जन्म कुंडली का आठवां भाव रहस्य स्थान जाने इससे जुड़ी हर बात

जन्म कुंडली का आठवां भाव रहस्यों का स्थान

कुंडली के बारह भावों अपने आप में पूर्ण अस्तित्व को दर्शाते हैं. इन सभी भावों में एक भाव ऎसा भी है जो आयु मृत्य और रहस्य का घर होकर सभी आचार्यों के लिए एक गंभीर एवं सूक्ष्म स्थान है. इस भाव को लेकर की जाने वाली भविष्यवाणी ही जीवन के प्रत्येक उतार-चढ़ाव के लिए मुख्य होती है. 

आठवां भाव प्रमुख स्थान रखता है. इस घर को अक्सर अशुभ माना जाता है. वैदिक ज्योतिष में, अष्टम भाव मृत्यु, दीर्घायु और अचानक-अप्रत्याशित घटनाओं जैसे क्षेत्रों को दिखाता  है. इस भाव की संख्या भी आठ है जो अंक शास्त्र में भी इसी तरह की संभावनाओं से जुड़ती है. किसी के जीवन में जो विकास होता है, उसमें इस भाव का शामिल होना महत्वपूर्ण होता है. जीवन का समग्र विकास ओर अंत की यात्रा इसी घर में निहित मानी गई है. 

आठवें भाव की राशि और ग्रह  

वैदिक ज्योतिष में आठवें भाव को आयु भाव कहा गया है. इस भाव में वृश्चिक राशि को स्थान प्राप्त होता है. क्योंकि काल पुरुष कुंडली में वृश्चिक राशि ही आठवीं राशि होती है जो इस घर से संबंधित है, इस राशि में रहस्य, अधिकार, जुनून और महत्वाकांक्षा जैसी विशेषताएं मौजूद होती हैं. साथ ही मंगल-शनि आठवें घर के कारक स्वरुप स्थान पाते हैं.  बृहस्पति और सूर्य ग्रहों के लिए अनुकूल हो सकता है लेकिन चंद्रमा, बुध के लिए एक कमजोर स्थान भी होता है. 

कुंडली में आठवां भाव धन से जुड़ा जो भूमि के नीचे से प्राप्त होने वाला धन होता है या फिर अचानक मिलने वाला धन,संबंधित है. धन की वृद्धि और कमी जैसी बातें, अचानक और अप्रत्याशित घटनाएं इसी भाव से होने वाले परिवर्तनों के कारण होती हैं. अष्टम भाव के कारण अचानक लाभ, हानि, शेयर धन में अप्रत्याशित लाभ, विरासत, बीमा आदि चीजें होती हैं. इस प्रकार आठवें भाव को परिवर्तन और रहस्यों का स्थान कहा जाता है. खराब रुप में यह भाव अवसाद, विलंब, असंतोष और हार का कारण बन सकता है. शरीर के अंग जो आठवें भाव से जुड़े होते हैं उनमें यौन, प्रजनन प्रणाली अंग इसी स्थान पर आते हैं 

कुंडली का आठवां भाव अन्य लोगों का पैसा, जीवनसाथी का पैसा, वंश प्रणाली, मृत्यु, लैंगिक गुण, परिवर्तन, रहस्य, अन्य लोगों के पैसे पर अधिकार दिखाता है आठवां घर कर्तव्यों और दायित्वों से संबंधित मुद्दों को देखता है क्योंकि ये अतिरिक्त रूप से धन के वर्ग के अंतर्गत आते हैं जो दूसरों के होते हैं. उधार लिया हुआ धन और यहां तक ​​कि सरकार द्वारा हमें दिया गया धन भी आठवें भाव का से ही मिलता है, और आठवें भाव में स्थित शुभ ग्रहों का अर्थ यह हो सकता है कि व्यक्ति को ऋण और ऋण प्राप्त करने में आसानी हो सकती है लेकिन ऋण को चुकाना बहुत मुश्किल होता है.

अष्टम भाव से कैसे देखते हैं मृत्यु 

आठवां घर किसी की जन्म कुंडली का सबसे कठिन अनसुलझा क्षेत्र होता है. यह मृत्यु को नियंत्रित करता है. इस घर से यह देखा सकता है कि किसी की मृत्यु कैसे होगी, या यहां तक ​​कि मृत्यु के साथ मृत्यु तुल्य कष्ट भी इसी से देखे जाते हैं. कई बार व्यक्ति अपने जीवन में मृत्यु का अनुभव भी करता है जिसका संबंध भी इसी घर से होता है. आठवां घर अन्य लोगों की मृत्यु दिखा सकता है जो आपके करीब हैं. आठवां घर प्रतीकात्मक अंत की ओर इशारा करता है. अष्टम भाव में कुछ ग्रहों वाले व्यक्ति का कलात्मक रूप से मृत्यु की ओर झुकाव हो सकता है, या शायद व्यक्ति किसी प्रकार के अंधकार की ओर आकर्षित हो सकता है. यहां बैठे ग्रह भी अपने अनुसार व्यक्ति को मृत्यु का कष्ट दे सकते हैं अग्नि तत्व वाले ग्रह अग्नि से कष्ट दे सकते हैं जल तत्व वाले ग्रह जल के कारण कष्ट ओर वायु तत्व वाले ग्रह वात रोग से मृत्यु दे सकते हैं यही बात राशियों पर भी निर्भर होती है. प्राकृतिक आपदाओं से होने वाली मृत्यु भी इसी स्थान की होती है ओर उसमें पाप प्रभाव की अधिकता होने से परेशानी दिखाई दे सकती है. 

