी बन सकती है.

    इस समय आपमें थोड़ा अहंकार भी बढ़ेगा आपको लग सकता है की चीजें आपके कारण ही संभव हो रही है. कुछ समान इत्यादि भी आपको इस समय मिलने की उम्मीद भी दिखाई देती है. अपनी सोच को नियंत्रित रखें और हवाबाजी से बचें.

    शनि के गोचर का वृष राशि वालों के प्रेम संबंध और विवाह पर असर

    प्रेम संबंधों के मामले में आपको अपने मित्रों का सहयोग मिलेगा. इस समय आपके रिलेशन थोड़े छुपे रहने वाले हैं या आप अपनी भावनाओं को जल्द ही व्यक्त नहीं करना चाहें. आपको थोड़ा इंतजार करना पड़ सकता है अपने लिए किसी की हां का. अगर आप अपने साथी को अपने मन की बताना चाहते हैं तो आपको थोड़ा जल्दी से काम लेना होगा अन्यथा आपके हाथ से मौका भी जा सकता है. कुछ कारणों से संभव है की आप को व्यर्थ में दूसरों की बातें सुननी पड़ें या आपके छुपे प्रेम संबंध भी इस समय सभी के सामने भी आ सकते हैं इसलिए अपनी छवि को सही बनाए रखने के लिए आपको ही कोशिश करनी होगी की ऎसा कोई कार्य नहीं करें जिसके चलते दूसरे लोग आपको परेशान करें.

    दांपत्य जीवन में साथी का सहयोग मिलेगा और वह आपके लिए उचित सलाहकार भी हो सकता है. जीवन साथी के साथ कुछ मामलों में सहमति नहीं बन पाए लेकिन फिर भी एक दूसरे का साथ निभाने में आप आगे रहेंगे. साथी का स्वास्थ्य को लेकर भी आप थोड़े चिंतित रहेंगे.

    शनि के गोचर का वृष राशि वालों के स्वास्थ्य पर कैसा प्रभाव रहेगा

    सेहत के संदर्भ में सामान्य तो रहेगा लेकिन जब गुरु का संबंध शनि के साथ बनेगा तब कुछ रोग परेशान कर सकते हैं. अचानक से ही दिक्कत अधिक बढ़ सकती है. ऎसे में चिकित्सक के चक्कर लगाने पड़ सकते हैं. अपने खान पान का ख्याल रखें और जिन लोगों को मधुमेह की शिकायत रहती है उन्हें अपनी नियमित जांच कराते रहने की जरुरत भी है.

    कुछ कारणों से आप पर पहले से चले आ रहे रोग भी जल्द ही असर डालते दिखाई देंगे. नकारात्मक विचार कुछ अधिक प्रभाव डाल सकते हैं, इसलिए बहुत अधिक सोच विचार से बचें. संक्रमण का खतरा भी रहेगा. शत्रु से परेशानी बढ़ सकती हैं, वे आप पर हावी भी हो सकते हैं जिसके कारण भी आप का स्वास्थ्य चिंता की अधिकता के कारण खराब हो सकता है. घुटनों और पैरों में दर्द हो सकता है अथवा वात और पित्त की अधिकता से भी स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है.

    शनि के गोचर का वृष राशि वालों की नौकरी और व्यापार पर प्रभाव

    यदि आप नई नौकरी की तलाश कर रहे है तो निश्चित ही नौकरी मिलेगी धैर्य रखें विलम्ब हो सकता है. यदि आप नौकरी कर रहें है और दूसरी नौकरी की इच्छा रखते है तो उसके लिए भी अनुकूल है आपको इस समय का लाभ उठाना चाहिए. कार्यस्थल पर आपके सहकर्मी धोखा दे सकते हैं जिससे मानसिक कष्ट होगा। यदि सरकार के अधीन कार्य कर रहे है तो सतर्क रहे अधिकारियों से डांट सुननी पर सकता है.

    छात्रों के लिए शनि का गोचर शुभ फल देने वाला होगा. प्रतियोगी परिक्षाओं में आप सफल भी हो सकते हैं. अपनी ओर से तैयारी बनाए रखें तो सफलता आपको अवश्य मिल सकती है.

