अधि-गुरुमंगल-गुरुचंडाल-लक्ष्मी-गौरी-श्रीकण्ठ योग | Adhi yoga | Guru Mangal Yoga | Guru Chandal Yoga | Lakshmi Yoga | Gauri Yoga | Shri Kanth Yoga

ज्योतिष में योग शब्द से अभिप्राय ग्रहों के संबन्ध से है, यह सम्बन्ध ग्रहों की युत्ति, दृ्ष्टि संबन्ध्, परिवर्तन तथा अन्य कई कारणों से बन सकता है. जिस प्रकार धर्म में बुद्धि और शरीर का योग, आयुर्वेद में दो या दो से अधिक औषधियों का योग मंगलकारी होता है. ठिक उसी प्रकार ग्रहों का दो 

अधि योग कैसे बनता है. | How is Formed Adhi Yoga 

जब बुध, गुरु, शुक्र लग्न या चन्द्रमा से छठे, सातवें और आठवें भाव में एक साथ या अलग - अलग हो, तो अधि योग बनता है.  अधि योग व्यक्ति को धनवान बनाता है, यह शुभ योग है, इस योग के शुभ प्रभाव से व्यक्ति की आर्थिक स्थिति सुदृ्ढ होती है. व्यक्ति दीर्घायु ,समृ्द्धिशाली बनता है. उसकी आत्मा श्रेष्ठ होती है, वह साहसिक और ऊर्जावान होता है. 

परन्तु योग बना रहे ग्रहों का संबन्ध अशुभ भावों के स्वामियों के साथ बन रहा हो, तो व्यक्ति में नेतृ्त्वता, स्वार्थीपन से दूषित होने के योग बनते है.  

गुरुमंगल योग कैसे बनता है. | How is Formed Guru Mangal Yoga 

गुरु मंगल योग शुभ योगों की श्रेणी में आता है. यह योग तब बनता है, जब मंगल और गुरु की युति हो रही होती है. यह योग होने पर व्यक्ति शहर का मुखिया होता है. यह योग धन योगों में आता है. इस योग वाला व्यक्ति स्वतन्त्र 

प्रकृ्ति का होता है. उसका शरीर गठा हुआ होता है. व्यक्ति में अत्यधिक व्यय करने की प्रवृ्ति होती है. उसे विभिन्न स्त्रोतों से आय प्राप्त होती है. 

गुरुचण्डाल योग कैसे बनता है. | How is Formed Guru Chandal Yoga 

गुरुचण्डाल योग में राहू की युति गुरु ग्रह के साथ हो रही होती है. इस व्यक्ति की धार्मिक आस्थ में कमी हो सकती है. इस योग से युक्त व्यक्ति सच्चाई और न्याय को ऊपर उठाने वाला, लेकिन व्यक्तिगत जीवन में इसके विपरीत व्यवहार करता है.

लक्ष्मी योग कैसे बनता है. | How is Formed Laxmi Yoga 

लक्ष्मी योग एक शुभ योग है. यह योग धन वृ्द्धि का योग है. जब कुण्डली में नवमेश स्वराशि या उच्च राशि में स्थित होकर केन्द्र या त्रिकोण भाव में हों, तो लक्ष्मी योग बनता है. लक्ष्मी योग होने पर व्यक्ति धनवान होता है. इस योग के व्यक्ति में शुभ कार्य करने की प्रवृ्ति होती है, उसके स्वभाव का यह गुण उसे मान-सम्मान दिलाने के साथ उसे एक महान इन्सान बनाता है. लक्ष्मी योग न केवल धन देता है, बल्की इस योग कि शुभता से व्यक्ति के ज्ञान में भी बढोतरी होती है. व्यक्ति अपने वर्ग का सम्मानीय व्यक्ति बनता है. यह योग व्यक्ति को भौतिक सुख-सुविधाओं से युक्त करता है. राजनैतिक क्षेत्र में सफल होने के पक्ष से यह योग शुभ माना जाता है.  

गौरी योग कैसे बनता है. | How is Formed Gauri Yoga 

गौरी योग उस समय बनता है, जब कुण्डली में चन्द्रमा गुरु से द्र्ष्ट हों. यह योग व्यक्ति को स्वस्थय शरीर देने के साथ साथ, व्यक्ति की आर्थिक स्थिति को सुदृ्ढ करता है. इस योग वाला व्यक्ति सम्मानीय परिवार से संबन्ध रखने वाला होता है. उसके बच्चे अच्छे चरित्रवान होते है. व्यक्ति तथा संतान दोनों को सराहना प्राप्त होती है.  

श्रीकण्ठ योग कैसे बनता है. | How is Formed Shrikanth Yoga 

श्रीकण्ठ योग में नवमेश शुक्र या बुध केन्द्र या त्रिकोण में अपनी मित्र या उच्च राशियों में हों तो श्रीकण्ठ योग बनता है. श्रीकण्ठ योग व्यक्ति को धनवान बनाता है. इस योग में बुध व शुक्र शामिल है. इसके कारण यह योग व्यक्ति को बौद्धिक योग्यता देता है. शुक्र के प्रभाव से व्यक्ति भौतिक सुख-सुविधाओं वाला होता है. नवमेश के कारन इस योग से व्यक्ति धार्मिक प्रवृ्ति का बनता है.