शनि के साथ मंगल का होना कुंडली के सभी भावों को करता है प्रभावित

शनि और मंगल को शत्रु ग्रह के रूप में जाना जाता है, इसलिए इन दोनों की कोई भी युति अच्छी नहीं मानी जाती है. यह एक कठिन स्थिति को दर्शाती है. मंगल को अग्नि तत्व युक्त ग्रह कहा जाता है. मंगल स्वभाव से बहुत हिंसक होता है और शनि क्रूर ग्रह है. इस तरह देखा जाए तो इन दोनों का एक साथ होना भाव फलों को कमजोर कर सकता है. इन दोनों की शक्ति में जो द्वंद है उसके चलते भी खराब परिणाम भोगने पड़ते हैं. इन दोनों ग्रहों का किसी भी तरह का संबंध जीवन में उथल-पुथल ही पैदा कर सकता है. देश और दुनिया में हिंसक घटनाओं में वृद्धि भी इस योग के होने से देखने को मिलती है.  मंगल और शनि की युति जीवन में अचानक होने वाली घटनाओं को लाती है. दांपत्य जीवन, नौकरी, व्यापार, संतान और गृह मामलों से संबंधित शुभ-अशुभ घटनाएं जीवन में अचानक घटित होती हैं.  

कुंडली के प्रथम भाव में शनि और मंगल की युति

कुंडली के पहले भाव में शनि और मंगल की युति का योग व्यक्ति को काफी बेचैन बना सकता है. व्यक्ति दूसरों के नियंत्रण को समझ नहीं पाता है. आस पास की गतिविधियों के कारण वह अस्थिर सा रहता है. कई मामलों में गंभीर और जिम्मेदार बनता है किंतु अधिकांश चीजें असंतोष का कारक बनती हैं. न्याय के मार्ग पर चलने वाला व्यक्ति होता है. ज्ञान और शक्ति दोनों ही गुण उसमें मौजूद होते हैं. व्यक्ति को समाज में सम्मान प्राप्त कर पाता है लेकिन लेकिन जीवन में उचित निर्णय लेने में कमजोर रहता है. 

कुंडली के दूसरे भाव में शनि और मंगल की युति

कुंडली के दूसरे भाव में शनि और मंगल की युति का प्रभाव जातक को अपने परिवार का सुख नहीं लेने देता है. व्यक्ति स्वयं की मेहनत से धन संपत्ति अर्जित करता है. दूसरों के काम करवाता है लेकिन खुद की सहायता के लिए परेशान होता है. व्यक्ति को ससुराल पक्ष से अनबन भी झेलनी पड़ सकती है. धन और संपत्ति से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. जीवन में अपनों से दूरी अधिक सहन करनी पड़ती है. 

कुंडली के तीसरे भाव में शनि और मंगल की युति

कुंडली के तीसरे भाव में शनि और मंगल की युति व्यक्ति को परिश्रम द्वारा धनार्जन के लिए प्रेरित करती है. शक्ति एवं बुद्धि प्राप्त होती है. व्यक्ति पराक्रमी और परिश्रमी होता है. इस दौरान अपने आप ही धन लाभ होता है. अपने भाई-बहनों से अनबन हो सकती है. इनके जिद्दी स्वभाव के कारण परिवार में अशांति का कारण बनते हैं. यात्राओं की अधिकता रह सकती है. 

कुंडली के चौथे भाव में शनि और मंगल की युति

कुंडली के चौथे भाव में शनि और मंगल की युति धन देती है. व्यक्ति माता के निर्देशानुसार काम करने वाला होता है. व्यक्ति अपने जीवन में सुख की कमी को अनुभव कर सकता है. व्यक्ति धार्मिक कार्यों में शामिल हो सकता है. अपने बड़े बुजुर्गों के प्रति मान सम्मान करने वाला होता है. व्यक्ति छाति से संबंधित रोगों से परेशान रह सकता है. किसी नशीले पदार्थ की लत लग सकती है. घर से दूर रहकर भाग्य का निर्माण करता है.

