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मकर राशि में राहु का प्रभाव: उपलब्धियों के साथ चुनौतियों का समय
राहु ज्योतिष शास्त्र में एक छाया ग्रह के रूप में जाना जाता है. यह कोई भौतिक ग्रह नहीं है, बल्कि चंद्रमा और सूर्य के बीच ग्रहण के समय उत्पन्न होने वाला एक बिंदु है. यद्यपि यह दृश्य नहीं है, फिर भी
सिंह राशि के लिए साढ़ेसाती और इसका असर
साढ़ेसाती भारतीय ज्योतिषशास्त्र का एक महत्वपूर्ण और विवादास्पद विषय है. यह ग्रहों की स्थिति पर आधारित एक कालखंड होता है, जो किसी व्यक्ति के जीवन में विशेष प्रभाव डालता है. साढ़ेसाती का काल किसी भी
नव संवत्सर 2082 (चैत्र शुक्ल प्रतिपदा) कैसा रहेगा प्रभाव
नव संवत्सर को सिद्धार्थ नामक संवत के नाम से जाना जाएगा. इस वर्ष संवत के राजा सूर्य होंगे और मंत्री सूर्य होंगे. वर्ष के राजा सूर्य होने से राष्ट्र में विरोधाभास की स्थिति बनी रहने वाली है. इस समय
लग्न में केतु का प्रभाव और विशेषताएं
केतु एक ग्रह के रूप में अपनी विशेषताओं और प्रभाव के लिए जाना जाता है। भारतीय ज्योतिष में केतु को छाया ग्रह कहा जाता है, जो सूर्य और चंद्रमा के साथ सम्बन्ध रखता है। यह ग्रह व्यक्ति के जीवन में रहस्यमय
विजया एकादशी का राशि अनुसार उपाय और महत्व
विजया एकादशी हिन्दू धर्म में विशेष रूप से महत्व रखने वाला व्रत है, जो हर वर्ष फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है। यह एकादशी विशेष रूप से विजय, सफलता और समृद्धि के लिए जानी जाती है।
शोभन योग: ज्योतिष अनुसार इसका प्रभाव और महत्व
ज्योतिष शास्त्र में विभिन्न प्रकार के योगों का विशेष स्थान है, जो किसी व्यक्ति के जीवन के विभिन्न पहलुओं पर असर डालते हैं. इन योगों में से एक महत्वपूर्ण योग है "शोभन योग", जो व्यक्ति की कुंडली में
विष्कुम्भ योग : ज्योतिष में विष्कुम्भ योग का प्रभाव
ज्योतिष में बनने वाले सत्ताईस योगों में से एक योग है विष्कुंभ योग, विष्कुम्भ योग एक ऐसा दुर्लभ और शक्तिशाली योग है, जो ज्योतिष में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. यह योग तब उत्पन्न होता है जब किसी
आनंदादि योग जानें इसके शुभ-अशुभ प्रभाव
आनन्दादि योग का उल्लेख भारतीय ज्योतिष शास्त्र में विशेष रूप से किया जाता है. ज्योतिष में, योग का मतलब होता है विभिन्न नक्षत्र, योग तिथि वार इत्यादि की स्थितियों और उनके आपसी संबंधों के माध्यम से
मंगल का आर्द्रा नक्षत्र प्रवेश क्यों होता है विशेष
मंगल जब मिथुन राशि में होता है तब आर्द्रा में जाता है. मंगल का आर्द्रा नक्षत्र में जाना दो शक्तिशाली तत्वों का एक साथ होने का योग बनता है. आर्द्रा नक्षत्र में मौजूद होने के कारण मंगल व्यक्ति को कड़ी
कर्क लग्न के लिए मारक ग्रह - मारकेश कौन होता है
कर्क लग्न के लिए मारक ग्रह और कब होता है मारक का असर कर्क लग्न के लिए यदि मारक ग्रह की बात की जाए तो कर्क लग्न के दूसरे भाव और सातवें भाव स्थान को मारक स्थान कहा जाएगा. अब कुंडली के दूसरे और सातवें
शादी से पहले कुंडली मिलान क्यों है जरूरी ?
