अश्विनी नक्षत्र का महत्व और विशेषताएं
ज्योतिष शास्त्र में वर्णित 27 नक्षत्रों में से अश्विनी नक्षत्र पहला नक्षत्र है. इस नक्षत्र का स्वामी ग्रह केतु है. इस नक्षत्र को गण्डमूल नक्षत्रों की श्रेणी में रखा गया है. केतु एक रहस्यमयी ग्रह है. अश्विनी नक्षत्र, सूर्य पुत्र अश्विनी कुमार है. इस नक्षत्र का अर्थ अश्व पुत्र है. नक्षत्र के देव अश्विनी हैं. इस नक्षत्र के प्रभाव में गूढ़ विधा का प्रभाव देखने को मिलता है. इस नक्षत्र में जन्मा जातक आध्यात्मिक क्षेत्र में भी यदि प्रयास करे तो उन्नती पा सकता है. ये नक्षत्र अश्विनी कुमारों से संबंध रखता है इस कारण इस नक्षत्र में जन्मा जातक अपने भाई बंधुओं से प्रेम करने वाला भी होता है.
अश्विनी नक्षत्र की पहचान
नक्षत्र मण्डल में असंख्य तारे हैं. बहुत से तारे समूहों में स्थित है. प्रमुख समूहों को एक नाम दिया गया है. अश्विनी नक्षत्र में तीन तारों का समूह है. यह तीन तारे मिलकर घोडे़ के मुँह के समान आकृति बनाते हैं. इसलिए इसे तुरगमुख के समान भी कहा जाता है. सभी विद्वान इस नक्षत्र के तारों की संख्या तीन ही मानते हैं. यह नक्षत्र जनवरी माह के आरम्भ में सूर्यास्त के बाद ठीक सिर के ऊपर दिखाई देता है.
अश्विनी नक्षत्र वृक्ष
प्रत्येक नक्षत्र के साथ वृक्ष भी संबंधित होता है. जिस प्रकार ग्रहों से जुड़े वृक्ष होते हैं उसी प्रकार नक्षत्र से भी जुड़ा वृक्ष होता है. इसी कारण जब कोई नक्षत्र किसी भी कारण से परेशानी या तनाव का कारण बनता है तो उसकी शांति के लिए नक्षत्रों के मंत्र, दान, पूजा, एवं उसके वृक्ष का दान व वृक्ष को लगाने की सलाह भी दी जाती है. या उस वृक्ष अथवा पौधे का किसी किसी न किसी रुप में उपयोग भी बताया गया है. नक्षत्रों एवं उनसे संबंधित पौधों के विषय में पुराणों में भी वर्णन प्राप्त होता है. इन धर्म ग्रंथों के आधार पर बताया गया है की जितने भी नक्षत्र हैं उन नक्षत्रों का अंश वृक्ष एवं पौधों की रुप में पृथ्वी पर भी उत्पन्न हुआ है. ऎसे में नक्षत्र पूजा में जिस नक्षत्र का जो भी संबंधित पौधा उसकी पूजा के लिए उपयोग में लाया जाना शुभ माना जाता है.
यदि कोई जातक अपने जन्म नक्षत्र से जुड़े वृक्ष की सेवा करता है तो उसे इसका शुभ फल प्राप्त होता है. जन्म नक्षत्र वृक्ष को लगने और उसके पालन करने से व्यक्ति को उस नक्षत्र से संबंधित बुरे प्रभाव नहीं मिलते हैं और नक्षत्र की शुभ ऊर्जा जातक को प्राप्त होती है. इसके अतिरिक्त इन नक्षत्रों की लकडी़ से हवन इत्यादि करना अनुकूल होता है.
अश्विनी नक्षत्र का वृक्ष आँवला है. कई विद्वानों का मत है कि यदि अश्विनी नक्षत्र, जन्म नक्षत्र होकर पीड़ित अवस्था में है तब व्यक्ति को आँवले के वृक्ष की पूजा करनी चाहिए. इसके अलावा कुछ के अनुसार अश्विनी नक्षत्र का वृक्ष कुचिला है. इस वृक्ष की पूजा करना अश्विनी नक्षत्र के जातकों के लिए उपयुक्त होता है. कुचिला के बीज कुछ जहरीले हैं. इस कारण ये वृक्ष आसानी से मिल नहीं पाता है. कुचिला को 'कुचला', जहर, कजरा इत्यादि नामों से भी जाना जाता है.
