अक्षवेदाँश तथा षष्टियाँश कुण्डली | Akshavedansha and Shastiyansha Kundali
अक्षवेदांश चतु:चत्वारिशांश या D-45 | Akshavedansha or Chatu Chatvariyansha Kundali or D-45
इस वर्ग कुण्डली को पंच चत्वार्यांश भी कहते हैं. इस कुण्डली से व्यक्ति विशेष का चरित्र देखा जाता है. सामान्यतया अच्छे तथा बुरे दोनों प्रकार के प्रभाव देखे जाते हैं. इस कुण्डली का निर्माण करने के लिए 30 अंश को 45 बराबर भागों में बाँटा जाता है. एक भाग 0 अंश 40 मिनट का होता है. जन्म कुण्डली में ग्रह यदि चर राशि में स्थित है तो गणना मेष राशि से आरम्भ होगी. ग्रह यदि स्थिर राशि में स्थित है तो गणना सिंह राशि से शुरु होगी. ग्रह यदि द्वि-स्वभाव राशि में स्थित है तो गणना तुला राशि से आरम्भ होगी.
अक्षवेदांश कुण्डली बनाने के लिए 30 अंशों के 45 भाग निम्नलिखित हैं :-
1) 0 से 40मिनट
2) 40 मिनट से 1अंश 20 मिनट
3) 1अंश 20 मिनट से 2 अंश
4) 2अंश से 2अंश 40 मिनट
5) 2अंश 40 मिनट से 3अंश 20 मिनट
6) 3अंश 20 मिनट से 4अंश
7) 4अंश से 4अंश 40 मिनट
8) 4अंश 40 मिनट से 5अंश 20 मिनट
9) 5अंश 20 मिनट से 6 अंश
10) 6 अंश से 6 अंश 40 मिनट
11) 6 अंश 40 मिनट से 7 अंश 20 मिनट
12) 7 अंश 20 मिनट से 8 अंश
13) 8 अंश से 8 अंश 40 मिनट
14) 8 अंश 40 मिनट से 9 अंश 20 मिनट
15) 9 अंश 20 मिनट से 10 अंश
16) 10 अंश से 10 अंश 40 मिनट
17) 10 अंश 40 मिनट से 11 अंश 20 मिनट
18) 11 अंश 20 मिनट से 12 अंश
19) 12 अंश से 12 अंश 40 मिनट
20) 12 अंश 40 मिनट से 13 अंश 20 मिनट
21) 13 अंश 20 मिनट से 14 अंश
22) 14 अंश से 14 अंश 40 मिनट
23) 14 अंश 40 मिनट से 15 अंश 20 मिनट
24) 15 अंश 20 मिनट से 16 अंश
25) 16 अंश से 16 अंश 40 मिनट
26) 16 अंश 40 मिनट से 17 अंश 20 मिनट
27) 17 अंश 20 मिनट से 18 अंश
28) 18 अंश से 18 अंश 40 मिनट
29) 18 अंश 40 मिनट से 19 अंश 20 मिनट
30) 19 अंश 20 मिनट से 20 अंश
31) 20 अंश से 20 अंश 40 मिनट
32) 20 अंश 40 मिनट से 21 अंश 20 मिनट
33) 21 अंश 20 मिनट से 22 अंश
34) 22 अंश से 22 अंश 40 मिनट
35) 22 अंश 40 मिनट से 23 अंश 20 मिनट
36) 23 अंश 20 मिनट से 24 अंश
37) 24 अंश से 24 अंश 40 मिनट
38) 24 अंश 40 मिनट से 25 अंश 20 मिनट
39) 25 अंश 20 मिनट से 26 अंश
40) 26 अंश से 26 अंश 40 मिनट
41) 26 अंश 40 मिनट से 27 अंश 20 मिनट
42) 27 अंश 20 मिनट से 28 अंश
43) 28 अंश से 28 अंश 40 मिनट
44) 28 अंश 40 मिनट से 29 अंश 20 मिनट
45) 29 अंश 20 मिनट से 30 अंश
षष्टियांश कुण्डली या D-60 | Shastiyansha Kundali or D-60
इस कुण्डली का उपयोग जीवन की सभी बातों के अध्ययन के लिए किया जाता है. इस वर्ग से जीवन के सभी समान्य तथा असामान्य फल देखे जाते हैं. इस वर्ग कुण्डली में ग्रह यदि शुभ षष्टियांश में स्थित है तो शुभ है. यदि अशुभ षष्टियांश में स्थित है तो अशुभ है. इस कुण्डली का आंकलन बहुत कम किया जाता है. इस वर्ग कुण्डली को बनाने के लिए 30 अंश के 60 बराबर भाग किए जाते हैं. इस वर्ग कुण्डली में ग्रहों की गणना एकदम से भिन्न है. जन्म कुण्डली में ग्रह जिस राशि में स्थित होते हैं उस राशि को छोड़कर ग्रह जितने अंश पर स्थित होते हैं उसे नोट करें. ग्रह का जो भोगांश है उसे 2 से गुणा करें और जो संख्या प्राप्त हो उसे 12 से भाग दें. अब जो संख्यां शेष बचेगी उसमें 1 जोड़ दें. अब जो संख्या प्राप्त होगी उतने भाव आगे की राशि में ग्रह षष्टियांश कुण्डली में जाएगा.
माना जन्म कुण्डली में ग्रह वृष राशि में स्थित है. ग्रह के भोगांश के आधार पर गणना करने पर माना 3 शेष बचता है तो इसमें 1 जोड़ने पर 4 संख्या प्राप्त होती है. अब षष्टियांश कुण्डली में ग्रह वृष राशि से चार राशि आगे अर्थात सिंह राशि में जाएगा.