सूर्य महादशा में राहु अंतरदशा प्रभाव और परिणाम
ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को शक्ति और प्रभाव का कारक माना जाता है. इसकी शक्ति जहां भी मौजूद होती है वहां जीवन और प्रगति को दर्शाती है. यह आशावाद और चमक का प्रतीक है और क्रोध का भी इसकी शक्ति के समय सभी ग्रहों का तेज धीमा पड़ने लगता है. कुंडली में सूर्य की महादशा होती है, और यदि यह दशा मजबूत होती है तो जीवन में मान सम्मान को प्रदान करने वाली होती है.
अब एक महादशा में जब किसी अन्य ग्रह की दशा आती है तो दोनों दशाओं के पारस्परिक संबंध का असर जीवन पर भी पड़ता है. इसी के संदर्भ में जब हम बात करते हैं सूर्य महादशा में राहु की अंतरदशा की तो जीवन के विभिन्न पहलुओं जैसे करियर, परिवार, व्यवसाय आदि में घटनाएं इस तरह से घटेंगी जो जीवन को बदल कर रख देंगी. यह दशा चुनौतियों के साथ साथ परेशानियों की अवधि का समय भी है. इस समय पर नाम, शोहरत, धन और मान सम्मान को लेकर चिंता, तनाव, भय और बड़े स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी झेलनी पड़ सकती हैं.
ज्योतिष में सूर्य और राहु का विशेष प्रभाव
सूर्य महादशा में राहु अंतरदश अके प्रभाव को समझने के लिए जरूरी है कि इन ग्रहों के फलों को उचित रुप से समझ लिया जाए. सूर्य ज्योतिष में शक्ति का प्रतीक है, यह दशा यदि कुंडली में सही है तो व्यक्ति को जीवन के विभिन्न स्वरूपों में बहुत शक्तिशाली बना सकती. करियरमें आगे बढ़ने का समय होता है. आपको अपने आसपास के लोगों के बीच पहचान पाने में मदद करती है.
सूर्य की शुभ स्थिति आर्थिक लाभ भी दिलाती है. कार्यों में तेजी के साथ साथ मानसिक तनाव भी मिलता है ज्योतिष में सूर्य शक्ति का प्रतीक है, यह अवधि व्यक्ति को जीवन के विभिन्न पहलुओं में बहुत शक्तिशाली बना सकती है. व्यक्ति कई जिम्मेदारियों को हाथ में लेकर आगे बढ़ता है. शक्ति आपको अपने आसपास के लोगों के बीच पहचान दिलाने में मदद करेगी. कुंडली में सूर्य की शुभ स्थिति आपको आर्थिक लाभ भी दिलाएगी.
राहु को भ्रम कहा गया है. राहु महादशा इस इच्छा को सक्रिय करती है और एक व्यक्ति को अपने जुनून की खोज के लिए प्रेरित भी करती है. लालसा पाने की इच्छा किसी भी रुप में हो सकती है धन, शक्ति, प्रसिद्धि या ज्ञान व्यक्ति जो कुछ भी चाहता है, राहु प्रभाव के दौरान, उस लक्ष्य के लिए तेजी से आगे बढ़ता है. उसके लिए अन्य सब गौण हो जाता है. राहु प्रभाव के दौरान, एक के बाद एक चीजों का पीछा करते हुए, वह कभी भी संतुष्ट नहीं हो पाता है. राहु का प्रभाव व्यक्ति को हताश कर सकता है, स्वार्थी और निंदक भी बना सकता है. किसी न किसी जुनून से ग्रस्त कर सकता है. व्यक्ति में विद्रोही प्रवृत्ति होती है. राहु कुंडली में अपनी स्थिति के आधार पर जीवन में सुख अथवा दुख का कारण बनता है.
सूर्य महादशा के अधीन राहु अंतर्दशा
सूर्य महादशा में राहु अंतर्दशा का आगमन व्यक्ति के जीवन को गंभीर रूप से प्रभावित करने वाला होता है. जीवन के प्रत्येक क्षेत्र को ये दशा अवधि प्रभावित करने वाली होती है. निजी जीवन हो या कार्यक्षेत्र की स्थिति कुछ न कुछ नुकसान का सामना करना पड़ सकता है. जिन लोगों को सहयोगी समझा था वे अचानक से साथ छोड़ देते दिखाई देंगे. शत्रु अधिक चोट पहुंचाने का प्रयास करते हैं. इस दशा अवधि में अतिरिक्त सतर्क रहने की आवश्यकता होती है क्योंकि इस समय व्यक्ति अपना स्थान खो सकता है. ये समय जो कर रहे हैं उसी पर अधिक टिका हुआ होता है और चीजें बदलने का समय भी होता है.
सूर्य के साथ राहु का योग शुभता की को दर्शाता है इसलिए इस दशा को कई कारणों से संघर्ष और नवीनता से जुड़ने की दशा भी कहा जाता है. दूर्य एवं राहु दोनों ग्रह बहुत प्रभावशाली हैं और आपके जीवन को बहुत प्रभावित करते हैं. इस दशा के दौरान, शक्तिशाली और आधिकार जताने की प्रबला भी अधिक महसूस हो सकती है. कार्यक्षेत्र में शक्तिशाली स्थिति अर्जित कर पाने में भी सक्षम होते हैं. अपने परिवार के साथ एक उचित और तटस्थ संबंध स्थापित होता है. यह दशा समय जीवन को नकारात्मक रूप से भी प्रभावित कर सकता है और सकारात्मक रुप से भी. व्यक्ति रिश्तों में बदलाव महसूस कर सकता है. परिवार संबंधों के मध्य दरार भी पैदा हो सकती है, व्यक्ति को मानसिक तनाव का भी सामना करना पड़ सकता है.
इस अवधि में संवाद कौशल में तेजी देखने को मिलती है, बोलचाल की स्थिति कठोर भी हो सकती है, लेकिन इसमें अधिकार पूर्ण स्थिति भी दिखाई देती है. अपने लक्ष्य की ओर बढ़ना आसान नहीं होता है. मार्ग बाधाओं से भरा रहता है लेकिन यदि प्रयास करते हैं तो सफलता अवश्य मिल सकती है. इस अवधि में आप मानसिक तनाव अधिक बना रह सकता है. कुछ मामलों में आस-पास के लोग अपना समर्थन नहीं देते हैं.