मंद या मन्दाक्ष लोचन नक्षत्र
अश्विन नक्षत्र को मंद या मन्दाक्ष लोचन नक्षत्र भी कहा जाता है. इस नक्षत्र में खोयी हुई वस्तु उत्तर या दक्षिण दिशा में खो सकती है और यदि इस दिशा की ओर खोजा जाए तो मिलने की संभावना भी बढ़ जाती है.
अश्विनी नक्षत्र लघु (क्षिप्र) होता है
अश्विनी नक्षत्र को लघु नक्षत्र भी कहा जाता है. ऎसे में इस नक्षत्र में वह काम करना अच्छा माना जाता है जो थोड़े समय के लिए ही किए जाएं. जैसे की कोई दवा बनाना. इस नक्षत्र में यदि दवा बनाई जाए तो वह बहुत फायदेमंद होती है और रोगी पर जल्द असर करने वाली भी होती है. स्त्री-पुरष के मैत्री संबंध अथवा प्रेम का इजहार करना भी इस नक्षत्र में किए जाने अच्छे होते हैं. सौंदर्य के कार्य अथवा सजना सवरना इस नक्षत्र में किया जाना अच्छा होता है. इसी तरह किसी प्रकार की शिल्पकारी या चित्र इत्यादि बनाना या फिर खेल कूद में भाग लेना भी इस नक्षत्र में शुभदायक होता है.
अश्विनी नक्षत्र - व्यक्तित्व विशेषताएँ
इस नक्षत्र में पैदा हुए जातक बुद्धिमान होते हैं. किसी बात को ध्यान से सुनना, सुनकर समझना तथा समझकर तभी उस पर अमल करते हैं. सुनी हुई बातों पर आँख मूँदकर विश्वास ना करके स्वयं विचार कर तथ्यों का अन्वेषण करते हैं. सभी कार्यों को कुशलता तथा शीघ्रता से निपटाने वाले होते हैं. अपनी बातों से दूसरों को प्रभावित करने वाले होते हैं. सत्यवादी होते हैं. इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति स्वभाव से रहस्यमयी होते हैं. इस नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति स्वतंत्र स्वभाव के होते हैं. वह स्वतंत्र रुप से चिन्तन करना अधिक पसन्द करते हैं.
इस नक्षत्र के व्यक्तियों की चाल भी तेज होती है. यह नफासत पसन्द अर्थात दिखावा पसन्द व्यक्ति होते हैं. अपने मान-सम्मान का विशेष रुप से ध्यान रखते हैं. यह अन्याय को सहन नहीं करते हैं. इसके खिलाफ बुलन्द आवाज उठाते हैं. अश्विनी नक्षत्र के देवता अश्विनी कुमार हैं इसलिए इस नक्षत्र के जातकों को जडी़-बूटियों, प्राकृतिक चिकित्सा तथा परम्परागत चिकित्सा पद्धति में रुचि होती है.
अश्विनी नक्षत्र कैरियर
इस नक्षत्र के व्यक्तियों को जीवन में आर्थिक दृष्टि से किसी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है. यह अधिकाँशत: सरकारी नौकरी में होते हैं. सरकार अथवा सरकारी आदमी इनके कार्यों से विशेष रुप से प्रसन्न रहती हैं. इस नक्षत्र के व्यक्ति यदि अपना व्यवसाय करते हैं तो बडे़ लोगों से सम्पर्क बनाना, इनका शौक होता है. यह अपने ग्राहकों में से केवल सलीकेदार लोगों को ही अधिक पसन्द करते हैं. यह घोड़ों के व्यापारी हो सकते हैं. घोड़ों के प्रशिक्षक हो सकते हैं. घुड़दौड़ कराने वाले व्यक्ति हो सकते हैं. वर्तमान समय में वाहनों से संबंधित कार्य करने वाले व्यक्ति हो सकते हैं. सौन्दर्य साधनों का व्यवसाय करते हैं. विज्ञापन जगत से जुड़कर कार्य कर सकते हैं. चिकित्सक हो सकते हैं.
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