लग्न में स्थित राशि का व्यवसाय पर प्रभाव । Effect of Sign Present in Ascendant । Movable Sign | Fixed Sign | Dual Sign
अनेक विद्वानों के मतानुसार लग्न की राशि के अनुसार व्यक्ति का व्यवसाय होता है. लग्न में जो राशि आती है और लग्न में स्थित ग्रहों के गुणधर्म के अनुसार व्यक्ति की आजीविका होती है. कई विद्वानों का मानना है कि व्यवसाय के विश्लेषण में जो महत्व नवम, दशम तथा एकादश भाव का है वही महत्व लग्न भाव का भी है.
विषम राशि यदि लग्न में हैं तब व्यक्ति साहस तथा पराक्रम के बल पर सफलता पाता है. ऎसे जातक में नेतृत्व, अधिकार तथा आदेश देने की प्रवृति होती है.यह जातक इसी प्रकार के व्यवसाय में सफलता हासिल करते हैं.
सम राशि लग्न में आती है तब जातक धीर तथा गंभीर होता है. वह सहिष्णु होता है. ऎसा व्यक्ति अनुगामी या सहायक के रुप मे काम करना अधिक पसन्द करता है. यह सेवाकार्य करना पसन्द करते हैं. यह कर्त्तव्य पालन को अधिक महत्व देते हैं. अनुशासन में रहकर कार्य करते हैं.
चर राशि | Movable Sign
यदि लग्न में चर राशि होती है तो जातक घूमने-फिरने वाले कार्य अधिक करता है. वह पर्यटन, भ्रमण अथवा फेरी लगाने के कामों से अपनी आजीविका चलाता है. व्यक्ति किसी परिवहन सेवा से भी जुड़ सकता है. वह परिवहन सेवा से जुड़कर बहुत अधिक यात्राएँ करत है. जातक कोई भी कार्य करें बिना भ्रमण के उसका कार्य पूरा नहीं होगा.
स्थिर राशि। Fixed Sign
यदि लग्न में स्थिर राशि है तब जातक एक ही स्थान पर टिककर कार्य करता है. वह अपने कार्य में एकाग्रचित्त रहता है. व्यक्ति को एकान्त की आवश्यकता नहीं पड़ती है. वह पूरी निष्ठा से तन्मय होकर काम करता है. जो भी कार्य करता है वह स्थिर रहते हैं. उसे स्थिर कार्य करना पसन्द होता है.
द्वि-स्वभाव राशि | Dual Sign
लग्न में द्वि-स्वभाव राशि है तो व्यक्ति के आजीविका के साधन कभी स्थिर होते हैं तो कभी चर होते हैं. जातक का मन स्थिर नहीं रहता है. उसे कभी भ्रमण करना अच्छा लगता है तो कभी टिककर कार्य करना पसन्द होता है.
उपरोक्त राशियों के अतिरिक्त अन्य राशियों के अनुसार भी व्यक्ति अपने व्यवसाय को अपनाता है.
अग्नि तत्व राशि। Fiery Sign
लग्न में यदि अग्नि तत्व राशि होती है जातक को यह पराक्रम. परिश्रम तथा संघर्ष से भरे कार्य कराती हैं. व्यक्ति उत्साह, उमंग, साहस, तथा वीरता से आगे बढ़ने में विश्वास करता है. वह अपने बल पर जीवन में आजीविका प्राप्त करता है.
भूमि तत्व राशि | Earth Sign
यह राशियाँ वैश्य वर्ण की राशियाँ होती हैं. व्यक्ति अपने कार्य सोच-विचारकर योजनाबद्ध तरीके से करता है. यह अपने लाभ तथा हानि वाले कार्यों में सजग रहते है. यह यथार्थवादी होते है. परिस्थितियों के अनुकूल काम करते है. यह बेकार की काल्पनिक उडा़नों से दूर ही रहते है. बुद्धि को भ्रामक बनाने वाले काम नहीं करते है. यह धरातल पर रहकर कार्य करते है. यह ऎसे कार्यों से जीविकापार्जन करते हैं जिनमें अति उत्साह की आवश्यकता नहीं होती है.
वायु तत्व राशि | Airy Sign
यदि वायु तत्व राशि लग्न में, होती है तब व्यक्ति कला से संबंधित कार्यों से आजीविका प्राप्त करता है. उसे ऎसे कार्यों में रुचि होती है जिनमें कल्पना की ऊदा़न भी शामिल होती है. जातक काल्पनिकता से जुडे़ कार्य करता है. अपनी बुद्धि का प्रयोग अधिक करता है. व्यक्ति को ऎसे कार्यों में अधिक सफलता मिलती है जिनमें कल्पना की आवश्यकता हो, साहित्य तथा बुद्धि परक कार्य हों.
जल तत्व राशि | Watery Sign
यह राशि लग्न में होने पर जातक संवेदना तथा भावुकता से संबंधित विषयों से आजीविका प्राप्त करता है. पठन - पाठन, दार्शनिकता तथा आध्यात्मिकता से जुडे़ कार्यों को अपनाता है. रहस्य तथा अध्यत्म से जुडे़ गूढ़ विषयों में व्यक्ति की रुचि होती है.
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