Articles in Category jyotish

13वीं राशि "ओफियुकस" नई राशि । 13th Zodiac Sign Date

ज्योतिष शास्त्र में 9 ग्रह, 27 नक्षत्र और 12 राशियों को स्थान दिया गया है. ब्रह्माण्ड में एक नई राशि के आगमन की खबर आज सभी की हैरानी का सबब बनी हुई है. राशि परिवार में एक नए सदस्य के बढने पर सभी अधिक

ऋषि भृ्गु- ज्योतिष का इतिहास | Bhrigu Samhita - History of Astrology | Bhragu Smriti | Bhaskar Acharya

ऋषि भृगु उन 18 ऋषियों में से एक है. जिन्होने ज्योतिष का प्रादुर्भाव किया था. ऋषि भृ्गु के द्वारा लिखी गई भृ्गु संहिता ज्योतिष के क्षेत्र में माने जाने वाले बहुमूल्य ग्रन्थों में से एक है. भृ्गु

चतुर्विशांश और सप्तविशांश कुण्डली | Chaturvishansha and Saptavishansha Kundali

चतुर्विशांश कुण्डली या D-24 | Chaturvishansha Kundali or D-24 इस कुण्डली का अध्ययन शिक्षा, दीक्षा, विद्या तथा ज्ञान के लिए किया जाता है. शिक्षा में सफलता तथा बाधाओं को देखा जाता है. इस वर्ग को

ज्योतिष का आदिकाल -ज्योतिष का इतिहास | Astrology Adikaal - History of Astrology | Adikaal Scriptures | Astrology in Early Middly Age

ज्योतिष का आदिकाल ईं. पू़. 501 से लेकर ई़. 500 तक माना जाता है. यह वह काल था, जिसमें वेदांग के छ: अंग अर्थात शिक्षा, कल्प, व्याकरण, निरूक्त, ज्योतिष और छन्द पर कार्य हुआ. इस समयावधि में ज्योतिष का

दाम्पत्य जीवन का विचार | Analysis of Married Life

कई व्यक्ति विवाह उपरान्त पति-पत्नी में संबंध कैसे रहेंगें, इसके बारे में भी जानना चाहते हैं. वर्तमान समय में बहुत से जातकों का यह प्रश्न अब आम हो गया है कि मेरा विवाहित जीवन कैसा रहेगा अथवा मेरे

मकर राशि क्या है. । Capricorn Sign Meaning | Capricorn - An Introduction । What is the Symbol of the Capricorn Sign

मकर राशि के व्यक्ति पूर्ण रुप से व्यवहारिक होते है. इनके इरादे मजबूते होते है. इस राशि के व्यक्तियों में आगे बढने की उच्च महत्वकांक्षा होती है. मकर राशि के व्यक्ति विश्वसनीय होते है. समझदार, अनुशासन

रेड जेस्पर

रेड जेस्पर जिसे हिन्दी में लाल सूर्यकान्तमणि भी कहा जाता है. माणिक्य का यह उपरत्न अपारदर्शी होता है. माणिक्य के सभी उपरत्नों में रेड जेस्पर सबसे अधिक बिकता है और सबसे अधिक लाभ प्रदान करने वाला होता

कुंजाइट उपरत्न | Kunzite Gemstone Meaning | Kunzite - Metaphysical And Healing Ability

इस उपरत्न की सर्वप्रथम खोज अमेरीका के कैलीफोर्निया में 1902 में हुई थी. इस उपरत्न का नाम जॉर्ज एफ. कुंज(George F. Kunz) के नाम पर रखा गया है. यह उपरत्न अधिकाँशत: बडे़ आकार में पाया जाता है. यह 8

नारद ऋषि का ज्योतिष में योगदान

ऋषि नारद भगवान श्री विष्णु के परमभक्त के रुप में जाने जाते है. श्री नारद जी के द्वारा लिखा गया नारदीय ज्योतिष, ज्योतिष के क्षेत्र की कई जिज्ञासा शान्त करता है. इसके अतिरिक्त इन्होने वैष्णव पुराण की

13वीं राशि । 13th Zodiac Sign

एक पाश्चात्य ज्योतिषी के अनुसार भचक्र में राशियों की संख्या 12 से 13 हों, गई है. पृ्थ्वी के अपनी धूरी में होने वाले बदलाव ने राशियों में एक नई राशि को जोड दिया है. वैदिक ज्योतिष के फलित का आधार

