अपनी बर्थ डेट से जाने सेहत का राज

अंकों के द्वारा जाने अपनी सेहत का राज 

जिस प्रकार ज्योतिष स्वास्थ्य और रोग के प्रति विस्तृत व्याख्या देता है उसी प्रकार अंक ज्योतिष भी सेहत से जुड़े मसलों पर अपना विचार अभिव्यक्त करने में सक्षम होता है. प्रत्येक अंक के स्वामी ग्रह का संबंध हेल्थ पर गहरा असर डालता है. ऎसे में जो व्यक्ति जिस अंक से सबसे अधिक प्रभावित होता है उसके जीवन में उस ग्रह से जुड़े रोग जल्द असर डालने वाले हो सकते हैं. आइये समझने की कोशिश करते हैं कि कैसे आपका नामांक आपकी हेल्थ के राज खोलने में बेहद विशेष होता है.  

नंबर 1 और स्वास्थ्य प्रभाव 

अंक 1 सूर्य का स्वामित्व पाता है. जिन भी जातकों का जन्म 1 की संख्या को पाता है उन व्यक्तियों पर मुख्य रूप से सूर्य का प्रभाव होता है. सूर्य को स्वास्थ्य के रुप से हृदय, धमनियों, सिर, यकृत, पेट और हड़्डीयों की क्षमता को नियंत्रित करने वाला माना गया है. इनसे संबंधित रोग में उच्च रक्तचाप, दिल के रोग विशेष होते हैं. इन अंक वाले लोगों में जीवन की प्रबल ऊर्जा होती है. इसलिए स्वास्थ्य पर भी इनका अच्छा नियंत्रण होता है. रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होती है. लेकिन कई बार व्यक्ति अधिक जोश में आकर अपनी आंतरिक जीवन शक्ति को कमजोर भी कर लेता है. अंक 1 को नशीले पदार्थों और दवा की लत से बचना चाहिए. लीवर, किडनी और फेफड़ों की समस्या परेशानी दे सकती है.

नंबर 2 और स्वास्थ्य प्रभाव 

अंक 2 चंद्रमा के स्वामित्व को पाता है, जिन लोगों का जन्म 2, 11, 20 और 29 तारीख को होता है उन पर चंद्रमा का विशेष प्रभाव होता है. स्वास्थ्य दृष्टिकोण से चंद्रमा के रोग प्रभाव में क्षय रोग, जल से जुड़े रोग, गठिया, चक्कर आना, उदरशूल, जलोदर, पक्षाघात, चेचक, बवासीर, ट्यूमर, खांसी-जुकाम, नेत्र रोग इत्यादि आते हैं. अंक दो वाले  व्यक्तियों पर रहन-सहन और माहौल का अत्यधिक प्रभाव पड़ता है. ठंडी, अंधेरी और गंदी जगहों से संक्रमण का खतरा अधिक होता है जिनमें सावधानी और देखभाल की आवश्यकता होती है.

नम्बर 3 और स्वास्थ्य प्रभाव 

अंक 3 वाले लोगों के लिए बृहस्पति स्वामित्व पाता है. जिन का जन्म 3, 12, 21 और 30 तारीख को हुआ है उन पर बृहस्पति का प्रभाव अधिक होता है. मूलांक 3 और बृहस्पति का असर इन्हें मोटापे से संबंधित परेशानियां होती हैं. उच्च रक्तचाप, रक्तवर्धक, वायुप्रद योग अधिक असर डाल सकते हैं. बृहस्पति शरीर में यकृत, फेफड़े, नसों और सभी आंतरिक अंगों को नियंत्रित करता है. जो व्यक्ति इस 3 अंक से प्रभावित हैं उन्हें अपने शरीर में बढ़ने वाली चर्बी पर ध्यान देने की जरुरत होती है. त्वचा रोग, जोड़ों का दर्द, मधुमेह, गैस्ट्राइटिस, खांसी, लकवा और हृदय से जुड़े रोग परेशान कर सकते हैं. 

नम्बर 4 और स्वास्थ्य प्रभाव 

अंक 4 वालों पर राहु का अधिक असर पड़ता है. जिन का जन्म 4, 13, 22 और 31 में हुआ है उन पर राहु का नियंत्रण रहता है. राहु एक छाया ग्रह है और उतार-चढ़ाव और अद्भुत कार्यों के लिए जाना जाता है. अंक 4 वालों को राहु से संबंधित रोग परेशान कर सकते हैं. आंतरिक जीवन शक्ति इन्हें सक्रिय रखती है, तभी रोग को दूर रखते हुए आगे बढ़ने वाली क्षमता अच्छी रखते हैं. बड़ी दुर्घटनाओं या भारी चोट लगने का भय अधिक रहता है. राहु के प्रभाव से सर्दी, इन्फ्लूएंजा, फेफड़ों की समस्या, बवासीर, मूत्र, कब्ज, ट्यूमर, एनीमिया और गुर्दे की परेशानी उन्हें विशेष रूप से प्रभावित करती है. नशीले पदार्थों और मसालेदार वसायुक्त भोजन से परहेज करना चाहिए.  

