जून माह 2023 पंचांग व्रत त्यौहार

जून माह 2023 – ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष (सूर्य उत्तर दक्षिणायन) | Jyeshtha Shukla Paksha (Surya Uttar Dakshinayan) – June 2023

दिनांक व्रत और त्यौहार हिन्दु तिथि

01 जून प्रदोष व्रत, वट सावित्रि व्रत आरंभ, चम्पक द्वादशी ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष  द्वादशी (12)

02 जून शुक्र पुष्य नक्षत्र ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष त्रयोदशी (13)

03 जून भद्रा 11:17 से 22:15 तक, वट सावित्री व्रत, सत्यनारायण व्रत ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष चतुर्दशी (14)

04 जून ज्येष्ठ पूर्णिमा, संत कबीर जयंती ज्येष्ठ पूर्णिमा (15)

जून माह 2023 – आषाढ़ कृष्ण पक्ष (सूर्य उत्तर दक्षिणायन) | Ashad Krishna Paksha (Surya Uttar Dakshinayan) – June 2023

दिनांक व्रत और त्यौहार हिन्दु तिथि

05 जून आषाढ़ कृष्ण पक्ष आरंभ, गण्डमूल आषाढ़ कृष्ण पक्ष प्रतिपदा (1)

06 जून भद्रा 14:21 से 24:51 तक ऋषभनाथ जयंती आषाढ़ कृष्ण पक्ष तृतीया (3)

07 जून श्री गणेश चतुर्थी आषाढ़ कृष्ण पक्ष तृतीया (4)

08 जून सूर्य मृगशिरा नक्षत्र, मंगल आश्लेषा नक्षत्र में आषाढ़ कृष्ण पक्ष पंचमी (5)

09 जून भद्रा 16:21 से 27:12 तक, पंचक आरंभ आषाढ़ कृष्ण पक्ष षष्ठी (6)

10 जून पंचक विचार      आषाढ़ कृष्ण पक्ष सप्तमी (7)

11 जून कालाष्टमी आषाढ़ कृष्ण पक्ष अष्टमी (8)

12 जून भद्रा 22:02 से, गण्डमूल विचार आषाढ़ कृष्ण पक्ष नवमी (9)

13 जून भद्रा 09:29 तक , पंचक समाप्त आषाढ़ कृष्ण पक्ष दशमी (10)

14 जून योगिनी एकादशी व्रत, गण्डमूल आषाढ़ कृष्ण पक्ष एकादशी (11)

15 जून प्रदोष व्रत, आषाढ़ संक्रांति आषाढ़ कृष्ण पक्ष द्वादशी (12)

16 जून भद्रा 08:41 से 20:57 तक, मासशिवरात्रि आषाढ़ कृष्ण पक्ष त्र्योदशी (13)

17 जून पितृकार्येषु अमावस आषाढ़ कृष्ण पक्ष चतुर्दशी (14)

18 जून आषाढ़ अमावस्या आषाढ़ अमावस्या (30)

जून माह 2023 – आषाढ़ शुक्ल पक्ष (सूर्य उत्तर दक्षिणायन) | Ashad Shukla  Paksha (Surya Uttar Dakshinayan) – June 2023

दिनांक व्रत और त्यौहार हिन्दु तिथि

19 जून आषाढ़ नवरात्रि आषाढ़ शुक्ल प्रतिपदा (1)

20 जून जगन्नाथ रथयात्रा आषाढ़ शुक्ल पक्ष द्वितीया (2)

21 जून भद्रा 28:19 से  आषाढ़ शुक्ल पक्ष तृतीया (3)

22 जून भद्रा 17:28 तक, सूर्य आर्द्रा नक्षत्र आषाढ़ शुक्ल पक्ष चतुर्थी (4)

23 जून गण्डमूल विचार आषाढ़ शुक्ल पक्ष पंचमी (5)

24 जून स्कन्द षष्ठी, गण्ड मूल आषाढ़ शुक्ल पक्ष  षष्ठी (6)

25 जून विवस्वत सप्तमी, भद्रा 24:26 से आषाढ़ शुक्ल पक्ष सप्तमी (7)

26 जून भद्रा 13;16 तक,  श्री दुर्गाष्टमी आषाढ़ शुक्ल पक्ष अष्टमी (8)

27 जून भढली नवमी, गुप्त नवरात्र समाप्त आषाढ़ शुक्ल पक्ष नवमी (9)

28 जून   गौरी व्रत आषाढ़ शुक्ल पक्ष दशमी (10)

29 जून देवशयनी (हरिशयनी) एकादशी व्रत, चतुर्मास्य व्रत नियम आरंभ, श्री विष्णु शयनोत्सव आषाढ़ शुक्ल पक्ष  एकादशी (11)

30 जून हरिवासरा आषाढ़ शुक्ल पक्ष द्वादशी (12)

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मई माह 2024 के व्रत और त्यौहार

मई माह – वैशाख कृष्ण पक्ष (सूर्य उत्तरायण) | Vaishakh Krishna Paksha (Surya Uttarayan) –  May 2024

दिनांक व्रत और त्यौहार हिन्दु तिथि

01 मई गुरु कृतिका नक्षत्र गोचर,  वैशाख शुक्ल पक्ष कृष्ण (08)

02 मई पंचक आरंभ 14:33, प्लूटो वक्री वैशाख कृष्ण पक्ष नवमी (09)

03 मई भद्रा आरंभ 12:40 से 23:25 तक, वैशाख कृष्ण पक्ष दशमी (10)

04 मई वरुथिनी एकादशी, वल्लभाचार्य जयन्ती वैशाख कृष्ण पक्ष एकादशी (11)

05 मई प्रदोष व्रत, गणमूल 19:57 से आरंभ वैशाख कृष्ण पक्ष द्वादशी (12)

06 मई भद्रा 14:41 से 25:11 तक, पंचक समाप्त, गुरु अस्त वैशाख कृष्ण पक्ष त्रयोदशी (13)

07 मई टैगोर जयंत, गण्डमूल 15:32 तक , गण्ड मूल वैशाख कृष्ण पक्ष द्वितीया (2) 

08 मई वैशाख अमावस्या वैशाख कृष्ण पक्ष अमावस्या (30) 

मई माह – वैशाख शुक्ल पक्ष (सूर्य उत्तरायण) | Vaishakh Shukla Paksha (Surya Uttarayan) – May 2024

दिनांक व्रत और त्यौहार हिन्दु तिथि

09 मई वैशाख क्ष प्रारंभ ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष प्रतिपदा (1)

07 मई श्रीनारद जयंती, गण्ड मूल ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष द्वितीया (2) 

08 मई भद्रा 07:18 से 19:19 तक, श्री गणेश चतुर्थी ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष तृतीया (3) 

09 मई श्रीगणेश चतुर्थी व्रत, गण्डमूल ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष चतुर्थी (4)

10 मई मंगल कर्क राशि में  ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष पंचमी (5)

11 मई भद्रा 11:28 से  22:18 तक ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष षष्ठी (6)

12 मई पंचक आरंभ , भानु सप्तमी ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष सप्तमी (7)

