राहु और चंद्रमा का कुंडली के सभी भावों में प्रभाव

जन्म कुंडली में राहु और चंद्रमा की युति अत्यधिक संवेदनशील और मानसिक स्वभाव के कारण कुछ अत्यधिक भावनात्मक स्थितियों को जन्म दे सकती है. राहु एक शक्तिशाली छाया ग्रह है, और जब चंद्रमा के साथ जुड़ता है, तो वास्तविकता अधिक परेशान करती है. वैदिक ज्योतिष में राहु और चंद्रमा की युति का प्रभाव बहुत अधिक भावुक कर सकता है या क्रोध और आक्रोश में बदल सकता है. स्वभाग एवं मानसिकता पर इसका काफी कठोर प्रभाव दिखाई देता है. 

राहु और चंद्रमा का एक साथ कुंडली के विभिन्न भावों में कैसा होगा असर  

कुंडली के सभी 12 भाव अपने अपने फल अनुरुप विशेषता दिखाते हैं. किसी भी भाव में राहु और चंद्रमा की युति जन्म कुंडली में ग्रहण योग बनाती है, और राहु का मन पर गहरा असर दिखाई देता है. राहु-चंद्र युति व्यक्ति को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करती है किंतु आत्मिक असंतोष कभी समाप्त नहीं हो पाता है. 

प्रथम भाव में राहु और चंद्रमा की युति

कुंडली के पहले घर में राहु और चंद्रमा का एक साथ होना नकारात्मक प्रभाव अधिक दे सकता है. लग्न को कमजोर करता है. नकारात्मक ऊर्जा असर डाल सकती है. जीवन में अनेक बाधाएं पीछा कर सकती हैं. व्यक्ति स्वभाव से अधिक चतुर होता है. झूठ बोलने में या बातों को घुमाने में माहिर हो सकता है. परिस्थितियों के अनुसार व्यवहार और प्रश्न को अपने अनुसार बदल सकते हैं. राहु और चंद्रमा की युति के प्रभाव से जीवन शैली में भौतिकता का समावेश होगा. चीजों के प्रति आकर्षण होगा. भौतिकवादी दिमाग अधिक काम कर सकता है. अपने को दूसरों से बेहतर मानने की प्रवृत्ति होगी. जन्म कुंडली में राहु और चंद्रमा की युति होने से कल्पना में अधिक, चतुर व्यक्तित्व है,  रचनात्मक पृष्ठभूमि पर दृढ़ता से ध्यान केंद्रित कर सकते हैं. राहु और चंद्रमा की युति के दुष्प्रभाव रुप में एक चंचल और बेचैन व्यक्तित्व वाले हो सकते हैं. नकारात्मक विचारों में रहना और काम और प्रकृति में गोपनीयता रखना जीवन भर की आदत बन सकती है.

दूसरे भाव में राहु और चंद्रमा की युति

जन्म कुंडली के दूसरे घर में राहु चंद्रमा की युति होने से आकर्षक ओर स्मार्ट व्यक्तित्व के होंगे. वाणी में मधुरता रहेगी. अपनी खुद की चीज़ों के बारे में शेखी बघारना पसंद कर सकते हैं. चालाक होंगे. किसी को अपनी बातों के अनुसार ढालना आसान होगा. धोखेबाज हो सकते हैं. परिवार से दूर जाकर रहना पड़ सकता है. विवाद और पाखंडी लोगों से अधिक प्रभावित हो सकते हैं. परिवार प्रसिद्ध होगा.  रूढ़िवादी मानसिकता होगी. माता के लिए स्थिति कुछ कमजोर रह सकती है ओर उन्हें स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं. व्यक्ति का स्वयं का भी स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है. आंखों की रोशनी और मुंह की समस्याओं से परेशानी हो सकती है. रक्त और पाचन तंत्र से संबंधित परेशानी हो सकती है. 

