राहु की महादशा में कैसा रहता है ग्रहों की अंतर्दशाओं का फल

राहु की महादशा लोगों के जीवन को कई अलग-अलग तरह से प्रभावित कर सकती है. यह कुछ के लिए अच्छे तो बहुतों के लिए खराब हो सकती है. राहु दशा के फल शुभ होंगे या अशुभ, यह पूरी तरह से राहु के कुंडली में स्थिति के अनुसार तय होता है, इसी के साथ अन्य ग्रहों और उनकी स्थिति निर्भर भी करता है. क्योंकि राहु दशा के समय अन्य ग्रहों की अंतरदशाओं का फल भी व्यक्ति भोगता है. जब व्यक्ति इस दशा से प्रभावित होता है, तो उसके भ्रमित रहने की बहुत संभावना होती है. गलत और खराब तरीकों के कारण घातक असर भी देख सकता है. 

राहु दशा 18 वर्ष की अवधि तक मानी गई है. यह लंबी अवधि व्यक्ति के लिए दिमागी रुप से काफी दबाव दिखाने वाली हो सकती है. इस दशा से गुजरते हुए जातक जीवन के अनेक अनुभवों से प्रभावित होता है. राहु की महादशा का प्रभाव व्यक्ति के जीवन को बदल देने जैसा होता है. राहु की महादशा में राहु यदि तीसरे, छठे या 11वें भाव में स्थान पाता है तो काफी कुछ सकारात्मक दिखा सकता है. यदि राहु सकारात्मक दृष्टि से प्रभावित है तो वह व्यक्ति सुख और सफलता के अच्छे समय का आनंद भी उठा सकता है. जब राहु तीसरे, चौथे, छठे, दसवें और ग्यारहवें घर में होता है तो इससे व्यक्ति के जीवन में धन, समृद्धि और खुशियां भी आती हैं.

राहु की महादशा में राहु की अंतर्दशा

यह अंतरदशा व्यक्ति को लाभ दे सकती है, छोटे संगठन का मेल और आजीविका में वृद्धि दिखा सकती है . जीवन में असंतोष रहता है. भौतिक कार्यों के प्रति झुकाव बढ़ता है. इस दौरान व्यक्ति को विदेश जाने का मौका मिलता है. इच्छाशक्ति और हिम्मत द्वारा सफलताएं प्राप्त होती हैं. विजय प्राप्त करने की शक्ति भी प्राप्त होती है. यह दशा अशुभ होने पर अनिर्णय, भ्रम, धन हानि और आजीविका में बाधा उत्पन्न कर सकती है. अचानक विफलताओं और घरेलू मुद्दों के कारण होने वाली समस्याएं व्यक्ति को तनाव दे सकती हैं. व्यक्ति को बीमारी या स्वास्थ्य में गिरावट का सामना करना पड़ सकता है. कुंडली में राहु की स्थिति खराब हो तो इस महत्वपूर्ण निर्णयों को लेने से बचना चाहिए.

राहु महादशा में बृहस्पति की अंतर्दशा

यह अंतरदशा समग्र स्वास्थ्य मामलों में कुछ सकारात्मक रुख दे सकती है. बृहस्पति के शुभ प्रभाव के कारण व्यक्ति की लोकप्रियता और इस अवधि में अच्छी होती है. सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव जीवन पर पड़ता है. आजीविका में विकास होता है. प्रसिद्ध लोगों से मिलने का अनुभव प्राप्त होता है. आध्यात्मिक यात्राएं करने के लिए यह एक अच्छा समय होता है. इस अंतर्दशा में विवाह होने पर व्यक्ति दूसरी जाति में विवाह कर सकता है. इस अवधि के दौरान विदेश में रहने वाले व्यक्ति अपनी भूमि पर वापस आ सकते हैं. यदि बृहस्पति अशुभ हो तो यह दशा स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं, धन की हानि, करियर में गिरावट और अलगाव को दिखा सकती है. 

राहु महादशा में शनि की अंतर्दशा

राहु और शनि ये दोनों ही ग्रह पाप प्रभाव युक्त होते हैं और इन दोनों ग्रहों को अशुभ माना जाता है. इसलिए इस अंतर्दशा में नकारात्मकता और संघर्ष की स्थिति बनी रह सकती है. इस समय आजीविका में रुकावटें महसूस हो सकती हैं. व्यर्थ की बदनामी हो सकती है, धन हानि हो सकती है, पद छूट सकता है. राजनीति में जीवन अधिक संघर्ष का रह सकता है. यह दशा दुर्घटना,  चिकित्सा समस्याओं को दर्शा सकती है. इस समय यदि शनि शुभस्थ हो कुंडली में तो कई चीजों में सकारात्मकता भी दे सकता है ओर जीवन में संघर्ष कुछ कम हो सकता है. 