    उपाय

  • अपनी सोच में शुभता रखें और सकारात्मक बने रहें.
  • धार्मिक कार्य कलापों द्वारा शुभता प्राप्त होगी.
  • भाग्य की वृद्धि आपके संघर्ष से ही होगी. इसके साथ धैर्य के साथ काम लीजिए और अपनी वाणी पर संयम बरतें।
  • परिश्रम करें और आलस्य का त्याग करने पर सफलता प्राप्त होगी.
  • पीपल पर सरसों के तेल का दीपक जलाएं.
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    शनि का मकर राशि में गोचर मेष राशि वालों के लिए कैसा रहेगा

    शनि का गोचर प्रत्येक राशि के लिए अढाई वर्ष का समय लेता है. सभी ग्रहों में शनि ग्रह ही ऎसे ग्रह हैं जो किसी भी राशि में सबसे अधिक समय लेते हैं. इस गोचर में शनि का वक्री-मार्गी गति के साथ गोचर करना भी महत्व रखता है. कई बार तेज गति में तो कई बार धीमी गति इत्यादि का भी गोचर रुप में असर देखने को मिलता है.

    शनि का गोचर मकर राशि में होगा पर ये सभी 12 राशियों पर अपना असर भी डालेगा. इस प्रभाव में आने वाली पहली राशि मेष है. मेष राशि वालों के लिए आइये जानते हैं कैसा रह सकता है शनि का गोचर आने वाले ढ़ाई वर्षों के लिए. मेष राशि वालों के लिए शनि का ताम्र पाया रहेगा.

    शनि के गोचर का मेष राशि वालों की आर्थिक स्थिति पर प्रभाव

    मेष राशि वालों के लिए शनि का गोचर दशम भाव में होगा. मेष राशि के लिए शनि दशम भाव और एकादश भाव के स्वामी होते हैं. जो उनके लाभ और काम की प्रवृत्ति की ओर ईशारा करता है. शनि मेष राशि वालों के लिए सम कहा गया है. लेकिन मंगल और शनि का शत्रु संबंध होने के कारण ये समय परेशानी भी दे सकता है. इस लिए ये समय मेष वालों के लिए मिले जुले परिणाम देने वाला होगा. मेष राशि वालों के लिए शनि आर्थिक लाभ देने में सहायक बनता है.

    इस समय धनार्जन के लिए मेहनत अधिक रहेगी लेकिन कई मामलों में टाल-मटोल का रवैया भी परेशानी देने वाला बन सकता है. अपने आलस्य को त्यागें और काम पर ध्यान देने की कोशिश करें. कोई बाहरी व्यक्ति के संपर्क से आपको धनार्जन के मौके अच्छे मिलेंगे. इस समय एक बात आपके लिए सकारात्मक रह सकती है की परेशानी के बावजूद भी आप अपने लिए आर्थिक क्षेत्र में लाभ को पा सकने में सफल भी होंगे. मई से अगस्त तक के समय पर थोड़ा ध्यान देने की जरुरत रहेगी क्योंकि इस समय आपको लाभ पाने के लिए प्रयास अधिक करने होंगे.

    इस समय आप मानसिक रुप से थोड़ा परेशान रह सकते हैं और कई मामलों में व्यर्थ की भागदौड़ के कारण थकान भी बढ़ सकती है. अप्रैल से जुलाई तक के समय अपनी बचत के प्रति सजग रहें. शेयर मार्किट या कोई भी किसी ऎसा शार्ट-टर्म काम न करें जिनमें आपको लगे की पैसा लगा देने से दोगुना लाभ मिलेगा.

    शनि के गोचर का मेष राशि वालों की नौकरी और व्यापार पर प्रभाव

    काम काज के क्षेत्र में मेष राशि वालों को अभी व्यस्तता देखने को मिलेगी. अचानक से काम बढ़ सकता है और बहुत से लोगों की मदद से काम को सिखने का भी अवसर मिलेगा. कुछ ऎसे प्रोजेक्ट अभी सामने आएंगे जिनका लाभ आपको फरवरी माच के समय में मिल सकता है. इस समय के दौरान ने काम का आरंभ भी हो सकता है. जो लोग जनवरी के दौरान काम की तलाश में होंगे उस समय उन्हें काम के मौके भी मिलेंगे.