चतुर्थी तिथि | Chaturthi Tithi | Chaturthi Meaning | What is Tithi in Hindu Calender | How is Tithi Calculated

हिन्दू मास चन्द्र तिथियों से मिलकर बना होता है और चन्द्र मास के दो पक्ष होते है, एक कृष्ण पक्ष और दूसरा शुक्ल पक्ष, दोनों ही पक्षों में चतुर्थी तिथि आती है. इन दोनों पक्षों की चतुर्थी क्रमश: शुक्ल

केमद्रुम योग कैसे होता है भंग

जन्म कुण्डली में जब चंद्रमा से दूसरे भाव और बारहवें भाव में कोई ग्रह नहीं होता है तो यह स्थिति केमद्रूम योग बनाती है. केमद्रूम योग खराब योगों की श्रेणी में आता है. इस योग के कारण जातक मानसिक और

4th भाव- सुख भाव क्या है. | Sukh Bhava Meaning | Fourth House in Horoscope | 4th House in Indian Astrology

कुण्डली के लग्न भाव से क्रम से गिनने चतुर्थ स्थान में आने वाला भाव चतुर्थ भाव कहलाता है. चतुर्थ भाव माता, घरेलू खुशियां, भू-सम्पति, पैतृ्क भूमि, स्थिर-सम्पति, वाहन, नैतिक सदगुण, ईंमानदारी, निष्ठा,

वृश्चिक तथा कुम्भ राशि की गणना | Calculation of Scorpio and Aquarius Sign

पिछले अध्याय में आपको बताया गया था कि जैमिनी चर दशा में वृश्चिक तथा कुम्भ राशि दशा की गणना बाकी अन्य राशियों से भिन्न होती है. इन दोनों राशियों की गणना के लिए कुछ विशेष नियम निर्धारित किए गए हैं. जो

आजीवन आजीविका ज्योतिष के माध्यम से | Professional Life through Astrology | Career According to Vedic Astrology

प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य वराहमिहिर के अनुसार लग्न, सूर्य अथवा चन्द्र में जो ग्रह सबसे अधिक बली हों, उस ग्रह से दशम भाव का स्वामी, नवाशं में जिस राशि में स्थित हों, उस राशि की दशा और गोचर में व्यक्ति को

आश्लेषा नक्षत्र विशेषताएं | Characteristics of Ashlesha Nakshatra | Ashlesha Nakshatra Career

आकाश मे तारों के समूह को नक्षत्र कहा जाता है और भारतीय ज्योतिष में इनका महत्वपूर्ण स्थान रहा है. नक्षत्रों की गणना प्राचीन काल से ही होती आ रही है और जिस व्यक्ति का जन्म जिस नक्षत्र में होता है उसके

व्यवसाय अथवा नौकरी से संबंधित सामान्य नियम | General Rules Related to a Profession or Service

नौकरी से संबंधित बहुत से प्रश्न प्रश्नकर्त्ता के द्वारा पूछे जाते हैं. तरक्की कब होगी? तरक्की होगी या नहीं होगी? क्या नौकरी में तबादला होगा? तबादला होगा या नहीं होगा? नई नौकरी कब मिलेगी? वर्तमान

ब्रह्मगुप्त ज्योतिषाचार्य का ज्योतिष में योगदान

ब्रह्मगुप्त का नाम भारत के महान गणितज्ञों में लिया जाता है. इनके द्वारा दिए गए सूत्रों को आज भी उपयोग में लाया जाता है. ब्रह्म गुप्त न केवल गणित के जानकार थे बल्कि वे एक बहुत योग्य ज्योतिषी भी थे.

नाग करण

पंचांग के पांच अंगों में एक मुख्य अंग करण है. 1 तिथि में 2 करण होते हैं, अर्थात तिथि का पहला भाग और दूसरा भाग दो करणों में बंटा होता है. करण ग्यारह होते हैं, जिनमें से सात करण बार-बार आते हैं और चार

7वां भाव-विवाह भाव क्या है. | Jaya Bhava Meaning | Seventh House in Horoscope | 7th House in Indian Astrology

कुण्डली के सांतवें भाव को विवाह भाव या जया भाव के नाम से जाना जाता है. यह भाव व्यक्ति के जीवन साथी की व्याख्या करता है. इसके अतिरिक्त इस भाव से यौनाचार की इच्छायें, विवाह, विदेश यात्रायें, संतान,