केतु महादशा में अन्य ग्रहों की अंतर्दशा प्रभाव
केतु महादशा का समय बेहद महत्वपूर्ण होता है. इस दशा के समय व्यक्ति को अस्थिरता अधिक परेशान कर सकती है. जातक अपने लिए उचित एवं अनुचित के मध्य की स्थिति को समझ पाने में कुछ कमजोर रह सकता है. केतु की महादशा में व्यक्ति को कुछ लाभ मिलते हैं लेकिन वह लाभ सीमित रुप से प्राप्त होते हैं इस के अलावा इस समय के दौरान व्यक्ति का बाहरी लोगों के साथ संपर्क अधिक हो सकता है. धन, परिवार, संबंधों के मामले में यह दशा काफी अस्थिर हो सकती है. केतु महादशा के समय अन्य ग्रहों की अंतर्दशा का आगमन भी कई तरह से असर दिखाने वाला होता है.
केतु महादशा केतु अंतर्दशा क्या है
केतु की महादशा में केतु की अन्तर्दशा का समय जीवन में बदलाव का होता है. इस समय के दोरान व्यक्ति अपनी चीजों को लेकर अधिक भ्रम में दिखाई दे सकता है. केतु की कुंडली में स्थिति अगर शुभ हो तो इस दशा में कुछ बेहतर परिणाम मिलते हैं. इसके विपरित अगर केतु शुभ स्थिति में न हो तब यह दशा कई मायनों में परेशानी को दिखा सकती है.
केतु महादशा में बुध की अंतर्दशा
केतु की महादशा में बुध की अन्तर्दशा का समय सावधानी पूर्वक काम करने का होता है. इस समय व्यक्ति अधिक बेचैन और उत्साही हो सकता है. इस समय के दौरान व्यक्ति अपने काम में जितना हो सके तो सोच विचार से ही आगे बढ़ने की जरुरत होती है.
केतु महादशा में शुक्र की अंतर्दशा
केतु की महादशा में शुक्र की अंतर्दशा का समय कुछ अच्छे लाभ को प्रदान करने वाला होता है. इस समय पर व्यक्ति कुछ नई चीजों को प्राप्त कर पाता है. अगर कुंडली में केतु के साथ शुक्र का संबंध अनुकूल रहता है तो व्यक्ति को इस समय पर अच्छे फल प्राप्त होते हैं. रिश्ते में नई शुरुआत का भी समय होता है. इस समय व्यक्ति अगर केतु शुक्र की अशुभता को झेलता है तो व्यसनों अथवा संक्रमण का असर उस पर तेजी से असर डाल सकता है.
केतु महादशा में सूर्य की अंतर्दशा
केतु की महादशा में सूर्य की अन्तर्दशा का समय मानसिक एवं स्वास्थ्य के लिहाज से कुछ अनुकूलता की कमी को दिखाने वाला होता है. इस समय धार्मिक यात्राओं का दौर भी होता है. उच्च एवं गुरु जनों से वार्तालाप का मौका मिलता है. सरकार की ओर से लाभ कम ही ही मिल पाता है. विवाद से बचने की आवश्यकता होती है. व्यक्ति अपने लक्ष्यों को पाने के लिए इच्छुक होता है.
केतु महादशा में चंद्रमा की अंतर्दशा
केतु की महादशा में चन्द्रमा की अन्तर्दशा का समय कई मायनों में विशेष रहता है. व्यक्ति अपने सुख को लेकर परेशान अधिक दिखाई दे सकता है. मानसिक रुप से वह बेचैन रह सकता है. काम को करने में वह आगे तो रहता है लेकिन कुछ मायनों में वह अपनी कार्यशैली में असंतुष्ट भी रहता है. इस समय पर अपने संबंधों में भी कुछ अस्थिरता का समय होता है. जल जनित रोग अधिक प्रभाव डालने वाले होते हैं आर्थिक और भौतिक सुख को लेकर उतार-चढ़ाव बना रह सकता है.
केतु की महादशा में राहु की अंतर्दशा
केतु की महादशा में राहु की अन्तर्दशा का समय कई मायनों में महत्वपूर्ण रह सकता है. व्यक्ति अपने आस पास की स्थिति को लेकर कुछ अधिक जिज्ञासु रहता है. कम काज में किसी भी प्रकार से सफलता पाने की उसकी इच्छा शक्ति में वृद्धि होती है. ये समय स्वास्थ्य की दृष्टि से कुछ कमजोर हो सकता है. इस समय विदेश यात्रा का योग भी रहता है. नीचले तबके के साथ सामाजिक क्षेत्र में लाभ की स्थिति प्रभावित होती है.