    अपने उच्च अधिकारियों के साथ ताल मेल अच्छे से बना कर काम करें. गुरु की पंचम दृष्टि थोड़ा सहायक बनेगी लेकिन नीचस्थ गुरु के कारण भाग्य का सहयोग सही समय पर नहीं मिल पाने के कारण परेशानी अधिक बढ़ सकती है. जून-जुलाई के समय काम में परिवर्तन दिखाई देगा. इस समय के दौरान चिंताएं रह सकती हैं. कुछ यात्राओं के भी मौके मिलेंगे.

    जो लोग अपने काम को विदेश में स्थापित करने या बाहर जाकर कुछ करने के विचार में हैं उनके लिए समय सकारात्मक हो सकता है.अपनी तरफ से कोशिशें जारी रखें.

    शनि के गोचर का मेष राशि वालों के पारिवारिक जीवन पर प्रभाव

    घरेलू स्तर पर चिंताएं अधिक रहने वाली हैं. सुख में कमी भी आ सकती है. क्योंकि शनि सप्तम दृष्टि से आपके सुख भाव को देखेंगे. इस समय परिवार में किसी नए सदस्य का आगमन भी हो सकता है. घरेलू चिंता अधिक रहेगी. आपको बाहरी लोगों से भी इस समय कुछ मदद मिल सकती है. किसी परिवार के सदस्य के कारण घर की शांति भी भंग होती दिखाई देती है.

    अपने लोगों के साथ मिलकर काम करें परिवार से दूर नहीं जाएं क्योंकि इस कारण आप ही अकेलेपन के शिकार होंगे. इस समय शांति के साथ चीजों को समझें जल्दबाजी में निर्णय नहीं लेने चाहिए. कोई नया वाहन इत्यादि लेने की उम्मीद साल के अंत में दिखाई दे सकती है. बच्चों को अभी शायद आप अधिक ध्यान नहीं दे पाएं ऎसे में आगे चलकर परेशानी बढ़ सकती है. इसलिए अभी से ही हर बात को ध्यान में रखें और उनके मित्रों व उनकी पढ़ाई इत्यादि की ओर समय समय पर ध्यान देते रहें.

    शनि के गोचर का मेष राशि वालों के प्रेम संबंध और विवाह पर असर

    विवाह और प्रेम संबंधों पर शनि का गोचर मिले जुले प्रभाव वाला रह सकता है. एक लम्बे समय से चली आ रही उधेड़बुन इस समय शांत हो सकती है. विवाह इत्यादि मांगलिक कार्य होंगे. इस समय जीवन साथी के साथ थोडी़ बहुत अनबन भी रहेगी क्योंकि शनि की दृष्टि विवाह संबंधों में तनाव लाने का काम कर सकती है. आपका जिद्दी होना दूसरे के लिए परेशानी का सबब भी बन सकता है.

    प्रेम संबंधों में सामान्य ही रहेगा बहुत अधिक गर्मजोशी न दिखें लेकिन अपनी ओर से मन में न जाने कितने ही विचार उभर सकते हैं. इस समय आप की दोस्ती कुछ दूर के लोगों से अधिक हो सकती है. सोशल मीडिया का असर भी आप पर अधिक दिखाई देने वाला है. किसी के साथ रिश्ते में आंख बंद करके भरोस नहीं करें.

    शनि के गोचर का मेष राशि वालों के स्वास्थ्य पर कैसा प्रभाव रहेगा

    शनि का गोचर मेष राशि के जातकों को उनके व्यवसाय अथवा नौकरी के क्षेत्र में व्यस्त अधिक रखेगा. इसी के साथ स्वास्थ्य पर भी असर होगा क्योंकि शनि की दृष्टि बारहवें भाव को प्रभावित करेगी ऎसे में परिवार के लोगों के प्रति भी स्वास्थ्य चिंताएं अधिक होंगी और खर्च की अधिकता तो रहने ही वाली है. इस समय छाती में दर्द और पैरों में दर्द की शिकायत अधिक रह सकती है. शरीर में वात की अधिकता होने से भी दिक्कत अधिक रह सकती है.

