सूर्य का छठे भाव में होना शत्रुओं एवं विरोधियों को करता है समाप्त

छठे भाव में सूर्य आपको संघर्षों को सुलझाने और शत्रुओं पर विजय दिलाएगा. आप अपने प्रतिस्पर्धियों के साथ विलय करेंगे और सौहार्दपूर्ण तरीके से एक साथ काम करेंगे. छठे भाव में स्थित सूर्य आपको संघर्षों को सुलझाने और शत्रुओं पर विजय पाने की ओर सफल रहेगा. दैनिक कार्यों को अनुशासित रुप से करने वाला भी होता है. उन्मुक्त जीवन का प्रतिनिधित्व करता है, विशेष रूप से जन संपर्क के कार्य करने में आगे रह सकता है.

मित्रों और शत्रुओं के साथ रचनात्मकता होकर प्रदर्शन करता है. अपने प्रतिस्पर्धियों के साथ रणनीति के अनुसार काम कर पाता है. मुकदमेबाजी एवं कानूनी कामों में यहां बैठा सूर्य बेहतर परिणाम दिलाने वाला होता है. सूर्य का असर व्यक्ति को एक सफल वकील, राजनेता, चिकित्सक, पशु चिकित्सक, चिकित्सा व्यवसायी, डॉक्टर भी बना सकता है, सूर्य यहां पर व्यक्ति को एक अच्छा मार्गदर्शन देने वाला होता है.

सकारात्मक सूर्य प्रभाव
छठे भाव में सकारात्मक सूर्य आपके शत्रुओं को हराने में मदद्गार होता है. अपने विरोधियों के प्रति व्यक्ति जागरूक रहता है. एक सतर्क व्यक्ति होकर काम करने वाला गुण मिलता है. सूर्य की अच्छी स्थिति है जो व्यक्ति को शक्ति प्रदान करती है. काम के प्रति ईमानदार और दृढ़ भी बनाती है. व्यक्ति को अपने शत्रुओं से भी प्रशंसा प्राप्त होती है.

व्यक्ति एक साहसी और अधिकार संपन्न व्यक्तित्व को पाता है. सफलता प्राप्त कर सकता है. सर्वोच्च पदों में जाता है और अपनी इच्छाओं को पूरा करता है. पथप्रदर्शक भी बनता है दूसरे लोग इनके नेतृत्व क्षमता की प्रशंसा करने वाले होते हैं. व्यक्ति प्रभावशाली और रचनात्मक कार्यों के लिए सम्मानित भी होता है. साहसी रवैया जीवन में खुशियां देने वाला होता है.

नकारात्मक प्रभाव सूर्य प्रभाव
सूर्य, अशुभ होने के कारण, यहां व्यक्ति को शत्रुओं से अधिक प्रभावित कर सकता है. व्यक्ति दूसरों की सेवा करने के लिए अधिक तत्पर दिखाई देता है ऎसे में वह स्वयं को लेकर भी उदासीन हो सकता है. छठे भाव में सूर्य उन शत्रुओं का सामना करता है जो छुप कर वार करने वाले होते हैं. साजिशों का शिकार भी बना सकता है. यदि सूर्य छठे भाव में अच्छी तरह से स्थित नहीं है, तो यह जीवन में बहुत सारी प्रतिकूलताएं दे सकता है. परिस्थितियों के प्रतिैअसंवेदनशील बना सकता है. लोगों के साथ संबंध खराब कर सकता है. अलगाव एवं जीवन साथी के साथ विरोध दे सकता है. पिता का सुख कमजोर कर सकता है. मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. कोई कोर्ट केस, विवाद और कानूनी मामलों में जीतने की संभावना कम कर सकता है. स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से प्रभावित कर सकता है. लड़ने की क्षमता को कम करता है, आर्थिक रूप से भी कमजोर कर सकता है.

राशि चक्र की हर राशि पर सूर्य का असर अलग होता है. जन्म कुंडली के छठे भाव में सूर्य इनकी विशिष्ट विशेषताएं, आदतें, शक्ति और कमजोरियां को दर्शाता है.

मेष राशि - मेष राशि में सूर्य व्यक्ति की नौकरी के क्षेत्र में महत्व हासिल करने की इच्छा की बात करता है. ऐसे व्यक्ति की दक्षता अविश्वसनीय रूप से अधिक होती है, कभी-कभी वह अपने कार्य कर्तव्यों को छोड़कर सब कुछ भूल जाता है. काम के प्रति उसका समर्पण उसे वह काम करने के लिए आगे रखता है.