तीसरे भाव में राहु और चंद्रमा की युति

व्यक्तित्व की दृष्टि से तीसरे भाव में चंद्रमा और राहु की युति शुभ फल देती है.  साहसी बनाती है, मानसिक स्वास्थ्य के साथ, सम्मोहक और आकर्षक संचार की शक्ति भी प्राप्त होती है. नकारात्मक पक्ष पर के रुप में अपने आंतरिक भय से परेशान हो सकते हैं. आराम और भौतिक सुख साधनों को पाने के लिए आगे रह सकते हैं.  व्यक्ति के भीतर अहम, झूठा अहंकार हो सकता है. बाहर से काफी बोल्ड होने का दिखावा कर सकता है. अंदर से भ्रमित रह सकते हैं. जीवन में गलत निर्णय या गलत चीजों की संगत से अधिक प्रभावित रह सकते हैं.  भाई-बहन आपके साथ अच्छे समय का आनंद नहीं ले पाएंगे. आप लोगों के साथ विचारधाराओं का टकराव अनुभव कर सकते हैं. जीवन में यात्रा करने के कई मौके मिल सकते हैं. अपने जन्म स्थान से दूर रह सकते हैं या विदेश में निवास कर सकते हैं. 

चौथे भाव में राहु और चंद्रमा की युति

चौथे भाव में राहु और चंद्रमा के साथ होने पर चंचल मन वाले एक बेचैन व्यक्ति होंगे. सोचने की शक्ति का बुद्धिमानी से उपयोग नहीं कर पाते हैं, छल कपट से जुड़ सकते हैं. इच्छाओं के पूरा न होने के कारण हताश स्थिति का सामना करना पड़ेगा. अधिकांश समय अपने जीवन से असंतुष्ट रह सकते हैं. चौथे घर में चंद्रमा और राहु की युति के सकारात्मक प्रभाव रुप में मेहनती व्यक्तित्व प्राप्त होता है. जीवन को देखने के तरीकों में अंतर हमेशा बना रहेगा. साथ ही, चीजों के बारे में बहुत अधिक तनाव ले सकते हैं. माता का स्वास्थ्य कमजोर रह सकता है या चिंता में अधिक रह सकती हैं. कदम कदम पर  बाधाएँ भी आती हैं. हर समय स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं अधिक रह सकती हैं. विशेष रूप से, रक्त संबंधी समस्याएं और चोट लगने की संभावना भी हो सकती है.

पंचम भाव में राहु और चंद्रमा की युति

पंचम भाव में चंद्रमा और राहु की युति होने से स्वभाव से तेज दिमाग वाले और चतुर हो सकते हैं. दिमाग तेज होगा, लेकिन इसका समझदारी से इस्तेमाल करना आसान नहीं होगा. कई बार आत्मविश्वास की कमी भी अधिक हो सकती है. पंचम भाव में राहु और चंद्र की युति के कारण पितृ दोष होता है. महिलाओं को प्रसव से संबंधित समस्याएं हो सकती है. गर्भपात का सामना कर सकते हैं. सीखने और एकाग्रता में समस्या हो सकती है. काम तुरंत नहीं हो सकता है. रुकावटें, मुसीबतें और बुरी नजरें जीवन भर पीछा कर सकती हैं. पंचम भाव में राहु और चंद्रमा की युति के सकारात्मक प्रभाव के रुप में राजनीति में सफलता मिल सकती है. प्रसिद्ध हो सकते हैं. आधिकारिक लोगों के साथ मजबूत संबंध हो सकते हैं. जीवन में कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं. 

