सप्तम भाव में सूर्य विवाह पर कैसे डालता है अपना असर
सातवें भाव में बैठा सुर्य बहुत अधिक महत्वपुर्ण प्रभाव डालने वाला माना गया है. सूर्य का असर कुंडली के सातवें घर में जाना मिलेजुले असर दिखाने वाला होता है. जब सूर्य कुण्डली के सप्तम भाव में होता है. इसका असर जीवन साथी पर अपना गहरा प्रभाव डालने वाला होता है. जीवनसाथी की ओर से उसके साथ संबंधों पर इस स्थिति का असर कई तरह से देखने को मिलता है. व्यक्ति के भीतर स्वयं को स्थापित करने की इच्छा अधिक होती है. वह लीडरशीप की चाह रख सकता है. जीवन साथी योग्य एवं प्रतिभाशाली होता है. व्यक्ति की वाणी में प्रभाव झलकता है. लालित्य की ओर भी झुकाव रहता है.
सूर्य सप्तम भाव में हो तो सुंदरता के प्रति रुझान भी देता है. प्रभावशाली लोगों के साथ मेल-जोल भी रहता है. सूर्य के प्रभाव से जीवनसाथी सम्मानित परिवार और प्रतिष्ठि स्थिति वाला होता है. आर्थिक रुप से सहयोगात्मक होता है. मेष लग्न के लिए सप्तम भाव में नीच का सूर्य ग्रह चिंता का विषय बन जाता है. सूर्य एक अच्छे भाव का स्वामी है और मेष राशि के लिए एक अच्छा ग्रह है. ऐसे ग्रह को खराब फल नहीं देना चाहिए, लेकिन यहां पर जीवनसाथी और वैवाहिक जीवन से संबंधित कुछ प्रतिकूल परिणाम देने वाला हो जाता है.
सप्तम भाव क्या है?
सप्तम भाव व्यवसाय और व्यक्तिगत जीवन में साझेदारी के लिए देखा जाता है. इस भाव में स्थित हो तो यह व्यक्ति के किसी के साथ मिलकर कार्य करने की इच्छा को दर्शाता है. ऐसा व्यक्ति साथी की इच्छाओं की अत्यधिक कद्र करने वाला भी होता है. व्यक्ति सहज स्वभाव का होता है, इसलिए लोगों के लिए इनके साथ बातचीत करना आसान व सहज है. सामंजस्यपूर्ण संबंध बनाना मुश्किल काम होता है विशेष रुप से दांपत्य जीवन में. वह न्याय और कानून से संबंधित सभी क्षेत्रों में व्यक्ति अच्छा होता है. भाग्य का साथ भी इसे मिलता है. जन्म कुण्डली में सप्तम भाव में सूर्य का प्रभाव व्यक्ति को मजबूत चरित्र प्रदान करता है. शक्तिशाली, लेकिन कूटनीतिक, दोस्ती में वफादार होता है. जीवन के पथ पर, वे मेल खाने के लिए लोगों से मिलते हैं. एक आदर्श साथी के रूप में, उन्हें समान सिद्धांतों वाले व्यक्ति की आवश्यकता होती है, ईमानदार रिश्तों के मूल्य को समझते हैं. सूर्य के पीड़ित होने पर किसी भी कीमत पर नेतृत्व करने की इच्छा प्रकट होती है. ऐसे में वह दूसरों पर अधिक दबाव भी बना देते हैं.
सप्तम भाव में सूर्य का फल
सूर्य को सप्तम भाव में अनुकूल कम ही माना जाता है. सप्तम घर के लिए एक अच्छा इसलिए भी नहीं होता है क्योंकि वहां वह कालपुरुष कुंडली में यहां कमजोर हो जाता है. सातवें घर में सूर्य जन्म के दौरान या सूर्यास्त के निकट के जन्म का समय भी दर्शाता है, सूर्य का अस्त होना अनुकूलता के असर को नहीं दिखा पाता है. वह बहुत बुरा नहीं होता है लेकिन कुछ मामलों में वह कई तरह से बेहतर असर नहीं दिखा पाता है. सूर्य यहां थोड़ा असहज हो सकता है.
