Articles in Category jyotish
क्या हीरा अनुकुल रहेगा? | Is Heera Stone Good for Me (Can I Wear Diamond Gemstone)
शुक्र रत्न हीरा सदा से ही अपने आकर्षक आभा के कारण चर्चा का विषय रहा है. इस रत्न को वज्रमणी, इन्द्रमणी, भावप्रिय, मणीवर, कुलीश आदि नामों से भी पुकारा जाता है. हीरा धारण करने वाले व्यक्ति के वैवाहिक
षोडशांश कुण्डली तथा विशांश कुण्डली | Shodhshansha Kundli and Vishansha Kundli
षोडशाँश कुण्डली या D-16 | Shodhshansha Kundli or D-16 इस कुण्डली का विश्लेषण वाहन सुख के लिए किया जाता है. इस वर्ग का उपयोग वाहन से संबंधित कष्ट, दुर्घटना तथा मृत्यु का आंकलन करने के लिए भी किया जाता
जैमिनी कारक | Jaimini Karak
पिछले पाठ में आपने जैमिनी दशा में उपयोग में आने वाले कारकों के बारे में जानकारी हासिल की है. कारकों का निर्धारण करना आपको आ गया होगा. जिस प्रकार पराशरी सिद्धांतों में प्रत्येक भाव का अपना महत्व होता
त्रिशांश कुण्डली तथा खवेदाँश कुण्डली | Trishansha Kundali and Khavedansha Kundali
त्रिशाँश कुण्डली या D-30 | Trishansha or D-30 इस कुण्डली का अध्ययन जीवन में होने वाली बीमारी तथा दुर्घटनाओं के लिए किया जाता है. इस कुण्डली का अध्ययन जातक के जीवन में आने वाले सभी प्रकार के अरिष्ट
डायोप्टेज उपरत्न | Dioptase Gemstone | Dioptase - Metaphysical Properties | Dioptase - Healing Crystal
यह उपरत्न देखने में पन्ना रत्न का भ्रम पैदा करता है. यह संरचना तथा बनावट के आधार पर बिलकुल पन्ना रत्न का आभास देता है. कोई दूसरा खनिज पन्ना उपरत्न के समान नहीं लगा है जबकि यह उपरत्न थोडा़ सा गहरा और
ज्योतिष्करण्डक - ज्योतिष का इतिहास | Jyotishkarandka | Jyotisha History | Jyotishkarandka Texts Details
ज्योतिष का यह ग्रन्थ प्राचीन और मौलिक ग्रन्थ है. वर्तमान में उपलब्ध यह ग्रन्थ अधूरी अवस्था में है. इस ग्रन्थ में भी नक्षत्र का भी वर्णन किया गया है. इस ग्रन्थ में अस्स नाम अश्चिनी और साई नाम स्वाति
शत्रु संबंधी प्रश्न | Questions Related to Enemy
कई बार प्रश्नकर्त्ता को अपने शत्रुओं से भय रहता है. वह डरते हैं कि क्या शत्रु नुकसान पहुंचाएंगें? आजकल यह प्रश्न किसी भी सन्दर्भ में पूछा जा सकता है. यह प्रश्न प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष शत्रुओं के लिए
5वां भाव-संतान भाव क्या है. | Prem Bhava Meaning | Fifth House in Horoscope | 5th House in Indian Astrology
पंचम भाव प्रेम भाव है, इसे शिक्षा का भाव भी कहा जाता है. इसके अतिरिक्त इस भाव को पणफर और कोण भाव भी कहा जाता है. पंचम भाव सन्तान, बुद्धिमता, बुद्धिमानी, सट्टेबाजी, प्रसिद्धि, पदवी, बुद्धि, भावनाएं,
कृष्णमूर्ती पद्धति | Krishnamurti Paddhati | 1st House in Krishnamurti Paddhati | Pratham Bhav in Krishnamurti
कृष्णमूर्ती पद्धति की गणना नक्षत्रों पर आधारित होती है. प्रत्येक भाव के नक्षत्र तथा उपनक्षत्र स्वामी का अध्ययन सूक्ष्मता से किया जाता है. वैदिक ज्योतिष में परम्परागत प्रणली में लग्न भाव अर्थात प्रथम
रोहिणी नक्षत्र की पहचान और महत्व
27 नक्षत्रों की श्रेणी में रोहीणी नक्षत्र को महत्वपुर्ण स्थान प्राप्त है, क्योंकि इस नक्षत्र को चंद्रमा का सबसे प्रिय नक्षत्र माना गया है. इस नक्षत्र में विचण करते समय चंद्रमा की स्थिति बहुत ही
