टाइगर आई । चिती । चिति । Tiger Eye | Chiti | Chitih | Healing Ability of Tiger Eye | Ketu

यह उपरत्न गहरे पीले रंग में पाया जाता है. हिन्दी में इस उपरत्न को “चिति” कहते हैं. इसमें सुनहरे भूरे रंग की धारियाँ पाई जाती हैं. इस उपरत्न को चमकाने के लिए पॉलिश की जाती है तब इसमें बहुत बढ़िया चमक आती है. यह उपरत्न देखने में बाघ(Tiger) की आँख जैसा है इसलिए टाइगर आई कहा जाता है. इस उपरत्न के बारे में धारणा है कि यह उपरत्न व्यक्ति विशेष के जीवन से अंधकार को दूर करने का काम करता है. जीवन में खुशहाली लाता है. इस उपरत्न को अंतदृष्टि बढा़ने के लिए पहना जा सकता है. इसे धारण करने से भाग्य में वृद्धि होती है. 

यह उपरत्न व्यक्ति के मस्तिष्क के विकास लिए अच्छा है. व्यक्ति के बाहरी व्यक्तित्व से इस उपरत्न का कोई संबंध नहीं है. यह व्यक्ति के अंदर एकता की भावना का विकास करता है. सभी विचारों का प्रत्यक्ष रुप से व्यक्ति को अनुभव कराता है. धारणकर्त्ता दूसरों की जरुरतों से सीख लेकर अपनी आवश्यकताओं की पूर्त्ति के लिए जागरुक होता है. नक्काशीदार चिन्ह वाला टाइगर आई धारण करने से व्यक्ति को ध्यान तथा आध्यात्मिक ज्ञान को उन्नत करने में सहायता मिलती है.

टाइगर आई के गुण | Qualities Of Tiger Eye

इस उपरत्न को पहनने से मस्तिष्क को ऊर्जा मिलती है. मानसिक क्षमता को बढा़ता है. यह इच्छा शक्ति और इरादों को पक्का करने में सहायता करता है. इस उपरत्न में कई चमत्कारी गुण हैं. प्राचीन समय में लडा़ई के मैदान में सैनिकों द्वारा इस उपरत्न को धारण किया जाता था क्योंकि ऎसी धारणा थी कि यह उपरत्न सैनिकों को जीवनदान देने में सहायता करता है. यह उपरत्न व्यक्ति का ध्यान केन्द्रित करने में सहायता करता है. विश्वास को मजबूत करता है. व्यापार को आगे बढा़ने में सहायता करता है. यह आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने में सहायता करता है. सत्ता के सदुपयोग में सहायक होता है. यह अखंडता और इच्छाशक्ति को बढा़ता है.

यह व्यक्ति विशेष के जीवन में सुख तथा समृद्धि लाता है. आर्थिक रुप से व्यक्ति को मजबूत बनाता है. धारणकर्त्ता के पास धन का अभाव नहीं होने देता. जिन व्यक्तियों का मनीपूरक चक्र(Solar Plexus chakra) कमजोर है उन्हें यह उपरत्न धारण करना चाहिए. इसे धारण करने से पेट से जुडी़ समस्याओं में लाभ मिलता है. जिन व्यक्तियों को वाणी दोष है उन्हें भी इस रत्न से लाभ मिलता है. जो व्यक्ति अपनी बात को करने में झिझकते हैं और आत्मविश्वास की जिनमें कमी होती है उन्हें यह उपरत्न धारण करने से अत्यंत लाभ मिलता है. दुस्वप्न में कमी करता है. व्यक्ति चैन की नींद सोता है. यह बीमार और कमजोर व्यक्तियों के लिए लाभदायक उपरत्न है.

टाइगर आई के चिकित्सीय गुण | Medicinal Properties Of Tiger Eye

इस उपरत्न को धारण करने से व्यक्ति का उच्च रक्तचाप नियंत्रित होता है. यह पाचन क्रिया को सुचारु रुप से चलाने में सहायक होता है. यह पेट तथा आँतों से संबंधित बीमारियों में राहत दिलाता है. यह व्यक्ति की घबराहट को शांत करता है. पेट के अल्सर को ठीक करता है. यह उपरत्न चोटों को शीघ्र ठीक करने में सहायता करता है. जिन व्यक्तियों को हड्डियों से संबंधित किसी भी प्रकार की समस्या है, उनसे यह जल्द राहत दिलाता है. किसी की हड्डी टूट गई है उसे जल्द तथा सही रुप से जोड़ने में सहायक होता है.
 
यात्रा पर जाने वाले व्यक्तियों को इस उपरत्न को धारण करना चाहिए. इससे वह सुरक्षित रहेगें. जो व्यक्ति अत्यधिक यात्राओं पर ही रहते हैं उनके लिए यह रत्न बहुत उपयोगी है. जिन व्यक्तियों को गुर्दे(Kidney) से संबंधित समस्या है उनके लिए यह उपरत्न उपयोगी है. यदि किडनी में दमे की समस्या हो तब यह उपरत्न धारण करने से समस्या से राहत मिलती है. दिल से संबंधित समस्याओं में भी यह राहत देता है. वात रोगों से निजात दिलाता है. यह कानों से जुडे़ रोगों में राहत प्रदान करता है. छालों से जुडी़ समस्याओं के लिए लाभदायक है. 

कौन धारण करे | Who Should Wear

इस उपरत्न को वह व्यक्ति धारण कर सकते हैं जिनकी कुण्डली में केतु शुभ भावों में स्थित है और केतु का प्रभाव दशा में चल रहा है.

कौन धारण नहीं करे | Who Should not Wear

टाइगर आई उपरत्न के साथ किसी अन्य रत्न अथवा उपरत्न को धारण ना करे.

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(Jordan-anwar)