मीन राशि में शनि : वृश्चिक राशि पर शनि के गोचर का प्रभाव
शनि वृश्चिक राशि वालों के लिए तीसरे और चतुर्थ भाव का स्वामी ग्रह है. मीन राशि में शनि का प्रवेश होने पर यह यह वृश्चिक राशि वालों के पंचम भाव में गोचर करता है. शनि का वृश्चिक राशि वालों के लिए केन्द्र भाव के स्वामी होते हैं जिसके कारण कुछ अनुकूल रह सकते हैं ओर गोचर में भी यह त्रिकोण का संबंध सकारात्मक प्रभाव देने में सहायक बनता है.
वृश्चिक राशि के लिए शनि का मीन राशि गोचर समय
शनि का बदलाव 29 मार्च, 2025 को रात 9 बजकर 44 मिनट पर कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में होगा. वृश्चिक राशि के लिए शनि 29 मार्च को ही पंचम भाव में चले जाएंगे.
वृश्चिक राशि पर शनि गोचर का प्रभाव
गोचर गणना के अनुसार शनि को सूर्य की परिक्रमा पूरी करने में लगभग तीस साल का समय लग जाता है. इसी वजह से शनि को राशि चक्र की सभी बारह राशियों में से यात्रा करने में लगभग 30 वर्ष ही लगते हैं. इस कारण लिहाज से शनि को किसी एक राशि का चक्कर पूरा करने में पूरे ढाई वर्ष लगते हैं. वर्तमान में शनि कुंभ राशि में गोचर करने के बाद 29 मार्च 2025 को शनि अपनी राशि बदलकर मीन राशि में प्रवेश का प्रभाव देंगे. अपने स्वभाव के अनुसार शनि भी ढाई साल तक मीन राशि में भ्रमण करेंगे. इस प्रकार शनि के मीन राशि में भ्रमण की अवधि का वृश्चिक राशि के जीवन पर गहरा प्रभाव होगा.
शनि के राशि परिवर्तन का प्रभाव हर राशि पर पड़ेगा. जिस राशि के लिए शनि जिस भाव तत्व के अलावा, मित्रता-शत्रुता इत्यादि भाव रखने वाले होंगे वैसे ही फल देने वाले होंगे.
वृश्चिक राशि का पंचम भाव होगा प्रभावित
वृश्चिक राशि वालों के लिए शनि पंचम भाव को प्रभावित करेगा. वैदिक ज्योतिष में कुंडली का पांचवां भाव रचनात्मकता, रोमांस और बच्चों से जुड़ा हुआ होता है. यह इस बारे में बताता है कि आपको क्या अच्छा लगता है. खुशी अक्सर उन रचनात्मक गतिविधियों का परिणाम होती है जिनमें आप शामिल होते हैं. तो इस स्थिति में शनि बातों पर असर डालेगा.
शनि बताएगा कि लॉटरी जैसे जुए के खेल में आपका प्रदर्शन कैसा रहेगा. यह भाव दिल के मामलों से भी जुड़ा हुआ है. पंचम भाव में ग्रहों की स्थिति और राशियों का विश्लेषण करने से पता चल सकता है कि आप इन मामलों से कैसे निपटते हैं. शनि का प्रभाव संतान सुख को भी प्रभावित करेगा क्योंकि बच्चों का जन्म भी इस भाव से जुड़ा है. पंचम भाव पहली बार गर्भाधान या गर्भावस्था का प्रतीक है.
शनि इसके अलावा पंचम भाव की अन्य बातों को प्रभावित करेगा. जैसे पंचम का संबंध कलात्मक प्रतिभा, कल्पना, स्वाद और पत्नी या व्यापारिक साझेदार के भाग्य से प्राप्त संपत्ति से भी है. यह भाव मनोरंजन, खेल, रोमांस, मनोरंजन और इसी तरह की अन्य रुचियों को भी दर्शाता है. कुंडली में त्रिकोण भाव होने के कारण, पंचम भाव पूर्व पुण्य स्थान को दर्शाता है जो व्यक्ति के पिछले जीवन के पुण्य कर्मों को दर्शाता है. लॉटरी, जुआ, शेयर, सट्टा और स्टॉक एक्सचेंज जैसे मौकों के खेल पंचम भाव से देखे जाते हैं. पंचम भाव से जुड़ा शरीर का अंग पेट है, जीवन से भरा हुआ, रचनात्मक और संतुष्ट महसूस करना पंचम भाव है जैसा कि इस शरीर के अंग से पता चलता है. पंचम भाव मन और मानसिक स्वास्थ्य से भी जुड़ा हुआ है. दिल की इच्छा व्यक्त करते हैं, तो इस भाव के माध्यम से कार्य करते हैं. कुछ बनाना, जो आपको पसंद है उसे सिखाना या सीखना, प्रेम संबंध, ज्ञान वर्धन जैसी बातीं इसी भाव का मुख्य प्रभाव देती हैं.
