रज्जू-मूसल-नल योग | Moosal Yoga | Nabhas Yoga | Moosal Yoga Results | Rajju Yoga | Nal Yoga Results
नभस योग कुण्डली में बनने वाले अन्य योगों से भिन्न है. यह माना जाता है, कि नभस योगों की संख्या कुल 3600 है. जिनमें से 1800 योगों को सिद्धान्तों के आधार पर 32 योगों में वर्गीकृ्त किया गया है. इन योगों को किसी ग्रह के स्वामीत्व या उसकी दशा अवधि के आधार पर नहीं देखा जाता है. इन योगों से मिलना वाला फल स्वतन्त्र रुप से देखा जाता है.
नभस योग कैसे बनते है. | How is Formed Rajju Yoga
कुण्डली में राहू-केतु को छोडकर सूर्य, चन्द्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र व शनि किन किन राशियों में है, इस बात को ध्यान में रखतेहुए नभस योग का वर्गीकरण किया जाता है. आज हम यहां नभस योगों में आने वाले रज्जु योग को समझने का प्रयास करेगें.
रज्जु योग फल | What is Rajju Yoga | Rajju Yoga Result
सभी ग्रह चर राशियों अर्थात मेष, कर्क, तुला और मकर राशि में हो तो रज्जु योग बनता है. रज्जु योग से युक्त व्यक्ति एक स्थान पर बहुत समय तक ठिक कर नहीं रह पाता है. वह घूमने फिरने का शौकिन होता है, साथ ही उसमें परिवर्तनशील प्रवृ्ति होती है. साधारणत: ऎसा व्यक्ति अविश्वसनीय और अवसरवादी होता है.
Moosal yoga | Moosal Yoga Results
32 नभस योगों में से ही एक अन्य योग है. मूसल योग, यह योग भी विभिन्न राशियों में ग्रहों की स्थिति के अनुसार बनता है. आईये इस योग को जानने का प्रयास करते है.
मूसल योग कैसे बनता है. | How is Moosal Yoga Formed
सभी ग्रह स्थिर राशियों में अर्थात वृ्षभ, सिंह, वृ्श्चिक तथा कुम्भ राशि में हो, तो मूसल योग बनता है. इस योग से युक्त व्यकि स्थिरता में विश्वास करने वाला होता है. उसमें अपने इरादों पर अटल रहने की प्रवृ्ति होती है. वह् व्यक्ति विश्वसनीय होता है. और अपने नियमों पर दृढ रहता है. अपने इन गुणों के कारण वह धनवार बनता है. और साथ ही उसे प्रसिद्धि भी प्राप्त होती है.
कुछ अन्य शास्त्रों में इस योग के फलों को भिन्न तरीके से लिया गया है. उनके अनुसार जिस व्यक्ति की कुण्डली में यह योग होता है, वह व्यक्ति ज्ञानी, धनी,राजमान्य, प्रसिद्ध,संतान युक्त, और शासनप्रणाली में भाग लेने वाला होता है.
नल योग | Nal Yoga- Nabhas Yoga
यमनादि आचार्यों ने सारावली शास्त्र में नभस योगों का विस्तृ्त विश्लेषण किया है. इस शास्त्र के अनुसार मुख्य रुप से 32 नभस योग बताये गये है. इन 32 नभस योगों के नाम निम्न है. जिस व्यक्ति की कुण्डली में सभी ग्रह द्विस्वभाव राशियों में हो, उस व्यक्ति की कुण्डली में नल योग बनता है. द्विस्वभाव राशियां मिथुन, कन्या, धनु और मीन है.
नल योग फल | Nal Yoga Results
नल योग जिन व्यक्तियों की कुण्डली में होता है, उन व्यक्तियों में दिखावा करने की प्रवृ्ति पाई जाती है. ऎसे व्यक्ति देखने में सीधे -साधे होते है. किन्तु चतुर और चालाक होते है. सामान्यत: देखा गया है, कि ये लोग बहुत स्वार्थी भी होते है. इसके अतिरिक्त यह भी माना जाता है, कि नल योग में जन्म लेने वाला व्यक्ति में मुख्यत: निराशा की भावना देखी जाती है. नभस योगों में रज्जू योग, मूसल योग व नल योग तीनों योग चर, स्थिर व द्विस्वभाव राशियों की विशेषताओं पर आधारित योग है. इन तीनों योगों को आश्रय योग भी कहा जाता है.