जेड उपरत्न - Substitute of Emerald
जेड उपरत्न को उर्दू में मरगज कहा जाता है. प्राचीन समय में कई शताब्दियों तक जेड को एक ही प्रकार का रत्न समझा जाता था. सन 1863 में जेड की दो किस्में स्वीकार की गई - जेडाइट और नेफ्राइट. दोनों का ही उपयोग गहने तथा पूजा की वस्तुएँ बनाने में किया जाता है. जेड उपरत्न यूरोप से धीरे-धीरे सभी देशों में फैल गया. प्राचीन समय में जेड उपरत्न को औजारों को बनाने के लिए भी इस्तेमाल में लाया जाता था. अमरीका में जेड उपरत्न का उपयोग गुर्दों की चिकित्सा के रुप में किया जाता था. इसलिए इस उपरत्न की कीमत सोने से भी अधिक थी.
यह उपरत्न देखने में पन्ना रत्न जैसा होता है. सबसे अधिक कीमती जेड की किस्म हरे पन्ने से अत्यधिक मिलती है. अच्छी किस्म का जेड उपरत्न पारभासक होता है. इसके अतिरिक्त जेड उपरत्न अन्य कई रंगों में उपलब्ध होता है. जैसे - पीला, गुलाबी, नीले, काले रंगों में पाया जाता है. इन सभी रंगों में यह उपरत्न हल्के रंगों में मिलता है, गहरे रंगों में जेड उपलब्ध नहीं होता है. किसी-किसी उपरत्न में सभी रंगों का मिश्रण पाया जाता है. हरे रंग के अतिरिक्त अन्य रंगों में यह उपरत्न सस्ता मिलता है.
जेड उपरत्न के गुण | Jade Properties
चीन में हर घर में जेड उपरत्न उपयोग में लाया जाता है. वहाँ की देवी कूआन-यिन(Kuan Yin) की मूर्त्ति जेड उपरत्न से ही बनी हैं. यह दया और करुणा की देवी हैं. मातृत्व तथा छोटे बच्चों की संरक्षक हैं. जेड उपरत्न से बनी उनकी मूर्त्ति, नकारात्मक ऊर्जा से चमत्कारिक रुप में व्यक्ति की रक्षा करती है. घर के वातावरण को स्वच्छ बनाती है तथा बुरी ऊर्जा को घर में नहीं आने देती.
जेड उपरत्न उन गिने-चुने उपरत्नों की श्रेणी में आता है जिनको धारण करने के पश्चात धारणकर्त्ता को किसी प्रकार की तकलीफ नहीं पहुंचाते हैं और ना ही किसी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा का संचार पहनने वाले के अंदर करते हैं. इसलिए जेड उपरत्न को कोई भी व्यक्ति धारण कर सकता है. यह उपरत्न प्यार का प्रतीक माना जाता है. चीन में इस उपरत्न से बनी तितली को अपने मनचाहे प्यार को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए धारण किया जाता है. यह अव्यक्त शक्ति तथा सुंदरता से भरपूर उपरत्न है.
यह उपरत्न उन व्यक्तियों के लिए शुभ है जो अपने भाग्य को चमकाना चाहते हैं. धारणकर्त्ता के भीतर यह संतुलन, शांति तथा ज्ञान की वृद्धि करता है. यह मन को शांत करने का आसाधरण और शक्तिशाली उपरत्न है जो उच्च स्तर पर व्यक्ति की चेतना को जागृत करता है. यह उपरत्न धारणकर्त्ता का दुर्घटनाओं से बचाव करता है. प्राचीन समय में इसे साँप के काटने से बचाव के लिए पहना जाता था. इसे लम्बे तथा शांतपूर्ण जीवन जीने के लिए धारण किया जाता था.
आधुनिक समय में यह उपरत्न व्यक्ति के द्वारा देखे जाने वाले ख्वाब को सच्चाई में बदलने में सहायता करता है और उन सपनों का अहसास दिलाता रहता है ताकि उनको पूर्ण करने के लिए वह अपने जीवन के प्रति सत्यनिष्ठ रहें, स्वयं को धोखे में ना रखें. ऎसा विश्वास है कि इस उपरत्न को रात में अपने तकिए अथवा बिस्तर के नीचे रखने से नकारात्मक भावनाएँ सपनों के माध्यम से दूर रहती हैं.
जेड उपरत्न के चमत्कारिक गुण | Miraculous Properties of Jade
इस उपरत्न का उपयोग चिकित्सा के रुप में भी किया जाता है. यह मिर्गी के मरीज को अत्यधिक राहत पहुंचाता है. यह किडनी से जुडी़ समस्याओं में राहत देता है तथा किडनी विकारों को होने से रोकता है. त्वचा विकारों में इस उपरत्न का उपयोग करने से त्वचा ठीक होती है. कैल्सियम की कमी को पूर्ण करता है. रक्त को साफ करता है. आँखों का रोगों से बचाव करता है.
यह उपरत्न प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए अच्छा है. बालों से जुडी़ समस्याओं से छुटकारा दिलाता है. यह उपरत्न खराब पाचन क्रिया को सुचारु रुप से चलाने में सहायक होता है. जिन व्यक्तियों को कब्ज की शिकायत अत्यधिक रहती है, वह इस उपरत्न को धारण कर सकते हैं. इससे उन्हें कब्ज तथा कब्ज से होने वाले रोगों से निजात मिलेगा.
कौन धारण करे | Who Should wear Jade
इस उपरत्न को सभी व्यक्ति धारण कर सकते हैं. इसके अतिरिक्त जिन व्यक्तियों की कुण्डली में बुध ग्रह शुभ भावों का स्वामी है और निर्बल अवस्था में स्थित है, वह इस उपरत्न को धारण कर सकते हैं. इसे पन्ना रत्न के उपरत्न के रुप में धारण किया जा सकता है.
कौन धारण नहीं करे | Who Should not wear Jade
जेड उपरत्न को स्वतंत्र रुप से धारण किया जा सकता है. इस उपरत्न के साथ गुरु, मंगल, राहु, केतु तथा सूर्य के रत्नों तथा उपरत्नों को धारण नहीं करें.