पहले भाव में शुक्र, कोटिपति योग जीवन में कभी नहीं होती हार

प्रथम भाव में शुक्र : लग्न में शुक्र

शुक्र का जन्म कुंडली के पहले भाव में होना एक शुभ घटना है. शुक्र का पहले भाव में होना बेहद सकारात्मक स्थिति मानी गई है. शुक्र एक शुभ ग्रह है और यह लग्न में बैठकर आत्मा को प्रकाशित करने जैसा होता है. प्रथम भाव में शुक्र आपको बहुत आकर्षक बनाता है, आपको उच्च इच्छा शक्ति देता है, जिसके द्वारा व्यक्ति में ऎसा आक्रषण उत्पन्न होता है जो दूसरों को उसकी ओर आकर्षित करता है. विपरीत लिंग के लोगों के मध्य सदैव प्रसिद्धि पाते हैं. प्रथम भाव में शुक्र कोटिपति योग भी बना सकता है जो व्यक्ति को दूसरों के समक्ष प्रसिद्धि दिलाता है. 

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पहले भाव में शुक्र कैसा फल देगा? 

शुक्र पहले भाव में अपना कैसा प्रभाव देगा इस बात को समझने के लिए शुक्र की स्थिति पहले भाव में राशि स्थिति, पहले भाव पर पड़ रही ग्रहों की स्थिति, वर्ग कुंडलियों में शुक्र की स्थिति जैसी कुछ बातें शुक्र के मूल प्रभाव को दिखाती हैं. शुक्र कि स्थिति के द्वारा इन बातों को सही से समझा जा सकता है. 

सामान्य रुप से शुक्र एक शुभ ग्रह है और उसकी यही शुभता बेहद सकारात्मक रुप से अपना परिणाम देती है जिसके आधार पर कह सकते हैं कि प्रथम भाव में शुक्र आपको आकर्षक आंखें, एक अच्छा दिखने वाला शारीरिक रूप, एक खुशहाल और लंबा जीवन देता है. दूसरो को आपसे प्रेम भी अधिक होता है. आप दूसरों की उम्मीदों पर खरे उतर सकते हैं, जो आपको प्रसिद्धि दिलाते हैं. 

इस भाव में शुक्र आपको बहुत आकर्षक बनाता है और आप विपरीत लिंग के लोगों को पसंद आएंगे. प्रेम और रोमांस के गुण बेहद विशेष होते हैं. व्यक्ति का आकर्षण दूसरों को आपकी बात सुनने के लिए मजबूर करेगा. आप अपने सुंदर, सेक्सी व्यक्तित्व के माध्यम से संवाद करेंगे और हमेशा अपनी वास्तविक उम्र से कम दिखेंगे. शुक्र आपको संभोग सुख की अनुभूति और उच्च यौन इच्छा देगा, जिसका उपयोग आपके विकास के लिए किया जा सकता है; लेकिन यदि पीड़ित है, तो शुक्र आपको यौन सुख के लिए भटकने वाला बना देगा और आपको अपने जीवनसाथी के प्रति प्रतिबद्ध होने से रोकेगा.

ज्योतिष अनुसार शुक्र और पहला भाव संयोग 

ज्योतिष में शुक्र का पहले भाव में होना और शुक्र की स्थिति का अन्य ग्रहों के साथ योग विशेष माना गया है. कुंडली का पहला भाव ज्योतिषीय निष्कर्षों का आधार बनता है क्योंकि यह स्वयं अर्थात व्यक्तित्व को पूरा करता है और आत्म-पहचान को दिखाता है जो इसलिए अन्य सभी भावों से मिलने वाले प्रभाव उन निष्कर्षों से प्रभावित होते हैं जो पहले भाव के विश्लेषण से मिलते हैं. शुक्र ग्रह के लिए, यह प्रेम, रोमांस, आनंद भौतिक सुखों का ग्रह है. जब शुक्र प्रथम भाव में मौजूद होता है, तो व्यक्ति एक आकर्षक और विनम्र व्यक्ति होने की संभावना रखता है. सुंदरता के लिए एक खास नज़र होगी और हर उस चीज़ की प्रशंसा करेंगे जिसमें सौंदर्य होगा. 