अष्टम भाव गुप्त रहस्यों का जनक 

ज्योतिष में अष्टम भाव को भी गुप्त भाव का भाव कहा जाता है. यह ब्रह्मांड के रहस्य को समझने का द्वारा भी होता है. सभी रहस्य और सच्चाई का स्थान है. नवम भाव के निकट के घर के क्षेत्र जीवन और उसके अर्थ के बारे में व्यक्ति की जिज्ञासा का प्रतिनिधित्व भी इसी घर से होता है. हम क्यों मौजूद हैं, हम क्यों पैदा हुए, हम क्यों मरते हैं जीवन क्या है इसी घर की उपज हैं और कुंडली  के उसी क्षेत्र में है जहां नौवां घर अपनी उत्पत्ति और नींव को दर्शाता है. नवम भाव बुद्धि और उच्च शिक्षा का कारक होता है. इसलिए यह स्वाभाविक ही है कि इस प्रकार का ज्ञान उन प्रश्नों से आता है जो हम यहां आठवें भाव में रखते हैं. यही कारण है कि ज्योतिष में अष्टम भाव हर प्रश्न की कुंजी है. यह उन सवालों का स्रोत है जो हम दुनिया के बारे में और अपने बारे में पूछते हैं.

यौन संबंध और कामुक संबंधों का स्थान  भी यही घर है. सैक्स मृत्यु के विपरीत है. यह जीवन का स्रोत और उत्पत्ति का मार्ग है. 

अष्टम भाव के शुभ फल 

आठवां भाव सकारात्मक रुप से कई अच्छे फल देता है, इसके कई सकारात्मक परिणाम हो सकते हैं. इसमें से कुछ इस प्रकार होंगे व्यक्ति की आयु लंबी हो सकती है और उसके पास अपने विरोधि और शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने की अच्छी संभावना होगी. आध्यात्मिक विषयों और मानसिक क्षमताओं से संबंधित मुद्दों की ओर अधिक रुझान होगा. ये लोग मनोविज्ञान, विज्ञान, गणित और रिसर्च के अध्ययन जैसे  विषयों में ऊंचाईयां छू सकते हैं. 

अगर कुंडली में आठवें भाव पीड़ित होकर कई गलत फल देने में सक्षम होता है व्यक्ति की लंबी उम्र को कम कर सकता है. पीड़ादायक मृत्यु दे सकता है, पुरानी बीमारी का कारण बन सकता है और विभिन्न प्रकार के दुख, मानसिक शांति खो सकता है. यहां आपराध में भागीदारी, दंड या सजा, व्यसन, विकृति, प्रियजनों को खोना, मृत्यु और अन्य प्रकार की समस्याएं भी हो सकती हैं.

कुंडली के आठवें भाव में ग्रहों का फल 

आठवें घर में ग्रहों की भूमिका प्रत्येक व्यक्ति के लिए अलग-अलग होती है. 

अष्टम भाव में सूर्य

आठवें भाव में सूर्य बताता है कि व्यक्ति जीवन के सबसे गहरे रहस्यों की खोज करने में आगे रह सकता है.

अष्टम भाव में चंद्रमा 

यहां चंद्रमा व्यक्ति को एक निजी रुप से बना देगा और अपनी भावनाओं को अपने तक ही सीमित रखेंने देगा.

अष्टम भाव में मंगल 

आठवें घर में मंगल गलतियों के गंभीर परिणाम दे सकता है. आवेगी बना सकता है.

अष्टम भाव में बुध 

आठवें भाव में बुध विरासत या कोई अनुबंध के कारण लाभ या नुकसान दोनों का सामना करना पड़ता है. 

अष्टम भाव में बृहस्पति 

बृहस्पति यहां अधिक सोच विचार दे सकता है. जांच-परख करने वाला स्वभाव देता है.

अष्टम भाव में शुक्र 

अष्टम भाव में शुक्र का होना कामुक सुख के प्रति जुनूनी बना सकता है.

अष्टम भाव में शनि 

अष्टम भाव में परिश्रमी, अनुशासित, धैर्यवान और खर्च में विवेकपूर्ण बनाता है.

अष्टम भाव में राहु केतु  

यह स्थान आमतौर पर ज्योतिष में अशुभ होता है, राहु केतु के होने पर आवेगपूर्ण निर्णय और काम के विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं.