शुक्र और सूर्य की युति का विभिन्न भावों में प्रभाव

सूर्य ग्रह आत्मा का प्रतीक है और शुक्र सौंदर्य एवं भोग का. इन दोनों ग्रहों का संबंध जीवन के कई पड़ावों पर अपना असर दिखाता है. एक अग्नि तत्व ग्रह है और दूसरा जल तत्व से भरपूर अब इन का प्रभाव एक साथ होता है तो उसके कारण विरोधाभास उत्पन्न होता है. इस विरोधाभास के होते हुए भी अच्छे परिणाम भी मिल सकते हैं. सूर्य आत्मा और आंतरिक शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है. वहीं शुक्र आराम, विलासिता, प्रेम और रिश्तों के बारे में अपना असर दिखाता है. इन दोनों का सभी भावों पर अलग अलग परिणाम दिखाई देता है : - 

सूर्य और शुक्र का 12 भाव प्रभाव 

प्रथम भाव में सूर्य और शुक्र की युति

सूर्य शुक्र के साथ पहले भाव में होने पर कुछ बेहतरीन गुण देता है जिसे जन्मजात गुण के रुप में भी देखा जा सकता है. व्यक्ति का शरीर से आकर्षक एवं बेहतर होता है. कई प्रकार के रचनात्मक गुणों से भी संपन्न होता है. वाणी मधुर और प्रभावित होती है. कला और संस्कृति में अच्छी रुचि रखेने की स्थिति भी होगी. अच्छे पद की प्राप्ति होती है, समूह का नेतृत्व करने वाला होगा. 

दूसरे भाव में सूर्य और शुक्र की युति

दूसरे भाव में सूर्य के साथ शुक्र का होना, परिवार से स्नेह एवं सहयोग को प्रदान करने वाला है. दूसरा घर भाषा का होता है यह वाणी में नेतृत्व का गुण भी देता है. गर्व की भावना भी व्यक्ति में होती है. व्यक्ति एक अच्छा वक्ता होता है. शुक्र और सूर्य की युति व्यक्ति को अपने भौतिक और व्यक्तिगत जीवन को समान रूप से संतुलित करने में मदद करती है. आकर्षक व्यक्तित्व मिलता है जो आसपास के लोगों का ध्यान आकर्षित करता है. व्यक्ति में अच्छे स्वाद के प्रति अधिक रुचि होने लगती है.

तीसरे भाव में सूर्य और शुक्र की युति

तीसरे भाव में सूर्य के साथ शुक्र का होना व्यक्ति को मिलेजुले परिणाम देता है. व्यक्ति मान सम्मान पाने में सफल होता है. अच्छी मानसिक शक्ति होगी और वह समाज में प्रभावशाली प्रतिष्ठा बनाए रखने में सक्षम होता है. अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने वाला होता है. कार्य क्षेत्र में अपनी मेहनत से सफलता प्राप्त कर पाता है. अपने मल्टीटास्किंग कौशल के कारण वह एक ही काम पर ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई महसूस कर सकता है लेकिन कई चीजों को करने का गुण भी होता है. 

चतुर्थ भाव में सूर्य और शुक्र की युति

चतुर्थ भाव में शुक्र के साथ सूर्य का योग व्यक्ति के लिए कुछ मामलों में चुनौतिपूर्ण हो सकता है. यहां व्यक्ति भौतिकता का लाभ पाता है लेकिन उसका सुख पाने के लिए संघर्ष में रहता है. परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा लेकिन इसका प्रभाव माता-पिता के स्वास्थ्य पर भी पड़ेगा. पैतृक संपत्ति मिल सकती है. विलासिता और आराम मिल पाता है. संपत्ति की प्राप्ति होगी और जीवन में नौकरों का सुख मिलता है. 

पंचम भाव में सूर्य और शुक्र की युति

पंचम भाव में शुक्र के साथ सूर्य का होना, व्यक्ति के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है. यह भाव व्यक्ति को बहुत रचनात्मक बनाता है और विचार दर्शन से भरे होते हैं. कला, चित्रकला, कविता और मनोरंजन की ओर का रुझान भी रहता है. समूह के बीच अलग दिखने वाला व्यक्तित्व मिलता है. व्यक्ति धार्मिक विश्वास के साथ अंतर्निहित गुण के साथ पैदा होता है. विद्वान होगा और मन्त्रों का अच्छा ज्ञाता होता है.

