तैतिल करण
11 करणों में तैतिल करण तीसरे क्रम में आता है. तैतिल करण को मिलाकर कुल 11 करण है. ज्योतिष का मुख्य भाग समझने जाने वाले पंचाग ज्ञात करने के लिए करण की गणना कि जाती है. विभिन्न कार्यो के लिए शुभ मुहूर्त निकालने के लिए भी पंचाग प्रयोग किया जाता है. और करण पंचाग का महत्वपूर्ण भाग है. इसके बिना कोई मुहूर्त नहीं निकाला जा सकता है. आईये इस करण में जन्म लेने वाले व्यक्ति की विशेषताओं पर प्रकाश डालते है.
तैतिल करण- स्वामी
तैतिल करण के स्वामी सूर्य को माना गया है. सूर्य अपने प्रकार से संपूर्ण पृथ्वी में जीवन के संचार के आधार स्तंभ हैं. इस करण के प्रभाव के फल स्वरुप जातक में अपने प्रभाव को चारों ओर फैलाने की सदैव इच्छा रहती है. जिस जातक का जन्म तैतिल करण में हुआ हो, उस व्यक्ति के लिए सूर्य उपासना बहुत लाभकारी होती है. मानसिक, आर्थिक अथवा स्वास्थ्य संबन्धी किसी प्रकार की कोई परेशानी होने पर सूर्य देव की पूजा उपासना बहुत असरदायक मानी गई है.
तैतिल करण कब होता है
तैतिल एक गतिशील करण है. यह चलायमान रहता है. तिथि में ये करण बार-बार आता है. अस्थिर करण होने पूर्णिमा और अमावस की तिथियों को छोड़ कर बाकी तिथियों की गणना के अनुरुप आता रहता है.
तैतिल करण में क्या काम करें
तैत्तिल करण को सामान्य करण की श्रेणी में रखा गया है. इस करण में ऎसे सरल काम किए जा सकते हैं जिनमें व्यक्ति को बहुत अधिक परिश्रम न करना पड़े. व्यक्ति मित्रता कर सकता है इस करण में, तैतिल करण में व्यक्ति को अधूरे बचे हुए कामों को पूरा करने का मौका भी मिलता है. इस समय पर व्यक्ति अपनी जीत के लिए बहुत अधिक प्रयसशील रहता है. जातक में कुछ काम करने की गति धीमे होती है. जातक बहुत अधिक मेहनत से बचना भी चाहता है.
मुहूर्त निकालने के लिए तैत्तिल करण को भी स्थान मिलता है. इस करण के दौरान व्यक्ति घर निर्माण, बागवानी से संबंधित काम कर सकते हैं. वस्त्र धारण करना नवीन वस्तुओं का उपयोग इस करण में कर सकते हैं. भूमि से संबंधी काम भी इस करण में किए जा सकते हैं. इस करण में जातक एक बेहतर परामर्शदाता भी बन सकता है. मैनेजमेंट से संबंधी काम कर सकता है. उपदेश देना और दूसरों से काम निकलवाने से संबंधित काम इस समय पर कर सकते हैं.
तैतिल करण में जन्में जातक के गुण-विशेषताएं
जिस व्यक्ति का जन्म तैतिल करण में होता है. उस व्यक्ति को अपने पुरुषार्थ के अलावा, सौभाग्य से भी धन प्राप्त होता है. तैतिल करण में जन्म लेने वाला व्यक्ति अपने निकट और अपने ग्रुप के सभी व्यक्तियों से स्नेह करने वाला होता है.
इस योग का व्यक्ति जीवन में कई घरों का स्वामी होता है. भूमि-भवन के मामलों में उसे धन-लाभ प्राप्त होता है. तैतिल करण में जन्मा व्यक्ति कोर्ट-कचहरी में विजय प्राप्त करता है. अपने शत्रुओं को शान्त रखने में वह माहिर होता है. साहस के कार्यों को कुशलता के साथ करता है. दूसरों का भार स्वयं उठाने की कोशिश भी करता है. अपनी ओर से कोशिश करता है सब को प्रसन्न रखने की. बहुत अधिक महत्वकांक्षाएं नहीं रखना चाहता बस जीवन में सुख और शांति की तलाश अधिक रहती है.