जब जैमिनी दशा के वर्ष निर्धारित करने हों तब सबसे पहले आप सम और विषम राशियों की एक तालिका बना लें. कुण्डली में जिस राशि के दशा वर्ष निर्धारित करने है उस राशि के स्वामी से राशि तक गिनती करें. यदि दशाक्रम सव्य है तो गिनती
आपने पिछले अध्याय में पढा़ कि जब केन्द्र में राहु/केतु के अतिरिक्त चार या चार से अधिक ग्रह केन्द्र में स्थित हों तब मण्डूक दशा लगती है. इस दशा का क्रम निर्धारित करने के लिए यह देखा जाता है कि लग्न में कौन-सी राशि आ रही
जैमिनी ज्योतिष में अनेक दशाओं का प्रयोग किया जाता है. उनमें से एक प्रमुख दशा स्थिर दशा भी है. इस दशा का विश्लेषण अप्रिय घटनाओं, स्वास्थ्य तथा जीवन की नकारात्मक जानकारियों के लिए किया जाता है. यह जैमिनी की बहुत ही सरल
सबसे पहले आप यह निर्धारित करें कि चर दशा का क्रम सव्य है अथवा अपसव्य है. चर दशा के क्रम के विषय में पिछले अध्याय में आपको जानकारी दी गई है. चर दशा के क्रम की गणना, राशि दशा से भिन्न है. राशि दशा की गणना में भी छ: