केतु महादशा का सभी लग्नों पर प्रभाव

केतु को छाया ग्रह के रुप में जाना जाता है.  वैदिक ज्योतिष के अनुसार, केतु दक्षिण नोड है जिसे चंद्रमा के कटान बिंदू के रुप में भी जानते हैं. राहु अपने रहस्यमय और आक्रामक गुणों के लिए जाना जाता है. इसमें छिपे हुए गुण भी होते हैं जिनका जीवन पर गहरा असर पड़ता है. केतु की महादशा का काल क्रम जब किसी पर पड़ता है तो उस समय के दोरान व्यक्ति कई तरह के संघर्षों से हो कर गुजरता है ओर कई तरह की परिस्थितियों को झेलता है. केतु अलग-अलग लग्न के साथ अलग-अलग तरह से कार्य करता है. अपनी विशेष शक्तियों से व्यक्ति की विचारधारा को प्रभावित करता है. 

केतु को भी खराब ग्रह माना जाता है, लेकिन ज्योतिष में कोई ग्रह अच्छा या बुरा नहीं होता है. यह बहुत सारे कारकों पर निर्भर करता है जो ग्रह और उनकी महादशा के प्रभाव को निर्धारित करते हैं. इसलिए अगर आपकी कुंडली में केतु महादशा है तो इसके सकारात्मक या नकारात्मक दोनों प्रभाव हो सकते हैं. केतु एक ऐसा ग्रह है जो वैराग्य, ध्यान, आध्यात्मिकता, आत्मज्ञान, मोक्ष, आत्म-साक्षात्कार आदि का प्रतिनिधित्व करता है. क्योंकि यह शरीर का निचला भाग है, इसका मतलब है कि इसकी कोई आंख नहीं है और यही कारण है कि लोग सब कुछ होते हुए भी असंतुष्ट महसूस करते हैं. केतु महादशा की अवधि 7 वर्ष होती है. इस अवधि के दौरान, व्यक्ति भौतिकवादी दुनिया से अलगाव का अनुभव करता है. वह धन और परिवार में रुचि खो देता है लेकिन यह हर समय सच नहीं हो सकता क्योंकि ज्योतिष में कई अन्य कारक हैं जिनके आधार पर गणना की जाती है. व्यापक स्तर पर, वे सभी लोग जो कुंभ, मेष, कर्क और मकर लग्न में पैदा हुए हैं, उन्हें इस महादशा से लाभ मिल सकता है. 

आइए देखें कि केतु किस लग्न पर कैसे अपना असर डालता है. 

मेष लग्न के लिए केतु महादशा 

केतु की महादशा का प्रभाव मेष लग्न वालों को मिलेजुले रुप में देखने को मिल सकता है. इस राशि वालों को इस दशा के दोरान उत्साह एवं जुनून की प्राप्ति भी होती है. ऊर्जा से भरपुर रह सकते हैं. व्यक्ति लापरवाह होगा, कुछ अविश्वासी और असामाजिक हो सकते हैं, लेकिन बुद्धिमान अच्छा रहेगा. 

वृष लग्न के लिए केतु महादशा

वृष राशि वालों के लिए केतु महादशा का समय कुछ सकारात्मक हो सकता है. शुक्र ग्रह की मित्रता होने के कारण यह समय पिता के लिए लाभकारी हो सकता है. जीवनसाथी के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. केतु  ग्रह शुक्र के साथ अनुकूल दिखाई देता है लेकिन सफलता के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है. केतु सफलता की गारंटी देता है लेकिन देरी की उम्मीद करता है. भले ही अच्छी आय हो लेकिन व्यय अधिक रहते हैं. 

मिथुन लग्न के लिए केतु महादशा 

मिथुन लग्न के लिए केतु महादशा बौद्धिक एवं मन को प्रभावित करने वाली होती है. पढ़ने में व्यक्ति आगे होगा लेकिन समझ में कमी रह सकती है. गुणों का अनुभव करेगा लेकिन फिर भी बेचैन और अशांत रह सकता है. यात्राओं की अधिकता मिल सकती है. केतु मनोरंजन और मीडिया के रोजगार के क्षेत्र में लाभ प्रदान करने में सहायक हो सकता है. कुछ क्षेत्रों में प्रसिद्ध और धनवान बना सकता है. मिथुन राशि का दोहरा स्वभाव केतु को कई विषयों का ज्ञान प्राप्त करने के लिए प्रेरित करता है. केतु कई पेचीदगियां पैदा कर मन को भटका भी सकता है.

कर्क लग्न के लिए केतु महादशा 

कर्क लग्न के लिए केतु महा दशा का समय नई चीजों के आकर्षण और नवीनता की खोज में होगा. चंद्रमा की केतु से शत्रुता की स्थिति मानसिक बेचैनी का कारण बनती है व्यक्ति को जीवन में कठिनाइयों और अच्छे परिणामों की कमी का सामना करना पड़ सकता है. व्यक्ति अवसाद, तनाव और हृदय की समस्याओं का अनुभव कर सकता है. सुख-शांति में कमी बनी रह सकती है. 

