उत्तराषाढा नक्षत्र विशेषताएं | Characteristics of Uttara Ashadha Nakshatra | Uttarashadha Nakshtra Career
उत्तराषाढा नक्षत्र 21 वां नक्षत्र है, तथा इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्तियों में कृ्तज्ञता की भावना विशेष रुप से पाई जाती है. इस नक्षत्र के व्यक्ति धार्मिक आस्था के होते है. इन्हें धर्म क्रियाओं में विशेष आस्था होती है. संतान पक्ष की ओर से इस नक्षत्र के व्यक्ति को सुख और सहयोग दोनों प्राप्त होते है.
उत्तराषाढा जन्म नक्षत्र व्यक्तित्व | Uttara Ashadha Nakshatra Characterstic
उत्तराषाढा जन्म नक्षत्र के व्यक्ति का जीवन साथी सुन्दर और सुयोग्य होता है. और इस नक्षत्र समय में जन्म लेने वाला व्यक्ति स्वयं भी आकर्षक व्यक्तित्व का स्वामी होता है. ऎसा व्यक्ति अपनी वेशभूषा को अत्यधिक महत्व देता है. बोलने में ये लोग मधुरता का प्रयोग करते है. तथा इनके घर से दूर विदेश या प्रवास स्थान में रहने की संभावनाएं अधिक बनती है.
इसके साथ ही इन्हें घूमने और पर्यटन का शौक भी होता है. घूमने फिरने के लिए ये प्राकृतिक स्थानों में जाना पसन्द करते है. वन और पहाडी क्षेत्रों में घूमना इन्हें विशेष रुप से पसन्द होता है. अपने घूमने के शौक के कारण ये धार्मिक स्थलों की यात्राएं भी करते है.
उत्तरा आषाढा नक्षत्र कैरियर | Uttara Ashadha Nakshtra Career
इस नक्षत्र के व्यक्तियों को शिल्पकला अर्थात उद्योग आदि से संबन्धित कलाओं में कार्य करना रुचिकर लग सकता है. इसी वजह से ये लोग वास्तुकार, मिस्त्री, नक्शा बनाने वाले. इंजिनियर अथवा भवन निर्माता बन सकते है. उत्तराषाढा नक्षत्र में जन्में व्यक्ति का वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है. इनके अनेक मित्र होते है. तथा मित्रों का सहयोग भी इन्हें प्राप्त होता है. धर्म से जुडे अन्य व्यक्तियों की सेवा करना भी इन्हें पसन्द होता है. इसके अलावा ये दान-पुन्य के कार्यो में भी रुचि लेते है.
उत्तरा आषाढा नक्षत्र पहचान | Uttara Ashadha Nakshatra Recognition
आकाश में उत्तरा आषाढा नक्षत्र उतर-दक्षिण दिशा में अप्रैल माह में दिखाई देता है. इस नक्षत्र मंच के समान आकार का होता है.
नक्षत्रों में उत्तराषाढा नक्षत्र का स्थान | Uttara Ashadha Nakshatra Position among other Nakshatras
उत्तराषाढा नक्षत्र का स्वामी सूर्य ग्रह है. यह नक्षत्र गुरु की धनु राशि के अन्तर्गत आता है. इसलिए इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति सूर्य ग्रह और गुरु दोनों ग्रहों के विशेषताओं से प्रभावित रहते है. उत्तराषाढा नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति की कुण्डली में अगर मंगल और सूर्य दोनों शुभ स्थिति में बैठे हों तो व्यक्ति अच्छा प्रशासक बनने के साथ साथ उतम नेता भी होता है.
इस नक्षत्र का स्वामी सूर्य ग्रह है, तथा सूर्य व्यक्ति की आत्मा का प्रतिनिधित्व करता है. सूर्य और गुरु दोनों ही कुण्डली में बली स्थिति में हो तो व्यक्ति को उच्च प्रशासनिक सेवाओं में स्थान प्राप्त होता है. ऎसे व्यक्ति में अहंम की भावना हो सकती है. तथा ऎसा व्यक्ति जीवन में सख्त नियमों का पालन करने वाला हो सकता है. उसे अनुशासन पसन्द जीवन व्यतीत करना अच्छा लग सकता है.
व्यक्ति की कुण्डली में गुरु अथवा सूर्य अगर मंगल के साथ स्थित हों तो व्यक्ति राजनिति के क्षेत्र में जाकर कार्य करने का प्रयास करता है. ये दोनों ग्रह बुध के साथ हो तो व्यक्ति लेखक बन सकता है. उसमें उत्तम वक्ता बनने के गुण भी होते है. साथ ही ऎसा व्यक्ति अगर वकालत के क्षेत्र में जायें तो उसे नाम के साथ साथ धन की प्राप्ति भी होती है. परन्तु इन योगों में ध्यान देने योग्य बात यह है, कि कुण्डली में सूर्य और गुरु दोनों शुभ होने चाहिए.
उत्तराषाढा नक्षत्र शुभ मुहूर्त | Uttara Ashadha Nakshatra Subh Muhurat
उत्तराषाढा नक्षत्र समय में अगर कोई व्यक्ति अपनी विद्या प्रारम्भ करता है, अथवा शिक्षा क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए देवी सरस्वती का पूजन करता है, तो उसकी शिक्षा उत्तम रहने के योग बनते है.
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