    उपाय

  • शनि के दुष्प्रभाव से बचने के लिए शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष पर दूध और जल अर्पित करें और सरसों के तेल का दीपक जलाएं. शनि की शांति के लिए इन उपायों को अवश्य करें, इनसे लाभ प्राप्त होगा.
  • सोमवार के दिन शिवलिंग का दूध से अभिषेक किया करें.
  • अपने से नीचले स्तर पर काम कर रहे लोगों के सथ मैत्री भाव बना कर रखें.
  • वाणी पर नियंत्रण रखें.
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    नव संवत्सर 2078 कैसा रहेगा हम सभी के लिए, आईये जानते हैं विस्तार से

    13 अप्रैल 2021 को नव विक्रम संवत का आरंभ होगा. 2078 का नव संवत्सर “राक्षस” नाम से पुकारा और जाना जाएगा. इस वर्ष संवत के राजा मंगल होंगे और मंत्री भी मंगल ही होंगे. राक्षस नामक संवत के प्रभाव से विकास के कार्यों में व्यवधान की स्थिति देखने को मिल सकती है. इस समय पर राजा और मंत्री दोनों ही मंगल होने के कारण स्थिति थोड़ी मुश्किल हो सकती है. इस समय पर लोगों के मध्य निरंकुशता का प्रभाव देखने को मिल सकता है.

    सम्वत राजा मंगल

    इस वर्ष संवत का राजा मंगल होगा. मंगल के प्रभाव से एक चीज जो मुख्य रुप से देखने को मिल सकती है वह है लोगों के भीतर उत्साह ओर क्रोध. इस समय पर दुर्घटनाओं के प्रभाव से शुभ जन मानस के साथ प्रकृति भी प्रभावित हो सकती है. मंगल के प्रभाव के कारण चीजों में उछाल भी देखने को मिल सकता है. इस समय पर प्रक्रति में बदलाव भी देखने को मिलेगा. भारी वर्षा और चक्रवात की स्थिति हो सकति है. अग्नि से होने वाली दुर्घटनाओं में वृद्धि भी देखने को मिल सकती है. पशों की कमी या पशुओंकी हानि हो सकती है. शासन के प्रति आरोप प्रत्यारोपों का दोर भी देखने को मिल सकता है.

    सम्वत मंत्री मंगल

    इस वर्ष मंत्री मंगल हैं. इस कारण स्थिति थोड़ी जटिल हो सकती है. मंगल के ही मंत्री होने के कारण भौतिक सुख सुविधाओं को लेकर खिंचतान रह सकती है. राज्यों में चोरी ठगी, भ्रष्टाचार होने से हिंसा की स्थिति पनपेगी. जनता के मध्य उपद्रव होने की स्थिति रहेगी. जन धन की हानि होने और नेताओं में परस्पर विरोध की स्थिति भी दिखाई देगी. रोगों की अधिकता से लोगों के मध्य भय की स्थिति रह सकती है. धार्मिक भावनाओं के प्रति रुढी़वादीता देखने को मिलेगी. लोग चोरों और तस्करों के कारण परेशानी जेल सकते हैं.

    इस वर्ष राजा और मंत्र दोनों ही मंगल हैं. इस कारण स्थिति थोड़ी जटिल हो सकती है. मंगल के ही मंत्री होने के कारण भौतिक सुख सुविधाओं को लेकर खिंचतान रह सकती है. राज्यों में चोरी ठगी, भ्रष्टाचार होने से हिंसा की स्थिति पनपेगी. जनता के मध्य उपद्रव होने की स्थिति रहेगी. जन धन की हानि होने और नेताओं में परस्पर विरोध की स्थिति भी दिखाई देगी. रोगों की अधिकता से लोगों के मध्य भय की स्थिति रह सकती है. धार्मिक भावनाओं के प्रति रुढी़वादीता देखने को मिलेगी. लोग चोरों और तस्करों के कारण परेशानी जेल सकते हैं.

    सस्येश (फसलों) का स्वामी शुक्र

    इस समय सस्येश शुक्र के होने से रस भरे फलों की अच्छी पैदावार हो सकती है. शुक्र का प्रभाव होने से रस और दूध और फलों की वृद्धि अच्छी होगी. इस के साथ ही इन फलों के अतिरिक्त गेहूं, ईख (गन्ना) और फलदार वृक्षों और फूलों की पैदावार भी अच्छी हो सकती है. मौसमी फलों की पैदावार भी अच्छी हो सकती है.सोना, चम्दी घी तेल चावल इत्यादि का व्यापार करने वालों के लिए समय लाभ का होगा. कृषि के क्षेत्र में अच्छा रुख दिखाई दे सकता है. पशुओं से लाभ मिलने की उम्मीद भी दिखाई देती है. खेती से जुड़े व्यापारियों को भी लाभ मिलने की अच्छी स्थिति दिखाई देती है.