सिंह लग्न के लिए केतु महादशा 

सिंह लग्न के लिए केतु महादशा का प्रभाव व्यक्ति को शिक्षा के मामले में कुछ प्रतिकूल स्थिति को दिखा सकता है. केतु की उपस्थिति से स्वास्थ्य संबंधी परेशानी भी हो सकती है. हृदय, रक्तचाप और अस्थमा से संबंधित रोग चिंता का कारण हो सकते हैं. सिंह के साथ केतु का शत्रु भाव होने से कई तरह की व्यर्थ बातें चिंता बढ़ा सकती हैं. केतु महादशा के दौरान गर्भावस्था में देरी या गर्भपात का सामना कर सकता  

कन्या लग्न के लिए केतु महादशा 

कन्या लग्न के लिए केतु महादशा का प्रभाव बौद्धिक होता है. व्यक्ति अधिक सामाजिक भी दिखाई देता है. आध्यात्मिक रुप से रुचि में वृद्धि देखने को मिलती है. कन्या में केतु अच्छे और अनुकूल परिणाम प्रदान करने में सहायक भी होता है. जीवन सहज और सुखी होता है. पर्याप्त आय होगी और परिश्रम द्वारा भाग्य निर्मित होता है.

तुला लग्न के लिए केतु महादशा

तुला लग्न के लिए केतु महादशा कुछ कमजोर रह सकती है. जीवन में इस दशा के दौरान कुछ प्रतिकूल स्थिति का भी सामना करना पड़ता है. सप्तम भाव में केतु की उपस्थिति वैवाहिक जीवन और साझेदारी में टकराव की संभावना को बढ़ाती है. इसके अलावा मानसिक रुप से बेचैनी की अधिकता रहती है. इच्छाओं का पूर्ण हो पाना मुश्किल होता है. विवाहेतर संबंधों का प्रभाव भी जीवन पर पड़ सकता है. 

वृश्चिक लग्न के लिए केतु महादशा 

वृश्चिक लग्न के लिए केतु महादशा का समय मिलेजुले परिणाम देता है. सेहत के मुद्दे इस दशा में अधिक परेशान कर सकते हैं. इस समय क्रोध की अधिकता एवं स्वभाव में कठोरता देखने को मिलती है. व्यक्ति को गुप्त विद्याओं की जानकारी भी इस दशा के दोरान हो सकती है. सेहत के लिहाज से आंतों की खराबी, हर्निया या कुछ जननांग संबंधी स्वास्थ्य समस्याएं उभर सकती हैं. जीवन साथी को लेकर अलगाव एवं विवाद उभर सकता है. सामाजिक रुप से व्यक्ति अपना स्थान पाता है. 

धनु लग्न के लिए केतु महादशा

धनु लग्न के लिए केतु महा दशा व्यक्ति को आध्य्तामिक रुप से बदलाव देने वाली होती है. आर्थिक क्षेत्र में सहायता मिलती है. नवीन लोगों का संपर्क भी बढ़ता है. आर्थिक रूप से सुदृढ़ और स्थिर होने के मौके मिलते है. लेकिन केतु की उपस्थिति स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा कर सकती है जैसे दुर्घटनाओं, चोटों का शिकार हो सकते हैं. व्यक्ति को धार्मिक स्थलों की यात्रा करने और धार्मिक गतिविधियों में खुद को शामिल करने के पर्याप्त अवसर मिलते हैं. 

मकर लग्न के लिए केतु महादशा

मकर लगन के लिए केतु महादशा का प्रभाव व्यक्ति को गंभीर और कुछ धीमा बना सकता है. इस लग्न के स्वामी शनि की स्थिति भी दशा पर असर डालती है. व्यक्ति के व्यवहार को प्रभावित करती है. यदि जन्म कुंडली में शनि की स्थिति मजबूत है, तो यह सकारात्मक और लाभकारी तरीके से काम कर सकती है. भाग्यशाली और अवसरवादी भी बना सकती है. 

कुंभ लग्न के लिए केतु महादशा 

कुंभ लग्न वालों के लिए केतु महादशा का समय सामान्य रुप से काम करता है. कुछ मामलों में भाग्य का साथ मिल पाता है. आय के कई स्रोत मिल पाते हैं. कई स्थितियों में स्वयं को भाग्यशाली पाता है व्यक्ति. चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों को संभालने में सक्षम होता है. कई बार नकारात्मक पक्ष रुप से व्यक्ति साजिशों में फंस सकता है. 

मीन  लग्न के लिए केतु महादशा 

मीन लग्न के लिए केतु महादशा का समय मिश्रित परिणाम वाला होता है. यहां व्यक्ति को भौतिक एवं आध्यात्मिक दोनों ही रुपों में फल देखने को मिल सकते हैं. व्यक्ति के कर्मों का प्रभाव भी इस दशा में प्राप्त होता है. मानसिक रुप से व्यक्ति काफी अधिक विचारों में घिरा देखा जा सकता है. स्वास्थ्य के प्रति अधिक सजग रहने की आवश्यकता होती है.