सेलेस्टाईट उपरत्न अथवा सेलेस्टाईन उपरत्न | Celestite Gemstone Or Celestine Gemstone Meaning
यह यह उपरत्न कई स्थानों पर सेलेस्टाईन के नाम से भी जाना जाता है. सेलेस्टाईट या सेलेस्टाईन दोनों ही शब्द लैटिन शब्द स्वर्ग(Heaven) और आकाश से बने है. कई विद्वान इस उपरत्न के नाम की उत्पत्ति लैटिन शब्द
रोग, भाव और शरीर अंग | Disease, Expressions and Body Parts
रोग स्थान की जानकारी प्राप्त करने के योग्य होने के लिए यह समझना आवश्यक है कि शरीर के विभिन्न अंग जन्मपत्री में किस प्रकार से निरुपित हैं. दुर्भाग्य से शास्त्रीय ग्रन्थ इस दिशा में अल्प सूचनाएं ही
जानिए क्यों है इतना महत्वपूर्ण माघ माह और इसके महव के बारे में
हिन्दूओं का एक अन्य पवित्र माह माघ मास है, इस माह का महत्व धार्मिक दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण रहा है. इस माह के दौरान हर दिन किसी न किसी रुप में पूजा, पाठ, जप, तप, दान इत्यादि की महत्ता को विस्तार
एमेथिस्ट । जमुनिया । बिल्लौर । Amethyst | Substitute of Blue Sapphire | Quality of Amethyst | Supernatural Powers of Amethyst
इस उपरत्न को हिन्दी में जमुनिया कहा जाता है. कई स्थानों पर इसे बिल्लौर के नाम से भी जाना जाता है. इसे नीलम रत्न के उपरत्न के रुप में धारण किया जा सकता है. प्रकृति में यह उपरत्न प्रचुर मात्रा में पाया
मूंगा रत्न कौन पहन सकता है ? मूंगा रत्न के फायदे और नुकसान
मंगल रत्न मूंगा को प्रवाल, विद्रुम, लतामणी, रक्तांग आदि नामों से जाना जाता है. मूंगा धारण करने से व्यक्ति में साहस, पराक्रम, धीरज, शौर्य भाव की वृ्द्धि होती हे. यह रत्न मुकदमा, जेल आदि परेशानियों में
गिरिराज मंदिर / गोवर्धन धाम | Giriraj Temple - Govardhan Dham | Govardhan Dham Story in Hindi
मथुरा और वृ्न्दावन में भगवान श्री कृ्ष्ण से जुडे अनेक धार्मिक स्थल है. किसी एक का स्मरण करों तो दूसरे का ध्यान स्वत: ही आ जाता है. मथुरा के इन्हीं मुख्य धार्मिक स्थलों में गिरिराज धाम का नाम आता
सावन का पहला सोमवार 2025| First Monday of Sawan Maas | Kanwar Yatra | Importance of Baidyanath Dham in Sawan
सावन माह व्यक्ति को कई प्रकार के संदेश देता है. सावन के माह में आसमान पर हर समय काली घटाएँ छाई रहती हैं. यह घटाएँ जब बरसती है तब गरमी से मनुष्य को राह्त मिलती है. यह माह हमें जीवन की मुश्किल
सूर्य से बनने वाला उभयचरी योग बना सकता है आपको नेता
उभयचरी योग सूर्यादि योगों में से एक योग है. यह योग शुभ योग है. सूर्यादि योगों की यह विशेषता है, कि इन योगों राहू-केतु और चन्द्र ग्रह को शामिल नहीं किया जाता है. यहां तक की अगर उभयचरी योग बनते समय
जानिए षष्टी तिथि का महत्व और इसकी विशेषता
चन्द्र मास के दोनों पक्षों की छठी तिथि, षष्टी तिथि कहलाती है. शुक्ल पक्ष में आने वाली तिथि शुक्ल पक्ष की षष्टी तथा कृष्ण पक्ष में आने वाली कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि कहलाती है. षष्ठी तिथि के स्वामी
प्रश्न लग्न में शुभ - अशुभ ग्रहों का फल | Effect of Beneficial or Malefic Planet in Prashna Lagna
प्रश्न कुण्डली के लग्न में ग्रहों की स्थिति देखी जाती है कि क्या है. शुभ ग्रह लग्न को प्रभावित कर रहें हैं अथवा पाप ग्रहों का प्रभाव लग्न पर अधिक पड़ रहा है. आइए इसे विस्तार से समझें. प्रश्न कुण्डली