रेवती नक्षत्र विशेषताएं | Revati Nakshatra Importanc | Revati Charan Result | How to Find Revati Nakshatra

रेवती नक्षत्र 27 नक्षत्रों में से सबसे अंत में आता है.  यह नक्षत्र छोटे छोटे 32 नक्षत्रों से मिलकर बना है. ये 32 नक्षत्र या तारे मिलकर एक मृदंग की आकृति बनाते है.  आकाश में यही मृ्दंग की आकृ्ति रेवती नक्षत्र कहलाती है.  उत्तरा भाद्रपद के दोनों तारों से दक्षिण दिशा में जाने पर तारों की एक लम्बी कतार है. (simonsezit.com) यहीं कतार मिलकर मृ्दंग रुप में रेवती नक्षत्र है.  इस नक्षत्र के दक्षिण में अश्विन नक्षत्र है. आकाश मण्डल का यह नक्षत्र अंतिम नक्षत्र है. 

यह राशि मीन राशि में आती है. तथा इस नक्षत्र के स्वामी बुध है.  मीन राशि में होने के कारण इस नक्षत्र के व्यक्ति पर गुरु का प्रभाव और स्वामित्व के आधार पर बुध का प्रभाव आता है. गुरु और बुध दोनों मित्र संबन्ध नहीं रखते है. इसलिए बुध महादशा के फल देखने के लिए इस नक्षत्र में जन्में व्यक्ति की कुण्डली में गुरु और बुध की तात्कालिक स्थिति देखी जाती है.  

रेवती नक्षत्र व्यक्तित्व | Revati Nakshatra Personality

रेवती नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति विद्या का अभिलाषी होता है. वह अधिक से अधिक ज्ञान प्राप्त करना चाहता है. ऎसे व्यक्ति लम्बे समय तक टिक कर एक कार्य को नहीं कर सकते है. किसी भी कार्य को अधिक समय तक करते रहने पर उसकी एकाग्रता भंग हो जाती है. और वह कुछ और काम करना चाहता है. इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति को स्वास्थय संबन्धी परेशानियां भी बनी रह सकती है.  

इस नक्षत्र में जन्म लेने वाला व्यक्ति सुन्दर, और सुरुचिपूर्ण होता है. कभी कभी उसके कारण घर-परिवार में कलह का वातावरण उत्पन्न हो सकता है. लोगों से इनके छोटी बातों में मतभेद हो सकते है. इसी कारण इस नक्षत्र में जन्में व्यक्ति के अपने आस-पास के लोगों से संबन्ध मधुर नहीं रहते है. 

अपनी योग्यता पर इनके स्वभाव में अहंम भाव होता है. बेवजह गर्व करने की आदत इनके सम्मान में कमी का कारण बनती है. इसके अतिरिक्त इन्हें व विपरीत लिंग में भी अत्यधिक रुचि हो सकती है. 

कई बार ये अपनी बुद्धि का समय पर उपयोग करने मे असफल होते है. जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए इन्हें अत्यधिक परिश्रम करना पडता है. अनेक बार इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति गलत स्थान पर अपनी योग्यता को व्यर्थ कर रहे होते है. 

इस नक्षत्र के व्यक्तियों को अपने व्ययों पर नियन्त्रण रखना चाहिए. ऎसे व्यक्ति घूमने-फिरने के शौकिन होते है. वृ्द्धावस्था में ये अपनी संपति प्राप्त करने में सफल होते है. 

रेवती चरण फल | Revati Charan Result

जिस व्यक्ति का जन्म रेवती नक्षत्र के प्रथम चरण में हुआ हो, ऎसे व्यक्ति को अपनी एकाग्रता बनाकर रखने के उपाय करने चाहिए.  एकाग्रता वृ्द्धि के लिए चन्द्र के उपाय करने लाभकारी रहते है. अपने प्रयास को बनाये रख व्यक्ति ज्ञान प्राप्त करने में सफल होता है. 

रेवती के दूसरे चरण में जन्म लेने वाले व्यक्ति को अपने परिवार और समाज में यथोचित सम्मान और स्नेह नहीं मिल पाता है.  जीवन में कई बार उसे तिरस्कार का सामना करना पड सकता है. 

रेवती नक्षत्र के तीसरे चरण में जन्म लेने वाला व्यक्ति अपने प्रतियोगियों पर भारी पडता है. अपने शत्रुओं को परास्त करने में उसे सफलता प्राप्त होती है.

इस नक्षत्र के चौथे चरण में अगर किसी का जन्म हुआ हो तो व्यक्ति कलह का कारण बनता है. 

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