13 मई अष्टमी व्रत ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष अष्टमी (8)

14 मई भद्रा 15:45 से 26:47 तक ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष दशमी (10)

15 मई ज्येष्ठ संक्रांति, अपरा एकादशी व्रत ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष एकादशी (11)

16 मई अपरा एकादशी पारण, गण्ड मूल ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष द्वादशी (12)

17 मई भद्रा 22:29 से, गण्डमूल,  मासशिवरात्रि व्रत   ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष त्र्योदशी (13)

18 मई गण्डमूल विचार ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष चतुर्दशी(14)

19 मई ज्येष्ठ अमावस, भावुका अमावस, वट सावित्री व्रत, शनैश्चरी जयंती ज्येष्ठ अमावस (30)

मई  माह 2023 – ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष (सूर्य उत्तर दक्षिणायन) | Jyeshtha Shukla Paksha (Surya Uttar Dakshinayan) – May 2023

20 मई श्री गंगा स्नान, वैशाख शुक्ल पक्ष प्रारंभ ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष प्रतिपदा (1)

21 मई बुध नक्षत्र परिवर्तन ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष द्वितीया (2)

22 मई महाराणा प्रताप जयंती, रम्भा तृतीया,उमा अवतार ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष तृतीया (3)

23 मई भद्रा 12:09 से 24:58 तक ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष चतुर्थी (4)

24 मई पंचमी तिथि ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष पंचमी (5)

25 मई  स्कंद षष्ठी, विन्ध्यवासिनी पूजा, अरण्य षष्ठी, गुरु पुष्य योग ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष षष्ठी (6)

26 मई सप्तमी तिथि वृद्धि ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष सप्तमी (7)

27 मई भद्रा 07:43 से 20:50 तक ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष सप्तमी (7)

28 मई श्री दुर्गाष्टमी, धूमावती जयंती, मेला क्षीर भवानी ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष अष्टमी (8)

29 मई  नवमी व्रत         ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष नवमी (9)

30 मई गंगा दशहरा पर्व, भद्रा 25:28 से ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष दशमी (10)

31 मई       भद्रा 13:46 तक, निर्जला एकादशी व्रत, गायत्री जयन्ती ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष एकादशी(11)

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अप्रैल माह 2024 व्रत और त्यौहार

अप्रैल  माह – चैत्र कृष्ण पक्ष (सूर्य उत्तरायण) Chaitra Krishna Paksha (Surya Uttarayan) – 2024

दिनांक व्रत और त्योहार हिन्दु तिथि

01 अप्रैल भद्रा 09:21 तक, शीतला सप्तमी चैत्र कृष्ण पक्ष सप्तमी (7)

02 अप्रैल शीतलाष्टमी   चैत्र कृष्ण पक्ष अष्टमी (8)

05 अप्रैल पंचक आरंभ, पापमोचिनी एकादशी चैत्र कृष्ण पक्ष एकादशी (11)

06 अप्रैल शनि प्रदोष व्रत, वारुणी पर्व चैत्र कृष्ण पक्ष द्वादशी  (12)

07 अप्रैल भद्रा 17:08 तक, मासिक शिवरात्रि, मेला पृथूदव – पिहोवातीर्थ (हरियाणा) चैत्र कृष्ण पक्ष त्रयोदशी (13)

08 अप्रैल सोमवती अमावस   चैत्र कृष्ण पक्ष अमावस्या (30)

अप्रैल माह 2024 – चैत्र शुक्ल पक्ष (सूर्य उत्तरायण) | Chaitra Shukla Paksha (Surya Uttarayan) – 2024

दिनांक व्रत और त्यौहार हिन्दु तिथि

09 अप्रैल युगादी, गुड़ी पड़वा, चैत्र नवरात्रि, झूलेलाल जयन्ती, कालयुक्त संवत आरंभ  चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा (1) 

10 अप्रैल  चंद्र दर्शन चैत्र शुक्ल पक्ष द्वितीया (2) 

11 अप्रैल मत्स्य जयन्ती, गौरी पूजा, गणगौर चैत्र शुक्ल पक्ष तृतीया (3)

12 अप्रैल विनायक चतुर्थ,, लक्ष्मी पञ्चमी, चैत्र शुक्ल पक्ष चतुर्थी (4)

13 अप्रैल  वैशाख संक्रांति, नाग पंचमी, स्कन्द षष्ठी, यमुना छठ चैत्र शुक्ल पक्ष पंचमी (5)

15 अप्रैल अशोकाष्टमी, चैत्र शुक्ल पक्ष सप्तमी (7)

16 अप्रैल दुर्गाष्टमी, बुधाष्टमी,  भवान्युत्पत्ति चैत्र शुक्ल पक्ष अष्टमी (8)

17 अप्रैल रामनवमी व्रत, महातारा जयंती चैत्र शुक्ल पक्ष नवमी (9)

18 अप्रैल गण्डमूल विचार , नवरात्र पारणा  चैत्र शुक्ल पक्ष दशमी (10)

19 अप्रैल कामदा एकादशी चैत्र शुक्ल पक्ष एकादशी (11)

20 अप्रैल वैष्णव कामदा एकादशी, वामन द्वादशी चैत्र शुक्ल पक्ष द्वादशी (12)

21 अप्रैल प्रदोष व्रत, अनंग त्रयोदशी,     महावीर स्वामी जयन्ती                        चैत्र शुक्ल पक्ष त्रयोदशी (13) 

22 अप्रैल   शिव दमनोत्सव चैत्र शुक्ल पक्ष चतुर्दशी (14) 

23 अप्रैल श्री हनुमान जयंती (दक्षिणी भारत), वैशाख स्नान प्रारंभ,  चैत्र पूर्णिमा चैत्र पूर्णिमा (15)

अप्रैल माह – वैशाख कृष्ण पक्ष (सूर्य उत्तरायण) | Vaishakh Krishna Paksha (Surya Uttarayan) – April 2024

दिनांक व्रत और त्यौहार हिन्दु तिथि

24 अप्रैल वैशाख कृष्ण पक्ष प्रारंभ, तिथि वृद्धि वैशाख कृष्ण पक्ष प्रतिपदा (1)

25 अप्रैल बुध मार्गी वैशाख कृष्ण पक्ष प्रतिपदा (1) 

26 अप्रैल भद्रा, गण्ड मूल वैशाख कृष्ण पक्ष द्वितिया (2)

27 अप्रैल श्री गणेश चतुर्थी व्रत वैशाख कृष्ण पक्ष तृतीया(3)

28 अप्रैल सती अनुसूया जयंती, गण्डमूल वैशाख कृष्ण पक्ष चतुर्थी (4)

30 अप्रैल त्रिपुष्कर योग वैशाख कृष्ण पक्ष षष्ठी (6)

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मार्च 2024 के व्रत तथा त्यौहार | Fast and Festivals Dates in March 2024 Hindu Festivals 2024

मार्च माह 2024 – फाल्गुन कृष्ण पक्ष (सूर्य उत्तरायण) | Phalgun Krishna Paksha (Surya Uttarayan) – 2024