शादी से पहले कुंडली मिलान करने के कारण जिनसे विवाह में नही आती बाधाएं ज्योतिष शास्त्र में एक व्यक्ति के जीवन के प्रत्येक पक्ष को समझने में मदद मिलती है. इसी में एक महत्वपूर्ण चीज विवाह भी है. विवाह
नाड़ी दोष क्या होता है और इसका प्रभाव जीवन पर कैसे पड़ता है
ज्योतिष शास्त्र विज्ञान पर आधारित शास्त्र होता है. इन्हीं पर आधारित होता है हमारे जीवन का सभी फल इसी में एक तथ्य नाड़ि ज्योतिष से जुड़ा है. नाड़ी दोष विशेष रुप से कुंडलियों के मिलान के समय पर अधिक
मृ्गशिरा नक्षत्र विशेषताएं | Characteristics of Mrigsira Nakshatra | How to Find Mrigshira Nakshatra
मृ्गशिरा नक्षत्र को किसान नक्षत्र कहा जाता है. सरल शब्दों में उसे हिरनी या खटोला भी कहा जाता है. राशिचक्र को 27 समान भागों में विभाजित करने के बाद बाद 27 नक्षत्रों बनते है. इनमें से प्रत्येक नक्षत्र
उत्तराषाढा नक्षत्र विशेषताएं | Characteristics of Uttara Ashadha Nakshatra | Uttarashadha Nakshtra Career
उत्तराषाढा नक्षत्र 21 वां नक्षत्र है, तथा इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्तियों में कृ्तज्ञता की भावना विशेष रुप से पाई जाती है. इस नक्षत्र के व्यक्ति धार्मिक आस्था के होते है. इन्हें धर्म
देव गण में जन्मा जातक होता है भाग्यशाली
विवाह करने से पूर्व वर-वधू की कुण्डलियों का मिलान करते समय आठ प्रकार के मिलान किये जाते है. इस मिलान को अष्टकूट मिलान के नाम से जाना जाता है. इन्हीं अष्टकूट मिलान में से एक गण मिलान है. इस मिलान में
रोहिणी नक्षत्र की पहचान और महत्व
27 नक्षत्रों की श्रेणी में रोहीणी नक्षत्र को महत्वपुर्ण स्थान प्राप्त है, क्योंकि इस नक्षत्र को चंद्रमा का सबसे प्रिय नक्षत्र माना गया है. इस नक्षत्र में विचण करते समय चंद्रमा की स्थिति बहुत ही
चित्रा नक्षत्र विशेषताएं | Characteristics of Chitra Nakshatra | How to find Chitra Nakshatra
चित्रा नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति मंगल ग्रह से प्रभावित होते है. इस नक्षत्र का स्वामी मंगल होने के कारण. 27 नक्षत्रों में से चित्रा नक्षत्र 14वां नक्षत्र है. किसी भी नक्षत्र पर उसके स्वामी और
अश्विनी नक्षत्र का महत्व और विशेषताएं
ज्योतिष शास्त्र में वर्णित 27 नक्षत्रों में से अश्विनी नक्षत्र पहला नक्षत्र है. इस नक्षत्र का स्वामी ग्रह केतु है. इस नक्षत्र को गण्डमूल नक्षत्रों की श्रेणी में रखा गया है. केतु एक रहस्यमयी ग्रह है.
जानिए भरणी नक्षत्र की विशेषताएं और इस नक्षत्र में जन्में जातक का भाग्य
भरणी नक्षत्र तीन तारों के समूह से मिलकर बना है. यह तीन तारे स्त्री की योनि के आकार की तरह दिखाई देते हैं. सभी नक्षत्रों की आकृति और आकारों की तुलना पृथ्वी पर पाए जाने वाले पदार्थों से की गई है. भरणी
सूर्य क्या है. । The Sun in Astrology । Know Your Planets-Sun Surya । Surya Karakatatva | Sun represents which organs of the body
ज्योतिष में सूर्य को पिता का कारक कहा गया है. इसके साथ सूर्य आत्मा के कारक ग्रह है. व्यक्ति की आजीविका में सूर्य सरकारी पद का प्रतिनिधित्व करता है. व्यक्ति को सिद्धान्तवादी बनाता है. इसके अतिरिक्त