छठे भाव में सूर्य और शुक्र की युति

छठे भाव में सूर्य के साथ शुक्र का होना व्यक्ति को नाम एवं प्रसिद्धि  दिलाने वाला होता है. व्यक्ति अपने आस पास की चीजों के प्रति अधिक सजग नहीं रह पाता है. लापरवाही के कारण दूसरों से परेशान हो सकता स्वास्थ्य के प्रति सजग रहना पड़ता है. व्यक्ति शत्रुओं को समाप्त करने में सफल होता है. कानूनी एवं राजकीय मामलों में सफलता पाता है. 

सातवें भाव में सूर्य और शुक्र की युति  

सातवें घर में सूर्य के साथ बैठा शुक्र वैवाहिक जीवन के लिए मिलेजुले परिणाम देता है. साथी के साथ शयोग होता है प्रेम होता है लेकिन अलगाव भी मिलने का योग बन सकता है. पाप प्रभावित होने के कारण व्यक्ति कुछ मायनों में काफी अंतर्मुखी होता है. वित्तीय स्थिति के लिए चीजें अच्छी रहती हैं. परिवार की समृद्ध संपत्ति का समय भी मिलता है. कभी-कभी संपत्ति को लेकर पारिवारिक विवादों के कारण चिंता भी हो सकती है. 

अष्टम भाव में सूर्य और शुक्र की युति 

अष्टम भाव में सूर्य के साथ शुक्र का होना व्यक्ति को कई तरह की स्थितियों को देने वाला होता है. इस योग में जन्म लेने वाले के लिए स्थिति प्रेम संबंधों के लिए खास होती है. व्यक्ति अपने परिवार के साथ संबंधों को लेकर तनाव में रह सकता है. मन की शांति कुछ कमजोर रह सकती है. इस का असर व्यक्ति की प्रतिभा को कुछ दबा देने वाला होता है. 

नवम भाव में सूर्य और शुक्र की युति 

सूर्य के साथ शुक्र का योग नवम भाव में होने पर भाग्य की स्थिति पक्ष में काम करने वाली होती है. वरिष्ठों के साथ के लिए स्थिति मान सम्मान के लिए भी अनुकूल होती है. आकर्षक व्यक्तित्व होता है और विपरीत लिंग के प्रति आकर्षण काफी अच्छा होता है. इस समय के दौरान व्यक्ति अहं केंद्रित होने वाला होता है. विवाह में कुछ समस्याएं पैदा हो सकती है. भाई बहनों के साथ अच्छे सुख एवं संबंध भी प्राप्त होते हैं. 

दशम भाव में सूर्य और शुक्र की युति  

सूर्य के साथ शुक्र का होना व्यक्ति को प्रसिद्धि दिलाने वाला होता है. व्यक्ति आकर्षक व्यक्तित्व को पाता है. परिवार के लिए जिम्मेदारी और विश्वास की पूर्ति बनी रह सकती है. व्यक्ति को अपने आस पास की स्थिति पर नियंत्रण करने की कुशलता प्राप्त होती है. व्यक्ति सरकार एवं वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मिलकर अच्छे परिणाम पाता है. 

एकादश भाव में सूर्य और शुक्र की युति

एकादश भाव में सूर्य और शुक्र की युति का योग, महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने का साहस देता है. व्यक्ति अपने काम में सामाजिक क्षेत्र में प्रसिद्धि को पाने में सफल होता है. कुछ वह स्वास्थ्य के मुद्दों विशेष रूप से मस्तिष्क से संबंधित मुद्दों का सामना करना पड़ सकता है. रिश्तों में अहं की समस्या अधिक परेशानी देने वाली होती है. आपसी बातचीत में गंभीर मुद्दे पैदा हो सकते हैं. सुख सुविधा के साथ वैभव का लाभ प्राप्त होता है. 

दसवें भाव में शुक्र और सूर्य की युति

द्वादश भाव में सूर्य के साथ शुक्र का होना खर्चों की अधिकता का कारण बनता है. व्यक्ति अपने जीवन में सफलता के लिए संघर्ष करता है. नेत्र संबंधी रोग होने की संभावना अधिक रहती है. बाहरी रुप से व्यक्ति को कुछ लाभ मिलते हैं. वैवाहिक जीवन में रिश्ता मिला जुला रहता है. सुख बाधित हो सकता है.