राहु का मीन लग्न के 12 भावों पर प्रभाव जानें अपनी कुंडली से

राहु का असर मीन लग्न में होना एक बेहद गंभीर एवं तेजी से होने वाले बदलावों का प्रतिनिधित्व करता है. राहु की स्थिति व्यक्ति को उन चीजों से जोड़ती है जो सीमाओं से परे की बात करती है और बृहस्पति के स्वामित्व की राशि मीन व्यक्ति को कल्पनाओं एवं चिंतन का नय स्तर देने वाली होती है. अब इस स्थिति में जब दोनों का योग होगा तब अवश्य ही खोजी रुझान अधिक होगा ओर व्यक्ति अपने आस पास की चीजों को लेकर कुछ ज्यादा ही बेचैन और उत्साहित दिखाई देगा.

मीन लग्न के लिए राहु सभी भावों में प्रभाव 

मीन राशि को आध्यात्मिकता से संबंधित माना गया है, मीन लग्न में जन्म लेने वाले व्यक्ति का स्वामी ग्रह गुरु होता है जो स्वयं में आध्यात्मिकता की श्रेष्ठा से जुड़ा है. राहु को भी आध्यात्मिकता प्रदान करने वाला ग्रह माना गया है. अब इन परिस्थितियों में राहु का मीन राशि में होना कई मायनों से काफी विशेष हो जाता है. 

मीन लग्न के लिए पहले भाव में राहु

मीन लग्न में अगर राहु बैठा हुआ है तो व्यक्ति का स्वभाव काफी महत्वपुर्ण हो जाता है. इस के प्रभाव से उसमें हर चीज को जानने की इच्छा भी रहती है. मीन लग्न के पहले भाव में राहु का असर व्यक्ति को शारीरिक रूप से कुछ कोमलता दे सकता है. जातक के भीतर चीजों को ग्रहण करने की अच्छी क्षमता भी हो सकती है. व्यक्ति अपने करीबी व्यक्तियों से कुछ अलग भी हो सकता है. अपने जीवन में भौतिक इच्छाओं को लेकर वह बहुत अधिक उत्साहित भी रहता है और आध्यात्मिक आचरण में उसकी प्रवृत्ति भी बहुत होती है. 

मीन लग्न के द्वितीय भाव में राहु

मीन लग्न के दूसरे भाव में राहु का होना व्यक्ति को कुछ तेज तर्रा बनाता है. यहां होने पर व्यक्ति अपनी योजनाओं और चतुराई के बल पर दूसरों पर अपना अधिक असर डालने वाला होता है. कुछ नई बातों पर उसकी पकड़ अधिक तेज होती है. कुछ स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. आर्थिक क्षेत्र पर अपव्यय अधिक बना रहता है. परिवार से लाभ कम मिलता है. 

मीन लग्न के तृतीय भाव में राहु

मीन लग्न के तीसरे घर में बैठा राहु व्यक्ति को कलात्मक क्षेत्र से अच्छा लाभ दिला सकता है. अचानक से धन की हानि भी होती है. राहु का प्रभाव व्यक्ति को बुद्धिमान और हमेशा सतर्क रहने में सहायता करता है.  व्यवसाय में सफल होने के लिए कड़ी मेहनत करने की आवश्यकता होती है. व्यक्ति साहसी और प्रभावशाली होता है. 

मीन लग्न के चतुर्थ भाव में राहु 

मीन लग्न के लिए चतुर्थ भाव में राहु होने पर व्यक्ति साहसी और प्रभावशाली होता है लेकिन अपनों के साथ उसका सहयोग कमजोर अधिक रहता है. छोटे भाई-बहनों के साथ विरोध का सामना करना पड़ता है. सफलता पाने के लिए सभी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. व्यक्ति अपनी संपत्ति को लेकर चिंतित रहता है.

मीन लग्न के पंचम भाव में राहु

मीन लग्न के पंचम भाव में राहु का होना व्यक्ति को कई मामलों में काम करने वाला बनाता है. भूमि और संपत्ति का प्रबंधन करने के लिए उसे काफी परिश्रम करना पड़ता है. किसी संपत्ति से अप्रत्याशित तरीके से लाभ प्राप्त कर पाता है. शेयर मार्किट में शामिल हो सकता है. प्रेम संबंधों में धोखा अधिक मिलता है.  भाई-बहनों से सुख नहीं मिल पाता. व्यक्ति विदेश यात्रा करता है. शारीरिक रूप से कमजोर होता है.  