दिनांक व्रत और त्योहार हिन्दु तिथि

01 मार्च फाल्गुन कृष्ण पक्ष षष्ठी, तिथि वृद्धि फाल्गुन कृष्ण पक्ष षष्ठी (6)

02 मार्च  भद्रा 07:54 से 20:20 तक फाल्गुन कृष्ण पक्ष षष्ठी (6)

03 मार्च  श्री नाथ उत्सव फाल्गुन कृष्ण पक्ष सप्तमी (7)

04 मार्च  जानकी व्रत फाल्गुन कृष्ण पक्ष अष्टमी (8)

05 मार्च  रामदास नवमी फाल्गुन कृष्ण पक्ष नवमी (9)

06 मार्च विजया एकादशी (स्मार्त) फाल्गुन कृष्ण पक्ष एकादशी (11)

07 मार्च  विजया एकादशी व्रत (वैष्णव) फाल्गुन कृष्ण पक्ष द्वादशी (12)

08 मार्च  पंचक आरंभ,  प्रदोष व्रत, श्री महाशिवरात्रि व्रत फाल्गुन कृष्ण पक्ष त्रयोदशी (13)

10 मार्च  फाल्गुन अमावस, अमावस्या फाल्गुन कृष्ण पक्ष अमावस (30)

मार्च माह 2024 – फाल्गुन शुक्ल पक्ष (सूर्य उत्तरायण) | Phalgun Shukla Paksha (Surya Uttarayan) – 2024 

दिनांक व्रत और त्योहार हिन्दु तिथि

11 मार्च  फाल्गुन शुक्ल पक्ष आरंभ, फाल्गुन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा (1)

12 मार्च फूलेरा दूज, श्री राम कृष्ण परमहंस जयंती फाल्गुन शुक्ल पक्ष द्वितीया (2)

13 मार्च अविघ्नकर व्रत फाल्गुन शुक्ल पक्ष चतुर्थी (4)

14 मार्च चैत्र संक्रांति, याज्ञवल्क्य जयंती फाल्गुन शुक्ल पक्ष पंचमी (5)

15 मार्च षष्ठी व्रत फाल्गुन शुक्ल पक्ष षष्ठी (6)  

16 मार्च  शनि उदय, सप्तमी व्रत फाल्गुन शुक्ल पक्ष सप्तमी (7)

17 मार्च होलाष्टक प्रारंभ, अन्नपूर्णा अष्टमी फाल्गुन शुक्ल पक्ष अष्टमी (8)

18 मार्च नवमी तिथि व्रत फाल्गुन शुक्ल पक्ष नवमी (9)

20  मार्च आमलकी एकादशी  फाल्गुन शुक्ल पक्ष एकादशी (11)

21 मार्च गोविंद द्वादशी फाल्गुन शुक्ल पक्ष द्वादशी (12)

22 मार्च प्रदोष व्रत फाल्गुन शुक्ल पक्ष त्रयोदशी (13)

23 मार्च महेश्वर व्रत, वृषदान व्रत फाल्गुन शुक्ल पक्ष त्रयोदशी (13)

24 मार्च भद्रा 09:56 से 23:13 तक, होलिका दहन फाल्गुन शुक्ल पक्ष चतुर्दशी (14)

25 मार्च फाल्गुन पूर्णिमा, होलाष्टक समाप्त, होली पर्व, श्री चैतन्य महाप्रभु जयंती फाल्गुन शुक्ल पक्ष पूर्णिमा (15)

मार्च माह – चैत्र कृष्ण पक्ष (सूर्य उत्तरायण) Chaitra Krishna Paksha (Surya Uttarayan) – March 2024

दिनांक व्रत और त्योहार हिन्दु तिथि

26 मार्च चैत्र कृष्ण पक्ष आरंभ, वसन्तोत्सव, होला मेला, श्रीआनंदपुर व पोंटा साहिब चैत्र कृष्ण पक्ष प्रतिपदा (1)

27 मार्च संत तुकाराम जयंती चैत्र कृष्ण पक्ष द्वितीया (2)

28 मार्च श्री गणेश चतुर्थी व्रत चैत्र कृष्ण पक्ष तृतीया (3)

29 मार्च श्री भगवान्नारायण जयंती चैत्र कृष्ण पक्ष चतुर्थी (4)

30 मार्च श्री रंग पंचमी, मेला नवचंडी मेरठ प्रारंभ चैत्र कृष्ण पक्ष पंचमी (5)

31 मार्च गण्डमूल, एकनाथ षष्ठी चैत्र कृष्ण पक्ष षष्ठी (6)

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फरवरी माह 2025 व्रत त्यौहार पंचांग

फरवरी माह 2025 – माघ शुक्ल पक्ष (सूर्य उत्तरायण) | Magh Shukla Paksha(Surya Uttarayan) – February 2025

दिनांक व्रत और त्यौहार हिन्दु तिथि

01 फरवरी बुध मकर राशि प्रभाव माघ कृष्ण पक्ष तृतीया (3)

02 फरवरी स्वामी बसंत पंचमी माघ कृष्ण पक्ष चतुर्थी (4)

03 फरवरी पंचक समाप्त माघ कृष्ण पक्ष पंचमी (5)

04 फरवरी रथ आरोग्य सप्तमी माघ शुक्ल पक्ष सप्तमी (07)

05 फरवरी भीमाष्टमी माघ शुक्ल पक्ष अष्टमी (8)

06 फरवरी गुप्त नवरात्रि समाप्त माघ शुक्ल पक्ष नवमी (09)

07 फरवरी बुध धनिष्ठा नक्षत्र माघ शुक्ल पक्ष दशमी (10)

08 फरवरी जया एकादशी व्रत माघ शुक्ल पक्ष एकादशी (11)

09 फरवरी भीष्म द्वादशी, तिल द्वादशी माघ शुक्ल पक्ष द्वादशी (12)

10 फरवरी सोम प्रदोष व्रत माघ शुक्ल पक्ष त्रयोदशी (13)

11 फरवरी बुध कुंभ राशि में प्रवेश माघ शुक्ल पक्ष चतुर्दशी (14)

12 फरवरी माघ पूर्णिमा, माघ स्नान समाप्त, श्री गुरू रविदास जयंती, श्री ललिता जयंती, श्री सत्यनारायण व्रत माघ शुक्ल पक्ष पूर्णिमा (15)

फरवरी माह 2025 – फाल्गुन कृष्ण पक्ष (सूर्य उत्तरायण) | Phalgun Krishna Paksha (Surya Uttarayan) – 2025

दिनांक व्रत और त्योहार हिन्दु तिथि

13 फरवरी फाल्गुन कृष्ण पक्ष प्रारंभ फाल्गुन कृष्ण पक्ष प्रतिपदा (1)

16 फरवरी श्री गणेश चतुर्थी व्रत फाल्गुन कृष्ण पक्ष चतुर्थी (4)

22 फरवरी रामदास नवमी फाल्गुन कृष्ण पक्ष नवमी (9)

24 फरवरी विजया एकादशी (स्मार्त) फाल्गुन कृष्ण पक्ष एकादशी (11)

