मंगल महादशा का प्रभाव मेष लग्न के लिए बेहद अच्छा माना गया है. मंगल इस लग्न का स्वामी है ओर इस लग्न वालों को जब मंगल दशा मिलती है तो उन्हें यह लग्नेश की दशा के रुप में सहायक भी बनती है. मंगल महादशा का असर मेष लग्न को कई तरह से मिलता है. उनके कार्यों में बेहर रुप से बढ़ोत्तरी देखने को मिलती है. वह अपने आप में नई उर्जा को पाते हैं. संघर्षों से लड़ने की शक्ति भी मेष लग्न में इस महा दशा में दूसरों से अधिक देखने को मिल सकती है.
प्रथम भाव में मंगल महादशा
मेष लग्न के लिए प्रथम भाव में मंगल महादशा का प्रभाव व्यक्ति को साहसी, महत्वाकांक्षी और गुस्सैल बनाता है. व्यक्ति अपने काम को लेकर कार्योन्मुखी होता है और अपने काम को जल्द से जल्द पूरा करने की कोशिश करता है. तेज दिमाग वाला और अच्छी इच्छाशक्ति वाला होता है. प्रथम भाव में मंगल महादशा का असर व्यक्ति को स्वास्थ्य से संबंधी कुछ दिक्कतें भी देता है. अपने प्रेम संबंधों को लेकर अधिक उत्साहित रह सकता है. जीवन साथी से मतभेद भी हो सकता है. मंगल के स्वगृही होने से यह महादशा में व्यक्ति सेवा या व्यवसाय में सर्वोच्च पद पर पहुंचता है. लग्न में मंगल नेतृत्व के गुण देता है और इस दशा में वह दूसरों के लिए काफी एक्टिव भी रहता है.
दूसरे भाव में मंगल महादशा
मेष लग्न के लिए मंगल महादशा वृष राशि में दूसरे भाव में ह्ने पर वक्ति को धन प्राप्ति के लिए सभी साधनों का पयोग दे सकती है. अपने धन पर भी घमण्ड हो सकता है जातक को. अपने परिवार के वंश के प्रति सुरक्षात्मक हो सकता है और अपनी पारिवारिक संपत्ति की रक्षा करने का प्रयास भी वह अधिक करता है. भाइयों का प्रतिनिधित्व करता है मंगल इस कारन से इस समय उग्र ग्रह होने के कारण इस दशा में पारिवारिक धन के कारण व्यक्ति का उनसे विवाद हो सकता है. मंगल महादशा की उपस्थिति के कारण पैतृक चीजों का भी योग दिखाता हैं. मंगल महादशा में कठोर भाषा को भी उपयोग कर सकता है जातक जातक जीवन से भरपूर भी होता है और अथक परिश्रम करने का गुण रखता है.
तीसरे भाव में मंगल महादशा
मेष लग्न के लिए इस भाव में मंगल की महादशा का प्रभाव व्यक्ति को साहसी और दृढ़ इच्छाशक्ति वाला बनाता है. इस दशा में वह विजयी होता है और अपने विरोधियों पर हावी रहता है. तीसरे भाव में मंगल महादशा व्यक्ति को एक स्व-निर्मित व्यक्ति बनाने वाली होती है. कुंडली में बुध की स्थिति के आधार पर भाइयों से कुछ विवाद हो सकता है. व्यक्ति के पास अच्छा मौखिक और लिखित संचार कौशल होता है.
चतुर्थ भाव में मंगल महादशा
मंगल महादशा का प्रभाव चतुर्थ भाव में होने के कारण यहां स्थिति अनुकूलता में कमी दिखा सकती है. इस दशा में यह माता के साथ विवाद और माता के प्रति कठोरता दर्शाता है. संपत्ति विवाद भी हो सकता है और परिवार के लोगों के साथ आक्रामकता भी बढ़ सकती है. मंगल की दशम भाव पर सीधी दृष्टि होने के कारण जातक का अपने पिता से मतभेद कर सकता है. मंगल महादशा में जीवनसाथी के साथ विवाद और प्रभुत्व को लेकर संघर्ष का संकेत मिलता है.
पंचम भाव में मंगल महादशा
मेष लग्न के लिए पंचम में मंगल महादशा का समय एक ऐसे व्यक्ति को दर्शाने वाली होती है जो बुद्धिमान और सक्रिय दिमाग वाले रुप में काम करता है. व्यक्ति पढ़ाई में आक्रामक और प्रतिस्पर्धी दिखाई देता है. खेल गतिविधियों में उसकी रुचि होती है. अभिरुचि के तौर पर कई तरह के मनोरंजन में भी शमैल रहता है. पंचम भाव में मंगल प्रेम संबंधों में वर्चस्व की लड़ाई को भी दिखाने वाला समय होता है. मंगल दशा का प्रभाव व्यक्ति को धनवान बनाने का काम करती है. पंचम भाव में सिंह राशि में मंगल की स्थिति दर्शाती है कि व्यक्ति जीवन शक्ति और जीवन से भरपूर होगा.
