आठवें भाव में शनि कैसे देता है अपना प्रभाव
कुंडली में यदि आठवें भाव को एक चुनौतिपूर्ण स्थान माना गया है वहीं शनि की आठवें भाव उपस्थिति को बेहद अनुकूल माना गया है. वैदिक ज्योतिष में एक विशेष स्थान माना जाता है. आठवां घर परंपरागत रूप से परिवर्तन, मृत्यु, छिपे हुए रहस्य और अचानक घटनाओं से जुड़ा हुआ है. दूसरी ओर, शनि अनुशासन, कड़ी मेहनत और प्रतिबंध का प्रतिनिधित्व करता है. इसलिए, आठवें भाव में शनि का होना कठिनाई, बाधाओं और चुनौतियों से निपटने का अच्छा संकेत देता है.
अष्टम भाव में शनि के कुछ संभावित प्रभाव इस प्रकार हैं:
परिवर्तन और बदलाव का ग्रह
आठवें घर में शनि महत्वपूर्ण परिवर्तन के लिए जाना जाता है. शनि का यहां होना परिवर्तन की अवधि को कुछ लम्बा भी बना सकता है. जीवन में कई तरह के बदलाव मनोकूल रुप से नही हो पाते हैं. व्यक्ति बड़ी उथल-पुथल या चुनौतियों का अनुभव कर सकता है जो उन्हें अपने डर और सीमाओं का सामना करने के लिए मजबूर करता है. शनि यहां बैठ कर धैर्य का गुण भी देता है जो चीजों को शांत रहकर झेलने की शक्ति को देने में सहायक बनता है. व्यक्ति के लिए जीवन काफी संघर्षशील रहने वाला होगा.
विरासत एवं संसाधनों पर प्रभाव
आठवां भाव संसाधनों, विरासत और अन्य लोगों के धन से भी जुड़ा हुआ है. इस घर में शनि इन क्षेत्रों के साथ कठिनाइयों का संकेत दे सकता है, जैसे विरासत में देरी या बाधाओं या संयुक्त संपत्ति पर विवाद देने वाला हो सकता है. यहां जितना संभव हो तो किसी के साथ साझेदारी से काम करने से बचा जाए अन्यथा उनके कारण परेशानी बनी रह सकती है. यदि अपने आस पास के माहौल के कारण परेशानी है तो ऎसे में अस्थिरता का असर जीवन पर लगा रहता है. पैतृक विवाद कर्म के पुराने अनुबंधों के कारण ही मिलता है.
अज्ञात का भय
आठवें भाव में स्थित शनि अज्ञात का भय और चिंता की प्रवृत्ति का संकेत दे सकता है. यहां विचारधारा इतनी सघन होती है कि स्वयं के अस्तित्व को लेकर भी प्रश्नचिन्ह लग सकता है. व्यक्ति जीवन के प्रति अपने दृष्टिकोण में अधिक सतर्क हो सकता है, और जोखिम लेने या परिवर्तन को गले लगाने के लिए संघर्ष कर सकता है. आसानी से बदलाव को लेकर आगे नहीं बढ़ पाता है. यहां चीजें मन को बहुत ज्यादा परेशानी देने वाली हो जाती है.
आंतरिक विकास और आत्म-जागरूकता का गुण
शनि के इस भाव में होने से जुड़ी चुनौतियों के बावजूद, आठवें भाव में शनि आंतरिक विकास और आत्म-जागरूकता के लिए भी अच्छा संकेत देता है. व्यक्ति अधिक आत्मविश्लेषी और चिंतनशील बन सकता है, और अपने स्वयं के भय और सीमाओं की गहरी समझ विकसित कर सकता है. आध्यात्मिक रुप से अथवा दर्शन के प्रभाव से व्यक्ति बहुत अधिक प्रभावित दिखाई दे सकता है.
आठवें भाव के शनि करियर ओर घरेलू पर डालता है विशेष प्रभाव
घरेलू जीवन में जटिलता रहेगी, परेशानी भरा जीवन रहेगा. व्यक्ति आर्थिक समस्याओं को देख सकता है. युवावस्था में कई तरह के प्रयास बेहतर उपलब्धियों को देने में सहायक होगा. सहायता मिल पाना मुश्किल होगा लेकिन माता-पिता और परिवार के सदस्य सहायक बन सकते हैं बाहरी संपर्क से अधिक अपने सहायक होंगे. व्यक्ति अपने भाई-बहनों के साथ गहरा बंधन पाता है. भाई-बहन उनके प्रयासों में उनकी सहायता करेंगे. इस घर में शनि शेयर बाजार और व्यक्ति को लॉटरी से भी धन प्रदान करने वाला होता है. इस भाव में शनि साझेदारी व्यवसाय में अनुकूल फल प्रदान करता है लेकिन स्वरोजगार से लाभ देता है. इस भाव में स्थित शनि 35 वर्ष की आयु तक संघर्ष जीवन देता है. उसके बाद रोजगार में राजस्व और मुनाफा कमाना शुरू करता है.
आय में सुधार होता है. उद्योग या शेयर बाजार से विरासत लाभ मिलता आय में वृद्धि के लिए व्यक्ति गुप्त विद्या के द्वारा भी धन पाता है.इस घर में शनि किसी भी प्रकार की अवैध अनैतिक गतिविधि और धोखाधड़ी का असर दिखाती है. व्यक्ति तंत्र-मंत्र के अभ्यास में शामिल हो सकता है. अष्टम भाव में स्थित शनि जातक को तपस्वी, घुमक्कड़ बना सकता है. आठवें भाव में शनि बहुत उत्साह, आपसी समझ और बहुत गहरी पैठ देता है. जातक हार्डवेयर इंजीनियरिंग या नेचुरल इंजीनियरिंग में नौकरी या कर्तव्य प्राप्त करता है. यदि अष्टमेश और दशमेश शक्तिशाली और अच्छी स्थिति में हों तो जातक को अपने करियर से बहुत ध्यान, उपलब्धि और काफी समृद्धि प्राप्त होती है.
आठवें भाव में शनि का होना प्रेम का अभाव
व्यक्ति का प्रेम जीवन शुष्क रहता है. वह हमेशा आवेशपूर्ण कार्यों के पीछे रह सकता है. व्यक्ति के जीवन में कोई महत्वपूर्ण भावनात्मक संबंध नहीं होगा और बिना किसी भावनात्मक जुड़ाव के अपनी किशोरावस्था और युवावस्था को जीते हुए आने वाले समय में अवसाद का सामना करना पड़ सकता है. शनि बहुत ही दृढ़ या समर्पित जीवनसाथी प्रदान नहीं करता है. कुछ मामलों में, धोखाधड़ी की साजिशों या किसी भी तरह की कभी-कभी शर्मिंदगी के साथ रिश्तों को जीना पड़ सकता है. साथी के साथ गहन प्रेम की प्राप्ति नही हो पाती है. व्यक्ति को साथी से सहयोग की आवश्यकता होगी लेकिन वह कभी नहीं मिलेगा. वैवाहिक जीवन में असंतुष्टि का भाव सदैव रहता है
आठवें भाव में शनि देता है दीर्घायु
आठवें भाव में शनि को विशेष रुप से आयु के लिए बहुत ही शुभ माना गया है. शनि का यहां होना अपवाद रुप से सकारात्मक माना गया है. शनि की स्थिति यहां जीवन को लम्बे समय तक ले जाने वाली तथा शोध से जोड़ने के लिए देती है. आठवां भाव आयु का भाव होता है ओर शनि की उपस्थिति व्यक्ति को लम्बे जीवन का आशीर्वाद देने वाली मानी गई है.