राहु महादशा में बुध की अंतर्दशा

राहु में बुध अंतरदशा अनुकूल मानी जाती है. व्यक्ति करियर के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर सकता है. कार्यक्षेत्र में पदोन्नति और व्यापार में वृद्धि के अवसर भी प्राप्त हो सकते हैं. दाम्पत्य जीवन सुखमय बना रहता है. इस समय में वाहन का सुख भी प्राप्त हो सकता है. इस दशा अवधि में बौद्धिकता पर राहु का असर भी होता है जिसके कारण व्यक्ति कई नई चीजों से जुड़ सकता है. कुछ तेजी बनी रहती है. स्वभाव में जोश दिखाई देता है. परेशानियों से मुक्त होने का समय होता है. इस अवधि में धन और स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार का भी संकेत मिलता है.

राहु महादशा में केतु की अंतर्दशा

इस दशा का समय अधिक अनुकूल नहीं माना जाता है. विशेष रूप से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए सकारात्मक नहीं मानी जाती है. दोनों पाप ग्रह होते हैं. स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं के निदान में कठिनाई हो सकती है. इस अवधि के दौरान आर्थिक स्थिति कमजोर रह सकती है. अपने प्रियजनों के साथ दूरी उत्पन्न हो सकती है. मन में चीजों के प्रति वैराग्य की भावना का अनुभव हो सकता है. इस दशा में रोग, विष, अग्नि और शस्त्र से भय बना रह सकता है. 

राहु महादशा में शुक्र की अंतर्दशा

राहु में शुक्र अंतर्दशा का समय काफी लम्बा रहता है. यह व्यक्ति के लिए काफी महत्वपूर्ण समय होता है. चुनौतियों का सामना करना पड़ता है साथ ही इससे मुक्ति भी प्राप्त होती है. कुछ कठिनाइयाँ जीवन में काफी लम्बा असर डाल सकती हैं. इस समय व्यक्ति को आर्थिक लाभ मिल सकता है, कुछ महंगी वस्तुएं भी प्राप्त हो सकती हैं. स्वभाव में काफी बदलाव हो सकते हैं. यदि शुक्र शुभ हो तो व्यक्ति को सुख-सुविधाएं, वाहन और संपत्ति अवश्य प्राप्त करता है. इस समय पर जीवन में कड़ी मेहनत करने का समय होता है. इस दौरान करियर में प्रमोशन की भी संभावना है.

राहु महादशा में सूर्य की अंतर्दशा

राहु में सूर्य की अंतरदशा का होना काफी उतार-चढ़ाव वाला होता है. इस दशा में जीवन के कुछ मुद्दे अभी भी हल नहीं हो पाते हैं. राहु और सूर्य में विरोध का संबंध अधिक होता है. जिसके परिणाम स्वरुप जीवन में काफी तनाव का सामना करना पड़ सकता है. इस अवधि में नौकरी में परिवर्तन या स्थानांतरण का मौका मिल सकता है. इस दशा में स्वास्थ्य कमजोर रह सकता है. मानसिक रुप से तनाव एवं क्रोध अधिक बना रहता है. मान सम्मान की प्राप्ति होती है. इस दशा काल में विदेश यात्रा भी हो सकती है. साहस और उत्साह भी इस दशा काल में अधिक दिखाई देता है

राहु महादशा में चंद्रमा की अंतर्दशा

चंद्रमा मन भावना का कारक होता है और जब यह राहु द्वारा प्रभावित होता है, तो यह काफी चिंताओं को दिखा सकता है. व्यक्ति बेचैनी और तनाव महसूस कर सकता है. इस समय जल से संबंधित चीजों के कारण रोग होने की संभावना अधिक रहती है. कार्यक्षेत्र में परेशानियों की अधिकता बनी रह सकती है. जीवन में कई बार चीजें दूर हो जाती है. आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए प्रयास करने पड़ते हैं. 

राहु महादशा में मंगल की अंतर्दशा

राहु दशा में मंगल की अंतर्दशा काफी परेशानी ओर तनाव वाली हो सकती है. इस समय के दौरान अधिक सावधानी बरतने की जरूरत होती है. इस अवधि में चोट लगने की संभावना रह सकती है. इस समय परिश्रम और संघर्ष अधिक बना रह सकता है. व्यक्ति परिवार और रिश्तों के साथ विवादों में लिप्त रह सकता है. इस अवधि में व्यक्ति को बहुत अधिक मेहनत करनी पड़ सकती है. इस समय विशेष रुप से दुर्घटना या चोट लगने का भय अधिक रहता है. इसलिए चोटों से बचने के लिए सावधान रहना चाहिए. मंगल की अंतरदशा में कोई भी कार्य जल्दबाजी में नहीं करना चाहिए.