वृश्चिक राशि वालों की कुंडली के अनुसार शनि चौथे ओर तीसरे भाव के स्वामी हैं. वृश्चिक राशि की जन्म कुंडली के अनुसार शनि वर्तमान में पंचम भाव में गोचर करने जा रहे हैं. पंचम भाव संतान, गूढ़ ज्ञान, विद्या, प्रेम संबंध, प्रसिद्धि, कलात्मक कौशल, वैभव और अन्य प्रमुख क्षेत्रों से संबंधित होता है. यह भाव आपके वैवाहिक जीवन से भी संबंधित है, इसलिए शनि का वर्तमान गोचर आपके लिए काफी संवेदनशील रहने वाला है.
शनि का मकर राशि में गोचर आपके वैवाहिक या प्रेम संबंधों में दरार या मतभेद पैदा करने की क्षमता रखता है. इसके साथ ही यह गोचर आपके व्यवसाय में भी बाधा उत्पन्न कर सकता है. इस समय जीवन के प्रति अधिक सतर्क और गंभीर होना होगा. शनि का गोचर मीन राशि में होने जा रहा है, इस गोचर का वृश्चिक राशि के जातकों पर मिलाजुला प्रभाव पड़ने वाला है. इस राशि परिवर्तन का वृश्चिक राशि पर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह का प्रभाव देखने को मिलेगा. इस दौरान की गई मेहनत आपको अपने करियर में तरक्की दिलाएगी. शनि आपको अनुशासन में रहते हुए कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित करते हैं. शनि का आपको धैर्य रखना और जल्दबाजी में निर्णय न लेना भी सिखाएगा.
करियर पर शनि गोचर का प्रभाव
इस दौरान कार्यक्षेत्र में आपको कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ेगा, लेकिन आप व्यावहारिक रहते हुए इन समस्याओं को आसानी से सुलझा पाएंगे. शनि गोचर करियर के लिए काफी फायदेमंद रहने वाला है. इस दौरान प्रमोशन भी मिल सकता है. काम का बोझ लगातार बढ़ेगा, साथ ही समय सीमा के भीतर काम खत्म करने का दबाव भी रहेगा. इस स्थिति से निपटने के लिए काम को प्राथमिकता के आधार पर बांटना होगा और उसे पूरा करने के लिए एकाग्रता के साथ काम करना होगा. इस दौरान की गई मेहनत का उचित फल भी मिलेगा.
व्यापार पर शनि गोचर का प्रभाव
इस दौरान आप अनुशासन और एकाग्रता की कमी से ग्रसित रहने वाले हैं. छोटे और सरल कार्यों को भी पूरा करना मुश्किल हो सकता है. व्यापारी वर्ग पर इस गोचर का प्रभाव कुछ विपरीत परिस्थितियों को जन्म दे सकता है, संभवतः इस दौरान आपकी योजनाएं मंदी के दौर से गुजर सकती हैं. यह व्यवसाय विकास योजनाओं में अर्जित अनुभव का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करता है. इस दौरान आपकी तर्क शक्ति स्थिति को मजबूत बनाने में मदद करेगी. काम में लगनशील रहना होगा. शनि का यह गोचर किसी भी निर्णय को अंतिम रूप देने से पहले बहुत अधिक ध्यान और तार्किक दृष्टिकोण की मांग करता है इससे मनचाही सफलता प्राप्त करने में मदद मिल सकती है.
आर्थिक स्थिति पर शनि गोचर का प्रभाव
शनि गोचर के दौरान कुछ व्यर्थ के खर्च अधिक होने की संभावना है इसलिए ऐसे में अपने बजट प्लान पर टिके रहने की कोशिश करनी होगी अन्यथा आर्थिक मंदी आ सकती है. इस दौरान जमा-पूंजी से असंतुष्ट रह सकते हैं. जरूरतों और आर्थिक सुरक्षा के लिए अधिक बचत करनी होगी. धन से जुड़े लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अधिक मेहनत करेंगे. बेहतर आर्थिक स्थिति और स्थिरता के लिए लंबी अवधि के निवेश की योजना पर काम कर सकते हैं.