सूर्य चतुर्थ भाव में परिवार, करियर और सुख को करता है प्रभावित
सूर्य का चतुर्थ भाव में होना, मिले-जुले फल मिलते हैं जिसमें आप को भौतिक सुख सुविधाओं की प्राप्ति तो होती है . साथ में जिम्मेदारियों को भी आप अवश्य पाते हैं. चतुर्थ भाव में सूर्य व्यक्ति को अपने परिवार से जुड़ा हुआ पाता है लेकिन परिवार के लोगों के प्रति अधिक समर्पण कम ही मिल पाता है. लोग व्यक्ति को अभिमानी एवं अहंकारी भी समझ सकते हैं. सूर्य कुछ ऎसी स्थिति देता है की व्यक्ति स्वयं को काफी मजबूत व्यक्तित्व के रुप में स्थापित कर लेता है. सूर्य की स्थिति का प्रभव व्यक्ति के खुद के जीवन के साथ साथ ओरों पर भी पड़ता है. व्यक्ति अपने मनोकूल परिणामों को पाने के लिए संघर्ष भी अधिक करता है.
चौथे भाव में सूर्य का विशेष प्रभाव
चतुर्थ भाव में सूर्य घर और परिवार के सदस्यों से जोड़ता है. मकान या बड़े भूभाग की प्राप्ति का भी योग बनता है. सुख-सुविधाओं की प्राप्ति के लिए समय बेहद विशेष होता है. इस समय के दोरान व्यक्ति को कई तरह के आय के स्त्रोत भी प्राप्त हो सकते हैं. उसके पास कुछ पुराणि वस्तुओं का भी संग्रह दिखाई दे सकता है. घर को सुंदर रुप में सजाना और व्यवस्थित रखना भी व्यक्ति को पसंद होता है. व्यक्ति कुछ मामलों में अपने रहन सहन का दिखावा भी कर सकता है.
काल पुरुष कुंडली में सूर्य चतुर्थ भाव में
चतुर्थ भाव में सूर्य की स्थिति को यदि कालपुरुष कुंडली के अनुसार देखा जाए तो यह चंद्रमा का स्थान बन जाता है जहां उसका मित्र सूर्य विराजमान है. ज्योतिष में चतुर्थ भाव स्थान को खुशी एवं सुख से संबंधित माना गया है. इस घर के द्वारा जीवन की कई चीजों की पूर्ति संभव हो पाती है. इसे माता का घर भी माना जाता है. यह निजी जीवन, घर के भीतर की छवि, परिवार के लोगों के साथ संबंध, सुख-सुविधाओं और स्कूली शिक्षा को दिखाता है. यह मन की शांति, गृहस्थ जीवन, निजी संबंधियों, घर, आत्म-समृद्धि, भोग-विलास, वाहन, भूमि और पैतृक संपत्ति, सामान्य सुख, शिक्षा, वाहन का प्रतिनिधित्व करता है. यह स्थान जड़ी बूटियों, खजाने और छिद्रों और गुफाओं में प्रवेश को दर्शाता है.
यह घरेलू वातावरण और सामान्य स्थिति से संबंधित होता है. यह हमारे घर, गृह मामलों, रहस्यों की छिपी हुई चीजों का प्रतिनिधित्व करता है. उत्तर कलामृत में यह भाव विद्या, माता, तेल, स्नान, संबंध, जाति, रिक्शा जैसे वाहन, छोटी नाव, छोटा कुआं, पानी, दूध, गाय, दुधारु पशुओं, अनाज, लाभ आदि को दर्शाता है. आर्द्रभूमि में, चिकित्सा, महान अलौकिक प्रभावकारिता, विश्वास, झूठा आरोप, मंडप, एक तालाब या कुआँ खोदना और सार्वजनिक उपयोग के लिए उसकी स्थापना, हवेली, कला, एक घर में प्रवेश करना, निष्कर्ष, किसी के आवास की हानि, पैतृक संपत्ति , आकाशीय भोजन, चोरी की संपत्ति कहा होगी यह पता लगाने की कला, और वैदिक ग्रंथों का विकास भी इसी से देखा जाता है.
चौथा घर विवाह के बाद आपके परिवार, बच्चों, पत्नी आदि और आपकी संयुक्त संपत्ति का भाग्य, ससुराल वालों का भाग्य, सट्टा व्यवसाय के माध्यम से लाभ हानि, माता पक्ष के लिए लाभ, ऋण, रोग और शत्रुओं पर काबू पाने को दर्शाता है , शत्रुओं के माध्यम से लाभ. यह घर आपके जीवनसाथी के करियर या पेशे, जीवनसाथी के बॉस, समाज में जीवनसाथी की छवि या प्रतिष्ठा, पिता की सर्जरी, छिपे हुए रहस्य और धन, उच्च अध्ययन या लंबे समय तक आपके नैतिक मूल्यों और विश्वास प्रणाली में परिवर्तन की यात्रा का स्थान भी होता है. मालिकों की कानूनी साझेदारी का प्रतिनिधित्व करता है. यह बड़े भाई-बहनों के स्वास्थ्य, ऋण और शत्रुओं का प्रतिनिधित्व करता है, शत्रुओं के माध्यम से आशाओं और इच्छाओं की पूर्ति को भी दिखाता है.
