10th भाव-कर्म भाव क्या है. | Karma Bhava Meaning | Dasham House in Horoscope | 10th House in Indian Astrology
दशम भाव कर्मस्थान है. यह भाव व्यक्ति के जीवनयापन का साधन मात्र है. इस भाव से व्यक्ति की प्रख्याति देखी जाती है. दशम भाव व्यक्ति का व्यवसाय दर्शाता है. दशम भाव में चर राशि होने पर व्यक्ति की महत्वकांक्षाएं प्रकट होती है. उसे आजीविका के क्षेत्र में सफलता प्राप्त होगी या नहीं, इसका विचार दशम भाव से किया जाता है. इसके अतिरिक्त यह भाव व्यक्ति के आत्मविश्वास की व्याख्या करता है. स्वतन्त्र व्यवसाय विषय का विश्लेषण इस भाव से भी किया जाता है.
दशम भाव में स्थिर राशि होने पर व्यक्ति दृ्ढ विश्वास युक्त होता है. उसके इरादे दृ्ढ होते है. वह आत्मनिर्भर रहना पसन्द करता है. व्यक्ति सहनशीलता युक्त होता है. व्यापार के लिए व्यक्ति का आवश्यक उद्देश्य सुनिश्चित करता है.
द्विस्वभाव राशि दशम भाव में होने पर व्यक्ति अपनी आजीविका का आदर करने वाला होता है. उसे कार्यक्षेत्र में सम्मान और आदर प्राप्त होता है. व्यापार और वाणिज्य के क्षेत्रों में उसे प्रसिद्धि प्राप्त होती है. दशम भाव से व्यक्ति की सफलता का निरिक्षण किया जाता है. साथ ही यह भाव नैतिकता भी प्रकृ्ट करता है. इस भाव से माता-पिता के लिए मारक भाव है. संसार से वैराग्य, चुनाव, मुकद्देमबाजी, सरकारी नौकरी, पद का स्तर, समृ्द्धि, विशिष्टता, श्रेष्ठता, सम्मान दर्शाता है.
दशम भाव का कारक ग्रह कौन सा है. | What are the Karaka things of 10th Bhava
दशम भाव का कारक ग्रह बुध व गुरु है. इस भाव से ये दोनों ग्रह व्यक्ति का सौभाग्य दर्शाते है.
दशम भाव में कौन सा ग्रह दिग्बली होता है. | Which Planet is Digbali in 10th House
दशम भाव में सूर्य स्थान बल प्राप्त करता है. इस स्थिति में सूर्य व्यक्ति को विशेष अधिकार और पद दिलाने में सहयोग करता है.
दशम भाव से शनि क्या दर्शाता है. | 10th House Karaka Saturn
दशम भाव व्यक्ति की आजीविका का भाव है. और शनि ग्रह आजीविका के कारक ग्रह है. इस भाव से शनि व्यक्ति की नौकरी और जीवनवृ्ति का साधन बताते है.
दशम भाव से स्थूल रुप में क्या देखा जाता है. | What does the House of Career Explain
दशम भाव से स्थूल रुप में व्यवसाय विषय का विश्लेषण किया जाता है.
दशम भाव से सूक्ष्म रुप में किस विषय का विचार किया जाता है. | What does the House of Career accurately explains.
दशम भाव से सूक्ष्म रुप में व्यक्ति का सम्मान देखा जाता है.
दशम भाव में कौन से ग्रहों को दिशा बल प्राप्त होता है. | Which Planet is DishaBali in 10th House
दशम भाव में सूर्य और मंगल दिशा बल प्राप्त करता है. ग्रह दिशा बल युक्त हों तो
ग्रह और भाव दोनों में फल देने की क्षमता बढ जाती है.
दशम भाव से कौन से संबन्धों का विश्लेषण किया जाता है. | 10th House represents which relationships.
दशम भाव से व्यक्ति की मामी और गोद लिया हुये हुए पुत्र का विचार किया जाता है.
दशम भाव शरीर के कौन से अंगों की व्याख्या करता है. | 10th House represents which relationships.
दशम भाव से व्यक्ति के घुटने, जांघ, बायीं नासिका, बायीं जांघ व शरीर का बायां भाग देखा जाता है. ज्योतिष के द्रेष्कोण नियम के अनुसार इस भाव से बायीं नासिका, धड का बायां भाग, बायीं जांघ आदि का विश्लेषण किया जाता है.
दशमेश और अन्य भावेशों का परिर्तन योग किस प्रकार के फल देता है. । 10th Lord Privartan Yoga Results
इस योग से युक्त व्यक्ति स्वयं को खुश रखने का प्रयास करता है. उसे लाभ व समृ्द्धि दोनों की प्राप्ति होती है. साथ ही यह योग नाम और प्रसिद्धि दिलाने में सहयोग करता है.
यह योग व्यक्ति को व्यवसाय में गिरावट दे सकता है. तथा इस योग के व्यक्ति का विदेश स्थानों के साथ व्यापार करना लाभकारी रहता है.
दशमेश कुण्डली में बली हो तो व्यक्ति दीर्घायु प्राप्त करता है. इस भाव से बुध का सम्बन्ध व्यक्ति को बौद्धिक कार्यो में रुचि देता है. इसके अतिरिक्त दसवें भाव में शुभ ग्रह होने पर व्यक्ति को जीवन में उन्नति और शान्ति दोनों की प्राप्ति होती है. परन्तु इस भाव में अगर अशुभ ग्रह स्थित हों, तो व्यक्ति को कष्ट और तनाव प्राप्त हो सकता है.
दशम भाव में शनि की स्थिति व्यक्ति को श्रेष्ठ कार्य करने की प्रवृ्ति देता है. इस योग में व्यक्ति मेहनत तो अत्यधिक करता है. परन्तु उसे अपनी मेहनत के अनुसार आय की प्राप्ति नहीं हो पाती है.
दशमेश और द्वितीयेश के मध्य संबन्ध व्यक्ति को व्यवसायिक क्षेत्र में सौहार्दपूर्ण स्थिति देता है.
दशमेश होकर लग्न में गुरु स्थित हों, तो व्यक्ति कानून के क्षेत्र में कार्य दिला सकता है.