25 फरवरी भौम प्रदोष व्रत फाल्गुन कृष्ण पक्ष द्वादशी (12)

26 फरवरी महाशिवरात्रि फाल्गुन कृष्ण पक्ष द्वादशी (13)

27 फरवरी फाल्गुन अमावस, अमावस्या फाल्गुन कृष्ण पक्ष अमावस (30)

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जनवरी 2024 व्रत त्यौहार : पौष माह 2024 व्रत त्यौहार

जनवरी 2024 – पौष कृष्ण पक्ष (सूर्य उत्तरायण) | Paush Krishna Paksha (Surya Uttarayan) – January 2024

दिनांक व्रत और त्यौहार हिन्दु तिथि

 

1 जनवरी सन 2024 ईस्वी आरंभ   पौष कृष्ण पक्ष पंचमी  (05)

 

4 जनवरी रुक्मिणी अष्टमी पौष कृष्ण पक्ष अष्टमी (8)   

 

7 जनवरी सफला एकादशी    पौष कृष्ण एकादशी (11)

 

9 जनवरी भौम प्रदोष व्रत, मासिक शिवरात्रि पौष कृष्ण पक्ष त्रयोदशी  (13)

 

11 जनवरी पौष अमावस्या (स्नानदान इत्यादि) पौष अमावस्या (30)



जनवरी 2024 – पौष शुक्ल पक्ष (सूर्य उत्तरायण) | Paush Shukla Paksha (Surya Uttarayan) – January 2024

दिनांक व्रत और त्यौहार हिन्दु तिथि

 

12 जनवरी पौष शुक्ल पक्ष आरंभ, आरोग्य व्रत पौष शुक्ल एकादशी (01)

 

13 जनवरी लोहड़ी, पंचक 23:35 आरंभ पौष शुक्ल पक्ष द्वितीया (02)

 

14 जनवरी मकर संक्रांति, सूर्य प्रवेश मकर राशि में 26:43 में  पौष शुक्ल पक्ष तृतीया (03)

 

17 जनवरी पंचक समाप्त 27:34 में, मार्तण्ड सप्तमी, श्री गुरु गोबिंद सिंह जयंती   पौष शुक्ल पक्ष सप्तमी (07)

 

18 जनवरी श्री दुर्गाष्टमी, महारुद्र व्रत पौष शुक्ल पक्ष अष्टमी (08) 

 

21 जनवरी भद्रा,  पुत्रदा एकादशी व्रत (स्मार्त) पौष शुक्ल पक्ष एकादशी (11)

 

22 जनवरी सुजन्म द्वादशी, त्रिपुष्कर योग, सर्वार्थ सिद्धि योग पौष शुक्ल पक्ष द्वादशी (12)

 

23 जनवरी प्रदोष व्रत, ईशान व्रत पौष शुक्ल पक्ष त्रयोदशी  (13)

 

25 जनवरी भद्रा, पौष पूर्णिमा(स्नानदानादि), माघ स्नान, शाकम्भरी जयंती, स्वामी विवेकानंद जयंती पौष शुक्ल पक्ष पूर्णिमा (15)

 

जनवरी 2024 – माघ कृष्ण पक्ष (सूर्य उत्तरायण) | Magh Krishna Paksha (Surya Uttarayan) – January 2024

 

दिनांक व्रत और त्यौहार हिन्दु तिथि

 

26 जनवरी माघ कृष्ण पक्ष प्रारंभ   माघ कृष्ण पक्ष प्रतिपदा (1)

 

27 जनवरी गण्डमूल विचार माघ कृष्ण पक्ष द्वितीया (2)

 

28 जनवरी भद्रा, गण्डमूल  माघ कृष्ण पक्ष  द्वितीया (2) 

 

29 जनवरी भद्रा, श्री गणेश संकष्ट चतुर्थी व्रत, सौभाग्य सुंदरी व्रत माघ कृष्ण पक्ष तृतीया (3)



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शुक्र का तुला राशि में गोचर दिलाएगा सफलता और आर्थिक समृद्धि

शुक्र को जहां भोग-विलास और समृद्धि से जोड़ कर देखा जाता है. विलासिता इसका नैसर्गिक कारक बनती है. इस कारण तुला राशि के लोगों में वैभव-विलासितापूर्ण जीवन जीने इच्छा भी देखने को मिलती है. शुक्र के प्रभाव से व्यक्ति फैशन से अत्यधिक प्रभावित होते हैं, गीत-संगीत, कला से संबंधित रचनात्मक कार्य इसी राशि के प्रभाव क्षेत्र में दिखाई देते हैं. इन राशि के व्यक्तियों को साज सज्जा पसंद होती है घूमना ओर मौज मस्ती करना भी इन्हें पसंद होता है. आईये जानें कैसा रहेगा शुक्र का तुला राशि पर गोचर और सभी राशियों पर इस का प्रभाव

मेष राशि
आप लोगों के लिए शुक्र का प्रभाव सातवें घर में होने वाला है. शुक्र आपके लिए पारिवारिक क्षेत्र में बदलाव दिखाई दे सकते हैं. परिवार में कुछ लोगों के कारण अलगाव का अनुभव होगा और बातों के प्रति मन में बहुत अधिक दुख का अनुभव भी रहेगा. एक दूसरे के प्रति कोई न कोई मतभेद परेशानी का सबब बन सकता है.

वृषभ राशि
वृषभ राशि के लोगों पर शुक्र का गोचर इस समय आपको मेहनती और कुशल बना सकता है. शुक्र आपकी राशि के स्वामी हैं और छठे में गोचर के कारण आपको विरोधियों से लड़ने की शक्ति भी देंगे और समझ भी विकसित करेंगे. राशि स्वामी शुक्र का छठे घर में होना आपके लिये, नए मौके लाएगा. बच्चों को लेकर आप इस समय ज्यादा ध्यान देने वाले हैं.

मिथुन राशि
मिथुन राशि के लोगों पर इस समय शुक्र का गोचर पंचम भाव को प्रभावित करेगा. शुक्र का गोचर इस स्थान पर होने से आपको अपने रिश्तों में नई बातें दिखाई देंगी. आपको अपने मित्रों का सहयोगे भी मिल सकता है. काम में अच्छा रहने की आपकी कोशिशें आगे बढ़ने वाली है. शारीरिक और मानसिक रुप से सकारात्मक ऊर्जा का संचार रहेगा.

कर्क राशि
कर्क राशि के लोगों पर आपका इस समय चौथे घर पर गोचर की स्थिति होने पर ये आपको अच्छे सुख को देने में सहायक हो सकते हैं. धन की प्राप्ति भी मिलती है. नई सोच और नए अवसर आपके लिए इस समय बने होंगे. घर पर कुछ नई चीजों को लाने की तैयारी भी आप करना चाहेंगे. नौकरी पेशा लोगों को कुछ लाभ मिल सकता है.

सिंह राशि
सिंह राशि वालों के लिए शुक्र उनको काम की ओर लगाने वाला होग ऐस समय आप चाहें या फिर न चाहें पर आपकी मेहनत बहुत अधिक तो रहने ही वाली है. शुक्र आपकी राशि से तीसरे घर में गोचर होने के कारन आपको अपने भाई बंधुओं की नजदीकियां भी प्राप्त हो सकती हैं.

