शेयर मार्केट का ज्योतिष द्वारा विश्लेषण
धनार्जन से जुड़े कई कार्य जीवन में दिखाई देते हैं लेकिन जब बात आती है अचानक से मिलने वाली सफलता तो उसमें शेयर बाजार का नाम सबसे आगे रहता है. बड़े रिस्क से जुड़ी मार्किट का विश्लेषण करें तो इसमें ज्योतिष अनुसार इसमें सफलता के कई मापदंड काम करते हैं. शेयर बाजार में निवेश धन का निर्माण करना आकर्षक अवसर हो सकता है, लेकिन इसमें जोखिम भी होता है. यदि आप खुद को अनिश्चित पाते हैं कि शेयर बाजार में निवेश करना चाहिए या नहीं, तो ज्योतिषीय जानकारी प्राप्त करना एक अतिरिक्त सहायक मार्गदर्शन के रुप में काम कर सकता है. शेयर बाजार में निवेश के मामले में ज्योतिष किस प्रकार मार्गदर्शन प्रदान कर सकता है. यह ज्योतिषीय कारकों पर विचार करके तथा ग्रहों की स्थिति एवं गोचर का असर इस पर असर डालता है.
ज्योतिष अनुसार निवेश का निर्णय
ज्योतिष एक प्राचीन पद्धति है जो ग्रहों के प्रभावों और मानव जीवन पर उनके असर को बेहद गहरे रुप में दिखाती है. इनके अध्ययन द्वारा कई चीजों को समझ कर यदि कार्यों को किया जाए तो परिणामों की बेहतर रुप से अपेक्षा की जा सकती है. जब आर्थिक लाभ एवं उससे संबंधित कार्यों को देखते हैं तो उसमें सही समय पर किए गए फैसले ही बेहतर परिणाम दिला सकते हैं. आर्थिक सुरक्षा का लाभ हम ज्योतिष अनुसार जान सकते हैं. ज्योतिष शास्त्र वित्त सहित जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में समय, संभावित अवसरों और चुनौतियों के बारे में अंतर्दृष्टि प्रदान कर सकता है. जब निवेश निर्णयों की बात आती है, तो ज्योतिष ग्रहों की स्थिति, गोचर और किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली का विश्लेषण करके मार्गदर्शन प्रदान कर सकता है. वित्तीय मामलों को प्रभावित करने वाले ज्योतिषीय कारकों को समझकर, आने वाले संभावित परिणामों की गहरी समझ प्राप्त कर सकते हैं और अधिक जानकारीपूर्ण निर्णय ले सकते हैं.
शेयर मार्किट में कोई भी निवेश आसान नहीं होता है इसी जोखिम पूर्ण निवेश की उचित समझ को पाकर बेहतर निर्णय ले पाना संभव होगा.
शेयर मार्किट के लिए ज्योतिषीय कारक
शेयर मार्किट को समझने के लिए कुंडली में मौजूद कुछ मत्वपूर्ण ज्योतिषिय कारक, ग्रह एवं भाव स्थिति को समझने की जरुरत होती है. इस मामले में कुंडली के वह भाव मुख्य होते हैं जो धन की स्थिति के लिए देखे जाते हैं और इसके अलावा अचानक होने वाले परिणाम से जुड़े भाव तथा फैसला लेने की शक्ति का निर्णय लेने वाले भाव सभी मिलकर इस ओर अपनी भूमिका का निर्वाह करते हैं. कुंडली के मुख्य भाव एवं उनके स्वामियों का शेयर मार्किट की स्थिति को जानने की बेहतर दृष्टि देने वाला होता है.
दूसरा भाव
ज्योतिष के अनुसार कुंडली का दूसरा भाव धन का घर कहलाता है. वित्त और भौतिक संपत्ति को नियंत्रित करता है. दूसरे घर में ग्रहों और राशियों की स्थिति का विश्लेषण करने से वित्तीय स्थिति को समझा जा सकता है. धन संचय की क्षमता के बारे में जानकारी मिल सकती है. दूसरे घर में मजबूत और सहायक स्थिति शेयर बाजार में निवेश के लिए अनुकूल समय का संकेत दे सकती है. इस भाव की खराब स्थिति शेयर मार्किट से होने वाले घाटे का संकेत देने वाली होती है.