चतुर्थ भाव में सूर्य का विशेष प्रभाव
चतुर्थ भाव में सूर्य घर और परिवार के सदस्यों से जोड़ता है. मकान या बड़े भूभाग की प्राप्ति का भी योग बनता है. सुख-सुविधाओं की प्राप्ति के लिए समय बेहद विशेष होता है. इस समय के दोरान व्यक्ति को कई तरह के आय के स्त्रोत भी प्राप्त हो सकते हैं. उसके पास कुछ पुराणि वस्तुओं का भी संग्रह दिखाई दे सकता है. घर को सुंदर रुप में सजाना और व्यवस्थित रखना भी व्यक्ति को पसंद होता है. व्यक्ति कुछ मामलों में अपने रहन सहन का दिखावा भी कर सकता है. यहां स्थित सूर्य माता को पिता के समक्ष स्थापित कर देने का काम करत अहै. जिसके फलस्वरुप माता परिवार में पिता की भूमिका निभाते हुए दिखाई दे सकती है. चतुर्थ भाव में सूर्य रात के जन्म समय और सूर्य के प्रकाश की अनुपस्थिति को दर्शाता है, जिसका अर्थ है कि जीवन में पिता की ओर से कुछ कमी अनुभव हो सकती है. घर परिवार में सख्त और अनुशान भी मिल सकता है. जीवन के प्रारंभिक समय में एक कठिन जीवन शैली का समय भी प्राप्त हो सकता है. कुछ मामलों में व्यक्ति अपने लक्ष्यों से भटक सकता है. सूर्य जीवन शक्ति का स्रोत होने के कारण आत्मविश्वास भी देता है.
चतुर्थ भाव में सूर्य का राशि प्रभाव
सूर्य चतुर्थ में मेष राशि
मेष राशि वाले में सूर्य व्यक्ति को साहसी नेता बनाता है, उसे जीवन का आनंद लेने के लिए आगे रखता हैं. व्यक्ति में उत्साह उन्हें लगातार सीखने और तलाशने जारी रहती है. व्यक्ति आवेगशीलता, निडरता और मित्रता के कारण लोगों के मध्य आकर्षण पाता है. प्रतिबद्धता और आत्मविश्वास का गुण मिलता है.
सूर्य चतुर्थ में वृष राशि
सूर्य के चतुर्थ भाव में वृष राशि में होने पर धीमा और स्थिर बनाता है. सोच-समझकर किए गए कार्य, प्रमुख होंगे. ठोस और स्थिर ऊर्जा, और धैर्य अच्छा होगा. आसानी से संतुष्ट स्वभाव और ऐसा जीवन बनाने की इच्छा के कारण उत्कृष्ट मित्र और भागीदार भी मिलते हैं. आरामदायक और संतुलित रिश्तों को निभाने का होता है.
सूर्य चतुर्थ में मिथुन राशि
सूर्य हमारी आत्मा का प्रतिनिधित्व करता है और स्वयं के बारे में दृढ़ता देता है. नेतृत्व करता है या ध्यान आकर्षित करने में सक्षम होता है. लोगों के साथ संबंध बनाने एवं घूमने फिरने का शौक रखता है. व्यक्ति कई तरह की रचनात्मक गतिविधियों में शामिल होता है.
सूर्य चतुर्थ में कर्क राशि
मधुर और समर्पित रिश्तों के प्रति आकर्षण होता है. अंतर्ज्ञान और अप्रत्याशित कोमलता भी होती है. दूसरों के पोषण के लिए तत्पर रहता है. अक्सर महत्वाकांक्षी और सुरक्षा की इच्छा रखते हैं, व्यक्ति का दूसरों पर अधिक भरोसा भी रहता है. विचारशील और सक्षम होता है.
सूर्य चतुर्थ में सिंह राशि
सूर्य के सिंह राशि में होने के कारण व्यक्ति की आभा बहुत होती है. आत्मविश्वास, साहस और आकर्षण भी होता है. व्यक्ति अक्सर बहिर्मुखी भी होता है. शिक्षा और गुरुजनों के ज्ञान को पाने के लिए ललायित भी होता है. लोगों के मध्य विशेष रहना पसंद करते हैं और अपने पार्टनर की ओर से प्रशंसा जीवन में उनकी सबसे बड़ी इच्छाओं में से एक है.
सूर्य चतुर्थ में कन्या राशि
सूर्य के कन्या राशि में यहां होने से व्यक्ति व्यावहारिक, मेहनती और कुशल होता है. जीवन में शांत संगठनात्मक संरचनाओं और दिनचर्या की तलाश कर सकते हैं. व्यक्ति सही काम करने में दृढ़ता से विश्वास रखता है दूसरों की देखभाल एवं समर्पण के प्रति भी जागरक होते हैं.
सूर्य चतुर्थ में तुला राशि
तुला राशि में सूर्य का होना व्यक्ति को निष्पक्ष, संतुलित और ईमानदार बनाता है. लोगों के साथ व्यक्ति मध्यस्था कर पाने में सक्षम होता है. उनके आचरण में शांत और सौम्य भाव भी होता है. दूसरों को अपने तरीके से राजी करना आसान हो जाता है. व्यक्ति सत्य और ज्ञान की तलाश करने में आगे रह सकता है. भावनात्मक रुप से ये लोग कुछ कमजोर हो सकते हैं.
सूर्य चतुर्थ में धनु राशि
सूर्य के धनु राशि में होने पर व्यक्ति साहसी और ऊर्जावान होता है. दुनिया में अपनी अलग चमक चाहता है. हर चीज से प्रेरित होता है. कुछ ऐसा करते हैं जिससे दूसरे उन पर अवश्य ध्यान देते हैं. बेपरवाह भी हो सकते हैं और कुछ जिद को दिखा सकते हैं.