कन्या राशि
आप लोगों को इस समय छोटी यात्राओं पर जाने को मिल सकता है ओर आप इस समय कुछ अच्छे लाभ को भी पा सकते हैं. माता-पिता की ओर से प्यार ओर सहयोग मिलेगा. आप और लोगों के साथ आपकी गतिविधियों पर दूसरे लोग कुछ अधिक ही ध्यान देते दिखाई देंगे. किसी के साथ जुड़ने का योग बना रहा है जिनका आप लुत्फ़ उठा सकते हैं.

तुला राशि
तुला राशि वालों के लिए इस समय पर श्क्र की स्थिति बहुत अच्छे प्रभाव देने में सक्षम होती है. इस के कारन होने वाले दुरगामी असर भी हमे देखने को मिलते हैं. तुला राशि के जातकों के लिए ये समय उन्हें काम में आगे बढ़ने के कुछ नए मौके दे सकता है. इस समय पर शिक्षार्थियों को नए स्थानों में आवेदन देने और प्रवेश पाने के अवसर भी प्राप्त होंगे.

वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि वालों के लिए शुक्र का गोचर 12वें भाव में होने के कारण अभी आपको अपनी योजनाओं को बेहतर ढ़ंग से लागू करना होगा. इस समय आपको लापरवाही से बचना होगा. अपने गुस्से और अपनी सोच को बेहतर दिशा में लेकर चलने कि जरुरत है. विद्यार्थी भी अपनी शिक्षा को लेकर कुछ ज्यादा ही केन्द्रित दिखाई देंगे.

धनु राशि
आपके लिए जरूरी है कि आप इस समय थोड़ा संभल कर काम करें. निर्णय लेने में जल्दबाजी से बचना चाहिए. आपके 11वें भाव में शुक्र का गोचर स्थिति को कुछ सकारात्मक रुख दे सकता है लेकिन जरूरत होगी आपके धैर्य की. इस समय आपको अपने किसी निकट संबंधी की ओर से कुछ सहायता मिल सकती है.

मकर राशि
मकर राशि वालों के लिए इस समय कार्यक्षेत्र ओर घर की स्थिति को संभालने में ही आपको अधिक समय लगने वाला है. अपने लिए गए निर्णय परिवर्तित करने का भी समय है. आपको उच्च अधिकारियों के साथ कुछ तालमेल बिठाने में समय लग सकता है. आप न्यायप्रिय हों लेकिन इस समय आपको थोड़ा कूटनीति को अपनाने की जरूरत पड़ेगी.

कुंभ राशि
आपकी राशि में नवें पर शुक्र का गोचर होने से आप को भाग्य की ओर से आपको परिवार की ओर से सहयोग मिलेगा. आप घर परिवार की ज़िम्मेदारी में आगे रहने वाले हैं. कुछ चीजों के कारन आप खुद को परेशान और दुविधाओं में घिरा पा सकते हैं लेकिन जल्द ही आप अपने फैसले लेने में भी सक्षम होंगे.

मीन राशि
आपके लिए ये समय सावधानी एवं अपनी सुरक्षा के लिए होगा. इस समय आठवें भाव पर बैठा शुक्र आपको दांपत्य जीवन में कुछ नए मोड़ ला सकता है. विश्वास और भरोसे कि स्थिति इस समय डगमगा भी सकती है. इसलिए जरुरी है की अपने आप को भावुकता से बचाएं व सही निर्णय लेने के लिए थोड़ा समय लीजिए.

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मंगल के सिंह राशि गोचर का कैसा रहेगा आप पर प्रभाव

मंगल सिंह राशि में प्रवेश करने वाले हैं. मंगल का सिंह राशि में गोचर बहुत ही प्रभावशाली रहेगा क्योंकि पिछले काफी समय से मंगल कर्क राशि में गोचरस्थ थे और कर्क राशि में होने के कारण मंगल अपने समस्त फलों को अनुकूल रुप से दे पाने में सक्षम नहीं थे.

मंगल का सिंह राशि प्रवेश समय

मंगल का सिंह राशि में गोचर 06 जून 2025 को होगा. मंगल 06 जून शुक्रवार को रात्रि 26:10 मिनिट में कर्क राशि से निकलकर सिंह राशि में प्रवेश करेंगे.

ज्योतिष अनुसार कर्क राशि मंगल की नीचस्थ राशि है इस कारण मंगल के शुभ फलों में कमी देखने को मिलती है. लेकिन मंगल कर्क राशि से निकल कर अब सिंह राशि में प्रवेश करने वाले हैं. मंगल ये गोचर मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक राशि के लोगों के लिए तो खास होगा ही साथ ही अन्य राशियों के लोगों पर भी इस का विशेष प्रभाव देखने को मिलगा.

मंगल ग्रह की विशेषताएं

मंगल ग्रह को ज्योतिष शास्त्र में सेनापति कहा गया है. सभी प्रकार के रक्षा कार्यों में मंगल ही प्रमुखता से आगे होता है. इसलिए सेना कार्य हों या सुरक्षा से संबंधित कार्य इन सभी में मंगल का अग्रीण स्थान होता है. मंगल ग्रह की प्रमुखता वाले व्यक्ति में भी यही गुण देखे जा सकते हैं. निड़र होना, साहस और पराक्रम की वृद्धि का योग मंगल द्वारा ही संभव हो पाता है.इसलिए मंगल का सिंह राशि में जाना बहुत महत्वपूर्ण होगा. इससे मंगल की नीचता समाप्त होगी और पुन: लाभ प्राप्त होंगे.

मेष राशि के लिए मंगल के गोचर का प्रभाव

मेष राशि वालों के लिए मंगल उनकी स्वराशि होती है. इस समय मंगल का गोचर सिंह में होने पर मेष राशि वालों के लिए मंगल पंचम स्थान पर गोचर करने वाला है. मंगल के इस गोचर द्वारा मेष राशि वालों को राहत मिल सकती है. उन्हें कार्यक्षेत्र में प्रगति के मौके मिल सकते हैं. यदि कोई परेशानी एक लम्बे समय से बनी हुई थी तो अब उस परेशानी से मुक्ति व राहत मिलने की अच्छी उम्मीद दिखाई देती है. छात्रों के लिए ये गोचर परीक्षा परिणामों में सकारात्मक हो सकता है. उच्च शिक्षा के मौके भी मिल सकते हैं. प्रेम संबंधों में नई ऊर्जा दिखाई देगी.

वृष राशि के लिए मंगल के गोचर का प्रभाव

वृष राशि वालों के लिए ये गोचर इनके चतुर्थ भाव को प्रभावित करने वाला होगा. इस समय आपके काम-काज में उछाल देखने को मिल सकता है. वाहन-वस्त्र इत्यादि की खरीद का मन बना सकते हैं. किसी न किसी कारण से ट्रैवलिंग पर जाने का मौका भी मिल सकता है. विदेश यात्रा के भी योग बनते हैं. आप में क्रोध और जल्दबाजी की अधिकता देखने को मिल सकती है, इसलिए आवश्यक है की स्वयं को शांत रखते हुए काम करें ओर अच्छे से सोच विचार के साथ ही कोई नया फैसला लें.

