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बुध मीन राशि में अस्त : संभल कर लेने होते हैं फैसले
बुध मीन राशि में अस्त हो रहा है और इसका प्रभाव सभी राशियों पर होगा. बुध के मीन राशि में अस्त होने से प्रत्येक राशि पर क्या असर पड़ेगा. बुध को विचारों, तर्क, व्यापार, शिक्षा, यात्रा, और नियमित
मीन राशि में वक्री बुध का प्रभाव और सभी राशियों पर इसका असर
वक्री बुध मीन राशि में बुध का मीन राशि में वक्री होना ज्ञान ओर बुद्धि के वक्रत्व को दर्शाता है। बुध ग्रह जब भी मीन राशि में वक्री होता है तो यह घटना ज्योतिष के लिहाज से महत्वपूर्ण मानी जाती है,
सूर्य अष्टम भाव में : आठवें भाव में सूर्य क्या खो देता है अपना बल
वैदिक ज्योतिष के अनुसार सूर्य एक बहुत ही प्रभाशाली ग्रह है और दूसरी ओर कुंडली का आठवां भाव सभी प्रभाव को कम देने वाला भाव है. अब इस स्थिति में आठवें भव में जब सूर्य बैठ जाता है तो क्या संभावनाएं ला
मेष राशि के लिए शनि साढे़साती प्रभाव
मेष राशि के लिए शनि साढे़साती प्रभाव शनि को राशि चक्र का एक चक्कर पूरा करने में लगभग तीस वर्ष लगते हैं. यह प्रत्येक राशि में लगभग ढ़ाई 2.5 वर्ष तक रहता है. शनि को एक ऐसा ग्रह माना जाता है जो अशुभ
बारहवें भाव में केतु: केतु का व्यय भाव में होना और राशि प्रभाव
वैदिक ज्योतिष में, जन्म कुंडली में केतु की स्थिति महत्वपूर्ण अर्थ रखती है, खासकर जब यह बातहवें भाव में स्थित हो. बारहवां भाव, व्यय का स्थान होता है, यह अवचेतन, आध्यात्मिकता और छिपे हुए क्षेत्रों के
वर्गोत्तम नवांश और उसका सभी भावों पर प्रभाव
वर्गोत्तम नवमांश ज्योतिष शास्त्र में एक महत्वपूर्ण स्थिति मानी जाती है. इसे विशेष रूप से व्यक्ति की जन्मकुंडली में नवमांश कुंडली में देखा जाता है. यह व्यक्ति के जीवन के विभिन्न पहलुओं पर अपना असर
बुध का नवांश कुंडली में असर और प्रभाव
बुध को भारतीय ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है. यह ग्रह बुद्धि, संवाद, शिक्षा, व्यापार, तकनीकी कौशल, लेखन, गणना और सोचने की क्षमता से संबंधित होता है. नवांश कुंडली में बुध का प्रभाव हमारे
नवांश कुंडली के 12 भावों में मंगल की स्थिति
वैदिक ज्योतिष नवांश कुंडली मंगल के बल को दर्शाती है. मंगल को नेतृत्व, शक्ति, महत्वाकांक्षा, दृढ़ संकल्प और शारीरिक कौशल जैसे गुणों से जोड़ा जाता है. ऐसा माना जाता है कि यह किसी व्यक्ति की नई पहल
नवांश कुंडली में सूर्य : नवांश के बारह भावों में सूर्य की स्थिति और प्रभाव
ज्योतिष में सूर्य पिता का प्रतीक है, जिसे अक्सर ग्रहों के राजा के रूप में दर्शाया जाता है. वैदिक ज्योतिष में इसे प्रमुख स्थान दिया गया है. यह व्यक्ति की पहचान और चेतना का मूल है. सूर्य को अक्सर
विजया एकादशी का राशि अनुसार उपाय और महत्व
विजया एकादशी हिन्दू धर्म में विशेष रूप से महत्व रखने वाला व्रत है, जो हर वर्ष फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है। यह एकादशी विशेष रूप से विजय, सफलता और समृद्धि के लिए जानी जाती है।
