केमद्रुम योग कैसे होता है भंग
जन्म कुण्डली में जब चंद्रमा से दूसरे भाव और बारहवें भाव में कोई ग्रह नहीं होता है तो यह स्थिति केमद्रूम योग बनाती है. केमद्रूम योग खराब योगों की श्रेणी में आता है. इस योग के कारण जातक मानसिक और शारीरिक रुप से दबाव की स्थिति झेलता है. यह योग मुख्य से जातक की आर्थिक स्थिति को खराब करता है.
चंद्रमा के आगे और पीछे जब कोई ग्रह नहीं होता तो ये स्थिति चंद्रमा के बल को कमजोर करने वाली होती है. कुण्डली में जब चंद्रमा कमजोर होगा तो व्यक्ति को मानसिक रुप से भी बल नहीं मिल पाएगा. व्यक्ति बहुत सी चीजों के निर्णय लेने में सक्षम नहीं होगा.
जब कुण्डली में कोई अशुभ योग बनता है. तो कुण्डली में उस योग के भंग होने या कमजोर होने की स्थिति भी अगर बनी हुई हो, तो यह स्थिति सकारात्मकता को दिखाने में सहायक होती है. ऎसे में जातक को खराब योग से मिलने वाले फलों में कमी आती है.
जन्म कुण्डली में केमद्रूम कैसे भंग होता है
किसी भी जातक के जीवन में जन्म कुण्डली का महत्व बहुत अधिक होता है. सबसे पहले किसी भी योग के बनने और भंग होने इत्यादि की स्थिति को केवल जन्म कुण्डली से ही देखा जाता है. इसी कुण्डली में योग के प्रभाव और उसकी प्रबलता पर विचार होता है.
जन्म कुण्डली में जो भी योग बन रहा हो वह अपने फल जरुर देता है. पर इसी के साथ कुछ अन्य वर्ग कुण्डलियां भी होती हैं. जो ग्रहों के बल और उनसे मिलने वाले फलों की सूक्ष्म जांच के लिए देखी जाती हैं. ऎसे में इन कुण्डलियों के आधार पर भी जन्म कुण्डली में बने हुए योग की प्रभाव क्षमता कैसी रह सकती है, इस बात को समझने में बल मिलता है.
आइये जानते हैं की जन्म कुण्डली जिसे लग्न कुण्डली भी कहा जाता है. इसमें कैसे होता है केमन्द्रुम योग भंग -
नवांश कुण्डली में केमद्रुम भंग योग
नवांश कुण्डली जिसे डी 9 चार्ट भी कहा जाता है. इसे मुख्य रुप से ग्रहों के बल और उनकी शक्ति देखने के लिए उपयोग किया जाता है. नवाम्श कुण्डली में बनने वाली कई स्थितियां इस केमद्रुम योग को भंग करने में सहायक बनती हैं. कुछ अन्य शास्त्रों के अनुसार
चन्द्रमा का शुभ ग्रह राशि में होना - केमद्रुम भंग योग
केमद्रुम योग होने पर भी जब चन्द्रमा शुभ ग्रह की राशि में हो तो योग भंग हो जाता है. ये स्थिति जन्म कुण्डली और नवांश कुण्डली एवं चंद्र कुण्डली से देखी जा सकती है. शुभ ग्रहों में बुध, गुरु और शुक्र ग्रह माने गये है. इसी के साथ जन्म कुण्डली में अगर कोई अन्य शुभ धन योग बन रहा हो जिसमें लक्ष्मी योग, महाभाग्य योग, पंचमहापुरुष योग इत्यादि बन रहा हो तो भी केमद्रूम योग अपनी क्षमता दिखा नहीं पाता है.
ऎसे में व्यक्ति संतान और धन से युक्त बनता है. उसे जीवन में सुखों की प्राप्ति होती है. वह अपने संघर्ष से आगे बढ़ता है और परिस्थितियों में स्वयं को ढालते हुए काम करता है और समाज में एक सम्मानित वैभवशाली जीवन भी जीता है.