मिथुन राशि के लिए मंगल के गोचर का प्रभाव

मिथुन राशि वालों के लिए मंगल का सिंह राशि में गोचर तीसरे भाव में होगा. गोचर के प्रभाव स्वरुप मिथुन राशि वालों को अपने भाई बंधुओं के साथ काम करने का मौका मिल सकता है. विदेश लाभ और छोटी यात्राओं के मौके भी मिल सकते हैं. इस समय आप धार्मिक क्षेत्र की यात्राएं भी कर सकते हैं. संतान कि ओर से आप थोड़ा चिंतित होंगे लेकिन जल्द ही उनकी प्रगती आपके लिए राहत भी लेकर आएगी.

कर्क राशि के लिए मंगल के गोचर का प्रभाव

कर्क राशि वालों के लिए मंगल का गोचर कुछ अनुकूलता भरा होगा. आपको धन लाभ संपति लाभ के अवसर मिल सकते हैं. अपव्यय अधिक रह सकता है. माता का स्वास्थ्य अनुकूल होगा. शत्रुओं पर अब आप हावी हो सकते हैं और उन्हें परास्त कर पाने में भी सक्षम होंगे. काम-काज में आपको अच्छे मौके मिल पाएंगे. स्वास्थ्य में सुधार होगा और मित्रों का सहयोग भी प्राप्त होगा.

सिंह राशि के लिए मंगल के गोचर का प्रभाव

सिंह राशि वालों के लिए मंगल उनकी राशि पर ही गोचरस्थ होंगे. मंगल के सिंह राशि पर गोचर से आप के उत्साह में वृद्धि देखने को मिल सकती है. इस समय आप अपने अधूरे कामों को पूरा कर पाएंगे. विवाह एवं प्रेम संबंधों की शुरुआत के लिए भी समय अनुकूल दिखाई देता है. इस समय पर आपको उच्च रक्तचाप इत्यादि की समस्या परेशान कर सकती है, इसलिए अपने क्रोध एवं वाणी को शांत बना कर रखने की सलाह दी जाती है.

कन्या राशि के लिए मंगल के गोचर का प्रभाव

कन्या राशि वालों के लिए मंगल का सिंह राशि में गोचर उनके द्वादश भाव को प्रभावित करने वाला होगा. कन्या राशि वालों को इस समय अपने खर्चों को लेकर सजग रहने कि आवश्यकता होगी. ये समय कुछ लम्बी दूरी की ट्रैवलिंग का योग भी बनता दिखाई देता है. माता-पिता की ओर से सहयोग मिलेगा. कुछ नए कामों का आरंभ भी होगा.

तुला राशि के लिए मंगल के गोचर का प्रभाव

तुला राशि वालों के लिए मंगल का सिंह राशि में गोचर इनके एकादश भाव में होगा. इसके प्रभव स्वरुप कुछ काम काज की वृद्धि होगी तो साथ ही भाई बंधुओं की ओर चीजों को लेकर दबाव अधिक रह सकता है. इस समय पर आप किसी प्रकार के सम्मान प्राप्ति का लाभ भी पा सकते हैं. दोस्तों के साथ घूमने-फिरने के मौके मिल सकते हैं. निवेश में ध्यान बना कर रखना होगा.

वृश्चिक राशि के लिए मंगल के गोचर का प्रभाव

वृश्चिक राशि वालों के लिए मंगल का सिंह राशि में गोचर कई मामलों में महत्वपूर्ण रह सकता है. काम काज में तेजी हो सकती है. प्रोजेक्ट नए मिल सकते हैं. दोस्तों के साथ मिलकर कुछ नए रिसर्च वर्क को पूरा कर सकते हैं. भाई बहनों का साथ आपको राहत देने वाला होगा. इस समय आप अपने शत्रुओं पर दबाव बनाने में भी सफल रह सकते हैं. स्वास्थ्य का ध्यान रखें ओर खान पान में लापरवाही से बचने की सलाह दी जाती है.

धनु राशि के लिए मंगल के गोचर का प्रभाव

धनु राशि वालों के लिए मंगल का गोचर आपके लिए परिवार और काम दोनों ही क्षेत्रों पर बदलाव को दिखाने वाला होगा. इस समय आप धार्मिक कार्यों में भी व्यस्तता को पा सकते हैं सामाजिक रुप से आप अधिक कार्यशील दिखाई देंगे. धन लाभ और यात्राओं का योग है.

मकर राशि के लिए मंगल के गोचर का प्रभाव

मकर राशि वालों के लिए मंगल का सिंह राशि में गोचर इनके अष्टम भाव को प्रभावित करने वाला होगा. इस कारण गुप्त शत्रुता का भय, मानहानि इत्यादि को लेकर सजग रहने की आवश्यकता होगी. आर्थिक क्षेत्र में लाभ भी मिलेगा, शोध काम से जुड़े छात्रों के लिए ये समय अनुकूल हो सकता है. अचानक से यात्राओं का योग भी बनता है. पेट से नीचले हिस्से से संबंधी रोग परेशान कर सकते हैं इसलिए चिकित्सीय सलाह लेते रहें.

कुम्भ राशि के लिए मंगल के गोचर का प्रभाव

कुम्भ राशि वालों के लिए मंगल का सिंह राशि में गोचर इनके सप्तम भाव को प्रभावित करने वाला होगा. इस समय पर आप मानसिक रुप से काफी सोच विचार में रहने वाले हैं. काम के क्षेत्र में भी आप काफी मेहनती रहने वाले हैं. नए लोगों के साथ मुलाकात ओर लाभ के अवसर मिलेंगे. दांपत्य जीवन में साथी के साथ थोड़ा मतभेद दिखाई देगा लेकिन शांति से बातों को सुलझा पाने में आप सफल होंगे.

मीन राशि के लिए मंगल के गोचर का प्रभाव

मीन राशि वालों के लिए मंगल का सिंह राशि में गोचर छठे भाव में होने के कारण आपके प्रयासों में वृद्धि के मौके बनते दिखाई देते हैं. आपकी जिम्मेदारियों में अधिकता के कारण आराम के मौके कम ही मिलने वाले हैं. परिवार में बच्चे सहयोग देते दिखाई देंगे जिसके चलते आपको सकारात्मक लाभ मिल सकता है. अत्याधिक प्रयास करने के बाद ही मनोकूल परिणाम मिल पाएंगे.

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अब होंगे राहु अपनी उच्च राशि में, बदल जाएगी राहु की चाल

राहु अभी तक एक लम्बे समय से मिथुन राशि में गोचरस्थ थे. पर अब वह मिथुन से निकल कर वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे और फिर वहीं पूरा डेढ़ साल का समय बिताएंगे. राहु को छाया ग्रह का रुप कहा गया है. ऎसे में इस छाया का प्रभाव इतना गहरा होता है की यह जीवन के क्षेत्र में बदलाव लेकर आता है. इस समय पर वृषभ राशि वालों के लिए ये समय बहुत प्रभावशालि होगा. मानसिक और शारीरिक रुप से ही ये बदलावों को दिखाएगा.

