अंगारक योग: जानिए इसके 12 भाव में शुभ अशुभ प्रभाव

ज्योतिष में अंगारक योग को एक अशुभ पयोग के रुप में जाना जाता है. अंगारक योग एक बहुत ही कष्टदायक योग है, यदि कुंडली में राहु या केतु का मंगल से संबंध किसी भी एक भाव में  स्थापित हो जाते हैं तो इस योग का निर्माण बना रह जाता है. कुंडली में अंगारक योग का निर्माण होने पर विशेष प्रकार के असर देखने को मिलते हैं. कुंडली में अंगारक योग के अधिक अशुभ फल तभी प्राप्त होते हैं जब इस योग को बनाने वाले मंगल, राहु या केतु दोनों ही अशुभ स्थान में होते हैं. इसके अलावा यदि कुंडली में मंगल और राहु-केतु में से कोई भी शुभ स्थान में है तो  जीवन पर ज्यादा नकारात्मक प्रभाव से बचाव मिलता है. 

अंगारक रोग का असर 

अंगारक योग के प्रभाव से स्वभाव में आक्रात्मकता की स्थिति ही अधिक दिखाई देती है. आक्रामक, हिंसक और नकारात्मक जैसी भावनाएं व्यक्ति में अधिक देखने को मिलती हैं. इस योग के प्रभाव में आने वाले व्यक्तियों के अपने रिश्तों को लेकर भी मतभेद अधिक रह सकते हैं. भाई बंधुओं दांपत्य जीवन, दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ भी खराब संबंध परेशान कर सकते हैं. यदि अंगारक योग खराब हो तो इसके कई घातक असर दिखाई देते हैं जो हिंसा का असर अधिक दिखाई दे सकता है. व्यक्ति अपराधी बनता है और उसे अपने अवैध कार्यों के कारण लंबे समय तक जेल या कारावास में रहना पड़ सकता है. राहु और मंगल मिलकर अंगारक योग को लाल किताब में पागल हाथी या बिगड़ैल सिंह कहा गया है, अगर यह योग किसी की कुंडली में है तो ऐसे लोगों के जीवन में बहुत उतार-चढ़ाव आते हैं, यह योग शुभ फल कम देता है और अशुभ फल अधिक ज्योतिष शास्त्र में इस योग को अशुभ माना गया है. विवाह के लिए अंगारक योग बहुत सारी बाधाएं पैदा करता है और रिश्ते को गलत बनाता है.

राहु और मंगल की युति से अंगारक योग के बनने का कारण ग्रहों के का स्वभाव ही इस के होने से दिखाई देता है. मंगल अग्नि तत्व का ग्रह है और राहु वायु तत्व है. दोनों ग्रहों के एक साथ होते ही वायु अग्नि को बढ़ाने का काम करती है. मंगल और राहु दोनों ही कठोर हैं पाप ग्रह हैं इस तरह से यह दोनों ही ग्रह जब एक जैसे स्वभाव के साथ साथ में होंगे तो उसके लिए स्थिति उन्मुक्त सरहती है. इस योग के कारण ही व्यक्ति क्रोध व निर्णय न कर पाने की उलझन, क्रोध, अग्नि, दुर्घटना, रक्त सम्बन्धी रोग तथा त्वचा की समस्या में फंसा रहता है. 

विभिन्न भावों में अंगारक योग का असर 

प्रथम भाव अंगारक योग

पहले भाव में यह योग व्यक्ति को गुस्सैल और जिद्दी बनाता है. वह अधिक विवेक, विचार या समझ के बिना तुरंत कार्य कर सकता है. व्यक्ति विवाद में फंस सकता है, तर्क वितर्क अधिक कर सकता है. लोगों को समझ पाना आसान नहीं होता है, व्यक्ति लापरवाह हो सकता है, चोट या दुर्घटना की संभावना रह सकती है. 

द्वितीय भाव अंगारक योग

दूसरे भाव में यह योग होने पर व्यक्ति को स्पष्टवादी हो सकता है, वाणी में कठोरता भी अधिक हो सकती है. व्यक्ति तेज आवाज में बात कर सकता है. झूठ बोलने वाला सकता है. परिवार के सदस्यों और आस-पास के लोगों के साथ विवाद रह सकता है. पैसा कमाने की तीव्र इच्छा भी होती है और ये आय के अवैध स्रोतों का उपयोग करने से भी गुरेज नहीं कर सकते हैं.