मीन लग्न के छठे भाव में राहु

मीन लग्न के छठे भाव में राहु के का होना व्यक्ति को साहसी, निडर बनाता है. प्रभावशाली होकर दूसरों पर उसका गहरा प्रभाव पड़ता है. अपने शत्रुओं को परास्त करने में वह कुशल होता है. व्यर्थ के विवाद जीवन में बने रहते हैं. रोगों को होने की संभावनानी रहती है लेकिन लापवाही से अधिक परेशानी झेल सकता है. 

मीन लग्न के सातवें भाव में राहु

मीन लग्न के सातवें भाव में राहु का होना व्यक्ति को कुछ कठोर और स्वार्थी बना सकता है. राहु के कारण व्यक्ति सफलता और अच्छा मुनाफा पाता है. चतुराई से काम निकलवाने में निपुण होता है. धैर्य को नहीं जल्दी से खो सकता है.अपने व्यय पर नियंत्रण खो देता है.

मीन लग्न के आठवें भाव में राहु 

मीन लग्न के आठवें भाव में राहु के साथ व्यक्ति आलसी हो सकता है वाणी में कठोरता हो सकती है तथा झूठ बोलने की प्रवृति विकसित होती है. तंत्र जैसे कार्यों में रुझान अधिक रह सकता है.  अपने व्यवसाय में कुछ नए तरीकों का प्रयोग करते हुए आगे बढ़ता है. शत्रुओं का असर जीवन में उथल पुथल का कारण बनता है. व्यक्ति दुसरों पर 

मीन लग्न के नवम भाव में राहु

मीन लग्न के लिए जातक नवम भाव में राहु के साथ अशुभ होता है. जातक अपने भाग्य को लेकर चिंतित रहता है. मीन लग्न के नवम भाव में राहु के साथ जातक भाग्यशाली बनने की कोशिश करता है. जातक बहुत अधिक बोलता है. जातक अस्वस्थ किन्तु साहसी होता है. धन कमाने के लिए जातक अनेक योजनाओं का प्रयोग करता है. कभी-कभी इन्हें अचानक धन की प्राप्ति होती है. जातक अशांत एवं व्यवहारकुशल होता है. जातक अपने बच्चों से प्यार करता है और खुश महसूस करता है.

मीन लग्न के दशम भाव में राहु 

मीन लग्न के लिए दशम भाव में राहु वाला व्यक्ति चतुर होता है. अपने काम करने और दूसरों से आगे निकने की प्रतिभा उसमें बहुत अच्छी हो सकती है. तकनीकी कार्यों में अच्छी पकड़ होती है. संघर्ष रहता है लेकिन सफलता भी व्यक्ति को अवश्य प्राप्त होती है. सरकारी पक्ष की ओर से अटकाव परेशानी दे सकते हैं और कई बाधाओं का सामना करना पड़ता है. अपने भौतिक जीवन की प्रगति के लिए वह सदैव आगे रहता है. 

अधिक निर्भर दिखाई दे सकता है. गलत या शार्टकट तरीकों से लाभ अर्जित करने की प्रवृत्ति होती है. 

मीन लग्न के ग्यारहवें भाव में राहु 

मीन लग्न के एकादश भाव में राहु का असर व्यक्ति को मेहनती, सावधान और सतर्क बनाता है. व्यक्ति महत्वाकांक्षी होता है. अच्छे सुख एवं अधिक धन पाने की कोशिश करता है. राहु का प्रभाव व्यक्ति को बुद्धिमान और साहसी भी बनाता है. अचानक धन की प्राप्ति का योग भी फलित होता है. उच्च शिक्षा प्राप्त होती है और अच्छी रणनीतियों के द्वारा सफलता पाता है. 

राहु बारहवें भाव मीन लग्न में

मीन लग्न के बारहवें भाव में बैठा राहु खर्चों की अधिकता देता है. यह व्यक्ति को दान धर्म के कार्यों से जोड़ता है. धार्मिक यात्राएं दे सकता है आश्रम का संपर्क करा सकता है. विदेश में लाभ और निवास मिलता है. विदेश यात्रा करने का मौका भी मिलता है. शत्रुओं को परास्त करता है और अचानक धन प्राप्त करने में भी राहु सहायता करता है. कर्ज की स्थिति जीवन पर असर डालती है और सेहत को लेकर परेशानी अधिक हो सकती है.