पहले भाव में शुक्र के कारण प्रभावित होने वाले क्षेत्र संपूर्ण व्यक्तित्व से प्रभावित होते हैं इसमें व्यक्तित्व का हर गुण, कार्यक्षेत्र में जीवन और विकास और दूसरों के साथ संबंध, जीवन के प्रति योग्यता की स्थिति, लोगों के प्रति रवैया कैसा होगा और खुद के प्रति कैसा व्य्वहार रहेगा. शुक्र व्यक्तिगत समस्याओं को हल करने में मदद कर सकता है. इसी के साथ आत्मिक खोज को उन्नत कर पाएगा. 

शुक्र के पहले भाव में सकारात्मक परिणाम और प्रभाव 

पहले भाव में सकारात्मक शुक्र वृषभ, तुला, मिथुन, कुंभ और मीन राशि में लाभकारी होता है. शुक्र के सकारात्मक पक्ष में व्यक्तित्व आकर्षक होगा. दूसरे आपके साथ रहना और आपके साथ समय बिताना पसंद करेंगे. जीवन में जो चीजें आप चाहते हैं, वे आपको आसानी से मिल जाती हैं. पहले भाव में शुक्र मजबूत असर छोड़ता है. आप खुद को दूसरों के सामने बेहतर रुप से रखना पसंद करते हैं, जो पाना चाहते हैं उसके लिए प्रयास करने से नहीं डरते. न केवल शारीरिक रूप से बेहतर होंगे, बल्कि योग्य विचारधारा भी होगी. 

कला एवं रचनाओं का स्तर अनुकूल होगा. कला, वास्तुकला और फैशन जैसे काम चुनने की अधिक संभावना रखते हैं. अपने काम में उत्कृष्टता प्राप्त करने की संभावना रखते हैं.अपने जन्म स्थान के साथ साथ दूर देशों स्थानों में भी पहचान प्राप्त कर सकते हैं. इसके अलावा, आनंद और खुशी में विश्वास करते हैं. बाहर जाना और मौज-मस्ती करना पसंद होता है. इसलिए किसी रिश्ते में होने का भी आनंद लेते हैं.

शुक्र के पहले भाव में नकारात्मक प्रभाव 

पहले भाव में नकारात्मक शुक्र मेष, कन्या, वृश्चिक और मकर राशि में शुभ परिणाम नहीं दिखाता है. पहले भाव में शुक्र के होने पर व्यक्ति हर समय मस्ती के लिए उत्सुक होता है. मूडी और मनमौजी हो सकता है. नखरे दिखाने और बिगड़े हुए बच्चे की तरह व्यवहार करने की आदत हो सकती है. स्वार्थी और अहंकारी हो सकते हैं. रचनात्मकता अनुकूल होती है लेकिन वह किस क्षेत्र में होगी इसका अंदाजा लगाने के लिए शुक्र की स्थिति को समझ लेना चाहिए. व्यक्ति कौशल और दक्षताओं के बारे में घमंडी या शेखी बघारने वाला हो सकता है.

पहले भाव में शुक्र के खराब होने पर दिखावटी होने का गुण विकसित हो सकता है. ऐसी परिस्थितियां आ सकती हैं जब किसी चीज़ के बारे में अनिश्चित होते हों लेकिन नहीं चाहते कि दूसरे लोग इसके बारे में जान पाएं. जो मार्गदर्शन दे सकते हैं वह बहुत बेहतर नहीं हो सकता है. ऎसे में दूसरे आप पर विश्वास कर सकते हैं और आपके सुझाव का पालन कर सकते हैं, जिसके कारण  परेशानी में पड़ सकते हैं क्योंकि आपकी सलाह उचित नहीं थी. इससे आपकी विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचने की संभावना है.

जब शुक्र पहले भाव में होता है, तो कुछ लोगों को आपसे परेशानी हो सकती है. हो सकता है कि वे आपकी उम्मीदों पर खरे न उतरें, जिससे आप परेशान हो सकते हैं और बदले में वे आपको घमंडी समझ सकते हैं. लेकिन अगर आपको कोई ऐसा व्यक्ति मिल जाए जो सिर्फ वही कर सकता है जो आप जानते हैं, तो आपको जीवन भर के लिए एक साथी मिल गया है. इसमें कुछ समय लग सकता है और धैर्य रखना आपके बस की बात नहीं है. इस मामले में समय लें और जल्दबाजी न करना ही अनुकूल होगा.