    मेघश मंगल/चंद्र का प्रभाव

    मेघेश यानी के वर्षा का स्वामी. इस वर्ष मंगल और चंद्रमा को मेघेश का स्थान प्राप्त हो रहा है. मंगल के प्रभाव से प्रतिकूल वर्षा की स्थिति देखने को मिल सकती है. समाज में इस कारण अव्यवस्था फैल सकती है. बाढ़ और भूस्खलन का प्रभाव भी पड़ सकता है.

    मेघश चंद्र का प्रभाव

    मेघश चंद्रमा का प्रभाव जहां पर होग औस स्थान पर दुध और रस दार पदार्थों का प्रभाव अनुकूल रुप से रहेगा. लोगों को इन सभी से लाभ मिलेगा. गेहू और धान की पैदावार अच्छी होगी. वृक्षों पर फल फूलों की पर्याप्त मात्रा बनी रहने वाली है.

    धान्येश बुध का प्रभाव

    धान्येश अर्थात अनाज और धान्य जो हैं उनके स्वामी बुध होंगे. बुध के प्रभाव से खेती अच्छी होगी और अनाज की पैदावार भी अच्छे से होती है. वर्षा का शुभ प्रभाव होने से लाभ की प्राप्ति होती दिखाई देती है. सभी प्रकार के रस भरे पदार्थों में बहुत अच्छी स्थिति रह सकती है. मूल्यों में वृद्धि अधिक रह सकती है. इस समय पंजाब से जुड़े क्षेत्रों में कृषी पर प्रभाव देखने को मिल सकता है. घाटे की स्थिति प्रभावित कर सकती है. इस समय वर्षा की कमी भी इसका कारण हो सकती है. पदार्थों में तेजी आएगी ये वस्तुएं महंगी हो सकती है.शासन की ओर से मदद भी मिल सकती है.

    रसेश सूर्य का प्रभाव

    रसों का अधिकारी सूर्य बनेंगे. सूर्य के प्रभाव से वर्षा की स्थिति कम हो सकती है. भौतिक सुख कुछ कम रह सकते हैं. इस समय पर गर्मी के कारण रसों में कमी का प्रभाव भी आ स्कता है. घी मक्खन, तेल में कुछ कमी होने से इनका महंगा प्रभव भी रहेगा.इस समय पर प्रजा में चीजों की कमी का भय भी रह सकता है. प्रजा और शासन के मध्य में तनाव भी बढ़ सकता है. रसेश के प्रभाव से रुखापन जीवन में अधिक रहने वाला है.

    नीरसेश गुरु का प्रभाव

    नीरसेश अर्थात ठोस धातुओं का स्वामी. इनका स्वामी शुक्र है. शुक्र के प्रभाव से सुंगधित वस्तुओं का व्यापार अच्छे से होने की उम्मीद दिखाई देती है. चीजों में आकर्षण का भाव होगा लोगों में भी इसकी ओर झुकाव रहेगा. इन चीजों की खरीदारी भी अच्छी हो सकती है.

    फलेश चंद्र का प्रभाव

    फलेश अर्थात फलों का स्वामी. फलेश चंद्रमा के प्रभव से शुभ प्रभाव की प्राप्ति हो सकती है. शासन में लोगों का कुछ विश्वास गहरा होगा. न्याय के प्रति लोगों की समझ विकसित होगी. विद्वानों को इस समय लाभ मिल सकता है.

    धनेश गुरु का प्रभाव

    धनेश अर्थात धन का स्वामी राज्य के कोश का स्वामी. धनेश गुरु के होने से यह समय आर्थिक क्षेत्र में थोड़ा अनुकूल कहा जा सकता है. इस समय पर लोगों की ओर से लाभ में वृद्धि का कुछ मौका मिल सकता है. शासन व्यवस्था में व्यापार करने वालों के लिए ये कुछ सकारात्मक स्थिति हो सकती है.

    दुर्गेश चंद्रमा का प्रभाव

    दुर्गेश अर्थात सेना का स्वामी. चंद्रमा के दुर्गेश होने से सैन्य कार्य थोड़े सुस्त देखाई दे सकते हैं. इस समय पर नए चीजों का आगमन तो होगा लेकिन प्रभावशीलता अधिक न दिखाई दे पाए. 

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