Articles in Category astrology yogas

क्या होता है केन्द्राधिपति दोष ?

ज्योतिष में अनेकों योगों का उल्लेख मिलता है जिनके आधार पर कुंडली की शुभता या निर्बलता को समझ पाना संभव होता है. इन्हीं में से एक योग है केन्द्राधिपति दोष. यह यह ऎसा दोष है जब शुभ ग्रह गुरु, शुक्र,

कुंभ संक्रांति : सूर्य का शनि के घर में प्रवेश और शुभता का प्रभाव

कुंभ संक्रांति का समय सूर्य देव के शनि की राशि कुंभ में प्रवेश का खास समय होता है. कुंभ संक्रांति के दौरान सुर्य देव की स्थिति उत्तरायण की ओर होती है जो विशेष प्रभाव देने वाली होती है. कुंभ संक्रांति

शुक्र केतु युति योग का विवाह पर प्रभाव

शुक्र केतु युति योग का विवाह पर प्रभाव शुक्र और केतु की युति के प्रभाव से विशेष गुण फलों की प्राप्ति होती है. शुक्र और केतु का योग सभी भावों में राशि और भाव अनुसार फल देने वाला होता है. शुक्र और केतु

कुंभ राशि के लिए राशिफल 2025 : शनि साढ़ेसाती का तीसरा चरण

कुंभ राशि वालों के लिए यह वर्ष नई उड़ान भरने का और अपने सपनों को पूरा करने का समय होगा. यह आपके लिए एक रोमांचकारी वर्ष हो सकता है. वैसे शनि का प्रभाव आप पर रहेगा साढ़ेसाती आप पर असर डालने वाली है

धनु राशिफल 2025: क्या सफलता की लिख पाएंगे नई कहानी

धनु राशिफल बृहस्पति की राशि है. यह एक बेहद ही आकर्षक, एकाग्र, परिश्रमी और साहस से ओत-प्रोत राशि है. गुरु का गोचर जब भी बदलाव में आता है धनु राशियों के लिए विशेष परिणाम देने वाला होता है. इस साल भी

शनि पहले भाव में , बना सकता है आपको विशेष

वैदिक ज्योतिष के अनुसार शनि ग्रह का बहुत महत्व है. शनि जन्म कुंड्ली के जिस भाव में होगा उस भाव को काफी गहरे असर डालता है. कुंडली के पहले घर में शनि उन कुछ प्रभावों को देता है जिसके कारण उसका सारा

ज्योतिष में सम सप्तक योग क्या है?

ज्योतिष के क्षेत्र में, कई तरह के योग काम करते हैं. इनका असर मानव जीवन पर गहराई से पड़ता है. इसका असर ही समझ को आकार देती हैं. ऐसी ही एक अवधारणा दिलचस्प 'सम सप्तम योग' है, जो ग्रहों का एक शक्तिशाली

जानिए अपने लग्न से क्या होगा आपका करियर

ज्योतिष में, लग्न की स्थिति व्यक्ति के लिए बेहद महत्व रखती है. लग्न का असर जीवन के सूक्ष्म से सूक्ष्म कार्य पर भी अपना विशेष असर डालता है. लग्न आपके सेहत, आपके विचारों आपकी काम करने की इच्छा, आप क्या

कुंडली के ये ग्रह बन सकते हैं कर्ज का कारक

जीवन में धन की स्थिति को लेकर हर कोई किसी न किसी रुप में प्रयासरत देखा जा सकता है. आर्थिक प्रगति की इच्छा सभी के भीतर मौजूद रहती है. लेकिन हर कोई एक जैसी स्थिति को नहीं पाता है. कहीं धन की कमी इतनी

शुक्र का शुभ या अशुभ प्रभाव कैसे करता है आपको प्रभावित

कुंडली में मौजूद आपके लिए शुभ है या अशुभ इस बात को जानने के लिए जरुरी है की, इसके द्वारा मिलने वाले प्रभावों को समझ लिया जाए. शुक्र के कारक तत्वों की प्राप्ति जीवन में किस रुप में होती है उसके द्वारा

