प्रथम भाव में बुध ग्रह : बुद्धि और तर्क क्षमता का संगम
प्रथम भाव में बुध ग्रह : बुद्धि और तर्क की कुशलता होती है प्रगाढ़
बुध ग्रह के लिए प्रथम भाव में बुध का होना एक आदर्श स्थान हो सकता है क्योंकि पहला भाव मस्तिष्क है विचार व्य्वहार का स्थान है. ऎसे में बुध जब लग्न में होंगे तो इन चीजों से करेंगे प्रभावित. लग्न भाव और बुध का पहले भाव में होना बेहद विशेष होता है. जन्म कुंडली के प्रत्येक भाव की अपनी भूमिका होती है. अब इस स्थिति में कोई ग्रह जब किसी भाव में विराजमान होता है तो इसके कई दूरगामी प्रभाव मिलते हैं.
बुध का ज्योतिष प्रभाव और पहले भाव का महत्व
ज्योतिष अनुसार किसी जन्म कुंडली का आरंभ पहले भाव से होता है. यह पहला भाव व्यक्ति का प्रतिनिधित्व करता है, यानी कि स्वयं का, और इसे लग्न के रूप में भी जाना जाता है. इस भाव का महत्व इस तथ्य में निहित है कि स्वयं बाकी सभी चीजों के केंद्र में है. बुध की बात है, जो कि बुद्धि का ग्रह है, यह मानसिक स्थिति को दर्शाता है. इसके द्वारा हम चीजों को समझने की कोशिश करते हैं. यह ग्रह बुद्धिमत्ता और संचार के बारे में भी है. अब पहले भाव में बुध का होना एक बहुत ही संवादात्मक चरित्र की ओर ले जाता है जिसके पास तेज-तर्रार और बुद्धिमान दिमाग होगा.
बुध ग्रह के द्वारा प्रथम भाव में बुध से प्रभावित होने वाले क्षेत्र
बुध की ऐसी स्थिति वाले लोगों में कई गुण होते हैं, जिनकी बहुत मांग होती है. बुध स्वभाव से ही युवा, विचारों के क्षेत्र में सक्रिय, बौद्धिक बहस में रुचि रखने वाला और कई विषयों पर ज्ञान प्राप्त करने का शौकीन होता है. बुध के लिए ज्ञान की गहराई कभी मायने नहीं रखती, बल्कि यह अपनी पहुंच का विस्तार करने में बहुत रुचि रखता है. प्रथम भाव में बुध व्यक्ति को बहुत हंसमुख व्यक्तित्व वाला बनाता है, जब तक कि अन्य कारक इस व्यवहार को बदल न दें.मस्तिष्क का भाग बुध से प्रभावित होगा, आंखें माथा नाक गला कान सब कुछ बुध से प्रभावित होंगे.
व्यक्ति बहुत आकर्षक होते हैं और उनका व्यक्तित्व अक्सर बहुत कोमल होता है. सेंस ऑफ ह्यूमर बहुत अच्छा होता है. गंभीर स्थिति को भी हल्का बना देने की अच्छी क्षमता और प्रवृत्ति होती है. दिखने में, अगर बुध कुंडली में लग्न में अच्छी स्थिति में है, तो व्यक्ति अपनी उम्र की तुलना में युवा दिखाई देते हैं. ये लोग बौद्धिक रूप से बहुत तेज होते हैं और बहुत पढ़ना पसंद करते हैं, भिन्न विषयों की खोज करना पसंद करते हैं. किसी एक काम में रुचि बनाए रखना इस ग्रह के कारण कठिन और उबाऊ हो सकता है. जल्दी खाते हैं, जल्दी बोलते हैं और जल्दी चलते भी हैं. बहुत ही दिलचस्प प्रवृत्ति के होते हैं बहुत सी चीज़ों में आनंद लेते हैं.
