गर्भ संबंधी विचार | Analysis of Pregnancy Related

जीवनसाथी के विषय से जुडे़ अनेक प्रश्न होते हैं, उनके साथ ही विवाह संबंधी प्रश्न के बाद प्रश्नकर्त्ता का अगला प्रश्न संतान से संबंधित होता है. संतान कब तक होगी? कैसी होगी? सब ठीक होगा? आदि प्रश्नों का कई बार ज्योतिषी को जवाब देना पड़ता है. आप प्रश्न कुण्डली में जीवनसाथी तथा गर्भ से संबंधित प्रश्नों का आंकलन करना सीखें. पहले जीवनसाथी का विचार करें. 

(1) प्रश्न कुण्डली के लग्न में या सप्तम भाव में स्वराशि अथवा उच्च राशि का चन्द्रमा, गुरु और शुक्र से दृष्ट हो तो जीवनसाथी सुंदर तथा सम्पन्न परिवार से होता है. 

(2) प्रश्न कुण्डली के लग्न में शुक्र हो तो जीवनसाथी सुंदर होता है. प्रश्न कुण्डली के लग्न में गुरु हो तो जीवनसाथी धनवान होता है. प्रश्न कुण्डली के लग्न में बुध हो तो जीवनसाथी कुटिल बुद्धि वाला होता है. प्रशन कुण्डली के लग्न में मंगल हो तो जीवनसाथी रोगी होता है. शनि हो तो विवह का सुख बहुत कम मिलता है. प्रश्न कुण्डली के लग्न में सूर्य हो तो क्रूर स्वभाव वाला जीवनसाथी होगा. प्रश्न कुण्डली के लग्न में चन्द्रमा हो तो जीवनसाथी मंदबुद्धि हो सकता है. 

(3) प्रश्न कुण्डली के सप्तम अथवा दशम भाव में उच्च राशि का चन्द्रमा हो और उस पर गुरु या शुक्र की दृष्टि हो तो जीवनसाथी रुपवान, सम्पन्न तथा सुशिक्षित होता है. 

(4) प्रश्न कुण्डली में द्वितीय भाव में सूर्य, मंगल तथा शनि हो तो जीवनसाथी कलह करने वाला तथा आर्थिक दृष्टि से सुदृढ़ नहीं होता है. 

(5) प्रश्न कुण्डली के द्वितीय भाव में चन्द्रमा हो तो अनेक पुत्र होते हैं. 

(6) प्रश्न कुण्डली के तृत्तीय स्थान में राहु और गुरु हो तो स्त्री बन्ध्या होती है. 

(7) प्रश्न कुण्डली के द्वितीय भाव में राहु हो तो जीवनसाथी व्यभिचारी हो सकता है. 

(8) प्रश्न कुण्डली में लग्न, सूर्य, चन्द्रमा तथा गुरु विषम राशियों में हो तो पुत्र का जन्म होता है. 

(9) प्रश्न कुण्डली में लग्न, सूर्य, चन्द्रमा तथा गुरु सम राशियों में हो तो कन्या का जन्म होता है. 

(10) प्रश्न कुण्डली में लग्न, सूर्य, चन्द्रमा तथा गुरु सम तथा विषम दोनों ही राशियों में स्थित हो तो इन ग्रहों के अनुसार पुत्र या कन्या का जन्म कहना चाहिए. 

(11) प्रश्न कुण्डली में लग्न से विषम भावों(3,5,7,9,11) में शनि हो तो पुत्र का जन्म होता है. एक बात का ध्यान रखना है कि विषम स्थान में लग्न को नहीं लिया जाएगा. 

(12) प्रश्न कुण्डली में लग्न, सूर्य, चन्द्रमा तथा गुरु चारों विषम राशियों(मेष, मिथुन, सिंह, तुला, धनु तथा कुम्भ) में स्थित हों तो पुत्र का जन्म होता है. और यदि यह चारों ग्रह सम राशियों(वृष, कर्क, कन्या, वृश्चिक, मकर तथा मीन) में स्थित हों तो कन्या का जन्म होता है. 

गर्भ है अथवा नहीं है | Pregnancy is There or Not

वर्तमान समय में प्रश्नकर्त्ता ज्योतिषी के पास संतान के प्रश्न के लिए आता है. तब ज्योतिषी प्रश्नकर्त्ता के प्रश्नों का उत्तर प्रश्न कुण्डली के अनुसार देता है. कई बार प्रश्नकर्त्ता को पता नहीं होता कि गर्भ कुछ दिन का हो चुका है. ऎसे में प्रश्न कुण्डली के अनुसार गर्भ की जानकारी प्राप्त हो जाती है. गर्भ है या नहीं है का उत्तर प्रश्न कुण्डली के कुछ योगों पर आधारित है. 

(1) प्रश्न कुण्डली में लग्न और पंचम भाव में शुभ ग्रह हों तो स्त्री गर्भवती होती है. पंचम भाव संतान प्राप्ति का है. 

(2) प्रश्न कुण्डली में पंचमेश तथा सप्तमेश, लग्न या पंचम स्थान में हों तो स्त्री गर्भिणी होती है. 

(3) प्रश्न कुण्डली के लग्न, पंचम तथा एकादश भाव में शुभ ग्रह हों तो स्त्री गर्भवती होती है. 

(4) प्रश्न कुण्डली में लग्नेश और चन्द्रमा पंचम भाव में हों अथवा ये दोनों लग्न को देख रहें हों तो स्त्री गर्भवती होती है. 

(5) प्रश्न कुण्डली में लग्नेश तथा चन्द्रमा में इत्थशाल योग हो तो स्त्री गर्भवती होती है. 

(6) प्रश्न कुण्डली में पाप ग्रह के साथ इशराफ योग बन रहा हो तो स्त्री गर्भवती नहीं होती है. 

(7) प्रश्न कुण्डली में पंचमेश अपोक्लिम भाव में स्थित हो और उसका चन्द्रमा व लग्नेश के साथ इत्थशाल हो तो स्त्री गर्भवती नहीं होती. 

(8) प्रश्न कुण्डली में पंचमेश वक्री, नीच राशि अथवा अस्त हो तो गर्भ नहीं होता है.   

(9) लग्न में बुध है तो स्त्री गर्भवती है. 

(10) प्रश्न के समय पंचम भाव तथा पंचमेश पीड़ित है, आठवें भाव में सूर्य तथा शनि है तो स्त्री बंध्या है. संतान नहीं होगी. 

(11) पंचम भाव पीड़ित है. आठवें भाव में चन्द्रमा, बुध हैं तो स्त्री काक बंध्या होगी अर्थात एक संतान होने के बाद दूसरी नहीं होगी. 

(12) दूसरे, आठवें तथा बारहवें भाव में पाप ग्रह स्थित है तो एक संतान के बाद आगे संतान नहीं होगी. 

(13) चन्द्रमा. शुक्र तथा बुध द्वि-स्वभाव राशि में स्थित हैं तो एक संतान के बाद दूसरी संतान नहीं होगी. 

(14) धनु राशि में चन्द्रमा, बुध तथा शुक्र है तो एक संतान के बाद दूसरी नहीं होगी. 

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