नंबर 5 और स्वास्थ्य प्रभाव 

अंक 5 पर बुध का स्वामित्व होता है. जिस व्यक्ति का जन्म 5, 14, 23 तारीख को हुआ है वह अंक 5 से प्रभावित होते हुए बुध के प्रभाव में रहते हैं. बुध का असर वाणी, स्मृति, नासिका, हाथ और तंत्रिका तंत्र को नियंत्रित करने वाला होता है. अंक को रोग के रुप में नींद न आना, मधुमेह, अवसाद, नाक या सिर में ट्यूमर, हकलाना, मिर्गी, गूंगापन, घबराहट, खांसी, आवाज बैठना, हाथ-पैरों में गठिया और चक्कर आना जैसी मुख्य बीमारियों का असर अधिक रह सकती है. 

नंबर 6 और स्वास्थ्य प्रभाव 

अंक 6 पर शुक्र का अधिकार होता है. जिनका जन्म 6, 15 और 24 वाला होता है उन पर शुक्र का प्रभाव अधिक पड़ता है. इन तारीखों में जन्म लेने वाले लोग शुक्र के रोग द्वारा प्रभावित हो सकते हैं. इन अंक वालों को फेफड़े, गले, नाक और सिर से जुड़ी बीमारियों के होने की आशंका अधिक रह सकती है. की चपेट में आसानी से आ जाते हैं. उन्हें दिल की परेशानी से खुद को बचाना चाहिए. संक्रमण से जुड़े रोग, मूत्र प्रणाली से संबंधित गंभीर बीमारियां भी शुक्र के असर द्वारा इन अंक वालों को प्रभावित करने वाली होती हैं. 

नंबर 7 और स्वास्थ्य प्रभाव 

अंक 7 वालों पर केतु का असर दिखाई देता है. 7, 16 या 25 तारीख को जन्मे व्यक्ति का संबंध 7 अंक से होता है और उस पर केतु का प्रभाव होता है. यह संख्या अवचेतन और जादुई इच्छाशक्ति का प्रतीक होती है. बहुत अधिक मित्रता, बुरा स्वभाव, बड़बोलापन और मानसिक तनाव कई बीमारियों का कारण बन सकता है. अपने निवास स्थान के वातावरण से आसानी से प्रभावित हो सकते हैं. ब्रोंकाइटिस, खांसी-जुकाम, नाक बंद होना, आंखों की रोशनी खराब होना, साइको-हिस्टीरिया, फेफड़ों की समस्याएं, टॉन्सिलाइटिस, त्वचा और पुरानी बीमारियां इन्हें आसानी से प्रभावित कर सकती हैं. नशीले पदार्थों के कारण लत पड़ने की संभावना अधिक होती है इसलिए इन चीजों से बचना चाहिए. 

नंबर 8 और स्वास्थ्य प्रभाव 

अंक 8 पर शनि का प्रभाव होता है. जिन व्यक्तियों का जन्म 8, 17, 26 तारीख को होता है उन पर शनि का असर होता है. शनि के प्रभव द्वारा मिर्गी, कुष्ठ रोग, दांत दर्द, पीलिया, बहरापन, जलोदर, डिप्थीरिया, गर्दन पर ग्रंथियों की सूजन, रक्त संक्रमण, जोड़ों का दर्द, कब्ज, पक्षाघात और एनीमिया जैसी कई पुरानी बीमारियों से संक्रमित होने की संभावना अधिक देखने को मिल सकती है. नशे का असर इन्हें जल्द से प्रभावित करने वाला होता है इसलिए नशे से बचना चाहिए. जल्दी उठना, व्यायाम करना और ताजी हवा में सांस लेना उनके लिए जरूरी है. 

9 संख्या और स्वास्थ्य प्रभाव 

अंक 9 पर मंगल का असर होता है. जिन लोगों का जन्म 9, 18 और 27 तारीख को होता है उन पर मंगल ग्रह का अधिक प्रभाव होता है. मंगल का असर व्यक्ति के सिर, चेहरे, गुर्दे, घुटनों, कमर, मूत्राशय, प्रजनन के अंगों, हृदय और परिसंचरण से जुड़ा हुआ होता है. इस ग्रह के प्रभाव द्वारा व्यक्ति को रक्त संबंधी रोग जल्द से प्रभावित कर सकते हैं.  ट्यूमर, चेचक, खसरा, सिरदर्द, सभी प्रकार के बुखार, यौन रोग और उच्च रक्तचाप, सूजन वाले रोग भी असर डाल सकते हैं. इसके अलावा दुर्घटनाएं से होने वाला खून खराबा भी जीवन शक्ति पर असर डालता है.