पहले भाव में मजबूत बुध का प्रभाव खर्चीला बना सकता है चीजों में विविधता की इच्छा रखना चाहेंगे. एक ही समय में कई चीज़ों के लिए प्यार के कारण, कई लोग यह कहने में जल्दबाजी करते हैं कि उनके कई रिश्ते भी होंगे, लेकिन आम तौर पर यह सच नहीं है और ऐसे मामलों में समझना है की बुध की प्रवृत्ति सभी के साथ मिलजुल कर रहने वाली है. गहरे स्तर पर, ऐसा बुध व्यक्ति को आत्म-विश्लेषणात्मक बनाता है. कुछ मामलों में अविश्वास की भावना हो सकती है, जिससे जटिलताएँ पैदा हो सकती हैं. किसी भी चीज में बहुत चर्चा करना पसंद करते हैं. कुछ मामलों में विचारों और धारणाओं से जुड़ जाते हैं और उनके माध्यम से अपनी छवि पेश करते हैं. विचारों का निरंतर आदान-प्रदान इन लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.
बुध के पहले भाव में शुभ - सकारात्मक प्रभाव
प्रथम भाव में बुध है, होने से अज्ञात के रोमांच से व्यक्ति अधिक प्रेरित दिखाई देता है. हमेशा कुछ नया और रोमांचक खोजते रहते हैं. दिलचस्प व्यक्ति होते हैं. बहुत सी बातों में रुचियों की एक विस्तृत श्रृंखला होती है और आपका दिमाग बहुत समृद्ध होता है. व्यक्ति बहुमुखी होता है और आप नई चीजों को आजमाना पसंद करते हैं.
बुध के प्रभाव से व्यक्तित्व का एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि समय के साथ बदलते रह सकते हैं. हमेशा आगे बढ़ते रहते हैं, काफी अनुकूलनीय और लचीले भी होते हैं. बुध संचार का प्रतीक है. और ऎसे में लग्न में बुध का असर बातूनी बनाता है, संचार कभी नहीं रुकता है और यह हमेशा बदलता रहता है. प्रथम भाव में बुध के कारण बदलव पसंद और प्रवाहमान रहते हैं.
प्रथम भाव में बुध व्यक्ति को खुद को अभिव्यक्त करने के लिए प्रवृत्त करता है. स्वाभाविक जिज्ञासा अपने दिमाग में बहुत सारी जानकारी एकत्रित करने के लिए प्रेरित कर सकती है. हमेशा सीखने के लिए तत्पर रहते हैं.
पहले भाव में बुध के अशुभ - नकारात्मक प्रभाव
बुध के कुछ नकारात्मक पक्ष भी इस भाव में देखने को मिल सकते हैं. साहसिक स्वभाव नुकसान पहुंचाता है. हमेशा कुछ नया और अलग करने की आदत स्थिरता और एकाग्रता को कमजोर बना देती है. जीवन के कुछ पहलुओं पर यह भारी पड़ सकती है. नई परियोजनाओं को शुरू करने में अच्छे हो सकते हैं लेकिन हो सकता है कि इन्हें समाप्त कर पाने में असफल हों जिसके चलते सफलता नीचे ला सकती है. जीवन में ऊंचा उठना चाहते हैं तो इस कमी पर काम करना चाहिए.
पहले भाव में बुध के प्रभाव से चर्चाओं पर हावी होने और विषय को उनकी रुचि वाली चीज़ पर ले जाने की क्षमता रखते हैं. जो सुनना चाहते हैं उसके बारे में सोचने में इतने व्यस्त रहेंगे कि दूसरों की बातों पर ध्यान ही नहीं दे पाएँगे. लहजा कठोर हो सकता है, दूसरों की बातों को ज़्यादा महत्व न देना समस्या दे सकता है. दूसरों की भावनाओं और भावनाओं के प्रति असंवेदनशील और कठोर बन सकते हैं. पहले भाव में बुध के कारण बेबाक होने की स्थिति भी परेशानी दे सकती है.