राहु का वृषभ राशि गोचर समय

राहु का वृषभ राशि में प्रेवश समय बुधवार के दिन दोपहर 12:52 के समय पर होगा. राहु के वृषभ राशि में प्रवेश के साथ ही मिथुन राशि पर से राहु की स्थिति हट जाएगी.

राहु का मृगशिरा नक्षत्र में जाना

राहु का इस समय मृगशिरा नक्षत्र में होगा. मृगशिरा नक्षत्र के स्वामी मंगल हैं. इस समय पर राहु का मंगल के नक्षत्र में जाना प्रभावशालि होगा. इस समय पर स्थिति में बदलाव और आक्रामकता का प्रभाव दिखाई दे सकता है. राहु का मृगशिरा नक्षत्र में जाना बल और शक्ति में वृद्धि करने जैसा ही होता है. इस समय पर उथल-पुथल का समय अवश्य दिखाई देगा. यह समय आर्थिक क्षेत्र में कमी परेशान कर सकती है.

राहु की उच्च राशि कौन सी हैं ?

ज्योतिष शास्त्र में राहु की स्थिति पर की प्रकार से विचार किया गया है. ज्योतिष में सभी ग्रहों की राशियों को निश्चित किया गया है. लेकिन राहु और केतु को छाया ग्रह कहा गया है इस कारण इनके स्वामित्व की राशियों के बारे में चर्चा कम ही मिलत है. कुछ विचारक वृष और मिथुन राशि को राहु की राशि के रुप में संबोधित किया जाता है. राहु का इन दोनों में से किसी भी राशि में होना राहु को बलशालि बनाने में सहायक बनता है. इसलिए राहु की उच्च राशि के रुप में “वृष राशि” और “मिथुन राशि” को बताया गया है.

इस लिए जब भी राहु जब भी वृषभ या मिथुन राशियों में गोचर करता है, तो इस गोचर को बहुत प्रभावशाली माना जाता है. वृषभ में राहु को उच्च का राहु कहा जाता है. मुख्य शब्दों में वृष राशि में होने पर राहु दूसरे सभी ग्रहों से अधिक ताकतवर रहता है.

कुंडली में उच्च के राहु का फल

राहु कुंडली में जिस घर में बैठा हो उस घर से जुड़े घटना क्रम व्यक्ति के जीवन पर गहरा प्रभाव डालते हैं. वृषभ राशि में बैठा हुआ राहु अपनी बेहतर स्थिति का माना गया है. यहां बैठ कर राहु व्यक्ति में कला का विस्तार करने में सफल होता है. जातक में चीजों को बढ़ा चढ़ा कर करने की आदत भी देखने को मिलती है. कुंडली में उच्च का राहु अगर अनुकूल स्थिति में शुभ अवस्था में बैठा हुआ हो तो वह कौशल और ज्ञान को बढ़ाने में सहायक बनता है. व्यक्ति को चीजों को समझने कि बेहतर सोच देता है.व्यक्ति अपने मूल्य स्थापित करता है. उसकी सोच दूसरों से भिन्न होती है.

व्यक्ति मानसिक रुप से चीजों को जोड़ता है. अपने कौशल से पहचान स्थापित करता है. अपनी योग्यता से पहचान स्थापित करने के लिए प्रयासरत रहता है. उच्च का राहु व्यक्ति को गूढ़़् विषयों को समझने कि सोच भी देता है. गुढ बातों को समझने की योग्यता भी देता है. दर्शन के विषय अथवा शोध जैसे कार्यों में पकड़ अच्छी बना सकता है.

  • वृष राशि वालों को अपनी वाणी पर संयम रखना होगा.
  • परिवार में मनमुटाव हो सकता है.
  • बीमारियां घेर सकती हैं और दिमागी तौर पर तनाव परेशान हो सकता.
  • कोई भी फैसला जलदबाजी से लेने से बचें.
  • कार्यक्षेत्र में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.
  • मेहनत अधिक करनी पड़ सकती है. भाग्यवादी होने से बचें.
  • वाहन का उपयोग करते समय सावधान रखें.
  • किसी पर भरोसा अधिक करने से बचें.
  • स्वास्थ्य का ख्याल रखें.

    राहु शांति के लिए उपाय

  • राहु की शांति के लिए राहु के बीजमंत्र का जाप करें.
  • राहु के लिए चांदी का उपयोग करना शांति देता है.
  • कुत्ते को रोटी खिलाएं.
  • राहु से संबंधित वस्तुओं का दान करें इससे राहु की शांति होती है.
  • राहु का बीज मंत्र- ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः.
  • राहु का गोचर पर प्रभाव जब उच्च राशि में होता है तो वह व्यक्ति को मानसिक रुप से बदलाव देने वाला होता है. राहु सदैव वक्री गति से चलने वाला ग्रह है और जब वह मजबूत स्थिति में आता है तो उसके फलों में और भी अधिक वृद्धि के संयोग बन जाते हैं. राहु का मिथुन राशि से वृषभ राशि में जाना एक बड़े बदलाव को दिखाएगा. वृष राशि वालों के लिए अनेक चीजों और क्षेत्रों पर बदलाव देखने को मिलेगा. रिश्ते हों या काम हो या फिर शिक्षा हर क्षेत्र पर ये अपना प्रभाव देगा.

    वृष राशि के लिए राहु का गोचर धनार्जन में कुछ न कुछ बढ़ोतरी कर सकता है. इस स्थान पर राहु का होना धन और परिवार के लिए ज्यादा बेहतर न हो पाए. विवाद और संघर्ष अधिक करना पड़ता है. झूठ और धोखा जीवन के अनेक हिस्सों पर असर डालता है.

    अचानक से किसी के धोखे का शिकार हो सकते है या फिर दूसरों को आपके द्वारा भी धोखा मिल सकता है. पैसे कमाने के लिए यात्रा या फिर परिवार से दूर भी होना पड़ सकता है. खर्चों को रोकना बस में नहीं होगा. इस समय पर इच्छाएं अधिक होंगी किसी प्रकार के व्यसन का शिकार भी बन सकते हैं. खान पान की ओर झुकाव अधिक होगा अपने पर ध्यान दे पाएंगे. अब कुछ ऎसा करने में भी आगे रह सकते हैं जो आपकी कलात्मकता को अभिव्यक्ति दे पाए.

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    कर्क राशि पर रहेगी शनि की नजर, आईये जाने कैसा होगा इसका असर

    कर्क राशि वालों पर शनि की ढैय्या का होगा खास असर. कर्क राशि वालों के लिए शनि सातवें भाव और आठवें भाव के स्वामी बनते हैं. कर्क राशि वालों के लिए शनि कष्टकारी बनते हैं. इस स्थिति के कारण स्वास्थ्य को लेकर तनाव रह सकता है तथा रिश्तों में दूरी बढ़ने कि संभावना अधिक हो जाती है.