पंचम भाव
शेयर मार्किट के संदर्भ में पांचवां भाव भी बहुत महत्व रखता है. यह भाव अचानक होने वाले लाभ की प्राप्ति एवं निर्णय लेने की स्थिति पर असर डालता है. कुंडली का पंचम भाव व्यक्ति के फैसलों को बहुत अधिक प्रभावित करने वाला स्थान होता है. इस स्थान में मौजूद ग्रह एवं इस भाव का स्वामी यदि उपयुक्त रुप से अष्टम के साथ संबंध में हैं तो व्यक्ति के लिए शेयर मार्किट में लाभ पाने की अच्छी संभावनाएं भी प्राप्त होती हैं.
एकादश भाव
यह भाव लाभ का स्थान होता है. जीवन में मिलने वाले लाभ की स्थिति कैसी होगी होगी कम या अधिक लाभ हमें किस रुप में मिलेगा इसके लिए यह भाव अपना विशेष स्थान रखता है.
अष्टम भाव
अष्टम भाव जीवन में होने वाली अचनक घटनाओं का केन्द्र स्थान होता है. इस भाव की भूमिका का शेयर मार्किट पर गहरा असर दिखाई देता है. शेयर मार्किट जोखिम और अप्रत्याशित परिणाम को दर्शाता है ओर इस भाव के साथ मिलकर शेयर मार्किट के जोखिम को समझ पाना संभव होता है. यदि कुण्डली में अष्टम भाव पंचम लाभ इत्यादि भावों के साथ अच्छी स्थिति में हो तो व्यक्ति अपने जीवन में शेयर मार्किट का लाभ जरूर पाता है. यदि दशम का संबंध इस भाव से हो और राहु बुध की स्थिति भी साथ हो तो व्यक्ति शेयर मार्किट में काम करने वाला भी हो सकता है.
ग्रहों का शेयर मार्किट पर असर
बृहस्पति ग्रह - बृहस्पति विस्तार, अधिकता और वित्तीय विकास से जुड़ा ग्रह है. जन्म कुंडली में इसकी स्थिति और इसका वर्तमान गोचर पर प्रभाव . मिलने वाले संभावित वित्तीय अवसरों और लाभ के बारे में जानकारी प्रदान कर सकता है. बृहस्पति की अनुकूल दृष्टि शेयर बाजार में निवेश पर विचार करने के लिए अनुकूल समय का संकेत दे सकती है. बृहस्पति का वक्री अस्त या पाप प्रभावित होना मुश्किलों को दर्शाता है. यह निवेश में परेशानी या घाटे की स्थिति भी दे सकता है.
शनि ग्रह - शनि ग्रह की स्थिति दीर्घकालिक परिणामों, अनुशासन, जिम्मेदारी पर असर डालने वाला होता है. इसका स्थान और गोचर जोखिम सहनशीलता के स्तर और वित्तीय मामलों में स्थिरता की आवश्यकता पर असर डाल सकता है. शनि के प्रभाव का विश्लेषण करने से यह निर्धारित करने में मदद मिल सकती है कि शेयर बाजार में निवेश दीर्घकालिक वित्तीय लक्ष्यों के अनुरूप हो सकता है या नहीं.
बुध ग्रह - बुध संचार, बुद्धि और विश्लेषणात्मक सोच का प्रतिनिधित्व करता है. इसका प्रभाव सूचित निवेश निर्णय लेने और बाजार के रुझान का आकलन करने की आपकी क्षमता का संकेत दे सकता है. बुध की मजबूत स्थिति और अनुकूल पहलू शेयर बाजार के प्रति स्वाभाविक झुकाव और अच्छे वित्तीय विकल्प चुनने की क्षमता का संकेत दे सकते हैं.
इस प्रकार ग्रहों के गोचर की स्थिति तथा ग्रहों का वक्री मार्गी होने का असर भी शेयर मार्किट को गंभीर रुप से प्रभावित करने वाला होता है.