सूर्य दूसरे भाव में जीवन को कैसे करता है प्रभावित
सूर्य की स्थिति का प्रभाव जीवन के हर क्षेत्र में बेहद उपयोगी माना गया है. जन्म कुंडली में दूसरे भाव का प्रभाव और यहां सूर्य की स्थिति का होना बहुत अच्छे प्रभाव देने वाला होता है. जन्म कुंडली के दूसरे भाव का सूर्य नेतृत्व करवाने के लिए बहुत उपयोगी बनता है. सूर्य आत्मा का कारक है और दूसरे भाव में यहां आत्मा की स्थिति मनोभावों को अभिव्यक्त करने के लिए उपयोगी होती है. कुंडली के दूसरे भाव में बैठा सूर्य अपने परिवार और पैतृक कर्ज से मुक्ति का आधार भी बनता है. दूसरे भाव में सूर्य आपके उदार स्वभाव को बढ़ा सकता है, आधिकारिक स्थिति और सही तरीके से पैसा बनाने की क्षमता के लिए भी यह अच्छा होता है. जीवन प्रतिष्ठा को प्राप्त कर सकता है. सभी ओर सम्मान होगा. आप अपनी आजीविका के लिए कभी भी दूसरों पर निर्भर नहीं रहेंगे और आप कई तरह के काम करने में निपुण होंगे.
सफलता और अधिकार का क्षेत्र होता है प्रभावित
सूर्य यहां धन भाव में होने के कारण व्यक्ति को पैसा कमाने के लिए उत्साहित करता है. व्यक्ति अपने जीवन में धन का अधिकांश हिस्सा महंगी चीजों पर खर्च करता है. परिवार के लिए भौतिक साधनों को एकत्रित करने की उसकी इच्छा बहुत होती है. आर्थिक निवेश उम्मीद के मुताबिक मुनाफ़ा भी देता है. प्रभावशाली लोगों से मिलने और उनके सहयोग की प्राप्ति का भी समय होता है.
सूर्य का असर व्यक्ति को लालसा देता है, इसके कारण लगातार बड़ी मात्रा में धन कमाने की ललक बनी भी रहती है. जीवन में धन का महत्व बहुत रहता है और इसके द्वारा ही सफलता भी निर्धारित करते देखे जाते हैं. व्यक्ति धन की दौड़ में कई बार अपनों को भी उचित समय नहीं दे पाता है.
कुंडली का दूसरा भाव और उसका असर
वैदिक ज्योतिष में कुंडली का दूसरा घर संपत्ति का घर होता है यह धन का घर भी होता है इसलिए इसे धन भाव भी कहते हैं. यह वाणी का घर भी होता है इस कारण वाणी भाव भी कहलाता है. यह घर उन सभी चीजों के लिए है जो हमारे पास हैं और हम उन्हें कैसे उपयोग कर पाते हैं. जैसे कि भौतिक सामान, धन और रिश्ते. इसी तरह से दूसरा भाव हमारी भावनाओं, अभिव्यक्ति का भी घर होता है. अपने भाई-बहनों और अन्य निकट प्रिय लोगों से कैसे संबंध हैं इन बातों पर भी दूसरे घर की स्थिति विशेष मानी गई है. इस लिए जब दूसरे भाव में सूर्य मौजूद होता है, तो यह जीवन के इन सभी क्षेत्रों को प्रमुखता से प्रभावित करता है.
व्यक्ति सूर्य के द्वारा सफलता को पाने वाला बनता है लेकिन उसके भीतर अधिकार जताने की स्थिति भी काफी महत्वपूर्ण होती है. ऎसे में लोगों के साथ रहने पर नियम अनुशासन जैसी कड़ी प्रतिबंधता जीवन पर अपना असर डालती है. सूर्य एक क्रूर ग्रह है और इसका असर व्यक्ति को काफी निडर भी बनाता है. व्यक्ति अपने वादों को कभी भी तोड़ना पसंद नहीं करता है. वाकपटुता के कारण आपकी प्रशंसा होगी. आप बौद्धिक खोज के लिए एक जुनून भी साझा करेंगे और एक अच्छी अकादमिक पृष्ठभूमि होगी. भौतिक सुख-सुविधाओं के प्रति आसक्त होने के कारण, महंगी वस्तुओं पर बहुत अधिक खर्च करना पसंद कर सकता है. धन को बचाने की समस्या भी इसी के कारण उत्पन्न हो सकती है. व्यक्ति को दूसरों के कारण सावधान रहने की आवश्यकता होती है.
