एजुराइट । Azurite Upratna - Azurite Gemstone - Healing Ability Of Azurite
यह उपरत्न ताँबा अयस्क के आक्सीकरण से बनता है. समय के साथ यह उपरत्न जैसे-जैसे पानी को अवशोषित करता है, तब यह मैलाकाइट खनिज में बदल जाता है. इस प्रक्रिया के फलस्वरुप एजुराइट तथा मैलाकाइट दोनों ही एक साथ पाए जाते हैं. एजुराइट ताँबे की खानों में और इसके आसपास पाया जाता है. दोनों के मिश्रण से बहुत ही शानदार हरे रंग की चमक लिए हुए, गहरे नीले रंग के उपरत्न का निर्माण होता है. अरबी शब्द अजुल(Azul) से एजुराइट शब्द का निर्माण माना गया है. कई विद्वानों का मानना है कि एजुराइट शब्द, पारसी शब्द लाजवर्ड(Lazhward) की देन है. दोनों ही शब्दों का अर्थ - नीला रंग है. यह बहुत ही नर्म उपरत्न है. इसकी देखभाल में विशेष रुप से सावधानी बरतनी चाहिए.
एजुराइट "स्वर्ग के उपरत्न" के रुप में जाना जाता है. यह धारणकर्त्ता को उसकी आत्मा की खोज करने में सहायता करता है अर्थात व्यक्ति के भीतर आत्मज्ञान का विकास करता है. यह उपरत्न प्रकाश स्तम्भ के रुप में व्यक्ति को रोशनी दिखाने का कार्य करता है. एजुराइट व्यक्ति को नए-नए आयाम दिखाने में सहायक होता है. अपने संस्कारों को बिना त्यागे पुराने ढर्रे को छोड़कर नए ढर्रे पर चलने के लिए प्रेरित करता है.
एजुराइट के गुण | Qualities Of Azurite
यह उपरत्न धारणकर्त्ता के भीतर बसे अंधकार को अपनी सकारात्मक ऊर्जा के माध्यम से दूर करता है. उसका परिचय आध्यात्मिक जगत से कराता है. इस उपरत्न में व्यक्ति के अंदर छिपे गुणों को उत्तेजित करके उसे बाहर निकालने की क्षमता होती है. इस उपरत्न से धारणकर्त्ता का संचार कौशल बढ़िया होता है. अन्तर्ज्ञान का बहुमुखी विकास होता है. रचनात्मकता बढ़ती है. यह धारणकर्त्ता के भीतर प्रेरणा का संचार करता है. बुद्धिमत्ता पूर्ण निर्णय लेने में सहायक होता है.
यह मानसिकता को जागृत करता है. मस्तिष्क के अनखुले पन्नों को खोलने में व्यक्ति की सहायता करता है. नकारात्मक ऊर्जा को पास आने से रोकता है. यह उपरत्न स्वयं के मूल्यों को समझने के लिए धारणकर्त्ता को अपने भीतर झाँकने के लिए प्रेरित करता है. यह उपरत्न व्यक्ति के अंदर पहले से छिपी कला को बाहर निकालने तथा उसका चहुँमुखी विकास करने में सहायक होता है. यह धारणकर्त्ता के आज्ञा चक्र तथा विशुद्ध चक्र को नियंत्रित करता है. व्यक्ति की ध्यान लगाने में सहायता करता है.
इस उपरत्न का एक छोटा - सा टुकडा़ ध्यान करते समय आज्ञा चक्र के मध्य रखने से व्यक्ति के अन्तर्ज्ञान का विकास होता है. यह पढा़ई करने वाले विद्यार्थियों और परीक्षा देने वाले परीक्षार्थियों के लिए बहुत ही लाभकारी उपरत्न है. यह उनकी याद्दाश्त को दुरुस्त रखता है. उन्होंने जो जानकारी अपने मस्तिष्क में ग्रहण की है, उसे भूलने नहीं देता और उस जानकारी को बनाए रखता है. इस उपरत्न के गुणों को बढा़ने के लिए इसे तांबे में धारण करना चाहिए.
एजुराइट के चिकित्सीय गुण | Healing Qualities Of Azurite
यह उपरत्न लीवर को प्रभावित करता है. उसे सुचारु रुप से कार्य करने में सहायक होता है. लीवर संबंधी बीमारियों को दूर रखता है. निर्विषीकरण में सहायक होता है जैसे जो व्यक्ति नशीली वस्तुओं का सेवन करते हैं और उनके पेट में विकार उत्पन्न होने आरम्भ हो जाते हैं. यह उपरत्न नशीली वस्तुओं तथा उनसे उत्पन्न हुए विकारों का नाश करता है. थायराइड ग्रंथियों की प्रक्रियाओं को उत्तेजित करके उनकी वृद्धि होने में बढा़वा देता है. मस्तिष्क की ग्रंथियों की वृद्धि में सहायक है. नसों द्वारा की जाने वाली प्रतिक्रियाओं को उत्तेजित करता है.
यह उपरत्न पसलियों को बांधकर रखने में सहायक होता है. यह उपरत्न जोड़ों के दर्द, गठिया तथा शरीर में होने वाली ऎंठन से मुक्ति दिलाता है. रीढ़ की हड्डी को सही स्थान पर टिकाए रखने में सहायक होता है. शरीर के सभी संचार संबंधी भागों में विकार पैदा नहीं होने देता है. पीठ के दर्द से मुक्ति दिलाता है. त्वचा विकारों से निजात दिलाता है. आहार प्रक्रिया को नियंत्रित करता है.
कौन धारण करे | Who Should Wear Azurite
जिन व्यक्तियों की कुण्डली में शनि तथा बुध ग्रह शुभ भावों के स्वामी होकर निर्बल अवस्था में स्थित हैं वह इस उपरत्न का उपयोग कर सकते हैं.
कौन धारण नहीं करे | Who Should Not Wear Azurite
सूर्य, मंगल, चन्द्र, बृहस्पति ग्रह के रत्न अथवा उपरत्नों के साथ एजुराइट उपरत्न को धारण नहीं करना चाहिए.
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