वृषभ राशि - वृष राशि में सूर्य एक व्यक्ति को रूढ़िवादी के गुणों से संपन्न करता है. परिवार और उसका स्वास्थ्य कुछ कमजोर पड़ जाता है, कठोर भाषा एवं अलगाव भी इसका असर दिखाता है. संतान के सुख पर असर पड़ता है.

मिथुन राशि - छठे भाव में सूर्य, मिथुन राशि में होने पर व्यक्ति कुशल एवं रचनात्मक बनता है. विविध प्रकार की रुचियों के साथ बहुमुखी व्यक्तित्व भी प्राप्त होता है. इसका मुख्य कार्य स्थिरता और सुरक्षा को पाने का भी होता

कर्क राशि - कर्क राशि में सूर्य परिवार और जीवन से बंधन देता है. यहां भावनाओं को लेकर वह अधिक पीड़ित रह सकता है. मानसिक रुप से किसी चीजे के प्रति उसकी ताकत अधिक लग सकती है. चीजों के प्रति आस्कत होता है, स्वास्थ्य को लेकर परेशानी झेल सकता है.

सिंह राशि - सिंह राशि पर सूर्य का प्रभाव अच्छा रहता है. व्यक्ति काम के प्रति लगाव रखता है अपने विरोधियों को परास्त कर सकता है. मान्यता और नेतृत्व के लिए प्रयास करता है. व्यक्ति की सभी गतिविधियाँ इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के उद्देश्य से होती हैं.

कन्या राशि - कन्या राशि में सूर्य का असर व्यक्ति को समाजिक कल्याण से जोड़ता है. व्यक्ति परिश्रमी ओर दूसरों के लिए प्रेरणा स्त्रोत भी होता है. कर्मठ एवं शत्रुओं को परास्त करने के साथ उनके साथ मित्र भाव रखने वाला होता है. व्यक्ति केवल स्वयं के लाभ के लिए नहीं, बल्कि अन्य लोगों के लाभ के लिए भी कार्य करने वाला होगा.

तुला राशि - तुला राशि में सूर्य का होना उपयोगी संपर्क और संबंध बनाने की कला देता है. व्यक्ति करियर की आकांक्षाओं को साकार करने में आगे रहता है. रिश्तों के प्रति वह काफी लगाव रखता है स्वास्थ्य को लेकर चिंता रह सकती है. शत्रुओं के द्वारा परेशानी अधिक होती है. मान सम्मान के लिए संघर्ष रहता है.

वृश्चिक राशि - वृश्चिक राशि में सूर्य का होना यहां विकास और परिवर्तन के लिए काम करने की प्रवृत्ति देता है. वह चालाकी से अपने शत्रुओं को हराने में सक्षम होता है. अपने गुढ़ ज्ञान द्वारा वह दूसरों को प्रभावित कर सकता है.

धनु राशि - धनु राशि में छठे भाव में सूर्य व्यक्ति को काफी प्रगतिशील बना सकता है. व्यक्ति की मुख्य जीवन आकांक्षा प्रियजनों की देखभाल करना, अपने घर की रक्षा करना और जीवन को बेहतर रुप से जीने की होती है. अपने विरोधियों को परास्त कर देने में व्यक्ति कुशल होता है.

मकर राशि - छठे भाव में सूर्य के मकर राशि में होने पर व्यक्ति कुछ मामलों में दूसरों के प्रति आक्रामकता और असहिष्णुता हो सकता है. व्यक्ति अपने आप को स्थापित करने के लिए काफी सजग एवं विचारशील होता है. परंपराओं के प्रति वह मजबूत् होता है.

कुंभ राशि - छठे भाव में स्थित सूर्य कुंभ राशि में होने पर व्यक्ति को उत्कृष्ट कार्यकर्ता बनाता है, जो एक ही समय में कई चीजों का प्रबंधन करने में सक्षम होता है. व्यक्ति कुछ लापरवाह भी हो सकता है. व्यक्ति का दृष्टिकोण काफी विस्तारित होता है.

मीन राशि - छठे भाव में सूर्य के मीन राशि में होने पर व्यक्ति काफी बातों को लेकर भावनात्मक हो सकता है. परोपकार से जुड़े कामों को करता है. जीवन में अपनों के प्रति समर्पण का भाव भी रखता है. गुप्त शत्रुओं के द्वारा परेशान हो सकता है.