मनुष्य गण मिलान-अष्टकूट मिलान

हिन्दू धर्म में विवाह करने से पूर्व वर-वधू दोनों की कुण्डलियों का मिलान किया जाता है. कुण्डलियों के इस मिलन को अष्टकूट मिलान के नाम से जाना जाता है. कुण्डली मिलान का प्रचलन उत्तरी भारत और दक्षिण भारत दोनों में ही मुख्य रुप से देखा जा सकता है. गुण मिलान का महत्व विवाह मिलान के लिए अत्यंत आवश्यक होता है.

गण मिलान क्यों किया जाता है

गण मिलान करने पर वर-वधू का वैवाहिक जीवन सुखी और सामान्य भलाई के कार्यो में व्यतीत होने की संभावनाएं देता है. विवाह पश्चात इस प्रकार की कोई परेशानी न हों, इसीलिए गण मिलान किया जाता है. ज्योतिष शास्त्रों में यह मान्यता है, कि जिन वर-वधू का विवाह गण मिलान करने के बाद किया जाता है, उनके वैवाहिक जीवन में परस्पर कम विरोधाभास रहते है.

गण मिलान से व्यक्ति स्वभाव और व्यवहार को समझने में सहायता मिलती हैं. जब सोच में एक जैसी अनुभूति दिखाई देगी तो व्यक्त एक दूसरे के प्रति सहयोगात्मक नजरिया रख सकता है. एक दूसरे के साथ मिलकर जीवन में आने वाले विभिन्न पड़ावों को मिल कर पार करने में भी सक्षम होता है.

मनुष्य गण नक्षत्र

जिन व्यक्तियों का जन्म पूर्वा फाल्गुनी, पूर्वा आषाढा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा फाल्गुणी, उत्तरा आषाढा, उतरा भाद्रपद, आर्द्रा, रोहिणी और भरणी इन नक्षत्रों को मनुष्य गण कहते है. मनुष्य गण में जन्मा जातक सामान्य और साधारण जीवन जीने की इच्छा रखता है. वह स्वभाव से कोमल होता है तो कठोर भी हो सकता है. अपनी हद से बहुत आगे जा सकता है या फिर देव तुल्य काम करके पूजनीय बन सकता है.

मनुष्य गण फल

मनुष्य गण नक्षत्र में जन्म लेने वाला व्यक्ति स्वाभिमानी, धनी, विशाल नेत्रों वाला, गौरे रंग वाला, लोगों से सहानुभूति रखने वाला होता है. मनुष्य गण का जातक परिश्रम करने वाला होता है. सुख संपन्न जीवन जीने के लिए परिश्रमी होता है. वह बुद्धि और मेहनत दोनों के द्वारा ही अपने जीवन के लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रयासशील होता है.

मनुष्य गण इस प्रकार है की जातक में राक्षस और देव दोनों ही गुण मौजूद होते हैं. अपने अच्छे कार्यों से लोगों के मन में उच्च स्थान पा सकता है, वहीं दूसरी ओर अपने बुरे कार्य करने पर वह राक्षस से भी नीचे जा सकता है.

गण कूट मिलान कैसे करें

मनुष्य गण वर-वधू का विवाह देवगण या मनुष्य गण वर-वधू से किया जा सकता है, परन्तु राक्षस गण वर-वधू से करना अनुकुल नहीं माना जाता है. जब गण मिल जाते है, तो गुण मिलान में 6 अंक दे दिये जाते है. प्राय: जब गण नहीं मिल पाते है, तो इस दोष का परिहार निकाला जाता है. इसके बाद यह दोष समाप्त हो जाता है.

मिलान कैसे करें

शुभ गण मिलान

वर और वधु दोनों अगर समान गण वाले हों तो यह स्थिति अच्छी मानी जाती है. समान गण होने पर पूरे अंक मिलते हैं.

अशुभ गण मिलान

लड़का व लड़की दोनों देव-राक्षस और राक्षस-देव गण के हों तो यह गण मिलान अच्छा नहीं माना जाता है. इस मिलान में सिर्फ 1 अंक दिया जाता है. इसके अतिरिक्त मनुष्‍य के साथ राक्षस अथवा या राक्षस के साथ मनुष्‍य गण मिलान बहुत खराब माना जाता है. इसमें 0 अंक मिलते हैं.

सामान्‍य गण मिलान

देव गण और मनुष्‍य गण का मिलान होना अच्छा रहता है. यह एक सामान्य स्तर का मिलान रहता है.

गण दोष फल

गण दोष होने पर दोनों विवाह सुख बाधित होता है. वैचारिक मतभेद उभर सकते हैं. अलगाव और रिश्ते में तलाक की स्थिति भी प्रभावित कर सकते हैं.