छठे भाव में राहु और चंद्रमा की युति

छठे भाव में चंद्रमा और राहु की युति व्यक्तित्व की दृष्टि से बहुत शुभ नहीं होती है. जीवन भर मानसिक तनाव का अनुभव हो सकता है. आभा कमजोर हो सकती है, और लोगों को अपनी तरफ रखना आपके लिए कठिन हो सकता है. विष और सर्पों से भय हो सकता है. बुरी नजर और नकारात्मक असर का अधिक अनुभव हो सकता है. राहु-चंद्रमा युति योग दोष बनाता है. यह भावनात्मक रूप से तनावग्रस्त व्यक्ति बना सकता है. बदला लेने का रवैया भी होता है. यदि दुश्मन होंगे, तो उनसे बदला लेने से पहले उन्हें नहीं छोड़ सकते. वित्तीय अस्थिरता जीवन भर घेरे रह सकती है. यात्राओं इत्यादि मं अधिक धन खर्च हो सकता है. जन्म कुंडली में चंद्रमा और राहु के छठे घर में होने पर मौसम बदलाव का अधिक असर पड़ता है, इससे संबंधित बीमारियां  पीछा करती हैं.

सातवें भाव में राहु और चंद्रमा की युति

व्यक्तित्व के मामले में चतुर और स्वभाव से स्वतंत्र हो सकते हैं. भावुक और बेचैन रह सकते हैं. शरीर बहुत अच्छा होगा और रंग गोरा होगा. ईर्ष्यालु स्वभाव और पाखंडी मानसिकता प्रभावित कर सकती है. जीवनसाथी आकर्षक होगा जो बुद्धिमान और अत्यधिक विचारों वाला होगा. सातवें भाव में राहु और चंद्रमा की युति होने से अपने जीवन साथी की ओर से धन प्राप्ति की भी उम्मीद कर सकते हैं. पार्टनर के साथ बौद्धिक संबंध हो सकते हैं. विवाह संबंधों में तनाव मतभेद अधिक रह सकते हैं. जीवनसाथी और परिवार के साथ कानूनी मुद्दों का सामना कर सकते हैं.

यात्रा एवं स्थान परिवर्तन जीवन भर असर डाल सकता है. इसके अलावा, सप्तम भाव में राहु और चंद्रमा की युति के प्रभाव के कारण, यौन रोगों से पीड़ित हो सकते हैं. हार्मोनल समस्याएं भी घेर सकती हैं. और, यह आपकी कुंडली में दोनों ग्रहों के प्रबल मारक होने के कारण होगा.

आठवें भाव में राहु और चंद्रमा की युति

जन्म कुंडली के आठवें घर में युति होने पर एक चंचल प्रवृत्ति और कुटिल मानसिकता के साथ मन बेचैन अधिक रह सकता है. लोगों के साथ संदिग्ध व्यवहार कर सकते हैं. कुछ दिखावे का असर होगा और नैतिकता की कमी हो सकती है. कामुकता का प्रभाव अधिक रहेगा. यौन इच्छाओं की अधिकता होगी. राहु और चंद्रमा की युति के कारण भावनात्मक रूप से कमजोर भी होंगे. आर्थिक रूप से अस्थिर रहेंगे. अच्छी कमाई होगी लेकिन कुछ गुप्त खर्च भी हो सकते हैं. पैतृक संपत्ति का भी फल भोगना पड़ सकता है. जीवन के उत्तरार्ध में अचानक लाभ भी प्राप्त हो सकता है. स्वास्थ्य के लिहाज से बचपन में कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. पाचन समस्याओं, आंखों की रोशनी और त्वचा संबंधी बीमारियों जैसी समस्याओं से भी गुजर सकते हैं. अष्टम भाव में चंद्रमा और राहु की युति अप्राकृतिक मृत्यु का कारण बन सकती है. सर्पदंश या किसी अन्य विषैले पदार्थों के कारण कष्ट हो सकता है. 