सूर्य सातवें भाव में होने पर व्यक्ति अपने तक अधिक होता है इसलिए जरुरत होती है की शेयरिंग, केयरिंग और बॉन्डिंग बनाए रखे की क्योंकि यहा चीजें कई बार दूसरे के नजरिये से भी देखने की जरूर हो सकती है. पार्टनर के साथ पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में व्यक्ति आगे रहने वाला होता है. वह अपने कंट्रोल को दिखाने में आगे रह सकता है. साथी के साथ उचित स्वभाव का नहीं रह पाना, यह रिश्तों को बहुत ही विद्रोही और विनाशकारी बना सकता है. रिश्ते में व्यक्ति अपनी शक्ति और ऊर्जा जरूर लगाता है लेकिन अपनी उम्मीद को पूरा होते नहीं देख पाता है. अपने लोगों की और उसका ध्यान अधिक रहता है. लेकिन व्यक्ति को अपनों की ओर से अधिक समय विरोध ही मिलता है.
लाइफ पार्टनर के साथ दे सकता है मतभेद
जब सूर्य सातवें भाव में होता है तो इसके कारण व्यक्ति को अपने पार्टनर के कारन अधिक परेशानी का अनुभव करना पड़ सकता है. व्यक्ति अपने जीवन साथी के साथ विरोध को अधिक झेल सकता है. या किसी न किसी कारण से अलगाव की स्थिति रिश्तों में अधिक बनी रहती है. रिश्ते में दूरी का कारण कुछ भी हो सकता है, कई बार सब कुछ सही होने के बावजूद भी नौकरी, इत्यादि के चलते ही दूरी झेलनी पड़ सकती है. सप्तम भाव में सूर्य का होना जीवनसाथी की तलाश में अधिक भगाता है, वह आसानी से अपने दांपत्य जीवन का सुख भोग नहीं पाते हैं. इनके लिए अपने जीवन में लगातार संघर्ष की स्थिति भी बनी रहती है. अपने पार्ट्नर के लिए वह काफी जिम्मेदार भी रहता है. समर्पण का भाव भी बहुत अधिक दिखाता है. सूर्य का सप्तम में होना वैवाहिक जीवन में उथल-पुथल को अवश्य दर्शाने वाला होता है.
सूर्य के सप्तम में होना सकारात्मक एवं नकारात्मक पक्ष
सातवें भाव में सूर्य का प्रभाव व्यक्ति को लोकप्रियता दिलाने में सक्षम होता है. व्यक्ति अपने काम के द्वारा प्रसिद्धि भी पाता है. अपने जीवन में उच्च वर्ग के लोगों से सम्मान भी पाता है. कुछ उपलब्धियों के सहयोग से उसका जीवन बहुत अधिक सक्रिय भी बनता है. सप्तम भाव में सूर्य व्यक्ति को नेतृत्व का गुण भी देता है. अपने साथ जुड़े लोगों का मार्गदर्शन करने में भी वह आगे रहता है. व्यक्ति उत्साही एवं सजगता के साथ काम करने में अधिक विश्वास रखता है. दूसरों के साथ होने वाली बातें उसके जीवन को भी बदलने का काम करती हैं.
सातवें भाव में सूर्य वाले जातकों को संघर्षों का सामना अधिक करना पड़ सकता है. वह उन चीजों में उलझ सकता है जो दूसरों के द्वारा अधिक क्रिएट की गई होती हैं. वह अपने जीवन के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए कई तरह से कोशिशों में लगा भी रहता है. कई बार चीजों को डील कर पाना उसके लिए मुश्किल होता है तो इस स्थिति में वह न समझौता करता है न पिछे हटना पसंद करता है. तह जटिलता अधिक परेशानी देने वाली होती है. कल्पनाओं का संसार भी विस्तार पाता है ऎसे में कई कमियों के कारण निराशा भी परेशानी देती है. दूसरों को मार्गदर्शन देने में आगे रहते हुए वह खुद के लिए उचित मार्ग को कई बार अपना नहीं पाता है. उसकी बेचैनी एवं हताशा जीवन पर भी साफ झलक सकती है.