पार्टनर की कुंडली में शुक्र खोलेगा लव के अनसुलझे रहस्य
ज्योतिष में लव इमोशन के लिए शुक्र मुख्य ग्रह मान अगया है. शुक्र के बिना किसी के जीवन में प्रेम का अंकुर जन्म नहीं ले सकता है. शुक्र अगर अच्छा है तो फिर प्यार की कमी नहीं होगी लेकिन अगर शुक्र कमजोर है
शोभन योग: ज्योतिष अनुसार इसका प्रभाव और महत्व
ज्योतिष शास्त्र में विभिन्न प्रकार के योगों का विशेष स्थान है, जो किसी व्यक्ति के जीवन के विभिन्न पहलुओं पर असर डालते हैं. इन योगों में से एक महत्वपूर्ण योग है "शोभन योग", जो व्यक्ति की कुंडली में
दर्श फाल्गुन अमावस्या: ज्योतिषीय दृष्टिकोण से महत्व
हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह में एक दर्श अमावस्या होती है. दर्श अमावस्या का दिन विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि यह चंद्रमा के अदृश्य होने का दिन होता है, जब सूर्य और चंद्रमा एक-दूसरे
तीसरे भाव में शुक्र: प्रभाव और विशेषताएं
तीसरे भाव में बैठा शुक्र प्रभावशाली बातों से जोड़ सकता है. व्यक्ति की बोलचल उसकी बात करने की क्षमता दूसरों पर जबरदस्त तरीके से असर डालने वाली होती है. शुक्र, प्रेम, सौंदर्य और शांति का ग्रह, हमारे
सौभाग्य योग : ज्योतिष से जानें सौभाग्य योग की विशेषताएं और कुंडली प्रभाव
ज्योतिष के 27 योगों में से चतुर्थ स्थान में सौभाग्य योग को स्थान प्राप्त होता है. चौथा नित्य एवं नैसर्गिक योग होने के साथ ही ये एक बहुत शुभ योग माना जाता है. इस योग को ज्योतिष में उन कुछ शुभ योगों
शुक्र 2025 में कब और किस दिन होंगे अस्त : जानें शुक्र तारा के अस्त होने का प्रभाव
वेदिक ज्योतिष में ग्रहों के हर स्थिति का विश्लेषण करने के लिए कई महत्वपूर्ण पक्ष हैं। ग्रहों का अस्त होना विशेष रुप से शुक्र का अस्त होना भी गोचर के विषय में महत्वपूर्ण घटना है। शुक्र जब अस्त होता है
आयुष्मान योग और इसका ज्योतिष में प्रभाव
आयुष्मान योग भारतीय ज्योतिष शास्त्र में एक महत्वपूर्ण योग माना जाता है. यह योग किसी व्यक्ति के जीवन में दीर्घायु और अच्छे स्वास्थ्य का प्रतीक होता है. यह विशेष रूप से तब बनता है जब कुंडली में किसी
विष्कुम्भ योग : ज्योतिष में विष्कुम्भ योग का प्रभाव
ज्योतिष में बनने वाले सत्ताईस योगों में से एक योग है विष्कुंभ योग, विष्कुम्भ योग एक ऐसा दुर्लभ और शक्तिशाली योग है, जो ज्योतिष में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. यह योग तब उत्पन्न होता है जब किसी
आनंदादि योग जानें इसके शुभ-अशुभ प्रभाव
आनन्दादि योग का उल्लेख भारतीय ज्योतिष शास्त्र में विशेष रूप से किया जाता है. ज्योतिष में, योग का मतलब होता है विभिन्न नक्षत्र, योग तिथि वार इत्यादि की स्थितियों और उनके आपसी संबंधों के माध्यम से
कर्क राशि में वक्री मंगल : मंगल कर्क राशि में वक्री सभी 12 राशियों पर इसका प्रभाव
वक्री मंगल कर्क राशि में नव ग्रहों में मंगल को जोश और साहस का ग्रह माना जाता है. मंगल जब भी गोचर में बदलाव करता है उसका असर सभी पर होता है. जब मंगल कर्क राशि में वक्री होता है तो ये स्थिति मिलेजुले