तीसरा भाव अंगारक योग

कुंडली में अंगारक योग तीसरे भाव में हो तो जातक को एक उत्कृष्ट शोधकर्ता, साहस और उत्साह प्रदान करता है.  स्पष्टवादी होकर संचार से लाभ पाता है. व्यक्ति दूसरों पर अधिकार जमाने में सक्षम होता है. डराने-धमकाने और आसानी से झगड़ों में लिप्त होने जैसी नकारात्मक गतिविधियों के प्रति भी व्यक्ति शामिल होता है. 

चौथा घर अंगारक योग

चौथे भाव में अंगारक योग होने से व्यक्ति को अपने घर में सुख की कमी झेलनी पड़ सकती है. माता के साथ संघर्ष दे सकता है. अपनों से दूरी देने वाला होता है. घर में तोड़फोड़ बनी रह सकती है. संपत्ति संबंधी मामले में लगातार अनबन झेलनी पड़ सकती है. जीवनसाथी के साथ तीखी नोकझोंक हो सकती है. निर्माण या जमीन के व्यवसाय में आने और संपत्ति से पैसा कमाने की संभावना है. कभी-कभी उन्हें संपत्ति पर मुकदमेबाजी के मुद्दे का सामना करना पड़ सकता है.

पंचम भाव अंगारक योग

पंचम भाव में अंगारक योग व्यक्ति को आक्रामक स्वभाव का बना सकता है. व्यक्ति अपने प्रेम संबंधों को लेकर बहुत अधिक उत्तेजित होता है. बहुत जल्दी धन कमाने की इच्छा रहती है. कई रिश्तों में लिप्त भी रह सकता है. प्रेम संबंध कई बार टूट सकते हैं. संतान के सुख को लेकर परेशानी रह सकती है. 

छठा भाव अंगारक योग

छठे भाव में अंगारक योग का होना व्यक्ति को काफी मजबूत बनाता है. कार्य स्थल पर संघर्ष और वरिष्ठों के साथ मतभेद हो सकते हैं. पैतृक संपत्ति पर अपनों के साथ समस्या हो सकती है. कानूनी संबंधों को लेकर विजय मिल सकती है. विरोधियों का सामना करना पड़ सकता है. 

सप्तम भाव अंगारक योग

सप्तम भाव में अंगारक योग का होना वैवाहिक जीवन पर असर डालने वाला होता है. यह रिश्तों में अलगाव का कारण बन सकता है. घरेलू हिंसा और दोषारोपण का कारण भी अंगारक योग बन सकता है. विवाहेतर संबंध और संबंध होते हैं.

अष्टम भाव अंगारक योग

आठवें भाव में अंगारक योग दुर्घटनाओं के लिए जिम्मेदार होता है. इस योग के कारण वैवाहिक जीवन पर परेशानी झेलनी पड़ सकती है. अचानक स्वास्थ्य मुद्दों की संभावनाओं को बढ़ा सकता है. सर्जरी से भी गुजरना पड़ सकता है. अच्छे शोधकर्ता या वैज्ञानिक होने का गुण भी इस योग से बनता है. 

नवम भाव अंगारक योग

नवम भाव में अंगारक योग जातक को उच्च शिक्षा के लिए अच्छे परिणाम देने वाला होता है. यह पिता, गुरु और शिक्षकों के साथ संघर्ष और विवाद भी सकता है. करियर में अचानक सफलता प्राप्त हो सकती है. व्यक्ति परंपराओं से आगे ले जा कर काम करने वाला होता है. 

दशम भाव अंगारक योग

दशम घर में अंगारक योग का होना व्यक्ति को कार्यक्षेत्र में चुनौतियों देने वाला होता है. व्यक्ति एक साथ कई सारी गतिविधियों में शामिल हो सकता है. अपने शत्रुओं के साथ भी काम करने में व्यक्ति काफी मजबूत होता है. संघर्ष के बाद सफलता का अवसर पाता है. 

एकादश भाव अंगारक योग

एकादश भाव में अंगारक योग का प्रभाव व्यक्ति को इच्छाओं को पूरा करने के लिए प्रेरित करने वाला होता है. अपने भाई बंधुओं एवं वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विवाद भी बने रहते हैं. व्यक्ति अधिक मिलनसार हो सकते हैं. शेयर बाजार से लाभ प्राप्त हो सकता है. 

द्वादश भाव अंगारक योग

बारहवें भाव में जिसे द्वादश भाव भी कहा जाता है, इस भाव में अंगारक योग बनने पर व्यक्ति बाहरी तत्वों से अधिक प्रभावित रहता है. विदेश में काम करने एवं यात्रा इत्यादि के लिए जा सकता है. व्यक्ति विलासिता की वस्तुओं पर भी खर्च कर सकता है. अप्रत्याशित नुकसान होने की संभावना भी अधिक रहती है. दांपत्य जीवन की स्थिति मिलेजुले परिणाम देने वाली होती है.