छठे भाव में मंगल महादशा
छठे भाव में मंगल महादशा का प्रभाव प्रतिस्पर्धाओं का गंभीर दौर दे सकता है. अधिक परिश्रम का समय होता है. व्यर्थ के विवादों में शामिल होने का संकेत भी दिखाई दे सकता है. मंगल महादशा समय यह दर्शाता है कि व्यक्ति कानून के क्षेत्र से इस समय अधिक प्रभावित हो सकता है या इस तरह के कामों में उसकी गतिविधियां तेज हो सकती हैं. विवादों को सुलझाना जातक की दैनिक गतिविधियों का रुप भी इस दशा में अधिक देखने को मिल सकता है.
सातवें भाव में मंगल महादशा
मेष लग्न के लिए मंगल महादशा का प्रभाव सातवें भाव से संबंधित होने पर इस समय जीवन में लोगों की साझेदारी अधिक असर दिखाने वाली होती है. इस समय अविवाहित लोगों का विवाह संपन्न हो सकता है. किसी नए कारोबार को पार्टनर्शीप में आरंभ कर सकते हैं. मंगल महादशा का समय विवाह में प्रभुत्व और आक्रामकता को दर्शाता है. इस दशा के समय विवाह में विवाद हो सक्ता है. बेवजह की बातें आपसी संबंधों पर भी असर डालने वाली हो सकती हैं.
आठवें घर में मंगल महादशा
मंगल महादशा का संबंध जब आठवें भाव से होता है तब व्यक्ति के लिए ये दशा कई मायनों में विशेष बन जाती है. इस दशा में लग्नेश अपनी ही राशि में आठवें भाव में स्थित होता है, यह दर्शाता है कि व्यक्ति को जीवन में कई परिवर्तनकारी घटनाओं से गुजरना होगा. अचानक हुई घटनाएँ और चुनौतियाँ शुरू में परेशान करने वाली हो सकती हैं लेकिन व्यक्ति विजेता के रूप में सामने आता है. इस दशा के समय पर दुर्घटनाओं का असर एवं जीवन में होने वाले आकस्मिक लाभ मिलते हैं.
नवम भाव में मंगल महादशा
मेष लग्न के लिए मंगल महादशा का प्रभव नवम भाव से संबंधित होने पर अच्छे परिणाम दिखाई देते हैं. व्यक्ति अपने आस पास की स्थिति को लेकर भी काफी सजग होता है. मंगल की मित्र राशि में होने से यह दशा व्यक्ति को भाग्य के द्वारा काम पाने में सहायक बनती है. इस दशा के समय व्यक्ति हठी होगा और दृढ़ इच्छाशक्ति वाला होगा. उसके अपने विश्वास होंगे और उनके बारे में कठोर भी होगा. जातक यात्रा करना पसंद करेगा और साहसिक खेल आदि में हाथ आजमाएगा.
दशम भाव में मंगल महादशा
मेष लग्न के लिए दशम भाव में मंगल महा दशा का संबंध कर्मों के अनुसार फल देने वाला समय होता है. यहां व्यक्ति अपने जीवन में पद प्राप्ति एवं उच्च शक्ति को पाने के लिए उत्साहित भी होता है. यहां व्यक्ति कई जगहों की यात्रा भी करता है. करियर में अच्छी सफलता पाने का समय भी देखने को मिलता है. व्यक्ति नेतृत्व गुणों और ताकत के साथ वह शामिल होता है. कार्योन्मुख होते हुए वह जीवन में सफलताओं को पाता है.
ग्यारहवें भाव में मंगल महादशा
मेष लग्न के लिए ग्यारहवें भाव में मंगल महादश अका प्रभाव व्यक्ति को क्रियाशील और उत्साहित बनाने वाला होता है. व्यक्ति सामाजिक रुप से आगे रहने वाला होता है. इस दशा के समय वह स्वतंत्र रुप से अपने निर्णय लेने के लिए अधिक आगे रहता है. मंगल एक स्वतंत्र होने के कारण बड़े संगठनों में काम करने में बहुत अधिक आतुर दिखाई नहीं देता है. काम करने की कोशिश उसक्जे लिए सदैव बनी रहती है. मित्रों एवं दूसरों के हस्तक्षेप का भी जीवन पर असर पड़ता है.
बारहवें भाव में मंगल महादशा
मेष लग्न के लिए द्वादश भाव में मंगल महादशा का प्रभाव व्यक्ति को व्यस्त अधिक रखता है. जीवन में किसी न किसी कारण से दूसरों का दबाव भी अधिक रहता है. इस दशा के दौरान अधिकांश संभावनाएं इस बात की भी देखने को मिलती हैं कि व्यक्ति अपने घर से दूर रह सकता है और विदेश में निवास कर सकता है. आध्यात्मिक गतिविधियों को आगे बढ़ाने में भी उसकी रुचि रह सकता है.