सूर्य के दूसरे भाव में होना देता है चुनौतियों
सूर्य का दूसरे भाव में होना व्यक्ति को कई मामलों में काफी दृढ़ भी बना सकता है. अपने स्वभाव के चलते भी कई बार जोखिम लेने के कारण आर्थिक नुकसान जैसी स्थिति का सामना करना पड़ जाता है. सूर्य के असर से कई बार पैतृक संपत्ति के मामले भी चिंता को बढ़ा सकते हैं. व्यर्थ की दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. वैवाहिक जीवन में भी साथी की कठोरता के साथ परेशानी होती है. सुखी जीवन में बाधा का सामना करना पड़ेगा. दूसरों के द्वारा छल और कपट का सामना करना पड़ सकता है. अपनों के द्वारा भी धोखे की स्थिति बन सकती है.
आपको धोखा देने और आपके द्वारा दूसरे लोग कमाई करने के रास्ते पाएंगे. अपनों के कारण धोखे और चाल से बच पाना भी आसान नहीं होगा. सूर्य के खराब होने या पाप प्रभवैत होने के कारण कुछ रोग भी परेशान कर सकते हैं. नेत्र के रोग परेशानी दे सकते हैं. कई कारणों से आपको आंखों की रोशनी कम होने का सामना करना पड़ सकता है.
सूर्य के दूसरे भाव में सकारात्मक और नकारात्मक फल
द्वितीय भाव में सूर्य का प्रभाव व्यक्ति को नैतिक मूल्यों के प्रति सजग बनाता है. आर्थिक पक्ष से व्यक्ति काफी मजबूत होता है. व्यक्ति के सामाजिक रुप से खुद को अच्छे से स्थापित करने की इच्छा रखता है. उसके द्वारा किए जाने वाले कार्य ही उसे बड़ी संख्या में लोगों का प्रिय बनाते हैं. अपने मित्रोम एवं लोगों के लिए वह सदैव आगे रह सकता है. मित्रों के साथ वह कई तरह के नवीन काम करता है. व्यक्ति एक अच्छे मार्गदर्शक के रुप में भी सामने होता है. काफी तार्किक और जिम्मेदार रुप से काम करने वाला होता है.
इसके अलावा, दूसरे भाव में सूर्य का होना व्यक्ति को अच्छी धन संपदा भी प्रदान करने में सहायक बन सकता है. व्यक्ति के पास बहुत पैसा और संपत्ति भी होती है.आर्थिक उन्नति का होना व्यक्ति के आत्मविश्वास को बढ़ाने का भी काम करता है. आत्म-सम्मान भी इनमें अच्छा होता है. दूसरों से अधिक सहायता की इच्छा यह नहीं रखना चाहते हैं. अपने कार्यक्षेत्र में इनकी स्थिति बेहद मजबूत होती है. अपने धन का व्यर्थ में प्रदर्शन करना पसंद नहीं करते हैं.
दूसरे भाव में सूर्य का अन्य किसी पाप ग्रह से यदि प्रभावित होता है. सूर्य यहां यदि निर्बल होता है तो कई नकारात्मक रुप से काम भी करता है. इसके प्रभाव के चलते व्यक्ति को धन के प्रति अधिक सावधान रहने की आवश्यकता होती है. संपत्तियां विवाद का कारण बन सकती हैं. अत्यधिक धन खर्च के कारण कर्ज की स्थिति भी असर डालती है. दूसरे भाव में सूर्य के कारण व्यक्ति सही काम या सही तरीके से काम करने के लिए जुनूनी हो सकता है जिसके कारण दूसरों के साथ विवाद भी होता है. लोग जब इनके विचारों से सहमत नहीं हो पाते हैं तो परस्पर विरोध की स्थिति उत्पन्न होने की संभावना भी बनी रहती है.