कुंडली के पांचवें भाव में शनि और मंगल की युति

कुंडली के पंचम भाव में शनि और मंगल की युति व्यक्ति को साहस एवं शक्ति प्रदान करती है. व्यक्ति को अपने प्रेम संबंधों के मामले में कमजोर स्थिति का सामना करना पड़ सकता है. विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में सफलता मिल सकती है. दूसरों के लिए परोपकारी एवं सहायता करने में आगे रहता है. संतान के सुख में कुछ समस्या रह सकती है.

कुंडली के छठे भाव में शनि और मंगल की युति

जन्म कुंडली के छठे भाव में शनि और मंगल की युति का प्रभाव व्यक्ति को ज्ञान और शक्ति प्रदान करता है. इस योग द्वारा धन की प्राप्ति होती है. व्यक्ति कई बार अपने शत्रुओं से भी लाभ अर्जित करने वाला होता है. धन का अधिक व्यय करता है. व्यक्ति को वाहन चलाते समय सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि चोट लगने का खतरा हो सकता है. रोगों का असर जीवन पर पड़ता है.

कुंडली के सप्तम भाव में शनि और मंगल की युति

कुंडली के सप्तम भाव में शनि और मंगल की युति का प्रभाव वैवाहिक जीवन को कमजोर करने वाला होता है. व्यक्ति को आकर्षक और सुंदर जीवनसाथी मिलता है. व्यापार में सफलता के लिए व्यक्ति का संघर्ष अच्छा रहता है. व्यक्ति अपनी प्रतिस्पर्धा में आगे रह सकता है. व्यक्ति किसी न किसी प्रकार के व्यस्न से ग्रसित रह सकता है. अपने प्रेम संबंधों में व्यक्ति काफी विरोधाभास की स्थिति को पाता है. 

कुंडली के आठवें भाव में शनि और मंगल की युति

जन्म कुंडली के अष्टम भाव में शनि और मंगल की युति व्यक्ति को धनवान और लोकप्रिय बनाने में सक्षम होती है. यह योग व्यक्ति को व्यापार में सफलता दिला सकता है. व्यक्ति की आयु लंबी होती है. शोध के क्षेत्र में सफलता मिल सकती है. इस युति योग के कारण स्वास्थ्य संबंधी परेशानी हो सकती है. पैसा होते हुए भी व्यक्ति आर्थिक रुप से उसका उपयोग नहीं कर पाता है.

कुंडली के नौवें भाव में शनि और मंगल की युति

भाव में शनि और मंगल की युति होने से व्यक्ति धार्मिक होता है. इस दौरान जातक को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. जातक का अपने भाई-बहनों से झगड़ा होता है. जातक आध्यात्मिक कार्यों में आगे रहता है. व्यक्ति उदार और कठोर बनता है.

कुंडली के दशम भाव में शनि और मंगल की युति

जन्म कुंडली के दशम भाव में शनि और मंगल की युति व्यक्ति को कई तरह की सफलताएं भी देता है. न्यायालय से संबंधित क्षेत्रों में, सरकार, पुलिस या वकालत के क्षेत्र में सफलता को पाने में सफल होता है. इस योग को आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. व्यक्ति पर कर्ज हो सकता है.

कुंडली के एकादश भाव में शनि और मंगल की युति

कादश भाव में शनि और मंगल की युति होने से जातक अपनी मेहनत से धन कमा सकता है. इस दौरान लोगों को पेट संबंधी बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है. जातक को समाज में बदनामी का सामना करना पड़ सकता है.

कुंडली के बारहवें भाव में शनि और मंगल की युति

जन्म कुंडली के बारहवें भाव में शनि और मंगल की युति व्यक्ति को शिक्षा के क्षेत्र में सफलता दिला सकती है. इस दौरान शत्रु व्यक्ति के सामने टिक नहीं पाते हैं. वाहन चलाते समय दुर्घटना हो सकती है.