नवम भाव में राहु और चंद्रमा की युति

नवम भाव में राहु और चंद्रमा की युति पिता के सुख को कमजोर करती है. पिता को मानसिक तनाव और लाइलाज बीमारियों से पीड़ित होना पड़ सकता है. अपने पिता से दूर रह सकते हैं या पास होने पर विवादों में उलझ सकते हैं. दोनों को एक राय की समस्या होगी, और एक दूसरे के विपक्ष में रह सकते हैं. चंद्रमा और राहु की युति होने से जीवन में कई उतार-चढ़ावों का सामना करना पड़ सकता है. करियर बहुत ज्यादा प्रभावित हो सकता है. नौकरी को बहुत बार बदल सकते हैं और कभी भी किसी से संतुष्ट महसूस नहीं कर पाते हैं.अत्यधिक धार्मिक हो सकते हैं. अपने विश्वास को दिखाने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे. धार्मिक स्थलों की खोज में रुचि होगी, और पवित्र नदियों के दर्शन कर पाएंगे. 

दसवें भाव में राहु और चंद्रमा की युति

व्यक्तित्व के लिहाज से बुद्धिमान, स्मार्ट और बहादुर होंगे. जीवन के प्रति दृष्टिकोण साहसी होगा. समस्याओं से निपटने के रहस्यमय तरीके अपना सकते हैं. वास्तविक उद्देश्यों के बारे में किसी को न बताना चाहें. राहु और चंद्रमा के साथ होने पर काम में बदलाव हो सकते हैं. व्यावसायिक रूप से असंतोष रह सकता है. सार्वजनिक छवि लोकप्रिय  होगी, नाम और प्रसिद्धि पाने में मदद मिलेगी. दसवें भाव में राहु और चंद्रमा की युति होने से काम के प्रति काफी समर्पित रह सकते हैं. काम में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. पारिवारिक जीवन में कुछ अनबन हो सकती है. वैवाहिक जीवन में कष्ट अधिक रह सकता है. 

ग्यारहवें भाव में राहु और चंद्रमा की युति

जन्म कुंडली के ग्यारहवें भाव में राहु और चंद्रमा का योग अद्वितीय व्यक्तित्व प्रदान करता है. आकर्षक आभा के साथ स्वभाव से उदार होंगे. नेतृत्व के गुण भी होंगे.पैतृक संपत्ति का लाभ मिल सकता है. सब कुछ आपकी जेब में होगा और ऎसी संभावनाएं बहुत अधिक हैं कि धन कमाने के कई स्रोत होंगे. अवैध तरीके से भी लाभ अर्जित कर सकते हैं. दोस्तों की अच्छी संख्या हो सकती है. साथी सुंदर, धनी और बुद्धिमान होगा. एक से अधिक रिश्तों में भी रह सकते हैं. सेहत के लिहाज से पेट की कई परेशानियां, लीवर से संबंधित परेशानियां और गैस्ट्रिक समस्याएं भी हो सकती हैं. बड़े भाई-बहनों के साथ चिंताजनक स्थिति हो सकती है. 

बारहवें भाव में राहु और चंद्रमा की युति

यदि आपकी कुंडली के बारहवें घर में राहु और चंद्रमा की युति है तो व्यक्तित्व काफी उत्साहित होगा. जीवन में चीजों के बारे में उत्सुक होंगे और शानदार जीवन शैली की ओर अधिक झुकाव रहेगा. व्यवहार से मूडी और बेचैन हो सकते हैं. अवैध गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं और नियमों  के खिलाफ जा सकते हैं. छल कपट भी अधिक बना रह सकता है. बारहवें घर में चंद्रमा और राहु की युति होने से चरित्र संदिग्ध बनता है. वैवाहिक जीवन में छवि को प्रभावित करेगा. बाहरी संबंधों में अधिक रुचि ले सकते हैं. स्वास्थ्य के लिहाज से दुर्घटना और चोट लगने की संभावना अधिक रह सकती है और यात्रा के दौरान ऐसा होने की संभावना अधिक होगी. भर पेट संबंधी समस्याएं भी परेशान कर सकती हैं. विदेश में निवास मिल सकता है या जन्म स्थान से दूरी रह सकती है.