    शनि का कर्क राशि के लिए गोचर फल

    कर्क राशि वालों के लिए इस समय शनि का गोचर कई मायनों में विशेष है. इस समय शनि का असर काम में परिश्रम की अधिकता के साथ साथ देगा बदलाव के संकेत.

    कर्क राशि वालों की आर्थिक स्थिति पर प्रभाव

    शनि का कर्क राशि वालों के लिए गोचर धनार्जन से संबंधित प्रयास अधिक करने की जरुरत है. कर्क राशि से शनि सातवें भाव में गोचरस्थ होने के कारण दूसरों के कारण परेशानी झेलनी पड़ सकती है. अपने धन को सही से उपयोग में लाएं. किसी को धन उधार देने से बचें. धन की हनै हो सकती है. परिवार में किसी को धन देना पड़ सकता है. इस समय आप स्वास्थ्य पर पैसा भी लगाएंगे. अपने काम को छोड़े नहीं अन्यथा पैसों की तंगी परेशान कर सकती है.

    इस समय आपके अरथिक हालात आरंभिक समय में परेशानी का कारण बन सकते हैं साल के अंत के दौरन कुछ सकारात्मक लाभ दिखाई देगा पर आरंभिक समय में परेशानी अधिक रह सकती है. कुछ अचानक से ट्रैवलिंग पर जाने और सेहत इत्यादि पर धन व्यय होगा. बैंक इत्यादि से लोन लेने का भी सोच सकते हैं पर इंतजार करना होगा. किसी मित्र का सहयोग इस मामले में आपकी सहायता कर सकता है. क्रोध और जल्दबाजी से बचने की अश्यकता है.

    आपकी मेहनत इस दौरान बढ़ने वाली है. अगर आप इस समय आलस्य दिखाएंगे तो बहुत से मौके खो भी सकते हैं. इसलिए इस समय अपनी ओर से कोशिशें जरुर करना तभी आपको अच्छा लाभ भी मिल पाएगा. ताम्र पाया होने के कारण धन लाभ भी मिलेगा.

    कर्क राशि वालों की नौकरी और व्यवसाय पर प्रभाव

    काम काज के लिए घर से दूर जाने का मौका मिल सकता है. अपने लोगों का सहयोग आपको स्थान परिवर्तन के लिए भी प्रेरित कर सकता है. आपके काम में परिवार का हस्तक्षेप भी बढ़ेगा. किन्हीं कारणों से नौकरी और परिवर के मध्य संतुलन स्थापित रखने में आपको परेशानी भी रह सकती है. अन्यथा काम के चलते रिश्ते प्रभावित हो सकते हैं.

    जो लोग बिजनेस से जुड़े हुए हैं उन्हें अपने काम में धीमापन दिखाई देगा. सही समय पर काम पूरा नहीं हो पाने के कारण भी दबाव बढ़ सकता है. अगर काम के सिलसिले में कोई कागजात इत्यादि पेपर वर्क होगा तो उसे ध्यान से करें. किसी कारण से अचानक से कोई गलती होने की आशंका भी इस समय पर दिखाई देती है. काम में टाल मटोल से बचें ओर दूसरों पर अत्यधिक भरोसा और विश्वास भी करने से बचें. खुद कामों को करने कि कोशिश करें.

    कर्क राशि वालों के पारिवारिक जीवन पर प्रभाव

    घरेलू स्तर पर आप मानसिक रुप से दबाव का अनुभव करेंगे. इस समय शनि आपके सुख स्थान पर दृष्टि डालेंगे जिससे सुख में कमी आ सकती है. भाग्य स्थान पर दृष्टि होने से भाग्य से लाभ पाने के लिए संघर्ष अधिक होगा. आपको प्रयास अधिक करने होंगे. परिवार में आपकी माता की ओर से आपको कुछ चिंता हो सकती है पर इसके साथ ही पिता अथवा किसी वरिष्ठ व्यक्ति के साथ आपका तालमेल सही से नहीं बैठ पाए.

    परिवार में आपकी बातों पर भी ध्यान दिया जा सकता है. कुछ फैसले लेने के लिए आपकी सलाह सभी मान भी सकते हैं. पर इस समय आपको भावनात्मक कम होना चाहिए. कुछ कठोर फैसले भी इस समय पर आप ले सकते हैं. जिन लोगों की विवाह से संबंधित अभी बातें चल रही हैं उन्हें रिश्ता पक्का होने की खुशी भी मिल सकती हैं. नए रिश्तों का आरंभ होने की अच्छी संभावनाएं इस समय पर उभरेंगी.

    कर्क राशि वालों के स्वास्थ्य पर कैसा प्रभाव रहेगा

    सेहत के संदर्भ में इस समय पर आपको जोड़ों से संबंधित कष्ट अधिक रहेंगे. साथ ही शरीर में पित्त की अधिकता के कारण अपच और गैस की शिकायत भी हो सकती है. आप कुछ आलसी हो सकते हैं इस कारण कई मामलों में आप अपनी बीमारी के प्रति भी थोड़ा ढीला रवैया रख सकते हैं. आपका ये व्यवहार रोग को बढ़ाने का काम करने वाला होगा इसलिए ऎसा करने से बचें. इस समय ट्रैवलिंग की अधिकता होने से थकान के चलते बःइ थोड़ा स्वास्थ्य में कमी आ सकती है.

    कर्क राशि वालों के प्रेम संबंध और विवाह पर असर

    आप अपने रिश्तों को संभलने की कोशिश करेंगे. पर आप रिश्ते में अपनी ओर से पहल करने से भी बचना चाहेंगे. पर अभी आपको थोड़ा चुस्ती दिखानी होगी क्योंकि कोई ओर आपके प्यार को पाने के लिए बेताब दिखाई देगा. इसलिए समय बर्बाद नहीं करें और रिश्ते में अपनी सहमति भी दीजिए. उचित रुप से आगे बढ़ने पर ही लम्बा और स्थायी रिश्ता पा सकते हैं.

    दांपत्य जीवन में साथी के साथ परेशानी तो रहेगी. उनकी कोई न कोई बात आप को परेशानी में डालने का काम कर सकती है. आपका साथी आपके प्रति लापरवाही भी दिखा सकता है. (Tramadol) अपने साथी पर भरोसा करें ओर अपना प्रेम उसके समक्ष जाहिर भी करें. इस समय आपके रिश्तों पर परिवार का हस्तक्षेप बढ़ सकता है और आप अपने परिवार से दूरी भी बना सकते हैं ये स्थिति आपके लिए तनाव का कारण बन सकती है.

    उपाय

    • प्रत्येक सोमवार के दिन शिवाष्टक का पाठ करें. दूध और घी से शिवलिंग पर अभिषेक करें.
    • शुक्रवार के दिन देवी लक्ष्मी का पूजन करें इसके साथ ही लक्ष्मी मंत्र का जाप करें.
    • शनिवार के दिन सरसों के तेल के दीपक में काले तिल डालकर पीपले के वृक्ष के सामने जलाएं.
    • सुंदरकाण्ड का पाठ मंगलवार और शनिवर के दिन करें.
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