चक्र-समुद्र-गोल योग - नभस योग | Chakra Yoga - Nabhasa Yoga | Samudra Yoga Results | Gol Yoga Results
चक्र योग भी 32 नभस योगों में से एक है. इस योग की यह विशेषता है, कि जब लग्न भाव से सभी ग्रह विषम भावों में हो, तो चक्र योग बनता है. कुण्डली के विषम भाव 1, 3, 5, 7, 9, 11 भावों को कहा जाता है. चक्र योग वाला व्यक्ति अपने आजीविका क्षेत्र में उच्च पद पर आसीन होने में सफल रहता है. ऎसा व्यक्ति को नौकरी से अधिक व्यापार करने की चाह होती है. तथा उसे उत्तम स्तर की सुख -सुविधाएं प्राप्त होती है.
चक्र योग कैसे बनता है. | How is Chakra Yoga Formed
इस योग को इस प्रकार भी कहा जा सक्ता है, कि चक्र योग उस समय बनता है, जब लग्न से 12 भावों में से जिसमें लग्न भाव, पराक्रम भाव, शिक्षा भाव, विवाह भाव, भाग्य भाव व आय भाव इन छ: भावों में कुण्डली के सभी ग्रह हो, तब चक्र योग बनता है, चक्र योग में कोई भी ग्रह अगर इस चक्र से बाहर अर्थात सम भाव में स्थित हो, तो यह योग भंग हो जाता है.
चक्र योग में जब ग्रह विषम भावों में स्थित होते है. तो उनके द्वारा चक्र के समान आकृ्ति बनती है, इसीलिए इस योग का नाम चक्र योग रखा गया है.
चक्र योग से मिलने वाले फल | Chakra Yoga Results
चक्र योग व्यक्ति को राजनीति के क्षेत्र में कार्य करने की योग्यता देता है. ऎसा व्यक्ति राजकाज के कार्यो में कुशल होता है. तथा वह जिस भी क्षेत्र में कार्य करता है, उसके पास अतिरिक्त अधिकार सुरक्षित होते है. यह देखा गया है, कि चक्र योग वाले व्यक्ति का प्रभुत्व बीस वर्ष की आयु के बाद बढने लगता है.
समुद्र योग – नभस योग | Samudra Yoga – Nabhasa Yoga
नभस योगों को कई नामों से जाना जाता है. नभस योगों का वर्गीकरण राशियों की संख्या के अनुसार होता है, इसलिए इन योगों को संख्या योग भी कहा जाता है. संख्या योगों का एक अन्य नाम सांख्य योग भी है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार एक से अधिक ग्रहों की युति योग कहलाती है. योग कई प्रकार के होते है, जिसमें आश्रय योग, दल योग, आकृ्ति योग, संख्या योग आदि. इन्हीं संख्या योगों में से एक योग है. समुद्र योग. आईये समुद्र योग को जानने का प्रयास करते है. (sematext)
समुद्र योग क्या है. | What is Samudra Yoga
समुद्र योग अपने नाम के अनुसार व्यक्ति को शुभ और दीर्घकाल तक फल देता है. इस योग का निर्माण उस समय होता है, जब कुण्डली में सभी ग्र्ह द्वितीय भाव से लेकर सम भावों में स्थित होते है. यह योग चक्र योग का विपरीत योग है. उस योग में ग्रह विषम भावों में होते है, और इस योग में ग्रह सम भावों में. भाव संख्या 2, 4, 6, 6, 8, 10, 12 इन भावों को सम भाव संज्ञा दी गई है.
समुद्र योग फल | Samudra Yoga Results
समुद्र योग जिन व्यक्तियों की कुण्डली में होता है, उन व्यक्तियों को जीवन में धन-धान्य की प्राप्ति होती है. वे राजनीति के क्षेत्र में सफल होते है. तथा अपने द्वारा किए गये शुभ कार्यो के कारण उन्हें लोकप्रियता भी प्राप्त होती है. समुद्र योग कुण्डली में होने पर व्यक्ति के संतान सुख में वृ्द्धि होती है. व्यक्ति भौतिक सुख-सुविधाओं से युक्त होता है.
गोल योग- नभस योग | Gol Yoga – Nabhsa Yoga
गोल योग कैसे बनता है. | How is Gol Yoga Formed
जब कुण्डली में सभी ग्रह किसी एक ही राशि में हो, तो इसे गोल योग कहते है. जिस व्यक्ति की कुण्डली में गोल योग हो, उस व्यक्ति को शिक्षा प्राप्त करने में बाधाओं का सामना करना पडता है. यह योग व्यक्ति की आर्थिक स़्थिति को भी प्रभावित करता है. तथा इस योग के व्यक्ति को स्वयं में उच्च विचार का विकास करना चाहिए. सात्विक कार्यो में रुचि लेने से इस योग के अशुभ फलों में कमी होती है.
गोल योग फल | Gol Yoga Reuslts
गोल योग योग अशुभ फलकारी है, इस योग की अशुभता में कमी करने के लिए व्यक्ति का सदाचार का जीवन व्यतीत करना भी अनुकुल रहता है. साथ ही व्यक्ति का पुरुषार्थी बनना उसे, जीवन में आगे बढने में सहयोग करता है. गोल योग से युक्त व्यक्ति के स्वभाव में आलस्य का भाव सामान्य से अधिक हो सकता है, इस कारण से भी व्यक्ति की आर्थिक स्थिति प्रभावित हो सकती है. तथा व्यक्ति का काम में लगे रहना इस योग की अशुभता में कमी करता है.
कुछ अन्य ज्योतिष शास्त्रियों के अनुसार यह योग व्यक्ति को साहस और जोखिम के क्षेत्रों से जोडता है, तथा इन क्षेत्रों में कार्य करने से व्यक्ति को इस योग के शुभ फल प्राप्त होते है. यह भी देखने में आया है, कि इस योग के व्यक्ति के स्वभाव में चतुरता का भाव भी पाया जाता है.
संक्षेप में यह कहा जा सकता है, कि गोल योग में व्यक्ति अगर अपने आलस्य भाव का त्याग करता है, तो उसे पुलिस या सेना के क्षेत्रों से आय प्राप्त होती है. तथा वह व्यक्ति अपने कर्म से इस योग की अशुभता को भंग करने में सफल रहता है.