कुंडली मे शनि के कमज़ोर होने झेलनी पड़ सकती है ये परेशानियां

ज्योतिष शास्त्र में शनि ग्रह की स्थिति अत्यंत ही विशिष्ट मानी गई है. शनि हमारे जीवन के अधिकांश भाग पर अपने असर दिखाता है. अन्य सभी ग्रहों से अधिक शनि का प्रभाव हम सभी के जीवन पर अधिक पड़ता है. शनि की

शेयर मार्केट का ज्योतिष द्वारा विश्लेषण

धनार्जन से जुड़े कई कार्य जीवन में दिखाई देते हैं लेकिन जब बात आती है अचानक से मिलने वाली सफलता तो उसमें शेयर बाजार का नाम सबसे आगे रहता है. बड़े रिस्क से जुड़ी मार्किट का विश्लेषण करें तो इसमें

हायर एजुकेशन के बारे में जानें अपनी कुंडली से

उच्च शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने की इच्छा किसी छात्र के मन में बहुत अधिक देखने को मिल सकती है तो कई बार हम अपने करियर को बेहतर बनाए के लिए भी उच्च शिक्षा की ओर आगे बढ़ने की कोशिश करते हैं. आप

ग्रहों की शक्ति के लिए नवांश का प्रभाव

ग्रहों की शक्ति कई तरह से हमारे समक्ष हम कई तरह के सूत्रों को उपयोग में लाते हैं. ग्रहों की शक्ति के लिए नवमांश कुंडली भी एक बेहद मजबूत सूत्र की तरह काम करता है. वैदिक ज्योतिष में अत्यधिक महत्व दिया

कुंडली से जानिए संतान जन्म में देरी का कारण

ज्योतिष के अनुसार कई ऎसे योग हैं, जिनके अनुसार व्यक्ति की संतती के बारे में जाना जा सकता है. शादी के बाद किसी भी व्यक्ति के जीवन में वंश वृद्धि का प्रयास बना रहता है. कई दंपतियों को समय पर अपनी संतान

बुध का सिंह राशि में होना साहस और बौद्धिकता का बेहतर समय

ज्योतिष में बुध की स्थिति हमारे संचार, बुद्धि और अनुकूलन क्षमता के लिए बहुत विशेष होती है. संचार और मानसिक कौशल पर इसका बेहतरीन नियंत्रण होता है. बुध व्यक्ति के सोचने और काम करने की प्रवृत्ति को

मकर लग्न के लिए सभी ग्रहों का प्रभाव

मकर लग्न शनि के स्वामित्व का लग्न है, इस लग्न के प्रभाव में जब जो ग्रह आता है वह अपने भाव स्वामित्व के आधार पर असर दिखाता है. इस लग्न के लिए शुक्र पंचम और दशम का स्वामी है इस कारण से ण शुक्र मकर लग्न

कुंडली में उच्च और नीच ग्रह कैसे काम करते हैं

वैदिक ज्योतिष में ग्रहों की स्थिति बहुत असर दिखाती है. सभी ग्रह कुंडली में अपनी अपनी स्थिति के अनुसार परिणाम दिखाते हैं. कुछ ग्रह कुंडली में शुभ ग्रह दिखाते हैं तो कुछ ग्रह खराब फल देते हैं. वहीं कुछ

ग्रहों की शांति के लिए दान करने से जुड़े नियम

दान करने के लिए प्रत्येक ग्रह से जुड़ी चीजों का ज्ञान होना बहुत जरूरी है. यदि ग्रह की शांति के लिए दान करना शुभ है तो कई बार दान की स्थिति नकारात्मक फलों को भी देने वाली हो जाती है. इसके लिए जरूरी है

कन्या लग्न के लिए सभी ग्रह दशा का प्रभाव

कन्या लग्न के प्रभाव से व्यक्ति में संघर्षों से लड़ने की क्षमता होती है. यह राशि पृथ्वी तत्व की राशि मानी जाती है इसलिए यह परिस्थिति से उबरने में सक्षम होती है. बुध इसके लग्न का स्वामी होता है. बुध